Quoteबेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना, बेंगलुरु कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना के दो खंडों, विभिन्न सड़क आधुनिकीकरण परियोजनाओं और बेंगलुरु में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का शिलान्यास किया
Quoteप्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम वातानुकूलित रेलवे स्टेशन, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण वाले कोंकण रेलवे लाइन और अन्य रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया
Quote"बैंगलुरू, देश के लाखों युवाओं के लिए सपनों का शहर है, यह नगर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब है"
Quote"डबल-इंजन' सरकार बेंगलुरु के लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए हर संभव उपाय कर रही है"
Quote"पिछले 8 वर्षों में सरकार ने रेल संपर्क के पूर्ण परिवर्तन पर काम किया है"
Quote"मैं अगले 40 महीनों में बेंगलुरु के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा जो पिछले 40 सालों से लंबित हैं"
Quote"भारतीय रेल अब तेज, स्वच्छ, आधुनिक, सुरक्षित और सिटीजन फ्रेंडली भी बन रही है"
Quote"भारतीय रेल अब वो सुविधाएं, वो माहौल भी देने का प्रयास कर रही है जो कभी एयरपोर्ट्स और हवाई यात्रा में ही मिला करती थीं"
Quote"बैंगलुरू ने ये दिखाया है कि सरकार अगर सुविधाएं दे और नागरिकों के जीवन में कम से कम दखल दे, तो भारतीय युवा क्या कुछ नहीं कर सकते हैं"
Quote"मेरा साफ मानना है, उपक्रम चाहे सरकारी हो या फिर प्राइवेट, दोनों देश के ऐसेट हैं, इसलिए सभी को समान अवसर देना चाहिए"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बेंगलुरू में 27,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया और आईआईएससी बेंगलुरु में बागची पार्थसारथी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी। उन्होंने डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बेस) विश्वविद्यालय के एक नए परिसर का भी उद्घाटन किया और उनके परिसर में भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने 150 आईटीआई के आधुनिकीकरण को टेक्नोलॉजी हब के रूप में समर्पित किया।

 

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इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी भी उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि कर्नाटक में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं और 7 रेलवे परियोजनाएं रखी गई हैं। कोंकण रेलवे के शत-प्रतिशत बिजलीकरण के महत्वपूर्ण पड़ाव के हम साक्षी बने हैं। ये सभी प्रोजेक्ट कर्नाटक के युवाओं, मध्यम वर्ग, किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों को नई सुविधाएं और नए अवसर प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंगलुरू, देश के लाखों युवाओं के लिए सपनों का शहर है। बैंगलुरू, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब है। “बैंगलुरु का विकास, लाखों सपनों का विकास है। इसलिए बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार का ये निरंतर प्रयास रहा है कि बैंगलुरू के सामर्थ्य को और बढ़ाया जाए।”

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प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंगलुरू को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए रेल, रोड, मेट्रो, अंडरपास, फ्लाईओवर, हर संभव माध्यमों पर डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। बैंगलुरू के जो सब-अर्बन इलाके हैं, उनको भी बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों की बात पिछले चार दशकों से चल रही थी और अब 'डबल इंजन' सरकार के साथ लोगों ने इन परियोजनाओं को पूरा करने का मौका मौजूदा सरकार को दिया है। प्रधानमंत्री ने परियोजना को समय पर पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह अगले 40 महीनों में बेंगलुरु के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे जो पिछले 40 वर्षों से रुके हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरू उपनगरीय रेल परियोजना से कनेक्टिविटी बेंगलुरू शहर को उसके उपनगरों और सैटेलाइट टाउनशिप से जोड़ेगी और इसका कई गुना प्रभाव होगा। इसी तरह, बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना से शहर की भीड़भाड़ कम होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने रेल संपर्क के पूर्ण परिवर्तन पर काम किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल अब तेज भी हो रही है, स्वच्छ भी हो रही है, आधुनिक भी हो रही है, सुरक्षित भी हो रही है और सिटीजन फ्रेंडली भी बन रही है। उन्होंने कहा, “हमने देश के उन हिस्सों में भी रेल को पहुंचाया है, जहां इसके बारे में कभी सोचना भी मुश्किल था। भारतीय रेल अब वो सुविधाएं, वो माहौल भी देने का प्रयास कर रही है जो कभी हवाई अड्डों और हवाई यात्रा पर ही उपलब्ध थी। भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर बैंगलुरू में बना आधुनिक रेलवे स्टेशन भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।” प्रधानमंत्री ने एकीकृत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान से नई गति मिल रही है। उन्होंने कहा कि आगामी मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क इसी विजन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति की भावना से चलाई जा रही इस तरह की परियोजनाओं से युवाओं को रोजगार मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिलेगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु की सफलता की कहानी 21वीं सदी के भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। बैंगलुरू ने ये दिखाया है कि सरकार अगर सुविधाएं दे और नागरिक के जीवन में कम से कम दखल दे, तो भारतीय युवा क्या कुछ नहीं कर सकते हैं। बैंगलुरू, देश के युवाओं के सपनों का शहर है और इसके पीछे उद्यमशीलता है, इनोवेशन है, पब्लिक के साथ ही प्राइवेट सेक्टर की सही उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु उन लोगों के लिए एक सबक है जो अभी भी भारत के निजी उद्यम की भावना का अनादर करते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, 21वीं सदी का भारत, धन सृजित करने वालों, नौकरी देने वालों और नवप्रवर्तकों का भारत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र के रूप में यह भारत की संपत्ति और ताकत है।

