प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे द्वीप राष्ट्रों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर द रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (IRIS) पहल की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा, "IRIS का लॉन्च एक नयी आशा जगाता है, नया विश्वास देता है। ये सबसे वल्नरेबल देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है।"
‘इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स’ – आइरिस, का launch एक नयी आशा जगाता है, नया विश्वास देता है। ये सबसे वल्नरेबल देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है।
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2021
मैं इसके लिए Coalition for Disaster Resilient Infrastructure CDRI को बधाई देता हूं: PM @narendramodi
पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि climate change के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है।
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चाहे वो विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है।
इसमें भी climate change से सब से अधिक खतरा Small Island Developing States- सिड्स को है: PM
मेरे लिए CDRI या IRIS सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है बल्कि ये मानव कल्याण के अत्यंत संवेदनशील दायित्व का हिस्सा है।
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ये मानव जाति के प्रति हम सभी की कलेक्टिव जिम्मेदारी है।
ये एक तरह से हमारे पापों का साझा प्रायश्चित है: PM @narendramodi
भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी।
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इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में timely जानकारी मिलती रहेगी: PM @narendramodi
IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूं।
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IRIS के माध्यम से सिड्स को technology, finance, जरूरी जानकारी तेजी से mobilise करने में आसानी होगी।
Small Island States में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा: PM @narendramodi