Quoteदरभंगा में अनेक विकासत्मक परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास से राज्य के लोगों को काफी लाभ होगा : प्रधानमंत्री
Quoteश्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स के शुरू होने से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा
Quoteप्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्वास्थ्य को लेकर समग्रता के साथ काम कर रही है
Quoteश्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत मखाना उत्पादकों को लाभ हुआ है, मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है, मखानों को जीआई टैग भी प्राप्त हुआ है
Quoteहमने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है: श्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के दरभंगा में लगभग 12,100 करोड़ रुपये लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य, रेल, सड़क, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य झारखंड में मतदान प्रक्रिया जारी है और राज्य के लोग विकसित भारत के लिए मतदान कर रहे हैं। उन्होंने झारखंड के नागरिकों से बड़ी संख्या में आगे आकर मतदान करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा जी को भी श्रद्धांजलि दी और संगीत के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान, खासकर छठ महापर्व की उनकी रचनाओं की सराहना की।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार के साथ-साथ पूरा भारत प्रमुख विकास लक्ष्यों की प्रगति का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं और परियोजनाएं सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहती थीं, लेकिन आज उन्हें सफलतापूर्वक वास्तविक रूप से लागू किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, "हम विकसित भारत की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली है कि उसे विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देने के साथ-साथ इस अवसर का साक्षी बनने का भी मौका मिला है।

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प्रधानमंत्री ने लोगों के कल्याण और राष्ट्र की सेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सड़क, रेल और गैस आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में लगभग 12,000 करोड़ रुपये की आज की विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दरभंगा में एम्स के सपने को साकार करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है जो बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों के अलावा मिथिला, कोसी और तिरहुत के क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही नेपाल से भारत आने वाले मरीजों को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन विकास परियोजनाओं से रोजगार और स्वरोजगार के कई नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए मिथिला, दरभंगा और बिहार के सभी लोगों को बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा कि भारत की आबादी में सबसे ज़्यादा गरीब और मध्यम वर्ग के लोग हैं। बीमारियों से सबसे ज़्यादा प्रभावित यही वर्ग होते हैं, जिसके कारण उन्हें इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। श्री मोदी ने कहा कि वह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि अगर परिवार में कोई बीमार हो जाए तो पूरा परिवार कितना परेशान हो जाता है। उन्होंने कहा कि पहले अस्पतालों और डॉक्टरों की कमी, महंगी दवाइयों, नैदानिक तथा शोध केंद्रों की कमी से चिकित्सा आधारभूत ढांचे की स्थिति बहुत खराब थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और गरीबों की परेशानियों की वजह से देश की प्रगति रुक ​​गई थी। इसलिए पुरानी सोच और दृष्टिकोण को बदला गया है।

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प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के संबंध में सरकार द्वारा अपनाए गए समग्र दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार का पहला ध्यान बीमारियों से बचाव है; दूसरा बीमारी का उचित निदान; तीसरा मुफ्त या कम लागत वाले उपचार और दवाओं की उपलब्धता; चौथा छोटे शहरों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से लैस करना; और पांचवां स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विस्तार करना है।

श्री मोदी ने योग, आयुर्वेद, पोषण मूल्य, फिट इंडिया अभियान पर सरकार की सोच का जिक्र किया और जंक फूड तथा खराब जीवनशैली को आम बीमारियों का मुख्य कारण बताया। प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति और स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत, हर घर में शौचालय और नल के पानी के कनेक्शन जैसे अभियानों का उल्लेख किया जिनका उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना और बीमारियों की आशंकाओं को कम करना है। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिनों से दरभंगा में स्वच्छता अभियान चलाने और इस मुहिम को मजबूत करने के लिए मुख्य सचिव, उनकी टीम और राज्य के लोगों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस अभियान को कुछ और दिनों के लिए बढ़ाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर समय रहते पता चल जाए तो कई बीमारियों की गंभीरता को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निदान और शोध में होने वाले अधिक खर्च से लोगों को बीमारी की प्रकृति और गंभीरता के बारे में पता नहीं चल पाता था। श्री मोदी ने कहा, "हमने देश में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू किए हैं, जिससे बीमारियों का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।"

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श्री मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 4 करोड़ से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है और अगर यह योजना नहीं होती तो कई बीमार लोग अस्पताल में भर्ती होने से भी वंचित रह जाते। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कारण गरीब लोगों की चिंताएं दूर हुई हैं, क्योंकि आयुष्मान योजना के कारण करोड़ों परिवारों ने करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। इस योजना के तहत मरीजों का सरकारी और निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज किया गया है।

