दरभंगा में अनेक विकासत्मक परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास से राज्य के लोगों को काफी लाभ होगा : प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स के शुरू होने से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्वास्थ्य को लेकर समग्रता के साथ काम कर रही है
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत मखाना उत्पादकों को लाभ हुआ है, मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है, मखानों को जीआई टैग भी प्राप्त हुआ है
हमने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है: श्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के दरभंगा में लगभग 12,100 करोड़ रुपये लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य, रेल, सड़क, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य झारखंड में मतदान प्रक्रिया जारी है और राज्य के लोग विकसित भारत के लिए मतदान कर रहे हैं। उन्होंने झारखंड के नागरिकों से बड़ी संख्या में आगे आकर मतदान करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा जी को भी श्रद्धांजलि दी और संगीत के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान, खासकर छठ महापर्व की उनकी रचनाओं की सराहना की।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार के साथ-साथ पूरा भारत प्रमुख विकास लक्ष्यों की प्रगति का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं और परियोजनाएं सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहती थीं, लेकिन आज उन्हें सफलतापूर्वक वास्तविक रूप से लागू किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, "हम विकसित भारत की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली है कि उसे विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देने के साथ-साथ इस अवसर का साक्षी बनने का भी मौका मिला है।

प्रधानमंत्री ने लोगों के कल्याण और राष्ट्र की सेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सड़क, रेल और गैस आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में लगभग 12,000 करोड़ रुपये की आज की विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दरभंगा में एम्स के सपने को साकार करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है जो बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों के अलावा मिथिला, कोसी और तिरहुत के क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही नेपाल से भारत आने वाले मरीजों को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन विकास परियोजनाओं से रोजगार और स्वरोजगार के कई नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए मिथिला, दरभंगा और बिहार के सभी लोगों को बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा कि भारत की आबादी में सबसे ज़्यादा गरीब और मध्यम वर्ग के लोग हैं। बीमारियों से सबसे ज़्यादा प्रभावित यही वर्ग होते हैं, जिसके कारण उन्हें इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। श्री मोदी ने कहा कि वह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि अगर परिवार में कोई बीमार हो जाए तो पूरा परिवार कितना परेशान हो जाता है। उन्होंने कहा कि पहले अस्पतालों और डॉक्टरों की कमी, महंगी दवाइयों, नैदानिक तथा शोध केंद्रों की कमी से चिकित्सा आधारभूत ढांचे की स्थिति बहुत खराब थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और गरीबों की परेशानियों की वजह से देश की प्रगति रुक ​​गई थी। इसलिए पुरानी सोच और दृष्टिकोण को बदला गया है।

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के संबंध में सरकार द्वारा अपनाए गए समग्र दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार का पहला ध्यान बीमारियों से बचाव है; दूसरा बीमारी का उचित निदान; तीसरा मुफ्त या कम लागत वाले उपचार और दवाओं की उपलब्धता; चौथा छोटे शहरों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से लैस करना; और पांचवां स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विस्तार करना है।

श्री मोदी ने योग, आयुर्वेद, पोषण मूल्य, फिट इंडिया अभियान पर सरकार की सोच का जिक्र किया और जंक फूड तथा खराब जीवनशैली को आम बीमारियों का मुख्य कारण बताया। प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति और स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत, हर घर में शौचालय और नल के पानी के कनेक्शन जैसे अभियानों का उल्लेख किया जिनका उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना और बीमारियों की आशंकाओं को कम करना है। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिनों से दरभंगा में स्वच्छता अभियान चलाने और इस मुहिम को मजबूत करने के लिए मुख्य सचिव, उनकी टीम और राज्य के लोगों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस अभियान को कुछ और दिनों के लिए बढ़ाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर समय रहते पता चल जाए तो कई बीमारियों की गंभीरता को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निदान और शोध में होने वाले अधिक खर्च से लोगों को बीमारी की प्रकृति और गंभीरता के बारे में पता नहीं चल पाता था। श्री मोदी ने कहा, "हमने देश में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू किए हैं, जिससे बीमारियों का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।"

