इस अवसर पर क्रिकेट के महान प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी उपस्थित रहे
“शिव शक्ति का एक स्थान चंद्रमा पर है, तो दूसरा शिवशक्ति का स्थान काशी में भी है”
“काशी में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का डिजाइन भगवान महादेव को समर्पित है”
“जब खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, तो इसका न केवल युवा खेल प्रतिभाओं के पोषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर होता है”
“अब राष्ट्र का मिजाज ऐसा बना है कि जो खेलेगा वही खिलेगा”
“सरकार स्कूल से ओलंपिक पोडियम तक टीम के सदस्य की तरह खिलाड़ियों को सहयोग करती है”
“छोटे शहरों और गांवों से आने वाले युवा आज देश का गौरव बन गए हैं”
“राष्ट्र के विकास के लिए खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार आवश्यक है”


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया। आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम वाराणसी के गंजारी, राजातालाब में लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा और यह 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक बार फिर वाराणसी आने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस शहर की खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह भारत के चंद्रमा के शिव शक्ति बिंदु तक पहुंचने के ठीक एक महीने बाद काशी का दौरा कर रहे हैं, जहां पिछले महीने की 23 तारीख को चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा था। प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा कि शिव शक्ति का एक स्थान चंद्रमा पर है, तो दूसरा शिवशक्ति का स्थान काशी में भी है।

प्रधानमंत्री ने माता विंध्यवासिनी के मार्ग के चौराहे पर स्थित इस स्थल के महत्व के बारे में भी बताया है तथा इसकी मोतीकोट गांव से निकटता है और यह राजनारायण जी का गांव है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भगवान महादेव को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के डिजाइन ने काशी के नागरिकों में गर्व की भावना पैदा की है। उन्होंन कहा कि स्टेडियम में शानदार क्रिकेट मैच देखने को मिलेंगे, जबकि युवा एथलीटों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाले स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे काशी के नागरिकों को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रिकेट के माध्यम से दुनिया भारत से जुड़ रही है और कई नए देश क्रिकेट खेल रहे हैं जिससे बड़ी संख्या में मैच हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम आने वाले वर्षों में स्टेडियमों की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री ने बीसीसीआई को भी उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि इस तरह के व्यापक स्तर पर खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से न केवल खेलों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर होता है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस तरह के विकास संबंधी कार्य अधिक आगन्तुकों को आकर्षित करते हैं, जिससे क्षेत्र में होटल, भोजनालयों, रिक्शा और ऑटो चालकों के साथ-साथ नाविकों जैसे क्षेत्रों को बहुत लाभ होता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसका खेल संबंधी कोचिंग और प्रबंधन संस्थानों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे युवाओं के लिए खेल से जुड़े स्टार्टअप में उद्यम करने का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रमों पर भी चर्चा की और कहा कि आने वाले दिनों में वाराणसी में एक नये खेल उद्योग के विकसित होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने अभिभावकों में खेल के प्रति बदलते नजरिये का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब राष्ट्र का मिज़ाज ऐसा बना है कि जो खेलेगा वही खिलेगा।" प्रधानमंत्री ने शहडोल की अपनी हालिया यात्रा और वहां के एक आदिवासी गांव में युवाओं के साथ अपनी बातचीत का भी उल्लेख किया और वहां के 'मिनी ब्राजील' के लिए स्थानीय गौरव और वहां फुटबॉल के प्रति उनकी दीवानगी को याद किया।

