प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना से मत्स्यपालन के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा: प्रधानमंत्री मोदी
हमारा उद्देश्य है कि अगले 3-4 वर्षों में हम अपने उत्पादन को दोगुना करें और मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा दें: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना नए सिरे से श्वेत क्रांति (डेयरी क्षेत्र) और स्वीट रेवोल्यूशन (एपिकल्चर सेक्टर) के लिए मार्ग प्रशस्त होगा: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में मछली उत्पादन, डेयरी, पशुपालन और कृषि में अध्ययन एवं अनुसंधान से संबंधित पीएम मत्स्य सम्पदा योजना, ई-गोपाला ऐप और कई पहलों का शुभारम्भ किया है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आज इन सभी योजनाओं के शुभारम्भ का उद्देश्य हमारे गांवों को सशक्त बनाना और 21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मत्स्य सम्पदा योजना भी इसी उद्देश्य से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इस योजना का देश के 21 राज्यों में शुभारम्भ किया जा रहा है। यह धनराशि अगले 4-5 साल में खर्च की जाएगी। इसके अलावा, आज 1,700 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पटना, पूर्णिया, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में कई सुविधाएं शुरू की जा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना मछली उत्पादकों को नया बुनियादी ढांचा, आधुनिक उपकरण और नए बाजारों तक पहुंच के साथ ही कृषि के साथ अन्य साधनों माध्यम से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराती है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद ऐसा पहली बार है कि देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए इतनी बड़ी योजना का शुभारम्भ किया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए और विशेष रूप से मत्स्य पालन से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए भारत सरकार ने एक अलग मंत्रालय का गठन किया है। इसे मछुआरों और मछली पालन व बिक्री से संबंधित साथियों को खासी सुविधा होगी।

अगले 3-4 साल में मछली निर्यात भी दोगुना करने की योजना है। इससे सिर्फ मछली पालन क्षेत्र में ही रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे। क्षेत्र के अपने साथियों के साथ संवाद के बाद मेरा भरोसा खासा बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मछली पालन काफी हद तक स्वच्छ जल की उपलब्धता पर निर्भर करता है और स्वच्छ गंगा मिशन से इस दिशा में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में नदी परिवहन की दिशा में हो रहे काम का फायदा उठाने के लिए भी मत्स्य पालन क्षेत्र तैयार है। इस साल 15 अगस्त को घोषित मिशन डॉल्फिन का भी मत्स्य पालन क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने हर घर को सुरक्षित पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराने की दिशा में बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि 4-5 साल में बिहार में सिर्फ 2 प्रतिशत घरों को ही जल आपूर्ति कनेक्शनों से जोड़ा गया था और अब बिहार में 70 प्रतिशत से ज्यादा घर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति से जुड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के प्रयासों से भारत सरकार के जल जीवन मिशन को समर्थन मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में भी बिहार में लगभग 60 लाख घरों में नल कनेक्शन सुनिश्चित किया गया है और यह वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि संकट के दौरान भी हमारे गांवों में किस तरह से काम जारी रहा, यह उसका अच्छा उदाहरण है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि कोरोना संकट में देश में लगभग सभी काम रुक गए थे। उन्होंने कहा, यह हमारे गांवों की ताकत है कि कोरोना के बावजूद अनाज, फल, सब्जियां और दूध का बिना किसी बाधा के मंडियों, डेयरियों में आना जारी रहा।

इतना ही नहीं, इस मुश्किल दौर के बावजूद डेयरी उद्योग ने भी रिकॉर्ड खरीद की थी। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया गया, जिससे विशेष रूप से बिहार के 75 लाख किसानों को फायदा हुआ।

उन्होंने कहा कि यह काम भी प्रशंसनीय रहा है, क्योंकि बिहार ने कोरोना के साथ ही बाढ़ का भी बहादुरी से सामना किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार ने राहत कार्य तेजी से करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।

उन्होंने बिहार के हर जरूरतमंद व्यक्ति और बाहर से राज्य में लौटे हर प्रवासी परिवार को मुफ्त राशन योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का लाभ देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए, इस मुफ्त राशन की योजना का जून के बाद दीपावली और छठ पूजा तक के लिए विस्तार किया गया।

