नमो चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया
दीव और सिलवासा से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को चाबियां सौंपी
“इन परियोजनाओं से जीवनयापन, पर्यटन, परिवहन और व्यवसाय में आसानी होगी। यह समय पर डिलीवरी की नई कार्य संस्कृति का उदाहरण है”
"देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है"
'सेवाभावना यहां के लोगों की पहचान है'
"मैं हर छात्र को विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी"
“मन की बात भारत के लोगों के प्रयासों और भारत की विशेषताओं को उजागर करने का एक बहुत अच्छा मंच बन गया है”
"मैं दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली को तटीय पर्यटन के एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रहा हूं"
"आज देश में ‘तुष्टीकरण’ पर नहीं बल्कि ‘संतुष्टिकरण’ पर बल दिया जा रहा है"
"वंचितों को वरीयता, ये बीते 9 वर्ष के सुशासन की पहचान बन चुकी है"
"सबका प्रयास' से हासिल होगा विकसित भारत का संकल्प और समृद्धि"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिलवासा, दादरा और नगर हवेली में 4850 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में सिलवासा में नमो चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का लोकार्पण और दमन में सरकारी स्कूलों, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, विभिन्न सड़कों के सौंदर्यीकरण, सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण, मछली बाजार और शॉपिंग सेंटर और जल आपूर्ति योजना आदि का विस्तार जैसी 96 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण शामिल है। प्रधानमंत्री ने दीव और सिलवासा से प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शहरी के लाभार्थियों को घर की चाबियां भी सौंपी।

 

इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री ने सिलवासा में नमो चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का भी दौरा किया, जहां उनके साथ केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल भी थे। उन्होंने संस्थान का उद्घाटन किया और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कॉलेज परिसर के मॉडल का निरीक्षण किया और अकादमिक ब्लॉक में एनाटॉमी संग्रहालय और डिसेक्शन कक्ष का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने सेंट्रल लाइब्रेरी का भी दौरा किया और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। वे एम्फीथिएटर की ओर भी गए, जहां उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ बातचीत की।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली की विकास यात्रा को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने एक महानगर के रूप में बढ़ते सिलवासा के बारे में चर्चा की, क्योंकि यह देश के हर कोने के लोगों का स्थान है। उन्होंने कहा कि परंपरा और आधुनिकता दोनों के प्रति लोगों के प्रेम को देखते हुए केंद्रशासित प्रदेश के विकास के लिए सरकार पूरे समर्पण के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 5500 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ केंद्रशासित प्रदेश में भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे पर बहुत काम किया गया है। उन्होंने एलईडी लाइट वाली सड़कों, डोर-टू-डोर कचरा संग्रह और 100 प्रतिशत कचरा प्रसंस्करण के बारे में बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में उद्योग और रोजगार बढ़ाने के साधन के रूप में राज्य की नई औद्योगिक नीति की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "आज मुझे 5000 करोड़ की नई परियोजनाओं को शुरू करने का अवसर मिला है।" ये परियोजनाएं स्वास्थ्य, आवास, पर्यटन, शिक्षा और शहरी विकास से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा, "वे जीवनयापन, पर्यटन, परिवहन और व्यापार में आसानी में सुधार करेंगे।"