प्रधानमंत्री ने खेलों के प्रति काशी में आये बदलाव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास काशी के युवाओं को विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने का है। इसलिए इस स्टेडियम के साथ-साथ सिगरा स्टेडियम पर भी 400 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं, जहां 50 से अधिक खेलों के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यह पहला मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स होगा जो दिव्यांगों के अनुकूल होगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नये निर्माण के साथ-साथ पुरानी व्यवस्थाओं में भी सुधार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की हाल की खेल सफलता बदले हुए दृष्टिकोण की वजह से है क्योंकि अब खेल युवाओं की फिटनेस, रोजगार और करियर से जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि 9 साल पहले की तुलना में इस साल का खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया के बजट में पिछले साल के मुकाबले करीब 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। सरकार स्कूल से ओलंपिक पोडियम तक एक टीम के सदस्य की तरह एथलीटों को सहयोग करती है। उन्होंने लड़कियों की बढ़ती भागीदारी और टॉप्स योजना का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी खेलों पर प्रकाश डाला जहां भारत ने इस वर्ष के संस्करण में अपनी भागीदारी के दौरान अधिक पदक जीतकर इतिहास रचा है, जो इन खेलों के शुरू होने के बाद अभी तक जीते गए कुल पदकों की तुलना में अधिक है। प्रधानमंत्री ने आगामी एशियाई खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों को भी शुभकामनाएं दीं।

श्री मोदी ने देश के हर गांव, शहर के कोने-कोने में खेल संभावनाओं की मौजूदगी को स्वीकार किया और उन्हें खोजने एवं उनके कौशल को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री मोदी ने कहा कि छोटे शहरों और गांवों से आने वाले युवा आज देश का गौरव बन गए हैं। उन्होंने उनके लिए अधिक से अधिक अवसर पैदा करने पर जोर दिया। उन्होंने खेलो इंडिया का उदाहरण दिया जहां स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान की जाती है और सरकार उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एथलीट बनाने का प्रयास करती है। इस अवसर पर खेल जगत के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने काशी के प्रति उनके स्नेह के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और निखारने के लिए अच्छे कोच व अच्छी कोचिंग समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि जिन एथलीटों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं, उन्हें कोच की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में युवा विभिन्न खेलों से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि नए इंफ्रास्ट्रक्चर से छोटे शहरों और गांवों के एथलीटों को नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि खेलो इंडिया के तहत तैयार किए इंफ्रास्ट्रक्चर से लड़कियों को लाभ हो रहा है।

उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खेल को एक्सट्राकरिक्युलर एक्टिविटी के बजाय एक उचित विषय के रूप में मान्यता दी गई है। पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर में स्पोर्ट्स कॉलेज के विस्तार और मेरठ में मेजर ध्यानचंद विश्वविद्यालय की स्थापना का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने देश की प्रतिष्ठा के लिए इसके महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किसी राष्ट्र के विकास के लिए खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार आवश्यक है। उन्होंने उल्लेख किया कि दुनिया के कई शहर वैश्विक खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने देश में ऐसे वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने में सक्षम खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्टेडियम विकास के इस संकल्प का साक्षी बनेगा, जो सिर्फ ईंटों और कंक्रीट का ढांचा नहीं होगा बल्कि भारत के भविष्य का प्रतीक भी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने शहर में चल रहे सभी विकास से जुड़े प्रयासों के लिए काशी के लोगों को श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा “आप लोगों के बिना काशी में कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता। आपके सहयोग और आशीर्वाद से हम काशी के विकास के नए अध्याय लिखते रहेंगे”।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, बीसीसीआई के अध्यक्ष श्री रोजर बिन्नी, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री राजीव शुक्ला, बीसीसीआई के सचिव श्री जय शाह, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर, मदन लाल, गुंडप्पा विश्वनाथ और गोपाल शर्मा सहित पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और अन्य लोगों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आधुनिक विश्वस्तरीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा। आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम वाराणसी के गंजारी, राजातालाब में लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा और यह 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा। इस स्टेडियम की वास्तुकला भगवान शिव से प्रेरित है, जिसमें अर्धचंद्राकार छत के कवर, त्रिशूल के आकार की लाइट, घाट सीढ़ियों पर आधारित बैठने की व्यवस्था और अगले हिस्से पर बेलपत्र के आकार की धातु की चादरों के डिजाइन विकसित किए गए हैं। स्टेडियम की क्षमता 30,000 दर्शकों की होगी।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”