'मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' कार्यक्रम के तहत 4500 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया
'विद्या समीक्षा केंद्र 2.0' और अन्य विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया
"हमारे लिए, गरीबों के घर मात्र एक आंकड़ा नहीं, बल्कि सम्मान के प्रतीक हैं"
"हमारा लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं को अवसर प्रदान करते हुए योग्यता को प्रोत्साहित करना है"
"मैं छोटा उदेपुर सहित पूरे जनजातीय क्षेत्र की माताओं-बहनों से कहने आया हूं कि आपका बेटा आपके अधिकारों को सुनिश्चित करने आया है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के बोडेली, छोटा उदेपुर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें 'मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' कार्यक्रम के तहत 4500 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण, 'विद्या समीक्षा केंद्र 2.0' का शिलान्यास और अन्य विकास परियोजनाएं शामिल हैं।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के साथ अपने लंबे समय के संबंधों को याद किया। उन्होंने आज शुरू की गई या जिनकी आधारशिला रखी गई, उन परियोजनाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में अपने दिनों और क्षेत्र के गांवों में बिताए समय को याद किया। उन्होंने दर्शकों में से कई जाने-पहचाने चेहरों को देखकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र की परिस्थितियों और जनजातीय समुदाय के जीवन को बहुत करीब से जानते हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को बताया कि जब उन्होंने आधिकारिक जिम्मेदारियां संभालीं, तो उन्होंने क्षेत्र और अन्य जनजातीय क्षेत्रों को विकसित करने का संकल्प लिया। अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव को देखकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने उन बच्चों को देखकर होने वाली खुशी के बारे में बात की, जिन्होंने पहली बार स्कूल देखा था और अब शिक्षक तथा इंजीनियर के रूप में जीवन में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

स्कूलों, सड़कों, आवास और पानी की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समाज के गरीब वर्ग के लिए सम्मान के जीवन के मूल आधार हैं और इसके लिए मिशन मोड में काम करना उनकी प्राथमिकता रही हैं। उन्होंने बताया कि देश में गरीबों के लिए चार करोड़ से ज्यादा आवास निर्मित किए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमारे लिए, गरीबों के घर सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि सम्मान का प्रतीक है।" उन्होंने कहा कि इन घरों के डिजाइन के बारे में निर्णय लेने का काम लाभार्थियों पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि अधिकांश घर महिलाओं के नाम पर हैं। इसी तरह, हर घर को नल से जल की आपूर्ति की जा रही है, जिससे जीवन यापन में आसानी सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत नल से जल की आपूर्ति के लिए 10 करोड़ नये कनेक्शन दिये गये हैं। उन्होंने जन समुदाय से कहा कि राज्य में काम करने के दौरान मिला अनुभव, राष्ट्रीय स्तर पर भी सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, "आप मेरे शिक्षक हैं।"

शैक्षिक क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की परियोजनाएं गुजरात को शीर्ष पर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की पूरी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और विद्या समीक्षा 2.0 का स्कूली शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।" विद्या समीक्षा केंद्रों के बारे में विश्व बैंक के अध्यक्ष के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए, श्री मोदी ने बताया कि अध्यक्ष ने उनसे भारत के प्रत्येक जिले में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया और विश्व बैंक इस नेक काम का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने रेखांकित किया कि इस तरह की पहल से प्रतिभाशाली छात्रों के साथ-साथ उन लोगों को भी बहुत फायदा होगा, जिनके पास संसाधनों की कमी है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं को अवसर प्रदान करते हुए योग्यता को प्रोत्साहित करना है।"

प्रधानमंत्री ने पिछले दो दशकों में शिक्षा और कौशल विकास पर सरकार के विशेष ध्यान पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने पिछले दो दशकों से पहले, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक सुविधाओं की कमी की ओर इशारा किया, जिसके कारण बड़ी संख्या में छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते थे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तो राज्य के जनजातीय क्षेत्र में एक भी विज्ञान का स्कूल नहीं था। श्री मोदी ने कहा, "सरकार ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है।" उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों में दो लाख शिक्षकों की भर्ती की गई और 1.25 लाख से अधिक कक्षाएं निर्मित गईं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पिछले दो दशकों में विज्ञान, वाणिज्य और कला संस्थानों का एक नेटवर्क उभरा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जनजातीय इलाकों में 25,000 कक्षाओं और 5 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया है। उन्होंने गोविंद गुरु विश्वविद्यालय और बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय का उदाहरण दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन क्षेत्रों में कई कौशल विकास संस्थान भी खुले हैं।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा जनजातीय छात्रों के लिए नए अवसरों का सृजन करेगी और उन्हें सशक्त बनाएगी। उन्होंने 14 हजार से अधिक पीएम श्री स्कूलों और एकलव्य आवासीय विद्यालयों का भी उल्लेख किया, जो जनजातीय क्षेत्रों में जीवन को परिवर्तित कर रहे हैं। एससी/एसटी छात्रवृत्ति से विद्यार्थियों को मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में जनजातीय युवाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दूर-दराज के स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब जनजातीय छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा कर रही है।

