आज से शुरू होने वाले विकास कार्य केरल के सभी हिस्सों में फैले हुए हैं और कई प्रकार के क्षेत्रों को कवर करते हैं : प्रधानमंत्री
पिछले छह वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 13 गुना बढ़ी है: प्रधानमंत्री
किसानों को अन्‍नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता बनाने के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र से जोड़ा जा रहा है : प्रधानमंत्री मोदी
डेवलपमेंट और गुड गवर्नेंस जाति, पंथ, नस्ल, लिंग, धर्म या भाषा नहीं जानते हैं : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केरल के पुगलुर - त्रिशूर पावर ट्रांसमिशन परियोजना, कासरगोड सौर ऊर्जा परियोजना और अरूविक्करा स्थित जल शोधन संयंत्र का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने तिरुवनंतपुरम में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और स्मार्ट रोड परियोजना का शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन के साथ - साथ केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राज कुमार सिंह और केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरू होने वाले विकास कार्यों का विस्तार केरल के सभी हिस्सों तक है और इनमें विविध क्षेत्रों का समावेश है। ये कार्य केरल जैसे सुंदर राज्य, जहां के लोग भारत की प्रगति में व्यापक योगदान दे रहे हैं, को शक्ति प्रदान करेंगे और उसे सशक्त बनायेंगे।

 उन्होंने कहा कि 2000 मेगावाट वाली अत्याधुनिक पुगलुर - त्रिशूर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट प्रणाली, जिसका आज उद्घाटन किया गया है, राष्ट्रीय ग्रिड के साथ केरल का पहला एचवीडीसी इंटरकनेक्शन है और यह राज्य में बिजली की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए विशाल मात्रा में बिजली के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगी। यह पहला मौका है जब देश में ट्रांसमिशन के लिए वीएससी कनवर्टर तकनीक का उपयोग किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अपने आंतरिक बिजली उत्पादन के मौसमी प्रकृति की वजह से केरल मुख्य रूप से राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली के आयात पर निर्भर है और एचवीडीसी प्रणाली इस खाई को पाटने में मदद करती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस परियोजना में उपयोग किए जाने वाले एचवीडीसी उपकरण भारत में बनाए गए हैं और इससे आत्मनिर्भर भारत आंदोलन को शक्ति मिलती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई सुनिश्चित करती हैं और हमारे उद्यमियों को प्रोत्साहन देती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अन्नदाताओं को ऊर्जादाता बनाने के लिए किसानों को सौर क्षेत्र से भी जोड़ा जा रहा है। पीएम-कुसुम योजना के तहत, किसानों को 20 लाख से अधिक सौर ऊर्जा पंप दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की क्षमता 13 गुना बढ़ गई है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से दुनिया को भी एकजुट किया है। उन्होंने कहा कि हमारे शहर विकास के इंजन और नवाचार के शक्ति केन्द्र हैं। हमारे शहर तीन किस्म के उत्साहजनक रूझान देख रहे हैं: तकनीकी विकास, अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश और बढ़ती घरेलू मांग।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) बेहतर शहरी नियोजन और प्रबंधन में शहरों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि 54 कमांड सेंटर परियोजनाओं का परिचालन शुरू हो गया है और 30 ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि ये केंद्र महामारी के दिनों में विशेष रूप से उपयोगी साबित हुए। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केरल के दो स्मार्ट शहरों- कोच्चि और तिरुवनंतपुरम ने उल्लेखनीय प्रगति की है। 773 करोड़ रुपये की लागत वाली 27 परियोजनाएं पूरी हुईं और लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत वाली 68 परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत (अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन) शहरों को अपने अपशिष्ट जल के शोधन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विस्तार और उसके उन्नयन में मदद कर रहा है। अमृत के तहत केरल में 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से जल आपूर्ति की कुल 175 परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। 9 अमृत शहरों में व्यापक कवरेज प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि अरूविक्करा जल शोधन संयंत्र, जिसका आज उद्घाटन हुआ है, का कार्य 70 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है। इससे लगभग 13 लाख नागरिकों का जीवन बेहतर होगा और इससे तिरुवनंतपुरम में प्रति व्यक्ति पानी की आपूर्ति 100 लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 150 लीटर प्रति दिन करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन पूरे भारत में लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि शिवाजी ने स्वराज्य पर जोर दिया ताकि विकास का फल समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि शिवाजी ने एक मजबूत नौसेना का निर्माण किया था और मछुआरों के कल्याण और तटीय विकास के लिए कड़ी मेहनत की थी और सरकार उनके दृष्टिकोण को जारी रख रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर है। रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। ये प्रयास ढेर सारे प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं के लिए अवसर पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) में निवेश कर रहा है। मछुआरा समुदायों के लिए हमारे प्रयास निम्न बातों पर आधारित हैं: अधिक ऋण, उन्नत प्रौद्योगिकी, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और सहयोग करने वाली सरकारी नीतियां। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां यह सुनिश्चित करेंगी कि भारत समुद्री खाद्य पदार्थों के निर्यात का केन्द्र बने।

 

महान मलयालम कवि कुमारनाशन को उद्धृत करते हुए

“मैं नहीं पूछ रहा हूं

आपकी जाति बहन,

मैं पानी मांगता हूं,

मुझे प्यास लगी है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन की कोई जाति, पंथ, नस्ल, लिंग, धर्म या भाषा नहीं होती। विकास सबके लिए है और यही सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का सार है। प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों से आगे बढ़ने और एकजुटता एवं विकास के इस साझा उद्देश्य को पूरा करने के लिए समर्थन मांगा।

 

 

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.