आईआईटी धारवाड़ राष्ट्र को समर्पित किया
दुनिया में सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म श्री सिद्धारूढ़ा स्वामीजी हुबली स्टेशन का लोकार्पण किया
पुनर्विकसित होसपेटे स्टेशन का लोकार्पण किया गया, जो हम्पी स्मारकों के समान डिजाइन किया गया है
धारवाड़ बहु-ग्राम जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखी गई
हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
"डबल इंजन सरकार प्रदेश के हर जिले, गांव, कस्बे के पूर्ण विकास के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयासरत है"
“धारवाड़ विशेष है। यह भारत की सांस्कृतिक जीवंतता का प्रतिबिंब है”
“धारवाड़ में आईआईटी का नया परिसर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा। यह बेहतर कल के लिए युवा प्रतिभाओं को तैयार करेगा”
“शिलान्यास से लेकर लोकार्पण तक, डबल इंजन की सरकार निरंतर तेजी से काम करती है”
“अच्छी शिक्षा हर जगह और सभी तक पहुंचनी चाहिए। बड़ी संख्या में गुणवत्तापूर्ण संस्थान अधिक लोगों तक अच्छी शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करेंगे”
"प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और बेहतर शासन हुबली-धारवाड़ क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा"
"आज हम युवाओं को अगले 25 वर्षों में उनके संकल्पों को साकार करने के लिए सभी संसाधन दे रहे हैं"
"आज भारत सबसे शक्तिशाली डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है"
“भारत के लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों पुराने इतिहास से जुड़ी हैं। दुनिया की कोई ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती”
"कर्नाटक हाई-टेक इंडिया का इंजन है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हुबली-धारवाड़, कर्नाटक में प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में आईआईटी धारवाड़ को राष्ट्र को समर्पित किया जाना शामिल है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने फरवरी, 2019 में किया था। इसके अलावा 1507 मीटर लंबे सिद्धारूढ़ा स्वामीजी हुबली स्टेशन को भी समर्पित किया गया, जो दुनिया का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन है और इसे हाल में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भी मान्यता दी थी। साथ ही, क्षेत्र में संपर्क (कनेक्टिविटी) को बढ़ावा देने के लिए होसपेटे- हुबली- तीनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन कार्य का भी लोकार्पण किया गया। प्रधानमंत्री ने हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। उन्होंने जयदेव हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, धारवाड़ बहु-ग्राम जलापूर्ति योजना और तुपरिहल्ला फ्लड डैमेज कंट्रोल प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखी।

 

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस साल की शुरुआत में हुबली के दौरे के अवसर को याद किया और उनके स्वागत में आए लोगों से मिले आशीर्वाद के बारे में भी बात की। बीते कुछ साल के दौरान बेंगलुरु से बेलगावी, कलबुर्गी से शिवमोगा और मैसूरु से तुमकुरु तक अपनी कर्नाटक की यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कन्नड़िगा लोगों द्वारा दिखाए गए अत्यधिक प्यार और स्नेह के ऋणी हैं और उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सरकार लोगों के जीवन को आसान बनाकर उनकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करेगी, युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा करेगी, क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “कर्नाटक की डबल इंजन सरकार पूरी ईमानदारी के साथ राज्य के हर जिले, गांव और कस्बे के संपूर्ण विकास के लिए प्रयासरत है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों से धारवाड़, मलेनाडु और बयालु सीम क्षेत्रों के बीच एक प्रवेश द्वार रहा है जिसने सभी का खुले दिल से स्वागत किया है और सभी से सीखकर खुद को समृद्ध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसीलिए, धारवाड़ सिर्फ प्रवेश द्वार नहीं रहा, बल्कि कर्नाटक और भारत की ऊर्जा के सम्मिलित रूप में सामने आया है।” धारवाड़ को कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है जो अपने साहित्य और संगीत के लिए चर्चित है। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने धारवाड़ के सांस्कृतिक दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने अपनी मांड्या यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नया बेंगलुरु मैसूर एक्सप्रेसवे कर्नाटक के सॉफ्टवेयर हब की पहचान को और आगे ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा किबेलगावी में कई विकास परियोजनाओं को या तो समर्पित किया गया या उनकी आधारशिला रखी गई। उन्होंने शिवमोगा कुवेम्पु हवाई अड्डे का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज की परियोजनाओं के साथ-साथ ये परियोजनाएं कर्नाटक के विकास की एक नई कहानी लिख रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “धारवाड़ में आईआईटी के नये परिसर से जहां गुणवत्तापर्ण शिक्षा सुगम होगी, वहीं बेहतर भविष्य के लिए युवा प्रतिभाएं तैयार होंगी।” उन्होंने कहा कि नया आईआईटी परिसर कर्नाटक की विकास यात्रा के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है। उन्होंने धारवाड़ आईआईटी परिसर की उच्च तकनीकी सुविधाओं का उल्लेख किया और कहा कि यह प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करेगा जो संस्थान को दुनिया के अन्य प्रमुख संस्थानों के समान ऊंचाइयों पर ले जाएगा। आईआईटी-धारवाड़ परिसर को वर्तमान सरकार की 'संकल्प से सिद्धि' (अर्थात संकल्पों द्वारा उपलब्धि) की भावना का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में इसकी आधारशिला रखने के अवसर को याद किया और इसके महज 4 साल की अवधि के भीतर पूरा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। हालांकि, इस बीच कोरोनोवायरस महामारी के कारण रास्ते में कई बाधाएं भी आईं। प्रधानमंत्री ने कहा, “शिलान्यास से लेकर लोकार्पण तक, डबल इंजन की सरकार लगातार काम करती है। हम उन्हीं परियोजनाओं के उद्घाटन के संकल्प में विश्वास रखते हैं, जिनका शिलान्यास हमने किया हो।”

