प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के गुवाहाटी में 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। गुवाहाटी में प्रमुख क्षेत्रों में खेल और चिकित्सा आधारभूत संरचना और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं शामिल हैं।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मां कामाख्या का आभार व्यक्त करते हुए कहा किवे मां के आशीर्वाद से आज असम में 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि आज की विकास परियोजनाएं पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के पड़ोसी देशों के साथ असम की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी, पर्यटन क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि होगी और राज्य में खेल प्रतिभाओं के लिए नए अवसर सृजितकरेंगी। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के कारण राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विस्तार का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए असम और पूर्वोत्तरवासियों को बधाई दी।उन्होंने कल शाम गुवाहाटी पहुंचने पर नागरिकों केउत्साहपूर्वक अभिनंदन के लिए धन्यवाद दिया।
कई तीर्थ स्थलों की अपनी हाल के दिनों में हुई यात्राओं का स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने आज मां कामाख्या के सामने पहुंचने और मां कामाख्या दिव्य लोक परियोजना की आधारशिला रखने के लिए कामाख्या मां का आभार व्यक्त किया। परियोजना की अवधारणा और दायरे के बारे में, प्रधानमंत्री ने बताया कि इसके पूरा होने पर भक्तों के लिए मां कामाख्या के दर्शन सुगम हो जाएंगे, साथ ही भक्तों की संख्या में भी वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहाकि मां कामाख्या के दर्शन के लिए भक्तों की संख्या में वृद्धि के साथ असम पूर्वोत्तर में पर्यटन का प्रवेश द्वार बन जाएगा।
भारतीय तीर्थ स्थलों और मंदिरों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ये स्थान हजारों वर्षों से हमारी सभ्यता की एक अमिट छाप का प्रतीक हैं, यह दर्शाता है कि भारत ने अपने सामने आने वाले हर संकट का सामना कैसे किया। हमने देखा है कि जो सभ्यताएं अतीत में समृद्ध मानी जाती थीं, वे अब खंडहर हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने राजनीतिक लाभ के लिए अपनी ही संस्कृति और अस्मिता पर शर्मिंदा होनेऔर भारत के पवित्र स्थलों के महत्व को समझने में विफल रहने की प्रवृत्ति शुरू करने के लिए स्वाधीनता के पश्चात की सरकारों के रवैये पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में ‘विकास’और ‘विरासत’ (विरासत) दोनों पर ध्यान केंद्रित करने वाली नीतियों की सहायता सेइसमें सुधार किया गया है। असम के लोगों के लिए इन नीतियों के लाभ को समझाते हुए, प्रधानमंत्री ने राज्य में ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों को आधुनिक सुख-सुविधाओं से जोड़ने के महत्व पर बल दिया, उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य इन स्थलों को संरक्षित करना और विकास में तेजी लाना है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पहले ये केवल बड़े शहरों में स्थापित होते थे। अब पूरे देश में आईआईटी, आईआईएम और एम्स के नेटवर्क का विस्तार हो गया है, असम में मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 6 से बढ़कर 12 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि असम, पूर्वोत्तर में कैंसर के इलाज का केंद्र बन जाएगा।
निर्धनों के लिए 4 करोड़ पक्के घर बनाने, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत नल से जल के कनेक्शन, बिजली, रसोई गैस कनेक्शन की आपूर्ति और स्वच्छ भारत के तहत शौचालयों के निर्माण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जीवन की सुगमता वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है।’’
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विरासत के साथ-साथ विकास पर सरकार के ध्यान केन्द्रित करने से भारत के युवाओं को व्यापक लाभ पहुंचा है। देश में पर्यटन और तीर्थाटन के प्रति बढ़ते उत्साह को देखते हुए प्रधानमंत्री ने काशी कॉरिडोर के पूरा होने के बाद वाराणसी में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की जानकारी भी दी। उन्होंने बतायाकि पिछले वर्ष 8.50 करोड़ लोगों ने काशी के दर्शन किए, 5 करोड़ से अधिक ने उज्जैन में महाकाल लोक के दर्शन किए और 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारधाम के दर्शन किए। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पिछले 12 दिनों में अयोध्या में 24 लाख से अधिक लोगआए हैं। उन्होंने दोहराया कि मां कामाख्या दिव्य लोक परियोजना के सम्पन्न होने के बाद यहां भी इसी तरह का दृश्यदिखेगा।
