Quoteप्रधानमंत्री ने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन किया
Quoteप्रधानमंत्री ने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की नींव रखी
Quoteप्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर उनकी याद में एक डाक टिकट और सिक्का जारी किया
Quoteआज हम सभी के लिए बहुत प्रेरणादायक दिन है, आज श्रद्धेय अटल जी की जयंती है: प्रधानमंत्री
Quoteकेन-बेतवा जोड़ो परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी: प्रधानमंत्री
Quoteभारत के इतिहास में बीते दशक को जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा: प्रधानमंत्री
Quoteकेंद्र देश-विदेश से आने वाले सभी पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने का भी निरंतर प्रयास कर रही है: प्रधानमंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने भारत और विश्व के ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। यह याद करते हुए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में सरकार ने अपने गठन के एक वर्ष पूरे कर लिए हैं, श्री मोदी ने इसके प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक वर्ष में हजारों करोड़ रुपये से अधिक की नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ-साथ विकास कार्यों ने गति पकड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ऐतिहासिक केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना, दौधन बांध और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना (मध्य प्रदेश का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र) का शिलान्यास किया गया है।

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प्रधानमंत्री ने आज भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के मौके पर आज के दिन को एक उल्लेखनीय प्रेरणादायी दिन बताते हुए कहा कि आज सुशासन और अच्छी सेवा का पर्व हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। श्री वाजपेयी की याद में डाक टिकट और सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने उनको स्मरण करते हुए कहा कि श्री वाजपेयी ने वर्षों तक उनके जैसे सामान्य कार्यकर्ताओ का प्रोत्साहन और मार्गदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए अटल जी की सेवा हमेशा हमारी स्मृति में अमिट रहेगी। श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि आज से 1100 से अधिक अटल ग्राम सुशासन सदनों पर काम शुरू हो जाएगा और इसके लिए पहली किस्त जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को आगे बढ़ाएगा।

सुशासन दिवस को एक दिन का मामला न बताते हुए श्री मोदी ने कहा, “सुशासन हमारी सरकारों की पहचान है।” केंद्र में लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर देने और मध्य प्रदेश में लगातार सेवा करने का मौका देने के लिए लोगों का आभार जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे सुशासन सबसे मजबूत कारक है। प्रधानमंत्री ने बुद्धिजीवियों, राजनीतिक विश्लेषकों और अन्य प्रख्यात शिक्षाविदों से विकास, लोक कल्याण और सुशासन के मानदंडों पर आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश का मूल्यांकन करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि जब भी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला, उनकी सरकार ने लोगों के कल्याण और विकास कार्यों को सुनिश्चित करने में सफलता पाई है। श्री मोदी ने कहा, “अगर हमें कुछ मानदंडों पर आंका जाए, तो देश देखेगा कि हम आम लोगों के प्रति कितने समर्पित हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए अथक प्रयास किया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना खून बहाया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुशासन के लिए न केवल अच्छी योजनाओं की जरूरत होती है, बल्कि उनके प्रभावी कार्यान्वयन की भी जरूरत होती है और इस बात पर बल दिया कि सुशासन का पैमाना यह है कि सरकारी योजनाओं से आम लोगों को कितना फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने घोषणाएं तो कीं, लेकिन कार्यान्वयन में गंभीरता और इरादे की कमी के कारण लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के लाभों पर जोर दिया, जिसके तहत मध्य प्रदेश में किसानों को 12,000 रुपये मिलते हैं और कहा कि यह जन धन बैंक खाते खोलने से संभव हुआ। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि बैंक खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े बिना यह संभव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि पहले सस्ते राशन की योजनाएं थीं, लेकिन गरीबों को राशन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, जबकि आज गरीबों को पूरी पारदर्शिता के साथ मुफ्त राशन मिलता है, इसका श्रेय प्रोद्योगिकी को जाता है, जिसने धोखाधड़ी को खत्म कर दिया और वन नेशन, वन राशन कार्ड जैसी देशव्यापी सुविधाओं को बढ़ावा दिया।

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श्री मोदी ने कहा कि सुशासन का अर्थ है कि नागरिक अपने अधिकारों के लिए सरकार से भीख न मांगे और न उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पडें। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी नीति 100 प्रतिशत लाभार्थियों को 100 प्रतिशत लाभ से जोड़ने की है, जो उनकी सरकारों को दूसरी सरकारो से अलग बनाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसका गवाह है और यही वजह है कि देश के लोगो ने बार-बार उन्हें सेवा का मौका दिया।