आज की दुनिया में कौशल के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कौशल विकास केंद्रों और कौशल विकास योजना के तहत लाखों युवाओं के प्रशिक्षण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना के तहत गिरवी-मुक्त ऋण के बारे में भी बात की, जिससे करोड़ों की संख्या में पहली बार के उद्यमी तैयार हो रहे हैं। वनधन केंद्रों से राज्य के जनजातीय समुदाय के लाखों लोगों को भी लाभ मिल रहा है। उन्होंने जनजातीय उत्पादों और हस्तशिल्प के लिए विशेष आउटलेट का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर को शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाई, दर्जी, धोबी, कुम्हार, लोहार, सुनार, सुतार, मालाकार, मोची, राजमिस्त्री जैसे लोगों को कम ब्याज पर ऋण, उपकरण और प्रशिक्षण प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह इन कौशलों और परंपराओं को जीवित रखने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, ''योजना के तहत ऋण के लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं है, केवल एक ही गारंटी है- मोदी।''

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि दलित, पिछड़े वर्ग, जनजातीय और वंचित समुदाय के लोग सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं की मदद से आज विकास की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। श्री मोदी ने आजादी के इतने दशकों के बाद जनजातियों के गौरव को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलने की बात कही और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का उल्लेख किया, जिसे अब जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा जनजातीय समुदाय के लिए बजट में, पहले की तुलना में, पांच गुनी वृद्धि किए जाने की भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम के बारे में बात की, जो नए संसद भवन से पारित होने वाला पहला कानून बन गया है। उन्होंने पूछा कि जनजातियों और महिलाओं को इतने लंबे समय तक उनके अधिकारों से वंचित क्यों रखा गया। उन्होंने कहा,''मैं छोटा उदेपुर सहित पूरे जनजातीय क्षेत्र की माताओं-बहनों से कहने आया हूं कि आपका यह बेटा आपके अधिकारों को सुनिश्चित करने आया है।''

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि अब सभी महिलाओं के लिए संसद और विधानसभा में भाग लेने के रास्ते खुल गए हैं। उन्होंने संविधान में एससी और एसटी समुदायों के लिए आरक्षण की व्यवस्था का भी उल्लेख किया। नए कानून में एससी/एसटी श्रेणियों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ने इस सुयोग पर प्रकाश डाला कि भारत की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा इस कानून पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि अमृत काल के संकल्प पूरे होंगे, क्योंकि इसकी शुरुआत अद्भुत है।

इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, संसद सदस्य श्री सी आर पाटिल, गुजरात सरकार के मंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

पूरे गुजरात में स्कूल की अवसंरचना को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने 'मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' कार्यक्रम के तहत 4500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है। प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात के स्कूलों में निर्मित हजारों नई कक्षाएं, स्मार्ट कक्षाएं, कंप्यूटर लैब, एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित) प्रयोगशालाएं और अन्य अवसंरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने मिशन के तहत गुजरात के स्कूलों में हजारों कक्षाओं में सुधार और उन्नयन की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने 'विद्या समीक्षा केंद्र 2.0' परियोजना की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना 'विद्या समीक्षा केंद्र' की सफलता पर तैयार की जाएगी, जिससे गुजरात में स्कूलों की निरंतर निगरानी और छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार सुनिश्चित हुआ है। 'विद्या समीक्षा केंद्र 2.0' के तहत गुजरात के सभी जिलों और ब्लॉकों में विद्या समीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिनमें शामिल हैं- वडोदरा जिले के तालुका सिनोर में 'वडोदरा दाभोई-सिनोर-मालसर-आसा रोड' पर नर्मदा नदी पर निर्मित नया पुल, चाब तलाव पुनर्विकास परियोजना, दाहोद में जल आपूर्ति परियोजना, वडोदरा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लगभग 400 नवनिर्मित आवास, पूरे गुजरात के 7500 गांवों में ग्राम वाई-फाई परियोजना और दाहोद में नवनिर्मित जवाहर नवोदय विद्यालय।

प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिनमें शामिल हैं- छोटा उदेपुर में जलापूर्ति परियोजना; गोधरा, पंचमहल में एक फ्लाईओवर ब्रिज और दाहोद में एफएम रेडियो स्टूडियो, जिसे केंद्र सरकार की ' प्रसारण अवसंरचना और नेटवर्क विकास (बीआईएनडी)' योजना के तहत निर्मित किया जाएगा।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.