पहले किए गए चुनाव प्रचार के दौरान आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को शामिल करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "यह गारंटी पूरी हो गई है। 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क उपचार पहले ही शुरू हो चुका है, चाहे उनका आर्थिक स्तर कुछ भी हो।" उन्होंने कहा कि सभी लाभार्थियों के पास जल्द ही आयुष्मान वय वंदना कार्ड होगा। उन्होंने जन औषधि केंद्रों का भी जिक्र किया जो बेहद कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराते हैं।

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श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दिशा में छोटे शहरों में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और डॉक्टरों की समुचित तैनाती करने के चौथे कदम का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 60 साल बाद भी पूरे देश में केवल एक एम्स था और पिछली सरकारों के दौरान नए एम्स स्थापित करने की योजना पूरी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि यह वर्तमान सरकार ही है जिसने न केवल बीमारियों पर ध्यान दिया बल्कि देश के सभी कोनों में नए एम्स भी स्थापित किए, जिससे इनकी कुल संख्या लगभग 24 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है जिससे अधिक डॉक्टर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "दरभंगा एम्स बिहार और राष्ट्र की सेवा के लिए कई नए चिकित्सक तैयार करेगा।" प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में उच्च शिक्षा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह श्री कर्पूरी ठाकुर जी के सपनों के प्रति उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 1 लाख नई मेडिकल सीटें बढ़ाई गई हैं और अगले 5 वर्षों में 75,000 और सीटें बढ़ाने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में चिकित्सा की पढ़ाई का विकल्प भी बनाया गया है।

श्री मोदी ने कैंसर से लड़ने के सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर में बनाए जा रहे कैंसर अस्पताल से बिहार के कैंसर रोगियों को लाभ मिलेगा। यह एक ही सुविधा विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी और रोगियों को दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने बिहार में जल्द ही एक नए नेत्र अस्पताल की उपलब्धता की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने कांची कामकोटि श्री शंकराचार्य जी से बिहार में एक नेत्र अस्पताल के लिए अनुरोध किया था। हाल ही में वाराणसी में शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया गया था और इस दिशा में काम प्रगति पर है।

प्रधानमंत्री ने सुशासन का एक मॉडल विकसित करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार बिहार में तीव्र गति से विकास के लिए प्रतिबद्ध है और छोटे किसानों और उद्योगों को मज़बूत करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान बुनियादी ढांचे के विकास, हवाई अड्डों और एक्सप्रेसवे से बढ़ रही है और दरभंगा में एक नए हवाई अड्डे के विकास का श्रेय उड़ान योजना को दिया। उन्होंने 5,500 करोड़ रुपये के एक्सप्रेसवे और लगभग 3,400 करोड़ रुपये के सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सहित आज की अन्य विकास परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास का यह महायज्ञ बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है”, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में किसानों, मखाना उत्पादकों और मत्स्य पालन क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जानकारी दी कि बिहार के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें मिथिला के किसान भी शामिल हैं। उन्होंने मखाना उत्पादकों की प्रगति के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को श्रेय देते हुए कहा कि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा, "मखानों को जीआई टैग भी मिला है।" उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने वाले मछली पालकों का उल्लेख करते हुए, इस बात पर जोर दिया कि सरकार का लक्ष्य भारत को दुनिया में एक बड़े मछली निर्यातक देश के रूप में विकसित करना है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार कोसी और मिथिला में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस साल के वार्षिक बजट में बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए एक व्यापक योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि नेपाल के सहयोग से बाढ़ की समस्या का समाधान खोज लिया जाएगा और इससे जुड़े 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य जारी है।

श्री मोदी ने कहा, "बिहार भारत की विरासत का सबसे बड़ा केंद्र है। इस विरासत को संजोकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार "विकास भी, विरासत भी" के मंत्र का पालन कर रही है।" प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नालंदा विश्वविद्यालय अपनी खोई हुई लोकप्रियता को पुनः प्राप्त करने की दिशा में आज आगे बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री ने भाषाओं के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और बिहार के गौरवशाली अतीत को व्यक्त करने वाली पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार ही थी, जिसने मैथिली भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया। उन्होंने कहा, "झारखंड में मैथिली को राज्य की दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है।"

श्री मोदी ने बताया कि दरभंगा देश के उन 12 शहरों में से एक है, जो रामायण सर्किट से जुड़े हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दरभंगा-सीतामढ़ी-अयोध्या रूट पर अमृत भारत ट्रेन से लोगों को काफी लाभ हुआ है।

