लगभग 17,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया
पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ‘ई ग्राम स्वराज’ और ‘जीईएम’ पोर्टल का उद्घाटन किया
लगभग 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड सौंपे
पीएमएवाई-जी के तहत 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के 'गृह प्रवेश' में भाग लिया
लगभग 2300 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया
जल जीवन मिशन के तहत लगभग 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया
"पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र की भावना को बढ़ावा देते हुए हमारे नागरिकों की विकास-आकांक्षाओं को पूरा करती हैं"
"अमृत काल में हमने विकसित भारत का सपना देखा है और इसे पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं"
“2014 से, देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है, जिसके परिणाम आज दिखाई दे रहे हैं”
“डिजिटल क्रांति के इस दौर में पंचायतों को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है”
“विकसित भारत के लिए देश की प्रत्येक पंचायत, प्रत्येक संस्था, प्रत्येक जनप्रतिनिधि, प्रत्येक नागरिक को एकजुट होना होगा”
“प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में हमारी पंचायतों को जन-जागरूकता अभियान चलाने चाहिए”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 17,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने मां विद्यावासिनी और शौर्य की भूमि को नमन करने के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने अपनी पूर्व यात्राओं और यहां के लोगों के स्नेह को याद किया। प्रधानमंत्री ने देश भर के 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों की वर्चुअल उपस्थिति का उल्लेख किया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की एक निर्भीक तस्वीर प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के कार्य का दायरा अलग हो सकता है, लेकिन सभी, देश की सेवा के माध्यम से नागरिकों की सेवा करने के सामान्य लक्ष्य के लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि पंचायतें गांव और गरीब के लिए सरकार की योजनाओं को पूरे समर्पण के साथ लागू कर रही हैं।

पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए ‘ई ग्राम स्वराज’ और ‘जीईएम’ पोर्टल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पंचायतों के कामकाज को आसान बनायेंगे। उन्होंने 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड के वितरण तथा मध्य प्रदेश के विकास के लिए रेलवे, आवास, जल और रोजगार से संबंधित 17000 करोड़ की परियोजनाओं का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रत्येक नागरिक पूर्ण समर्पण के साथ काम कर रहा है। उन्होंने एक विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए भारत के गांवों में सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था और पंचायती राज व्यवस्था के विकास के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि वर्तमान सरकार एक मजबूत व्यवस्था बनाने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जबकि पिछली सरकारों ने पंचायतों के साथ भेदभाव किया। 2014 से पहले, पिछली सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों की कमी पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि वित्त आयोग ने 70,000 करोड़ रुपये से थोड़ी कम धनराशि ही दी थी, जो देश के पैमाने के अनुसार बहुत अल्प राशि थी, लेकिन 2014 के बाद इस अनुदान को बढ़ा कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के पूर्व के दशक में, मात्र 6000 पंचायत भवनों का निर्माण किया गया, जबकि वर्तमान सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 30,000 से अधिक पंचायत भवनों का निर्माण किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले 70 से कम ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी थीं, जबकि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी की सुविधा मिली है। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद पिछली सरकारों द्वारा मौजूदा पंचायती राज व्यवस्था के प्रति विश्वास की कमी को भी रेखांकित किया। 'भारत अपने गांवों में बसता है', महात्मा गांधी के इन शब्दों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने उनकी विचारधारा पर शायद ही कोई ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप पंचायती राज दशकों तक उपेक्षित रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पंचायतें, भारत के विकास की जीवनशक्ति बनकर सामने आ रही हैं। श्री मोदी ने कहा, "ग्राम पंचायत विकास योजना, पंचायतों को प्रभावी ढंग से काम करने में मदद कर रही है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गांवों और शहरों के बीच के अंतर को समाप्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। डिजिटल क्रांति के इस युग में पंचायतों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। पंचायतों द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर का उदाहरण दिया, जिसमें स्थलों के चयन और परियोजना को पूरा करने जैसे मुद्दों को प्रौद्योगिकी की मदद से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए जीईएम पोर्टल की सुविधा, पंचायतों द्वारा खरीद को आसान और पारदर्शी बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय कुटीर उद्योग को अपनी बिक्री के लिए एक मजबूत अवसर प्राप्त होगा।