प्रधानमंत्री ने बीते वर्षों की उस सोच पर दुःख व्यक्त किया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थानों के विस्तार से उनका ब्रांड कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि इस सोच से युवा पीढ़ी को भारी नुकसान हुआ है और नया भारत इस तरह की सोच को पीछे छोड़ रहा है। उन्होंने कहा, “अच्छी शिक्षा हर जगह और सभी तक पहुंचनी चाहिए। बड़ी संख्या में गुणवत्तापूर्ण संस्थान अधिक लोगों तक अच्छी शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करेंगे।” उन्होंने कहा, यही कारण है कि पिछले 9 वर्षों के दौरान भारत में गुणवत्तापूर्ण संस्थानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एम्स की संख्या तिगुनी हो गई है, आजादी के बाद के सात दशकों में 380 मेडिकल कॉलेजों की तुलना में सिर्फ पिछले 9 वर्षों में 250 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। इन 9 साल में कई नए आईआईएम और आईआईटी सामने आए हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत अपने शहरों को आधुनिक बनाकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हुबली-धारवाड़ को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया गया और आज कई अच्छी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और बेहतर शासन हुबली-धारवाड़ क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”

प्रधानमंत्री ने श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च पर कर्नाटक के लोगों के भरोसे का उल्लेख किया, जो बेंगलुरु, मैसूरु और कलबुर्गी में सेवाएं दे रहा है। अब इसकी तीसरी शाखा का आज हुबली में शिलान्यास किया गया।

धारवाड़ और इसके आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के मिलकर काम करने का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की एक योजना का शिलान्यास किया गया है, जहां रेणुका सागर जलाशय और मलप्रभा नदी का पानी नल के माध्यम से 1.25 लाख से अधिक घरों में पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि धारवाड़ में नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार होने से पूरे जिले के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने तुपरिहल्ला बाढ़ क्षति नियंत्रण परियोजना का भी जिक्र किया, जिसका शिलान्यास भी आज किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले नुकसान में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि कर्नाटक ने कनेक्टिविटी के मामले में एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया है क्योंकि सिद्धारूढ़ स्वामीजी स्टेशन अब दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक प्लेटफॉर्म का रिकॉर्ड या विस्तार नहीं है बल्कि यह उस सोच को आगे बढ़ा रहा है जो बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी कहा कि होसपेटे-हुबली-तीनाईघाट खंड का विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन का उन्नयन इस विजन पर जोर देता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस मार्ग से बड़े पैमाने पर उद्योगों के लिए कोयले की ढुलाई होती है और इस लाइन के विद्युतीकरण के बाद डीजल पर निर्भरता कम होगी, जिससे इस प्रक्रिया में पर्यावरण का संरक्षण होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “बेहतर और उन्नत बुनियादी ढांचा न सिर्फ देखने में अच्छा है, लेकिन लोगों के जीवन को भी आसान बनाता है।”बेहतर सड़कों और अस्पतालों की कमी के कारण सभी समुदायों और उम्र के लोगों के सामने आने वाली मुश्किलों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक देश भर में विकसित हो रहे उन्नत बुनियादी ढांचे का लाभ उठा रहा है। उन्होंने छात्रों, किसानों और मध्यम वर्ग का उदाहरण दिया जो अपने गंतव्य-स्थल तक पहुंचने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी का उपयोग कर रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम सड़क योजना के माध्यम से गांवों में सड़कों का नेटवर्क दोगुना से ज्यादा हो गया है, और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 55 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 9 सालों में देश में हवाईअड्डों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पहले इंटरनेट की दुनिया में इतना आगे नहीं था। आज भारत सबसे शक्तिशाली डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सरकार ने सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराया और इसे गांवों तक पहुंचाया। उन्होंने बताया, “औसतन, बीते 9 साल के दौरान प्रति दिन 2.5 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिए गए हैं।” उन्होंने कहा, “बुनियादी ढांचे के विकास में यह तेजी इसलिए आ रही है, क्योंकि आज देश की जरूरत के हिसाब से बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। पहले राजनीतिक नफा-नुकसान तौलकर रेल और सड़क परियोजनाओं की घोषणा की जाती थी। हम पूरे देश के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान लेकर आए हैं, ताकि देश में जहां भी जरूरत हो वहां तेज गति से बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सके।”