उन्होंने आज की परियोजनाओं के बारे में चर्चा के दौरान प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कई परियोजनाओं का शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री ने किया। उन्होंने इस तथ्य पर खेद व्यक्त किया कि देश के विकास के लिए बड़ी अवधि के लिए सरकारी परियोजनाएं या तो अटकी रहीं, छोड़ दी गईं या भटक गईं, कभी-कभी इस हद तक कि शिलान्यास ही मलबे में बदल जाता था और परियोजनाएं अधूरी रह जाती थीं। लेकिन पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक नई कार्यशैली विकसित हुई है और कार्य संस्कृति शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में अब जिस कार्य की नींव रखी जाती है, उसे तेजी से पूरा करने का भी भरसक प्रयास किया जाता है और एक काम पूरा करते ही हम दूसरा काम शुरू कर देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की परियोजनाएं इसी कार्य संस्कृति का उदाहरण हैं और विकास कार्यों के लिए सभी को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार “सबका साथ - सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र पर चल रही है। उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र का विकास हो, देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है। प्रधानमंत्री ने लंबे समय से चल रहे एक कार्यक्रम - विकास को वोट बैंक की राजनीति के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति की आलोचना की। इससे आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्र उपेक्षित हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मछुआरों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया और दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली ने इसके लिए भारी कीमत चुकाई।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित किया कि स्वतंत्रता के दशकों के बाद भी, दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली के क्षेत्रों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था और युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए देश के अन्य क्षेत्रों की ओर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पाने वाले आदिवासी समुदाय के युवाओं की संख्या लगभग शून्य थी, क्योंकि दशकों तक देश पर शासन करने वालों ने इस क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को अपना पहला राष्ट्रीय शैक्षणिक चिकित्सा संगठन या नमो मेडिकल कॉलेज केवल वर्तमान सरकार के सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण और समर्पण के कारण मिला, जो 2014 के बाद सत्ता में आई थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हर साल, क्षेत्र के लगभग 150 युवाओं को चिकित्सा का अध्ययन करने का मौका मिलेगा।” उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में इस क्षेत्र से लगभग 1000 डॉक्टर तैयार किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने एक लड़की की एक समाचार रिपोर्ट के बारे में भी चर्चा की, जो अपने पहले वर्ष में चिकित्सा का अध्ययन कर रही थी, जिसने कहा था कि वह न केवल अपने परिवार में बल्कि पूरे गांव में ऐसा करने वाली पहली महिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवाभावना यहां के लोगों की पहचान है और कोरोना के समय में यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय छात्रों ने जो विलेज एडॉप्शन प्रोग्राम चलाया था, उसका जिक्र उन्होंने ‘मन की बात’ में भी किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से स्थानीय चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव कम होगा। उन्होंने कहा, "300 बिस्तरों वाला एक नया अस्पताल निर्माणाधीन है और एक नए आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए अनुमति प्रदान की गई है।"

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों में विज्ञान की शिक्षा शुरू की। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा न होने की समस्या का भी समाधान किया। उन्होंने कहा, "अब मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा का विकल्प भी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे स्थानीय छात्रों को काफी मदद मिलेगी।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "इंजीनियरिंग कॉलेज का लोकार्पण होने से आज हर साल 300 छात्रों को इंजीनियरिंग पढ़ने का अवसर मिलेगा।" उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दादरा और नगर हवेली में प्रमुख शिक्षण संस्थान परिसर खोले जा रहे हैं। उन्होंने दमन में निफ्ट उपग्रह परिसर, सिलवासा में गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी परिसर, दीव में आईआईआईटी वडोदरा परिसर के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने वादा करते हुए कहा, "मैं हर छात्र को विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”

सिलवासा की अपनी पिछली यात्रा को याद करते हुए, जब प्रधानमंत्री ने विकास के पांच मापदंडों या 'पंचधारा' के बारे में बात की थी, अर्थात् बच्चों की शिक्षा, युवाओं के लिए आय का स्रोत, बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य देखभाल, किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा और आम नागरिकों के लिए निवारण। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना की महिला लाभार्थियों के लिए पक्के मकानों के संदर्भ में उपर्युक्त में एक और पैरामीटर जोड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने पिछले वर्षों में देश में 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराए हैं जहां 15 हजार से अधिक घर सरकार ने खुद बनाए और सौंपे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां 1200 से अधिक परिवारों को अपना घर मिल गया है और महिलाओं को पीएम आवास योजना के तहत घरों में बराबर का हिस्सा दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, "सरकार ने दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली की हजारों महिलाओं को घर की मालकिन बना दिया है।" उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए प्रत्येक घर की लागत कई लाख रुपये है जो इन महिलाओं को 'लखपति दीदी'' बनाती है।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के बारे में चर्चा करते हुए नागली और नचनी जैसे स्थानीय मिलेट की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि सरकार विभिन्न रूपों में स्थानीय श्री अन्न को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री ने अगले रविवार को ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मन की बात भारत के लोगों के प्रयासों और भारत की विशेषताओं को उजागर करने का एक बहुत अच्छा मंच बन गया है। आपकी तरह मैं भी 100वें एपिसोड का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।'