श्री मोदी ने दरभंगा एस्टेट के महाराज श्री कामेश्वर सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आजादी से पहले और बाद में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि श्री कामेश्वर सिंह जी ने जो सामाजिक कार्य किए थे वे दरभंगा का गौरव हैं और सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उनके अच्छे कार्यों की चर्चा अक्सर काशी में भी होती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के समापन में लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए एक बार फिर उन्हें बधाई दी।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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पृष्ठभूमि

स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को इस क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने दरभंगा में 1,260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले एम्स की आधारशिला रखी है। इसमें एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल/आयुष ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, रैन बसेरा और आवासीय सुविधाएं होंगी। यह बिहार और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करेगा।

इन विकासात्मक परियोजनाओं का मुख्य लक्ष्य सड़क और रेल क्षेत्रों में नई परियोजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में संपर्क सुविधा को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने बिहार में लगभग 5,070 करोड़ रुपये लागत वाली कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

उन्होंने एनएच-327ई के चार लेन वाले गलगलिया-अररिया खंड का उद्घाटन किया। यह गलियारा पूर्व-पश्चिम गलियारे (एनएच-27) पर अररिया से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के गलगलिया तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। उन्होंने एनएच-322 और एनएच-31 पर दो रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने बंधुगंज में एनएच-110 पर एक प्रमुख पुल का उद्घाटन किया जो जहानाबाद को बिहारशरीफ से जोड़ेगा।

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प्रधानमंत्री ने आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें रामनगर से रोसरा तक पक्की सड़कों के साथ दो लेन की सड़क का निर्माण, बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा से एनएच-131ए के मनिहारी खंड, हाजीपुर से महनार और मोहिउद्दीन नगर होते हुए बछवाड़ा, सरवन-चकाई खंड आदि शामिल हैं। उन्होंने एनएच-327ई पर रानीगंज बाईपास, एनएच-333ए पर कटोरिया, लखपुरा, बांका और पंजवारा बाईपास और एनएच-82 से एनएच-33 तक चार लेन की लिंक रोड का भी शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने 1,740 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने बिहार के औरंगाबाद जिले में चिरालापोथु से बाघा बिशुनपुर तक 220 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सोननगर बाईपास रेलवे लाइन की आधारशिला भी रखी।

श्री मोदी ने 1,520 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें झंझारपुर-लौकाहा बाजार रेल खंड का आमान परिवर्तन, दरभंगा जंक्शन पर रेल यातायात भीड़ को कम करने के लिए दरभंगा बाईपास रेलवे लाइन, बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करने की दिशा में रेलवे लाइन परियोजनाओं का दोहरीकरण कार्य आदि शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने झंझारपुर-लौकाहा बाजार खंड में ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाई। इस खंड में मेमू ट्रेन सेवाओं की शुरुआत से आस-पास के कस्बों और शहरों में नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने देशभर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 18 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र समर्पित किए। इससे यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी। इससे जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता और स्वीकार्यता को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले कुल खर्च में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 4,020 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई योजनाओं की आधारशिला रखी। घरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने और वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बिहार के पांच प्रमुख जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के विकास की आधारशिला रखी। उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की बरौनी रिफाइनरी की बिटुमेन निर्माण इकाई की भी आधारशिला रखी, जो घरेलू स्तर पर बिटुमेन का उत्पादन करेगी, जिससे आयातित बिटुमेन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

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  • Vivek Kumar Gupta January 02, 2025

    नमो ..🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta January 02, 2025

    नमो .........................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Avdhesh Saraswat December 27, 2024

    NAMO NAMO
  • Vishal Seth December 17, 2024

    जय श्री राम
  • DEBASHIS ROY December 05, 2024

    joy hind joy bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
  • DEBASHIS ROY December 05, 2024

    joy hind joy bharat
  • DEBASHIS ROY December 05, 2024

    bharat mata ki joy
  • Chandrabhushan Mishra Sonbhadra December 05, 2024

    🕉️
  • கார்த்திக் December 04, 2024

    🌺ஜெய் ஸ்ரீ ராம்🌺जय श्री राम🌺જય શ્રી રામ🌺 🌺ಜೈ ಶ್ರೀ ರಾಮ್🌺ଜୟ ଶ୍ରୀ ରାମ🌺Jai Shri Ram 🌺🌺 🌺জয় শ্ৰী ৰাম🌺ജയ് ശ്രീറാം 🌺 జై శ్రీ రామ్ 🌺🌹
  • ram Sagar pandey December 02, 2024

    🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹जय माता दी 🚩🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय श्रीराम 🙏💐🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐🌹🌹🙏🙏🌹🌹
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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।