इस बात पर जोर देते हुए कि सुशासन वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को संबोधित करता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से बुंदेलखंड के लोगों को पिछली सरकारों के कुशासन के कारण दशकों तक बहुत कष्ट सहना पड़ा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुंदेलखंड में किसानों और महिलाओं की कई पीढ़ियों को प्रभावी शासन की कमी के कारण पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ा और पूर्ववर्ती सरकारों ने जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में नही सोचा।

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डॉ. बी.आर. अंबेडकर भारत के लिए नदी जल के महत्व को समझने वाले पहले लोगों में से एक थे, पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएँ डॉ. अंबेडकर के विज़न पर आधारित थीं और केंद्रीय जल आयोग की स्थापना भी उनके प्रयासों के कारण ही हुई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि पिछली सरकारों ने जल संरक्षण और बड़ी बांध परियोजनाओं में उनके योगदान के लिए डॉ. अंबेडकर को कभी उचित श्रेय नहीं दिया और वे इन प्रयासों के प्रति कभी गंभीर नहीं रहीं। इस बात पर जोर देते हुए कि सात दशक बाद भी भारत के कई राज्यों में अभी भी जल विवाद हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों मे मंशा की कमी और उनके कुशासन ने इस दिशा मे किसी भी ठोस प्रयास को रोक दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्री वाजपेयी की सरकार ने जल-संबंधी चुनौतियों को संबोधित करने के लिए गंभीरता से काम करना शुरू किया था, लेकिन 2004 के बाद इसे दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार अब देश भर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा जोड़ो परियोजना एक वास्तविकता बनने वाली है, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी। केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के लाभों पर जोर देते हुए, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित 10 जिलों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेगी, श्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को भी लाभ होगा, जिसमें बांदा, महोबा, ललितपुर और झांसी जिले शामिल हैं।

श्री मोदी ने कहा, "नदियों को जोड़ने के विशाल अभियान के तहत दो परियोजनाओं की शुरुआत करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल ही में राजस्थान की अपनी यात्रा के दौरान, पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा जोड़ो परियोजनाओं के जरीये कई नदियों को जोड़ने की पुष्टि की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समझौते से मध्य प्रदेश को भी काफी लाभ होगा।

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श्री मोदी ने कहा, "जल सुरक्षा 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल वे देश और क्षेत्र ही प्रगति करेंगे, जिनके पास पर्याप्त जल होगा तथा समृद्ध खेतों तथा संपन्न उद्योगों के लिए जल आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात से आने के कारण, जहां अधिकांश भाग वर्ष के अधिकांश समय सूखे की स्थिति में रहते हैं, वे जल के महत्व को समझते हैं और उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के आशीर्वाद ने गुजरात का भाग्य बदल दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि मध्य प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को जल संकट से मुक्त करना उनकी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बुंदेलखंड के लोगों, विशेषकर किसानों और महिलाओं से उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए ईमानदारी से काम करने का वादा किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस विजन के तहत बुंदेलखंड के लिए 45,000 करोड़ रुपये की एक जल-संबंधी योजना बनाई गई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उनकी सरकारों को लगातार प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के तहत दौधन बांध की आधारशिला रखी गई। उन्होंने कहा कि इस बांध से सैकड़ों किलोमीटर लम्बी एक नहर बनेगी, जो लगभग 11 लाख हेक्टेयर ज़मीन को पानी उपलब्ध कराएगी।

श्री मोदी ने कहा, “बीता दशक भारत के इतिहास में जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जल से जुड़ी जिम्मेदारियों को अलग-अलग विभागों में बांट दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार हर घर में नल का पानी पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आजादी के बाद के सात दशकों में केवल 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल कनेक्शन थे, श्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने 12 करोड़ नए परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया है और इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। प्रधानमंत्री ने जल गुणवत्ता परीक्षण पर प्रकाश डाला, जो जल जीवन मिशन का एक और पहलू है और जिस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है तथा कहा कि देश भर में 2,100 जल गुणवत्ता प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं और 25 लाख महिलाओं को गाँवों में पीने के पानी की जाँच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल ने हजारों गांवों को दूषित पानी पीने की मजबूरी से मुक्त किया है और बच्चों तथा लोगों को बीमारियों से बचाया है।