श्री मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 4 करोड़ से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है और अगर यह योजना नहीं होती तो कई बीमार लोग अस्पताल में भर्ती होने से भी वंचित रह जाते। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कारण गरीब लोगों की चिंताएं दूर हुई हैं, क्योंकि आयुष्मान योजना के कारण करोड़ों परिवारों ने करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। इस योजना के तहत मरीजों का सरकारी और निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज किया गया है।

पहले किए गए चुनाव प्रचार के दौरान आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को शामिल करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "यह गारंटी पूरी हो गई है। 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क उपचार पहले ही शुरू हो चुका है, चाहे उनका आर्थिक स्तर कुछ भी हो।" उन्होंने कहा कि सभी लाभार्थियों के पास जल्द ही आयुष्मान वय वंदना कार्ड होगा। उन्होंने जन औषधि केंद्रों का भी जिक्र किया जो बेहद कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराते हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दिशा में छोटे शहरों में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और डॉक्टरों की समुचित तैनाती करने के चौथे कदम का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 60 साल बाद भी पूरे देश में केवल एक एम्स था और पिछली सरकारों के दौरान नए एम्स स्थापित करने की योजना पूरी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि यह वर्तमान सरकार ही है जिसने न केवल बीमारियों पर ध्यान दिया बल्कि देश के सभी कोनों में नए एम्स भी स्थापित किए, जिससे इनकी कुल संख्या लगभग 24 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है जिससे अधिक डॉक्टर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "दरभंगा एम्स बिहार और राष्ट्र की सेवा के लिए कई नए चिकित्सक तैयार करेगा।" प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में उच्च शिक्षा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह श्री कर्पूरी ठाकुर जी के सपनों के प्रति उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 1 लाख नई मेडिकल सीटें बढ़ाई गई हैं और अगले 5 वर्षों में 75,000 और सीटें बढ़ाने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में चिकित्सा की पढ़ाई का विकल्प भी बनाया गया है।

श्री मोदी ने कैंसर से लड़ने के सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर में बनाए जा रहे कैंसर अस्पताल से बिहार के कैंसर रोगियों को लाभ मिलेगा। यह एक ही सुविधा विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी और रोगियों को दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने बिहार में जल्द ही एक नए नेत्र अस्पताल की उपलब्धता की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने कांची कामकोटि श्री शंकराचार्य जी से बिहार में एक नेत्र अस्पताल के लिए अनुरोध किया था। हाल ही में वाराणसी में शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया गया था और इस दिशा में काम प्रगति पर है।

प्रधानमंत्री ने सुशासन का एक मॉडल विकसित करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार बिहार में तीव्र गति से विकास के लिए प्रतिबद्ध है और छोटे किसानों और उद्योगों को मज़बूत करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान बुनियादी ढांचे के विकास, हवाई अड्डों और एक्सप्रेसवे से बढ़ रही है और दरभंगा में एक नए हवाई अड्डे के विकास का श्रेय उड़ान योजना को दिया। उन्होंने 5,500 करोड़ रुपये के एक्सप्रेसवे और लगभग 3,400 करोड़ रुपये के सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सहित आज की अन्य विकास परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास का यह महायज्ञ बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है”, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में किसानों, मखाना उत्पादकों और मत्स्य पालन क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जानकारी दी कि बिहार के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें मिथिला के किसान भी शामिल हैं। उन्होंने मखाना उत्पादकों की प्रगति के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को श्रेय देते हुए कहा कि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा, "मखानों को जीआई टैग भी मिला है।" उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने वाले मछली पालकों का उल्लेख करते हुए, इस बात पर जोर दिया कि सरकार का लक्ष्य भारत को दुनिया में एक बड़े मछली निर्यातक देश के रूप में विकसित करना है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार कोसी और मिथिला में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस साल के वार्षिक बजट में बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए एक व्यापक योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि नेपाल के सहयोग से बाढ़ की समस्या का समाधान खोज लिया जाएगा और इससे जुड़े 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य जारी है।

