ब्रह्मपुत्र नदी पर पलाशबाड़ी और सुआलकुची को जोड़ने वाले पुल और रंग घर, शिवसागर के सौंदर्यीकरण की परियोजना की आधारशिला रखी
नामरूप में 500 टीपीडी मेन्थॉल संयंत्र का उद्घाटन किया
पांच रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया
10,000 से अधिक कलाकारों द्वारा प्रदर्शित मेगा बिहू नृत्य कार्यक्रम को देखा
"ये अकल्पनीय है, ये अद्भुत है, ये असम है”
"आखिरकार असम ए-वन राज्य बनता जा रहा है"
"प्रत्येक भारतीय की चेतना देश की मिट्टी और परंपराओं से बनी है और यह विकसित भारत की नींव भी है"
"रोंगाली बिहू असम वासियों के लिए दिल और आत्मा का त्योहार है"
"विकसित भारत का निर्माण, हम सभी का सबसे बड़ा सपना है"
"आज हमारे लिए कनेक्टिविटी, चार दिशाओं में एक साथ काम करने वाला महायज्ञ है, फिजिकल कनेक्टिविटी, डिजिटल कनेक्टिविटी, सोशल कनेक्टिविटी और कल्चरल कनेक्टिविटी इसके आयाम हैं"
''नार्थ ईस्ट में अविश्वास का माहौल दूर हो रहा है''

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में 10,900 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में ब्रह्मपुत्र नदी पर पलाशबाड़ी और सुआलकुची को जोड़ने वाले पुल का शिलान्यास करना, शिवसागर में रंग घर के सौंदर्यीकरण के लिए एक परियोजना, नामरूप में 500 टीपीडी मेन्थॉल संयंत्र का उद्घाटन और पांच रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने दस हजार से अधिक बिहू कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग बिहू कार्यक्रम भी देखा।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के शानदार नजारे को देखने वाला कोई भी व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में इसे कभी नहीं भूलेगा। "ये अकल्पनीय है, ये अभूतपूर्व है। ये असम है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “ढोल, पेपा और गोगोन की आवाज आज पूरे भारत में सुनी जा सकती है। असम के हजारों कलाकारों के प्रयास और तालमेल को देश के साथ-साथ दुनिया भी बड़े गर्व के साथ देख रही है।” इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कलाकारों के जोश और उत्साह की सराहना की। प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की अपनी यात्रा को याद किया जब उन्होंने उस दिन के बारे में कहा था कि जब लोग 'ए फॉर असम' की आवाज उठाएंगे, और कहा कि राज्य आखिरकार ए1 राज्य बन रहा है। प्रधानमंत्री ने बिहू के अवसर पर असम और देश के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैसाखी पंजाब सहित उत्तर भारतीय राज्यों में मनाई जा रही है। बांग्ला लोग पोइला बैसाख मना रहे हैं, वहीं केरल में विशु मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पर्व जो मनाया जा रहा है, एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाता है, और सबका प्रयास के साथ विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने एम्स, तीन मेडिकल कॉलेज, रेलवे परियोजनाओं, ब्रह्मपुत्र पर पुल और मेथनॉल संयंत्र सहित आज की कई परियोजनाओं और रंग घर के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण के बारे में प्रसन्नता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए असम के लोगों की सराहना की और उनके द्वारा आज आयोजित शानदार कार्यक्रम की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे त्यौहार केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं हैं, बल्कि सभी को एकजुट करने और एक साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देने का एक माध्यम हैं।" उन्होंने कहा, "रोंगाली बिहू असम के लोगों के लिए दिल और आत्मा का त्यौहार है। यह मतभेदों को दूर करता है और मनुष्यों और प्रकृति के बीच पूर्ण तालमेल का प्रतीक है।"

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भारत की विशेषता इसकी परम्‍पराएं हैं जो हजारों वर्षों से प्रत्‍येक भारतीय को एक साथ जोड़ती रही हैं। उनका मानना था कि राष्ट्र गुलामी के बुरे और भयावह समय में एक साथ खड़ा रहा और भारत की संस्कृति और विरासत ने अनेक हमले झेले। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अमर रहा, भले ही इसने शक्तियों और शासकों में कई बदलाव देखे जो आए और चले गए। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, "प्रत्येक भारतीय की चेतना देश की मिट्टी और परंपराओं से बनी है और यह विकसित भारत की नींव भी है।"