चाहे वह रिक्शा चालक हो, टैक्सी चालक हो, होटल मालिक हो या रेहड़ी-पटरी वाला हो, प्रधानमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के पहुंचने से सबसे गरीबों की आजीविका बढ़ती है। उन्होंने इस वर्ष के बजट में पर्यटन पर सरकार के फोकस के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों के समक्ष मौजूद कई अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार ऐतिहासिक प्रासंगिकता वाले स्थानों के विकास के लिए नई योजनाएं शुरू करने जा रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर विशेष बल दे रही है।
पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या की ओर इंगित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौन्दर्य पहले भी मौजूद था, लेकिन पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण हिंसा, संसाधनों में कमी, खराब हवाई, रेल और सड़क कनेक्टिविटी से पर्यटकों की संख्या बेहद कम रही। उन्होंने बताया कि एक जिले से दूसरे जिले तक यात्रा करने में घंटों लग जाते थे। प्रधानमंत्री ने राज्य में सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर डबल इंजन सरकार को श्रेय प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने क्षेत्र के विकास खर्च को 4 गुना बढ़ा दिया है। 2014 के पहले और बाद की तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिछाई गई रेलवे पटरियों की लंबाई 1900 किलोमीटर से अधिक बढ़ाई गई, रेलवे बजट को लगभग 400 प्रतिशत बढ़ाया गया और पिछले 10 वर्षों में 6,000 किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। जबकिवर्ष 2014 तक यहां केवल 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे। उन्होंने कहा कि इससे अब ईटानगर तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों को बुनियादी सुविधाओं की गारंटी का उल्लेख करते हुए कहा, “मोदी की गारंटी का अर्थयानी गारंटी पूरा होने की गारंटी है।”उन्होंनेविकसितभारतसंकल्पयात्राऔर‘मोदी की गारंटी गाड़ी’का जिक्र किया, जिसका काम सरकारी योजनाओं से वंचित लोगों तक लाभ पहुंचाना है। “देशभरमेंलगभग 20 करोड़लोगसीधे तौर पर विकासभारतसंकल्पयात्रामेंशामिल हुएहैं।उन्होंने कहा कि बड़ीसंख्यामेंअसम के लोगों कोभीइसकालाभमिलाहै।”
केंद्र के दृष्टिकोण को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक के जीवन को सरल बनाने की पुष्टि की, उन्होंने दावा किया कि यह प्रतिबद्धता इस वर्ष की बजट घोषणा में भी दिखाई देती है। इस साल सरकार ने अवसंरचना पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है, इस तरह का खर्च अधिक रोजगार सृजित करता है और विकास को गति प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2014 से पूर्व के 10 वर्षों में असम का कुल अवसंरचना बजट केवल 12 लाख करोड़ रुपये था जबकि हमारी सरकार अगले एक साल में लगभग इतनी ही राशि राज्य के अवसंरचना विकास पर खर्च करने जा रही है।
प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में हर घर तक बिजली आपूर्ति पर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने इस वर्ष के बजट में रूफटॉप सोलर योजना की शुरुआत के साथ बिजली के बिल को शून्य करने के निर्णय के बारे में जानकारी दी, जहां सरकार एक करोड़ परिवारों को सोलर रूफटॉप स्थापित करने में सहायता करेगी। उन्होंने कहाकि इससे उनका बिजली का बिल भी शून्य होगा और सामान्य परिवार अपने घर पर बिजली पैदा करके कमाई कर सकेंगे।
देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने की गारंटी की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले साल यह संख्या 1 करोड़ तक पहुंच गई थी और अब इस साल के बजट में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे असम की लाखों महिलाएंभी लाभान्वित होंगी। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं के लिए नए अवसरों और आयुष्मान योजना में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल करने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी के पास दिन-रात काम करने और दी गई गारंटी को पूरा करने का संकल्प है’’, उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को मोदी की गारंटी पर भरोसा है। उन्होंने असम के उन क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित होने और राज्यों के बीच सीमा विवादों के समाधान का उल्लेख किया जो कभी अशांत और हिंसा से प्रभावित थे। उन्होंने बतायाकि यहां 10 से अधिक प्रमुख शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर में हजारों युवाओं ने हिंसा का मार्ग