वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखी
10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं समर्पित कीं
भारत का पहला स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत लॉन्च किया
विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं समर्पित कीं
"तमिलनाडु थूथुकुडी में प्रगति का नया अध्याय लिख रहा है "
"आज देश 'संपूर्ण सरकार' की सोच के साथ काम कर रहा है"
केंद्र सरकार के "कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के प्रयासों से ईज़ ऑफ लिविंग में वृद्धि हो रही है"
"समुद्री क्षेत्र के विकास का मतलब तमिलनाडु जैसे राज्य का विकास है"
"एक साथ 75 जगहों पर विकास, ये है नया भारत"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज तमिलनाडु के थूथुकुडी में 17,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने हरित नौका पहल के तहत भारत का पहला स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत भी लॉन्च किया। उन्होंने 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं समर्पित कीं। उन्होंने वांची मनियाच्ची-नागरकोइल रेल लाइन के दोहरीकरण की रेल परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं, जिसमें वांची मनियाच्ची-तिरुनेलवेली खंड और मेलाप्पलायम-अरलवायमोली खंड भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में लगभग 4,586 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित चार सड़क परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं।

 

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु थूथुकुडी में विकास का एक नया अध्याय लिख रहा है क्योंकि विकसित भारत के रोड मैप की दिशा में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज की विकास परियोजनाओं में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना देखी जा सकती है, भले ही ये परियोजनाएं थूथुकुडी में हों लेकिन इनसे पूरे भारत में कई स्थानों पर विकास को गति मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने विकसित भारत की यात्रा और उसमें तमिलनाडु की भूमिका को दोहराया। उन्होंने दो साल पहले की अपनी यात्रा का स्मरण किया, जब उन्होंने चिदंबरनार बंदरगाह की क्षमता के विस्तार के लिए कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई थी और इसे शिपिंग का एक प्रमुख केंद्र बनाने का वादा किया था। प्रधानमंत्री ने कहा, ''वह गारंटी आज पूरी हो रही है।'' वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इस परियोजना में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। आज 900 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है और 13 बंदरगाहों पर 2500 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, इन परियोजनाओं से तमिलनाडु को लाभ मिलेगा और राज्य में रोजगार के अवसर जुटाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार द्वारा लाई जा रही आज की विकास परियोजनाओं की मांग लोगों ने की है लेकिन पिछली सरकारों ने कभी इस बारे में ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं इस भूमि की सेवा के लिए और इसका भाग्य बदलने के लिए तमिलनाडु आया हूं।"

हरित नौका पहल के तहत भारत के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज के बारे में बात करते हुए, पीएम मोदी ने इसे काशी के लिए तमिलनाडु के लोगों का उपहार बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु के लोगों का उत्साह और स्नेह देखा है। प्रधानमंत्री ने वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को देश का पहला हरित हाइड्रोजन हब बंदरगाह बनाने के उद्देश्य से कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में डिसेलिनेशन प्लांट, हाइड्रोजन उत्पादन और बंकरिंग सुविधा शामिल हैं। उन्होंने कहा, "आज दुनिया जिन विकल्पों की तलाश कर रही है, उनमें तमिलनाडु बहुत आगे जाएगा।"

प्रधानमंत्री ने आज की रेल और सड़क विकास परियोजनाओं पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि रेल लाइनों के विद्युतीकरण और दोहरीकरण से दक्षिण तमिलनाडु और केरल के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इसके साथ-साथ तिरुनेलवेली और नागरकोइल क्षेत्रों में भीड़ कम होगी। उन्होंने आज तमिलनाडु में रोडवेज के आधुनिकीकरण के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की चार प्रमुख परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, यात्रा का समय कम होगा और राज्य में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

नए भारत के संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि रोडवेज, राजमार्ग और जलमार्ग विभाग तमिलनाडु में बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर अवसर पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए, रेल, सड़क और समुद्री परियोजनाएं एक साथ शुरू की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मल्टी-मॉडल दृष्टिकोण से राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने मन की बात के एक एपिसोड के दौरान देश के प्रमुख प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के अपने सुझाव को याद किया और 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं समर्पित करते हुए गर्व व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, ''एक साथ 75 जगहों पर विकास, ये नया भारत है।'' उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में ये 75 स्थल बहुत बड़े पर्यटन केंद्र बन जाएंगे।

केंद्र सरकार की पहलों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु में 1300 किलोमीटर लंबी रेल परियोजनाएं शुरू की गईं। 2000 किलोमीटर रेलवे का विद्युतीकरण किया गया, फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया गया और कई रेलवे स्टेशनों का उन्नयन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने वाली 5 वंदे भारत ट्रेनें राज्य में दौड़़ रही हैं। भारत सरकार तमिलनाडु के सड़क बुनियादी ढांचे में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। उन्होंने कहा, "कनेक्टिविटी में सुधार के केंद्र सरकार के प्रयासों से ईज़ ऑफ लिविंग बढ़ रही है।"