प्रधानमंत्री ने पीएम स्वामित्व योजना में तकनीक के फायदे की बात कही। उन्होंने बताया कि यह योजना गांवों में संपत्ति के अधिकार के परिदृश्य को बदल रही है और विवादों और मुकदमों को कम कर रही है। ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से लोगों के लिए बिना किसी भेदभाव के संपत्ति के दस्तावेज सुनिश्चित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश के 75 हजार गांवों में संपत्ति कार्ड का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने इस दिशा में अच्छे कार्य के लिए मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की।

छिंदवाड़ा के विकास के प्रति उदासीनता का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने कतिपय राजनीतिक दलों की सोच को इसका कारण बताया। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों ने आजादी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी कर ग्रामीण गरीबों के विश्वास को तोड़ दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिन गांवों में देश की आधी आबादी निवास करती है, वहां भेदभाव करने से देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गांवों में सुविधाएं और गांवों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला और पीएम आवास जैसी योजनाओं ने गांवों पर गहरा प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि पीएमएवाई के 4.5 करोड़ घरों में से 3 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और वे भी ज्यादातर महिलाओं के नाम पर हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित प्रत्येक घर की लागत 1 लाख रुपये से अधिक है - इस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 'लखपति दीदी' बनाकर देश की करोड़ों महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने बताया कि आज 4 लाख से अधिक परिवारों ने पक्के घरों में गृह प्रवेश किया है और उन बहनों को बधाई दी, जो अब गृह-स्वामिनी बन चुकी हैं।

प्रधानमंत्री ने पीएम सौभाग्य योजना का भी जिक्र किया और बताया कि जिन 2.5 करोड़ घरों को बिजली मिली है, उनमें से ज्यादातर घर ग्रामीण इलाकों के हैं और हर घर जल योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 9 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल से पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिली है। उन्होंने बताया कि पहले के 13 लाख की तुलना में अब मध्य प्रदेश में लगभग 60 लाख घरों में नल से जल आपूर्ति की सुविधा है।

बैंकों और बैंक खातों तक पहुंच की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि अधिकांश ग्रामीण लोगों के पास न तो बैंक खाते थे और न ही उन्होंने बैंकों की किसी सेवा का लाभ उठाया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसके परिणामस्वरूप लाभार्थियों को भेजी गई नकद सहायता उनके पास पहुंचने से पहले ही लूट ली गई। जन धन योजना पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि गांवों के 40 करोड़ से अधिक निवासियों के लिए बैंक खाते खोले गए और बैंकों की पहुंच को भारतीय डाक घर के माध्यम से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा विस्तारित किया गया। उन्होंने बैंक मित्रों और प्रशिक्षित बैंक सखियों का भी उदाहरण दिया, जो खेती हो या व्यवसाय, हर चीज में गांवों के लोगों की मदद कर रही हैं।

पिछली सरकारों द्वारा भारत के गांवों के साथ किए गए अन्याय पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों पर पैसा खर्च करने को नजरअंदाज किया गया, क्योंकि गांवों को वोट बैंक नहीं माना जाता था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान सरकार ने हर घर जल योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर गांवों के विकास के द्वार खोल दिए, पीएम आवास योजना पर लाखों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं, दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और पीएम ग्रामीण सड़क अभियान पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत भी सरकार ने लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित किए हैं तथा मध्य प्रदेश के लगभग 90 लाख किसानों को इस योजना के भाग के रूप में 18,500 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने कहा, “इस कोष से रीवा के किसानों को भी करीब 500 करोड़ रुपये मिले हैं।“ प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि के अलावा हजारों करोड़ रुपये गांवों तक पहुंचे हैं, जबकि कोरोना काल में सरकार पिछले तीन साल से गरीबों को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मुफ्त राशन दे रही है।

मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार पिछले वर्षों से 24 लाख करोड़ रुपये की सहायता देकर गांवों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस कारण गांवों में करोड़ों लोगों ने अपना रोजगार शुरू किया है और महिलाएं बड़ी संख्या में लाभार्थी बनी हैं। श्री मोदी ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 9 करोड़ महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जिनमें मध्य प्रदेश की 50 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं और सरकार प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को बिना बैंक गारंटी के 20 लाख रुपये तक का ऋण देने की पेशकश कर रही है। हर जिले में राज्य सरकार द्वारा स्थापित 'दीदी कैफे' का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "महिलाएं अब कई लघु उद्योगों की बागडोर संभाल रही हैं।" श्री मोदी ने मध्यप्रदेश की नारी शक्ति को बधाई देते हुए कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 17 हजार महिलाएं पंचायत प्रतिनिधि के रूप में चुनी गयी हैं।

प्रधानमंत्री ने आज शुरू किए गए 'समावेशी अभियान' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सबका विकास के माध्यम से विकसित भारत की प्राप्ति के लिए एक मजबूत पहल सिद्ध होगी। उन्होंने कहा, “विकसित भारत के लिए देश की प्रत्येक पंचायत, प्रत्येक संस्था, प्रत्येक जनप्रतिनिधि, प्रत्येक नागरिक को एकजुट होना होगा। यह तभी संभव है, जब हर बुनियादी सुविधा 100 प्रतिशत लाभार्थियों तक जल्दी और बिना किसी भेदभाव के पहुंचे।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पंचायतों को कृषि की नई प्रणालियों के बारे में जागरुकता फैलानी होगी। उन्होंने विशेष रूप से प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों, मछुआरों और पशुपालन से जुड़ी पहल में पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण है। “जब आप विकास से जुड़ी हर गतिविधि में शामिल होंगे, तो राष्ट्र के सामूहिक प्रयासों को बल मिलेगा। यही अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण की ऊर्जा बनेगी।

आज की परियोजनाओं के बारे में, प्रधानमंत्री ने छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल लाइन के विद्युतीकरण का उल्लेख किया, जो इस क्षेत्र के लोगों को दिल्ली-चेन्नई और हावड़ा-मुंबई से जोड़ने के साथ-साथ जनजातीय आबादी को भी लाभान्वित करेगा। उन्होंने छिंदवाड़ा-नैनपुर के लिए आज झंडी दिखायी गयी नई ट्रेनों का भी जिक्र किया और कहा कि कई कस्बे और गांव अपने जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा, सिवनी से सीधे जुड़ जाएंगे तथा नागपुर और जबलपुर जाना भी काफी आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में समृद्ध वन्य जीवन का उल्लेख किया और कहा कि परिवहन-संपर्क बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह डबल-इंजन सरकार की ताकत है।'

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रति दिखाए गए प्यार और समर्थन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। यह कार्यक्रम इस रविवार को 100 एपिसोड पूरे कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मन की बात में मध्यप्रदेश के लोगों की विभिन्न उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सभी से 100वां एपिसोड देखने का आग्रह किया।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री फग्गन कुलस्ते, साध्वी निरंजन ज्योति, श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, संसद सदस्य, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री व अन्य उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में भाग लिया और देश भर के सभी ग्राम सभाओं और पंचायती राज संस्थानों को संबोधित किया। आयोजन के दौरान, प्रधानमंत्री ने पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का उद्घाटन किया। ई ग्राम स्वराज – सरकारी ई मार्केटप्लेस के एकीकरण का उद्देश्य, पंचायतों को ई ग्राम स्वराज प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए जीईएम के माध्यम से अपने सामान और सेवाओं की खरीद करने में सक्षम बनाना है।

सरकार की योजनाओं की सम्पूर्णता सुनिश्चित करने की दिशा में लोगों की भागीदारी को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने "विकास की ओर साझे कदम" नामक एक अभियान की शुरुआत की। अभियान की थीम, समावेशी विकास है, जिसके तहत अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को लगभग 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड भी सौंपे। इस कार्यक्रम के बाद, देश में स्वामित्व योजना के तहत लगभग 1.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरित किए गए, जिनमें यहां वितरित किए गए कार्ड भी शामिल हैं। 'सभी के लिए आवास' के विजन को पूरा करने की दिशा के एक कदम के रूप में, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के 'गृह प्रवेश' कार्यक्रम में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने लगभग 2,300 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में मध्य प्रदेश में 100 प्रतिशत रेल विद्युतीकरण के साथ-साथ विभिन्न दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत लगभग 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।