प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि एसएमई की परिभाषा में बदलाव के साथ, उनके विकास के नए रास्ते खुले हैं। आत्मनिर्भर भारत में विश्वास के प्रतीक के रूप में, भारत ने 200 करोड़ रुपये तक के अनुबंधों में विदेशी भागीदारी को समाप्त कर दिया है। केंद्र सरकार के विभागों को एमएसएमई से 25 फीसदी तक खरीदारी करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीईएम पोर्टल एमएसएमई खंड के लिए एक महान प्रवर्तक साबित हो रहा है।

स्टार्टअप क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशकों में देश में कितनी बिलियन डॉलर कंपनियां बनी हैं, आप उंगलियों पर गिन सकते हैं। लेकिन पिछले 8 साल में 100 से अधिक बिलियन डॉलर कंपनियां खड़ी हुई हैं, जिसमें हर महीने नई कंपनियां जुड़ रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद पहले 10000 स्टार्टअप बनने में 800 दिन का समय लगा था, लेकिन अब इतने स्टार्टअप 200 दिनों से भी कम समय में जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले आठ साल में बनाए गए यूनिकॉर्न का मूल्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका साफ मानना है, उपक्रम चाहे सरकारी हो या फिर प्राइवेट, दोनों देश के ऐसेट हैं, इसलिए सबको समान अवसर मिलना चाहिए। यही सबका प्रयास है। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विश्व स्तरीय सुविधाओं पर उनके दृष्टिकोण और विचारों का परीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मेहनत करने वाले युवाओं को सरकार मंच मुहैया करा रही है। अंत में उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनियां भी समान अवसर पर प्रतिस्पर्धा करेंगी।

परियोजनाओं का विवरण:

बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना (बीएसआरपी) बेंगलुरु शहर को उसके उपनगरों और सैटेलाइट टाउनशिप से जोड़ेगी। इस परियोजना को 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाना है। परियोजना में 4 गलियारों की परिकल्पना की गई है जिनकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर से अधिक है। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी, जिन्हें क्रमशः 500 करोड़ रुपये और 375 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।

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कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैयप्पनहल्ली में भारत के प्रथम वातानुकूलित रेलवे स्टेशन- सर एम. विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे लगभग 315 करोड़ रुपये की कुल लागत से आधुनिक हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री ने उडुपी, मडागांव और रत्नागिरी से इलेक्ट्रिक ट्रेनों को झंडी दिखाकर रोहा (महाराष्ट्र) से ठोकुर (कर्नाटक) तक शत-प्रतिशत विद्युतीकृत कोंकण रेलवे लाइन (लगभग 740 किलोमीटर) को राष्ट्र को समर्पित किया। कोंकण रेलवे लाइन का विद्युतीकरण 1280 करोड़ से अधिक की लागत से किया गया है। प्रधानमंत्री ने अर्सीकेरे से तुमकुरु (लगभग 96 किमी) और येलहंका से पेनुकोंडा (लगभग 120 किमी) क्रमशः यात्री ट्रेनों और एमईएमयू सेवा को हरी झंडी दिखाकर दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। दो रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजनाओं को क्रमशः 750 करोड़ रुपये और 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।

 

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कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना के दो खंडों की आधारशिला भी रखी। 2280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली इस परियोजना से शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने विभिन्न अन्य सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जैसे-एनएच-48 के नेलामंगला-तुमकुर खंड को छह लेन का बनाना, एनएच-73 के पुंजालकट्टे-चारमाड़ी खंड का चौड़ीकरण, एनएच-69 के एक खंड का पुनर्वास और आधुनिकीकरण। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 3150 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री ने मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला भी रखी, जिसे लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुद्दलिंगनहल्ली में विकसित किया जा रहा है। यह परिवहन, हैंडलिंग और द्वितीयक माल ढुलाई लागत को कम करने में मदद करेगा।

 

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  • krishangopal sharma Bjp January 15, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
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  • krishangopal sharma Bjp January 15, 2025

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  • G.shankar Srivastav August 09, 2022

    नमस्ते
  • Chowkidar Margang Tapo August 03, 2022

    naya bharat sashakt bharat
  • Ashvin Patel July 30, 2022

    Good
  • Vivek Kumar Gupta July 26, 2022

    जय जयश्रीराम
  • Vivek Kumar Gupta July 26, 2022

    नमो नमो.
  • Vivek Kumar Gupta July 26, 2022

    जयश्रीराम
  • Vivek Kumar Gupta July 26, 2022

    नमो नमो
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