प्रधानमंत्री ने दशकों से भारत के जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र से बड़ी उम्मीदों को रेखांकित करते हुए कहा कि ये क्षेत्र आज विकसित भारत की आधारशिला बन रहे हैं और पूरे दक्षिण भारत के साथ तमिलनाडु इसका सबसे बड़ा लाभार्थी है। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में तीन प्रमुख बंदरगाहों और 12 से अधिक छोटे बंदरगाहों पर प्रकाश डालते हुए सभी दक्षिणी राज्यों के लिए इसकी संभावनाओं को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने पिछले दशक में वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर यातायात में 35 प्रतिशत की वृद्धि के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “समुद्री क्षेत्र के विकास का मतलब तमिलनाडु जैसे राज्य का विकास है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस बंदरगाह ने पिछले साल 11 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 38 मिलियन टन माल का रखरखाव किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सागरमाला जैसी परियोजनाओं की भूमिका को श्रेय देते हुए कहा कि इसी तरह के परिणाम देश के अन्य प्रमुख बंदरगाहों में भी देखे जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत जलमार्ग और समुद्री क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत 38वें स्थान पर पहुंच गया है और एक दशक में बंदरगाह क्षमता दोगुनी हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि इस समयावधि के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों में आठ गुना वृद्धि हुई है और क्रूज यात्रियों की संख्या चार गुना बढ़ गई है और नाविकों की संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रगति से तमिलनाडु और हमारे युवाओं को निश्चित रूप से लाभ होगा। "मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा और मैं आपको गारंटी देता हूं कि जब देश हमें तीसरी बार सेवा करने का अवसर देगा तो मैं नए उत्साह के साथ आप सबकी सेवा करूंगा।"

अपनी तमिलनाडु की वर्तमान यात्रा के दौरान के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मिले प्यार, स्नेह, उत्साह और आशीर्वाद के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और कहा कि वह राज्य के विकास के साथ लोगों के हर स्नेह का मिलान करेंगे।

अंत में, प्रधानमंत्री ने सभी से अपने फोन की लाइट चालू करने और यह संकेत देने के लिए कहा कि तमिलनाडु और भारत सरकार विकास का त्योहार मना रहे हैं।

इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री, डॉ एल मुरुगन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने वी.ओ.चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखी। यह कंटेनर टर्मिनल वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को पूर्वी तट के लिए एक ट्रांसशिपमेंट हब में बदलने की दिशा में एक कदम है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत की लंबी तटरेखा और अनुकूल भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाना और वैश्विक व्यापार क्षेत्र में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है। यह परियोजना प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। प्रधानमंत्री ने वी.ओ.चिदंबरनार बंदरगाह को देश का पहला हरित हाइड्रोजन हब बंदरगाह बनाने के उद्देश्य से कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में डिसेलिनेशन प्लांट, हाइड्रोजन उत्पादन और बंकरिंग सुविधा आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने हरित नौका पहल के तहत भारत का पहला स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत भी लॉन्च किया। इस पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया गया है और यह स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने तथा देश की नेट-शून्य प्रतिबद्धताओं के अनुरूप बढ़ाये गये एक अग्रणी कदम को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री ने 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं भी समर्पित कीं।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने वांची मनियाच्ची - नागरकोइल रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए वांची मनियाच्ची - तिरुनेलवेली खंड और मेलाप्पलायम - अरलवायमोली खंड सहित रेल परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। लगभग 1,477 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, दोहरीकरण परियोजना कन्याकुमारी, नागरकोइल और तिरुनेलवेली से चेन्नई की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए यात्रा में लगने वाले समय को कम करने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में लगभग 4,586 करोड़ रुपये की लागत से विकसित चार सड़क परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग-844 के जित्तंदहल्ली-धर्मपुरी खंड को चार लेन का बनाना, राष्ट्रीय राजमार्ग-81 के मीनसुरुट्टी-चिदंबरम खंड को दो लेन का बनाना, राष्ट्रीय राजमार्ग-83 के ओड्डनचत्रम-मदाथुकुलम खंड को चार लेन का बनाना तथा राष्ट्रीय राजमार्ग-83 के नागपट्टिनम-तंजावुर खंड को पेव्ड सोल्डर्स के साथ दो लेन का बनाना शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना, यात्रा के समय को कम करना, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना और क्षेत्र में तीर्थ यात्राओं को सुविधाजनक बनाना है।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season

Media Coverage

Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 दिसंबर 2024
December 21, 2024

Inclusive Progress: Bridging Development, Infrastructure, and Opportunity under the leadership of PM Modi