प्रख्यात लेखक और सिनेमा जगत की हस्ती ज्योति प्रसाद अग्रवाल के एक गीत बिस्वा बिजॉय नौजवान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गीत असम और पूरे भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। श्री मोदी ने गीत सुनाया और वहां उपस्थित लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं। उन्होंने बताया कि यह गीत भारत के युवाओं को भारत माता की पुकार सुनने और परिवर्तन का एजेंट बनने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने भारत और असम के युवाओं से आगे बढ़ने और विकसित भारत के दरवाजे खोलने का आह्वान करते हुए कहा, "यह गीत तब लिखा गया था जब आजाद भारत लोगों का सबसे बड़ा सपना था, आज जब हम आजाद हैं, विकसित भारत सबसे बड़ा सपना है"।

लोगों के साथ अपनी बातचीत की चर्चा करते हुए कि वह इतने बड़े लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करते हैं और विकसित भारत के लिए कौन जिम्मेदार है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश के लोगों, और 140 करोड़ भारतीय नागरिकों का विश्वास है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार नागरिकों के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को पूरी ईमानदारी से दूर करने का प्रयास करती है और आज की परियोजनाएं इसका एक ज्वलंत उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कनेक्टिविटी को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने को काफी लंबे समय तक बहुत ही संकीर्ण सोच के साथ देखा जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कनेक्टिविटी के प्रति संपूर्ण दृष्टिकोण बदल गया है। उन्होंने कहा कि आज, कनेक्टिविटी एक चार-आयामी उद्यम (महायज्ञ) है। उन्होंने कहा कि ये चार आयाम भौतिक संपर्क, डिजिटल संपर्क, सामाजिक संपर्क और सांस्कृतिक संपर्क हैं।

सांस्कृतिक संपर्क की बात करते हुए, श्री मोदी ने महान असमिया योद्धा लचित बोरफुकन के 400वें वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह का उदाहरण दिया। उन्होंने रानी गाइदिन्ल्यू, काशी तमिल संगमम, सौराष्ट्र तमिल संगमम और केदारनाथ-कामाख्या का उल्लेख करते हुए सांस्कृतिक संपर्क की व्याख्या की। उन्होंने कहा, “आज हर विचार और संस्कृति के बीच संबंध मजबूत हो रहा है।” उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हाल के माधवपुर मेले के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि कृष्ण-रुक्मणी का यह बंधन उत्तर पूर्वी क्षेत्र को पश्चिमी भारत से जोड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुगा सिल्क के बाद तेजपुर लेसू, जोहा राइस, बोका चौल, काजी नेमू; अब गमोसा को भी जीआई टैग मिल गया है। यह हमारी बहनों की असमिया कला और श्रम आधारित उद्यम को देश के बाकी हिस्सों में ले जाने का एक प्रयास है।

पर्यटन के माध्यम से भारत की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में दुनिया भर में हो रही चर्चा के तथ्य को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जो पर्यटक इन स्थानों पर जाते हैं वे न केवल अनुभव लेने के लिए पैसा खर्च करते हैं, बल्कि संस्कृति का एक हिस्सा यादों के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हालांकि कनेक्टिविटी का अभाव हमेशा एक समस्या रही, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा इस इलाके में सड़क, रेल और हवाई संपर्क पर जोर देकर दूर किया जा रहा है। पिछले 9 वर्षों के दौरान कनेक्टिविटी के विस्तार से जुड़ी उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अधिकांश गांवों के लिए समग्र सड़क कनेक्टिविटी, नए हवाई अड्डों पर पहली बार कामकाज शुरू होने और वाणिज्यिक उड़ानें संचालित किए जाने, मणिपुर और त्रिपुरा में ब्रॉड गेज ट्रेनों के पहुंचने, पूर्वोत्तर में पहले की तुलना में तीन गुना तेजी से नई रेल लाइनें बिछाए जाने और रेल लाइनों का दोहरीकरण पहले की तुलना में लगभग 10 गुना तेजी से होने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि आज 6,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की पांच रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, जो असम सहित उत्तर पूर्वी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के विकास को गति प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल पहली बार असम के एक बड़े हिस्से में पहुंची है और रेल लाइनों के दोहरीकरण से असम के साथ-साथ मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड को आसानी से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आस्था और पर्यटन स्थलों की यात्रा अब आसान हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वह बोगीबील पुल और ढोला-सदिया-भूपेन हजारिका पुल को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए असम आए थे। उन्होंने पिछले 9 वर्षों के दौरान नई परियोजनाओं की गति और पैमाने को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर पुलों का नेटवर्क पिछले 9 वर्षों में किए गए कार्यों का परिणाम है और इन पुलों के साथ-साथ आज की इस पुल परियोजना से खुअलकुसी रेशम उद्योग को लाभ होगा।