श्री मोदी ने कहा, "बिहार भारत की विरासत का सबसे बड़ा केंद्र है। इस विरासत को संजोकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार "विकास भी, विरासत भी" के मंत्र का पालन कर रही है।" प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नालंदा विश्वविद्यालय अपनी खोई हुई लोकप्रियता को पुनः प्राप्त करने की दिशा में आज आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने भाषाओं के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और बिहार के गौरवशाली अतीत को व्यक्त करने वाली पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार ही थी, जिसने मैथिली भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया। उन्होंने कहा, "झारखंड में मैथिली को राज्य की दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है।"

श्री मोदी ने बताया कि दरभंगा देश के उन 12 शहरों में से एक है, जो रामायण सर्किट से जुड़े हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दरभंगा-सीतामढ़ी-अयोध्या रूट पर अमृत भारत ट्रेन से लोगों को काफी लाभ हुआ है।

श्री मोदी ने दरभंगा एस्टेट के महाराज श्री कामेश्वर सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आजादी से पहले और बाद में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि श्री कामेश्वर सिंह जी ने जो सामाजिक कार्य किए थे वे दरभंगा का गौरव हैं और सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उनके अच्छे कार्यों की चर्चा अक्सर काशी में भी होती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के समापन में लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए एक बार फिर उन्हें बधाई दी।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को इस क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने दरभंगा में 1,260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले एम्स की आधारशिला रखी है। इसमें एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल/आयुष ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, रैन बसेरा और आवासीय सुविधाएं होंगी। यह बिहार और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करेगा।

इन विकासात्मक परियोजनाओं का मुख्य लक्ष्य सड़क और रेल क्षेत्रों में नई परियोजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में संपर्क सुविधा को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने बिहार में लगभग 5,070 करोड़ रुपये लागत वाली कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

उन्होंने एनएच-327ई के चार लेन वाले गलगलिया-अररिया खंड का उद्घाटन किया। यह गलियारा पूर्व-पश्चिम गलियारे (एनएच-27) पर अररिया से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के गलगलिया तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। उन्होंने एनएच-322 और एनएच-31 पर दो रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने बंधुगंज में एनएच-110 पर एक प्रमुख पुल का उद्घाटन किया जो जहानाबाद को बिहारशरीफ से जोड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें रामनगर से रोसरा तक पक्की सड़कों के साथ दो लेन की सड़क का निर्माण, बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा से एनएच-131ए के मनिहारी खंड, हाजीपुर से महनार और मोहिउद्दीन नगर होते हुए बछवाड़ा, सरवन-चकाई खंड आदि शामिल हैं। उन्होंने एनएच-327ई पर रानीगंज बाईपास, एनएच-333ए पर कटोरिया, लखपुरा, बांका और पंजवारा बाईपास और एनएच-82 से एनएच-33 तक चार लेन की लिंक रोड का भी शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने 1,740 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने बिहार के औरंगाबाद जिले में चिरालापोथु से बाघा बिशुनपुर तक 220 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सोननगर बाईपास रेलवे लाइन की आधारशिला भी रखी।

श्री मोदी ने 1,520 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें झंझारपुर-लौकाहा बाजार रेल खंड का आमान परिवर्तन, दरभंगा जंक्शन पर रेल यातायात भीड़ को कम करने के लिए दरभंगा बाईपास रेलवे लाइन, बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करने की दिशा में रेलवे लाइन परियोजनाओं का दोहरीकरण कार्य आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने झंझारपुर-लौकाहा बाजार खंड में ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाई। इस खंड में मेमू ट्रेन सेवाओं की शुरुआत से आस-पास के कस्बों और शहरों में नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने देशभर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 18 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र समर्पित किए। इससे यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी। इससे जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता और स्वीकार्यता को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले कुल खर्च में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 4,020 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई योजनाओं की आधारशिला रखी। घरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने और वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बिहार के पांच प्रमुख जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के विकास की आधारशिला रखी। उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की बरौनी रिफाइनरी की बिटुमेन निर्माण इकाई की भी आधारशिला रखी, जो घरेलू स्तर पर बिटुमेन का उत्पादन करेगी, जिससे आयातित बिटुमेन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”