पीएम ने कहा कि कोरोना संकट के चलते शहरों से वापस लौटने वाले कई कामगार पशुपालन की ओर रुख कर रहे हैं और उन्हें केन्द्र सरकार तथा बिहार सरकार की कई योजनाओं से समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नए उत्पाद बनाने, नए नवाचार आदि में देश के डेयरी क्षेत्र के विस्तार पर लगातार प्रयास कर रही है, जिससे किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी। इसके साथ ही, देश में पशुओं की गुणवत्ता में सुधार, उनकी स्वच्छता के रखरखाव और पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों तक पहुंच पर जोर दिया जा रहा है। इस लक्ष्य के साथ, पीएम ने कहा कि फुट एंड माउथ और ब्रूसीलोसिस से रक्षा के लिए 50 करोड़ पशुओं के टीकाकरण को आज मुफ्त टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया गया। पशुओं के अच्छे चारे के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रावधान भी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश में बेहतर स्वदेशी नस्लों के विकास के लिए मिशन गोकुल पर काम जारी है। एक साल पहले शुरू किया गया देशव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का पहला चरण आज पूरा हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब गुणवत्तापूर्ण स्वदेशी नस्लों के विकास के लिए बिहार एक बड़े केन्द्र के रूप में उभर रहा है। बिहार आज राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत पूर्णिया, पटना और बरौनी में आधुनिक सुविधाओं के निर्माण के साथ डेयरी क्षेत्र को मजबूत बनाने जा रहा है। केन्द्र ने पूर्णिया में भारत के सबसे बड़े केन्द्रों में से एक का निर्माण किया है। इससे न सिर्फ बिहार, बल्कि पूर्वी भारत के एक बड़े हिस्से को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र ‘बच्छूर’ और ‘रेड पूर्णिया’ जैसी स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण को प्रोत्साहन भी देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर एक गाय एक साल में एक बच्चे को जन्म देती है। लेकिन आईवीएफ तकनीक की सहायता से एक साल में कई बछड़ों का जन्म संभव है। हमारा इस तकनीक को देश के हर गांवों में पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अच्छी नस्लों के जानवरों के साथ ही, उनकी देखभाल के बारे में सही वैज्ञानिक जानकारी का होना भी खासा अहम है। आज शुरू किया गया ई-गोपाला ऐप एक ऑनलाइन डिजिटल माध्यम होगा, जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता के पशु चुनने में सहायता मिलेगी और बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। यह ऐप उत्पादकता से लेकर उनके स्वास्थ्य और खुराक तक पशुओं की देखभाल से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि जब पशु आधार नंबर को ई-गोपाला ऐप में डालने का काम पूरा हो जाएगा तो इससे जानवरों के बारे में सभी जानकारियां हासिल की जा सकेंगी। इससे पशु मालिकों के लिए पशुओं को खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि, पशु पालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों के तेज विकास के लिए गांवों में वैज्ञानिक विधियों को अपनाना और आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण आवश्यक है। बिहार कृषि से संबंधित शिक्षा और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया है।

उन्होंने कहा, बहुत ही कम लोग जानते हैं कि दिल्ली में पूसा संस्थान का नाम बिहार में समस्तीपुर के निकट पूसा कस्बे से संबंधित है। औपनिवेशिक शासन के दौरान, समस्तीपुर के पूसा में एक राष्ट्रीय स्तर के कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गई थी। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद इस परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसे दूरदर्शी नेताओं की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से प्रेरणा लेते 2016 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय को एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई थी। इसके बाद, विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में पाठ्यक्रमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा कि इस क्रम में स्कूल ऑफ एग्री बिजनेस और रूरल मैनेजमेंट के एक नए भवन का शुभारम्भ किया गया है। इसके अलावा, नए छात्रावास, स्टेडियम और अतिथि गृहों का भी शिलान्यास किया गया है।

कृषि क्षेत्र की आधुनिक आवश्यकताओं पर विचार करते हुए देश में तीन केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है, जबकि 5-6 साल पहले तक देश में इनकी संख्या सिर्फ एक थी। बिहार में कृषि को बाढ़ से बचाने के लिए बिहार महात्मा गांधी अनुसंधान केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है। बिहार में हर साल बाढ़ आती है। इसी प्रकार, कृषि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए मोतीपुर में मछली के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, मोतिहारी में पशुपालन एवं डेयरी विकास केन्द्र और ऐसे कई संस्थानों की शुरुआत की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं अनुसंधान केन्द्रों के क्लस्टर गांवों के नजदीक स्थापित किए जाने चाहिए और इससे हम जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने विशेष बुनियादी ढांचे के निर्माण और भंडार गृहों, शीत गृहों तथा अन्य सुविधाओं के विकास से एफपीओ, सहकारी समूहों को समर्थन देने के लए 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचा विकास कोष की स्थापना की गई है।

इसके अलावा महिलाओं के एसएचजी को अच्छा समर्थन दिया जा रहा है और बीते छह साल में यह सहयोग 32 गुना बढ़ चुका है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में सभी गांवों को विकास के इंजन के रूप में मजबूत बनाने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहायता दी जा रही है।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."