पिछले 9 वर्षों में डबल इंजन सरकार द्वारा सामाजिक संपर्क बढ़ाने की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, जिसके परिणामस्वरूप लाखों गांव खुले में शौच मुक्त हो गए, पीएम आवास योजना जिसने करोड़ों लोगों को घर उपलब्ध कराने में मदद की, बिजली के लिए सौभाग्य योजना, गैस सिलेंडर के लिए उज्ज्वला योजना, और नल से जलापूर्ति के लिए जल जीवन मिशन का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया मिशन और सस्ते डेटा का भी उल्लेख किया जिसने नागरिकों के जीवन को आसान बना दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ये सभी घर, ये सभी परिवार आकांक्षी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। यही भारत की शक्ति हैं जो विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए विश्वास का धागा समान रूप से ही सशक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आज पूर्वोत्तर में हर जगह स्थायी शांति है। कई युवा हिंसा का मार्ग त्याग कर विकास के पथ पर चलने लगे हैं। श्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में अविश्वास का भाव दूर हो रहा है और दिलों के बीच की दूरियां भी मिट रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमें इस माहौल को और आगे ले जाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ना है।

इस अवसर पर असम के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री श्री हेमंता बिस्वा सरमा, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली तथा असम सरकार के मंत्री भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुत्र नदी पर पलासबाड़ी और सुआलकुची को जोड़ने वाले सेतु की आधारशिला रखी। यह पुल इस क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित और अति आवश्यक सड़क संपर्क सुविधाएं प्रदान करेगा। उन्होंने डिब्रूगढ़ के नामरूप में 500 टीपीडी मेथनॉल संयंत्र का शुभारंभ किया। श्री मोदी द्वारा प्रदेश के विभिन्न रेल खंडों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण सहित पांच रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया गया।

जिन रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है उनमें दिगारू - लुमडिंग खंड; गौरीपुर - अभयपुरी खंड; न्यू बोंगाईगांव - धूप धारा खंड का दोहरीकरण; रानीनगर जलपाईगुड़ी - गुवाहाटी खंड का विद्युतीकरण; सेंचोआ - सिलघाट टाउन और सेंचोआ - मैराबाड़ी खंड का विद्युतीकरण शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने शिवसागर में रंग घर के सौंदर्यीकरण के लिए भी एक परियोजना की आधारशिला भी रखी, जो पूरा होने के बाद इस स्थान पर पर्यटकों को कई महत्वपूर्ण सुविधाओं का एहसास कराएगी। रंग घर के सौंदर्यीकरण कार्यक्रम के तहत एक विशाल जल निकाय के चारों ओर फाउंटेन शो का निर्माण और अहोम राजवंश के इतिहास को प्रदर्शित करने वाली सुविधाएं, एडवेंचरस नाव की सवारी के लिए जेटी के साथ एक बोट हाउस , स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने हेतु एक शिल्प ग्राम, भोजन प्रेमियों के लिए विविध जातीय व्यंजन आदि का इंतजाम किया जा रहा है। शिवसागर में स्थित रंग घर अहोम संस्कृतियों एवं परंपराओं को चित्रित करने वाली सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में अहोम राजा स्वर्गदेव प्रमत्त सिंहा द्वारा किया गया था।

प्रधानमंत्री ने आज आयोजित एक विशाल बिहू नृत्य कार्यक्रम भी देखा, जिसका आयोजन असम के बिहू नृत्य को असमिया लोगों की सांस्कृतिक पहचान और जीवन के विशेष प्रतीक के रूप में विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए किया गया। इस कार्यक्रम में एक ही जगह पर 10,000 से अधिक बिहू कलाकार शामिल हुए और एक ही स्थान पर दुनिया में सबसे बड़े बिहू नृत्य प्रदर्शन की श्रेणी में एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया गया। इसमें राज्य के 31 जिलों के कलाकार शामिल हुए।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”