छोड़ दिया है और विकास का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि इनमें से असम के 7,000 से अधिक युवाओं ने भी हथियार छोड़ दिए हैं और देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने कई जिलों में अफस्पा हटाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो क्षेत्र हिंसा से प्रभावित थे, आज सरकार के सहयोग से लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप उनका विकास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने लक्ष्य स्थापित करने के महत्व पर बल दिया और कहा कि पिछली सरकारों के पास उद्देश्यों की कमी थी और वे कड़ी मेहनत करने में भी विफल रहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर को पूर्वी एशिया के समान विकसित होते देख रहा हूं।आजपूर्वोत्तर होते हुए दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया की कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। राज्य में कई सड़कों को दक्षिण एशिया उपक्षेत्रीय आर्थिक सहयोग के तहत उन्नत किया जाएगा, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र एक व्यापार केंद्र के रूप में बदल जाएगा। प्रधानमंत्री ने युवाओं का आवाह्न किया कि वे अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप पूर्वी एशिया के समान अपने क्षेत्र का विकास देखें।प्रधानमंत्री ने युवाओं के इस सपने को साकार करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत और उसके नागरिकों के लिए सुखी और समृद्ध जीवन का लक्ष्य आज किए जा रहे सभी विकास कार्यों का मुख्य कारण है। “लक्ष्य,भारतकोविश्व कीतीसरीसबसेबड़ीअर्थव्यवस्थाबनानाहै।लक्ष्य,विकसितभारत 2047 है”, प्रधानमंत्री ने असम और पूर्वोत्तर द्वारा निभाई जाने वाली बड़ी भूमिका का उल्लेख किया।
इस अवसर पर असम के राज्यपाल, श्री गुलाब चंद कटारिया, असम के मुख्यमंत्री, डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
तीर्थ स्थलों पर आने वाले लोगों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना प्रधानमंत्री का प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है। इस प्रयास में एक और कदम के रूप में प्रधानमंत्री ने जिन प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखी उनमें से एक मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर) शामिल है।इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिएप्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना के अंतर्गत स्वीकृति दी गई है। यह कामाख्या मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने 3400 करोड़रुपये से अधिक की कई सड़क उन्नयन परियोजनाओं की आधारशिला रखी।, जिसके तहत दक्षिण एशिया उपक्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) कॉरिडोर कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में 38 पुलों सहित 43 सड़कों को उन्नत किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने दो 4-लेन परियोजनाओं का उद्घाटन किया,ये परियोजनाएंडोलाबारी से जमुगुरी और बिश्वनाथ चारियाली से गोहपुर तक ईटानगर से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होंगी।
क्षेत्र की उल्लेखनीय खेल क्षमता के लिए, प्रधानमंत्री ने राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए परियोजनाओं की आधारशिला रखी। परियोजनाओं में चंद्रपुर में एक अंतर्राष्ट्रीय मानक खेल स्टेडियम और नेहरू स्टेडियम को फीफा मानक फुटबॉल स्टेडियम के रूप में उन्नत करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास और करीमगंज में एक मेडिकल कॉलेज के विकास की आधारशिला भी रखी।
अयोध्या में भव्य आयोजन के बाद मैं अब यहां मां कामाख्या के द्वार पर आया हूं।
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आज मुझे यहां मां कामाख्या दिव्यलोक परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ: PM @narendramodi pic.twitter.com/H6GklHsoPF
हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं।
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ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं: PM @narendramodi pic.twitter.com/1IG55iQRi3
हमारा लक्ष्य हर नागरिक का जीवन आसान बनाने का है: PM @narendramodi pic.twitter.com/ZvxJBijEiR
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लक्ष्य है, भारत और भारतीयों का सुखी और समृद्ध जीवन।
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लक्ष्य है, भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का।
लक्ष्य है, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का। pic.twitter.com/RZUNe3OTpz