प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा में वीडियो लिंक के माध्यम से पहला ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केवल एक टूर्नामेंट की शुरुआत नहीं हो रही है बल्कि यह भारत में खेल आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है। यहां पर आप की प्रतिस्पर्धा न केवल एक-दूसरे के साथ हो रही हैं, बल्कि आप खुद के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मैं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आप के साथ जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां के उत्साह, जुनून और ऊर्जा के वातावरण की अनुभूति मैं प्राप्त कर सकता हूं। भारत के इतिहास में पहले ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’की शुरूआत आज ओडिशा में हो रही है। यह भारत के खेल के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत में खेलों के भविष्य के लिए भी एक बड़ा कदम है।“
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेले इंडिया अभियान खेल के प्रति रुचि को बढ़ावा देने और देश के प्रत्येक कोने से युवा प्रतिभाओं की पहचान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2018 में जब खेले इंडिया गेम्स की शुरुआत हुई थी, तब इसमें 3,500 खिलाड़ियों ने भाग लिया था, लेकिन मात्र तीन वर्षों में ही खिलाड़ियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 6 हजार से ज्यादा हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस वर्ष, खेलो इंडिया स्कूल्स गेम्स में 80 रिकॉर्ड तोड़े गए हैं, जिसमें से 56 रिकॉर्ड हमारी बेटियों के नाम हैं, हमारी बेटियों ने सफलता दर्ज की है, हमारी बेटियों ने चमत्कार दिखाया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अभियान के अंतर्गत आने वाली प्रतिभाएं बड़े शहर की नहीं, बल्कि छोटे शहरों की हैं।”
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पिछले 5-6 वर्षों में, भारत में खेलों को प्रोत्साहित करने और उसमें भागीदारी बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। प्रतिभाओं की पहचान करने, प्रशिक्षण देने और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ये वो खिलाड़ी हैं जिनका टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने की संभावना है। इस योजना के माध्यम से लाभान्वित होने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, एशियाई पैरा खेलों, युवा ओलंपिक जैसे कई खेल आयोजनों में देश को 200 से ज्यादा पदक दिलवाए हैं। आने वाले दिनों में, 200 से ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य है, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने प्रदर्शन में सुधार करें और अपनी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएं।“
मैं आपके साथ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां जो माहौल है, जो उत्साह है, जो जुनून है, जो ऊर्जा है, उसको मैं अनुभव कर सकता हूं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 22, 2020
आज ओडिशा में नया इतिहास बना है। भारत के इतिहास में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत आज से हो रही है।
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ये भारत के खेल इतिहास में ऐतिहासिक पड़ाव तो है ही, भारत के खेलों के भविष्य के लिए भी एक बड़ा कदम है: PM @narendramodi
आने वाले दिनों में आपके सामने लक्ष्य 200 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का तो है ही, उससे भी अहम आपके अपने प्रदर्शन में सुधार, आपके खुद के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देना है।
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भुवनेश्वर में आप एक दूसरे से तो कंपीट कर ही रहे हैं, खुद से भी कंपीट कर रहे हैं: PM @narendramodi
आज का ये दिन सिर्फ एक टूर्नामेंट का आरंभ मात्र नहीं है, बल्कि भारत में खेल आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है।
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खेलो इंडिया अभियान ने देश के कोने-कोने में खेलों के प्रति आकर्षण और युवा टैलेंट की पहचान में अहम भूमिका निभाई है: PM @narendramodi
साल 2018 में जब खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत हुई थी, तब इसमें 3500 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लेकिन महज तीन वर्षों में खिलाड़ियों की संख्या 6 हजार से अधिक हो गई है, यानि लगभग दोगुनी: PM @narendramodi
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बीत 5-6 वर्षों से भारत में Sports के Promotion और Participation के लिए ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं। टैलेंट की पहचान हो, ट्रेनिंग हो, या फिर चयन प्रक्रिया हो, हर तरफ ट्रांसपेरेंसी को प्रमोट किया जा रहा है: PM @narendramodi
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ये वो खिलाड़ी हैं जो टोक्यो ओलंपिक्स में हिस्सा लेने के लिए संभावित हैं। इस योजना का लाभ पाने वाले खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन पैरा गेम्स, यूथ ओलंपिक्स जैसे मुकाबलों में 200 से अधिक पदक देश को दिलाए हैं: PM @narendramodi
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खिलाड़ी अपना ध्यान सिर्फ अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन पर लगाए, बाकी की चिंता देश कर रहा है। प्रयास ये है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी बढ़े और फिटनेस का लेवल भी ऊंचा हो: PM @narendramodi
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