सामाजिक बुनियादी ढांचे पर अप्रत्याशित जोर दिए जाने का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने आवास, शौचालय, रसोई गैस, अस्पताल और पीने के पानी आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कमियों के दिनों को याद किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि इन क्षेत्रों में कैसे सुधार किया गया है और ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा, “आज हम, युवाओं को अगले 25 साल में अपने संकल्पों को साकार करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।”

भगवान बसवेश्वर के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने अनुभव मंडपम की स्थापना को कई योगदानों में सबसे महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस लोकतांत्रिक व्यवस्था का अध्ययन पूरी दुनिया में किया जाता है। उन्होंने लंदन में भगवान बसवेश्वर की प्रतिमा के उद्घाटन के अवसर का स्मरण किया। हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में ही भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों पुराने इतिहास से जुड़ी हैं। दुनिया की कोई भी ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “इसके बावजूद कुछ लोग लगातार भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे लोग भगवान बसवेश्वर और कर्नाटक एवं देश के लोगों का अपमान कर रहे हैं।”उन्होंने कर्नाटक के लोगों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की चेतावनी दी।

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक की पहचान भारत के तकनीक के भविष्य को और आगे ले जाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “कर्नाटक हाईटेक भारत का इंजन है।” उन्होंने राज्य में इस हाईटेक इंजन को ताकत देने के लिए डबल इंजन की सरकार की जरूरत पर जोर दिया। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और कर्नाटक सरकार के मंत्री के साथ-साथ अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने आईआईटी-धारवाड़ को राष्ट्र को समर्पित किया। फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा संस्थान की आधारशिला रखी गई थी। 850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया। यह संस्थान वर्तमान में 4 वर्षीय बीटेक कार्यक्रम, 5 वर्षीय बीएस-एमएस कार्यक्रम, एमटेक, और पीएचडी कार्यक्रमों की पेशकश करता है।

प्रधानमंत्री ने श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस रिकॉर्ड को हाल ही में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है। करीब 1507 मीटर लंबे इस प्लेटफॉर्म को करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए होसपेटे- हुबली- तीनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन को समर्पित किया। 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, विद्युतीकरण परियोजना विद्युत खंड पर निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करती है। पुनर्विकसित होसपेटे स्टेशन यात्रियों को सुविधाजनक और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे हम्पी स्मारकों के समान डिजाइन किया गया है।

प्रधानमंत्री ने हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 520 करोड़ रुपये है। इन प्रयासों से स्वच्छ, सुरक्षित और कार्यात्मक सार्वजनिक स्थल तैयार होंगे और शहरों को भविष्य के शहरी केंद्रों में बदलकर जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री ने जयदेव हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का शिलान्यास भी किया। अस्पताल को लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा और क्षेत्र के लोगों को हृदय संबंधी देखभाल प्रदान करेगा। इस क्षेत्र में जल आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री ने धारवाड़ मल्टी विलेज वाटर सप्लाई स्कीम की आधारशिला रखी जिसे 1040 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। वह तुपरिहल्ला फ्लड डैमेज कंट्रोल प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है और इसमें दीवारों और तटबंधों को बनाए रखने का निर्माण शामिल है।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."