प्रधानमंत्री ने दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में उभरने की संभावना के बारे में चर्चा करते हुए कहा,"मैं दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली को तटीय पर्यटन के एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रहा हूं।" उन्होंने कहा, यह उस समय और भी महत्वपूर्ण है, जब सरकार भारत को दुनिया का अग्रणी पर्यटन स्थल बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नानी दमन मरीन ओवरव्यू (नमो) पथ नामक दो समुद्री तट पर्यटन को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि समुद्र तट क्षेत्र में एक नया टेंट सिटी उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने अपनी बातों को जारी रखते हुए कहा कि इसके अलावा, खानवेल रिवरफ्रंट, दुधानी जेट्टी, इको-रिसॉर्ट और तटीय सैरगाह का कार्य पूरा होने के बाद पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ाएंगे।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ‘तुष्टीकरण’ पर नहीं बल्कि ‘संतुष्टिकरण’ पर बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "वंचितों को वरीयता, ये बीते 9 वर्ष के सुशासन की पहचान बन चुकी है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार देशभर में समाज के हर वंचित वर्ग और हर वंचित को सुविधाएं प्रदान करने के लिए तेज गति से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब योजनाओं का सैचुरेशन होता है, जब सरकार खुद लोगों के दरवाजे तक जाती है, तो भेदभाव खत्म होता है, भ्रष्टाचार खत्म होता है।” श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से परिपूर्ण होने के बहुत करीब हैं। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, "सबका प्रयास' के साथ विकसित भारत और समृद्धि का संकल्प हासिल किया जाएगा।”

केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल, दादरा और नगर हवेली और कौशाम्बी के सांसद क्रमशः श्रीमती कलाबेन मोहनभाई डेलकर और विनोद सोनकर अन्य लोगों के साथ इस अवसर पर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने सिलवासा में नमो चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और उस का लोकार्पण किया, जिसकी आधारशिला भी स्वयं प्रधानमंत्री ने जनवरी 2019 में रखी थी। यह केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बदल देगा। अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज में नवीनतम अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं तक पहुंच से सुसज्जित 24 घंटे 7 दिन संचालित एक सेंट्रल लाइब्रेरी, विशेष चिकित्सा कर्मचारी, चिकित्सा प्रयोगशालाएं, स्मार्ट लेक्चर हॉल, अनुसंधान प्रयोगशालाएं, एक एनाटॉमी म्यूजियम, एक क्लब हाउस, छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए खेल सुविधाएं और आवास शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने सिलवासा के सायली मैदान में 4850 करोड़ रुपये से भी अधिक की 96 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में दादरा और नगर हवेली जिले के मोरखल, खेरडी, सिंदोनी और मसाट के सरकारी स्कूल, अंबावाड़ी, परियारी, दमनवाड़ा, खारीवाड़ के सरकारी स्कूल और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, दमन; दादरा और नगर हवेली जिले में विभिन्न सड़कों का सौंदर्यीकरण, सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण; मोती दमन और नानी दमन में मछली बाजार और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और नानी दमन में जलापूर्ति योजना का विस्तार शामिल हैं।

 

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s organic food products export reaches $448 Mn, set to surpass last year’s figures

Media Coverage

India’s organic food products export reaches $448 Mn, set to surpass last year’s figures
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister lauds the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948
December 03, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi lauded the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948 in Rajya Sabha today. He remarked that it was an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.

Responding to a post on X by Union Minister Shri Hardeep Singh Puri, Shri Modi wrote:

“This is an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.”