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वर्ष 2014 से पहले देश में करीब 100 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं थीं, जो दशकों से अधूरी थीं। इस बात पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इन पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए और आधुनिक सिंचाई तकनीकों का उपयोग बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में करीब एक करोड़ हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं से जोड़ा गया है, जिसमें मध्य प्रदेश में करीब पांच लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पानी की हर बूंद का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के अभियान पर प्रकाश डाला, जिसके फलस्वरूप देश भर में 60,000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने जल शक्ति अभियान और कैच द रेन अभियान की शुरुआत का उल्लेख किया, जिसके तहत देश भर में तीन लाख से अधिक रिचार्ज कुओं का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन अभियानों का नेतृत्व लोगों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अटल भूजल योजना मध्य प्रदेश सहित सबसे कम भूजल स्तर वाले राज्यों में लागू की जा रही है।

श्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश हमेशा से पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और जोर देकर कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो युवाओं को रोजगार प्रदान करता है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए तैयार है, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बारे में वैश्विक जिज्ञासा बढ़ रही है और दुनिया भारत को जानना और समझना चाहती है और इसका मध्य प्रदेश को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने एक अमेरिकी अखबार में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें मध्य प्रदेश को दुनिया के शीर्ष दस सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक बताया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए ई-वीजा योजना शुरू की है और साथ ही भारत में विरासत और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। मध्य प्रदेश में पर्यटन की असाधारण संभावनाओं पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि खजुराहो क्षेत्र ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत से समृद्ध है, जहां कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर और चौसठ योगिनी मंदिर जैसे स्थल हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश भर में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें खजुराहो में एक बैठक भी शामिल है, जिसके लिए खजुराहो में एक अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का निर्माण किया गया।

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पर्यटन क्षेत्र पर आगे चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, मध्य प्रदेश को पर्यावरण अनुकूल पर्यटन सुविधाओं और पर्यटकों के लिए नई सुविधाओं को विकसित करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये आवंटित किए गए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सांची और अन्य बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट के जरीये जोड़ा जा रहा है, जबकि गांधी सागर, ओंकारेश्वर बांध, इंदिरा सागर बांध, भेड़ाघाट और बाणसागर बांध ईको सर्किट का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी और मांडू जैसे स्थलों को हेरिटेज सर्किट के हिस्से के रूप में जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भी वन्यजीव सर्किट में शामिल है और पिछले वर्ष पन्ना टाइगर रिजर्व की लगभग 2.5 लाख पर्यटकों ने यात्रा की। उन्होंने खुशी जताई कि बनाई जा रही लिंक नहर पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को ध्यान में रखेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटक स्थानीय सामान खरीदेंगे, ऑटो और टैक्सी सेवाओं, होटलों, ढाबों, होमस्टे और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाओं का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें दूध, दही, फल और सब्जी जैसे उत्पादों के बेहतर दाम मिलेंगे।

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पिछले दो दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति करने के लिए मध्य प्रदेश की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आने वाले दशकों में मध्य प्रदेश देश की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, जिसमें बुंदेलखंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अपने भाषण को समाप्त करते हुए श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य की सरकारें मध्य प्रदेश को एक विकसित भारत के लिए एक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ईमानदारी से काम करना जारी रखेंगी।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई सी. पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी। यह राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत देश की पहली नदियों को जोड़ने वाली परियोजना है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा। इस परियोजना से इस क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही, जलविद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा में 100 मेगावाट से अधिक का योगदान देंगी। इस परियोजना से रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

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प्रधानमंत्री ने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की नीव भी रखी। ये भवन ग्राम पंचायतों के कामकाज और जिम्मेदारियों के व्यावहारिक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और स्थानीय स्तर पर सुशासन को बढ़ावा देंगे।

ऊर्जा की आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी और 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के सरकार के मिशन में योगदान देगी। यह जल वाष्पीकरण को कम करके जल संरक्षण में भी मदद करेगी।

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India will always be at the forefront of protecting animals: PM Modi
March 09, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi stated that India is blessed with wildlife diversity and a culture that celebrates wildlife. "We will always be at the forefront of protecting animals and contributing to a sustainable planet", Shri Modi added.

The Prime Minister posted on X:

"Amazing news for wildlife lovers! India is blessed with wildlife diversity and a culture that celebrates wildlife. We will always be at the forefront of protecting animals and contributing to a sustainable planet."