प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बनासकांठा जिले के दियोदर में एक नया डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है। नया डेयरी कॉम्प्लेक्स एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है। यह प्रतिदिन लगभग 30 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण, लगभग 80 टन मक्खन, एक लाख लीटर आइसक्रीम, 20 टन संघनित दूध (खोया) और 6 टन चॉकलेट का उत्पादन करने में सक्षम होगा। आलू प्रसंस्करण संयंत्र विभिन्न प्रकार के प्रसंस्कृत आलू उत्पादों जैसे फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, आलू टिक्की, पैटी आदि का उत्पादन करेगा, जिनमें से कई उत्पाद अन्य देशों में निर्यात किए जाएंगे। ये संयंत्र स्थानीय किसानों को सशक्त बनाएंगे और क्षेत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को कृषि और पशुपालन से संबंधित प्रमुख वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। उम्मीद है कि रेडियो स्टेशन लगभग 1700 गांवों के 5 लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगा। प्रधानमंत्री ने पालनपुर में बनास डेयरी संयंत्र में पनीर उत्पादों और मट्ठा पाउडर के उत्पादन के लिए विस्तारित सुविधाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही, प्रधानमंत्री ने गुजरात के दामा में स्थापित जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने खिमना, रतनपुरा-भीलडी, राधनपुर और थावर में स्थापित होने वाले 100 टन क्षमता के चार गोबर गैस संयंत्रों की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल शामिल थे।
आयोजन से पहले, प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी के साथ अपने जुड़ाव के बारे में ट्वीट किया तथा 2013 और 2016 में अपनी यात्राओं से तस्वीरें साझा कीं। प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले कई वर्षों में, बनास डेयरी स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने का केंद्र बन गया है। मुझे डेयरी के अभिनव उत्साह पर विशेष रूप से गर्व है जो उनके विभिन्न उत्पादों में देखा जाता है। शहद पर उनका निरंतर ध्यान रखना भी प्रशंसनीय है।" श्री मोदी ने बनासकांठा के लोगों के प्रयासों और भावना की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "मैं बनासकांठा के लोगों की कड़ी मेहनत दृढ़ता की भावना की सराहना करना चाहता हूं। जिस तरह से इस जिले ने कृषि के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है वह काबिले तारीफ है। किसानों ने नई तकनीकों को अपनाया, जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया और परिणाम सभी के सामने हैं।”
I am delighted to be visiting @banasdairy1969 yet again. I had last visited the Dairy in 2016. That time a series of products of the Dairy were launched. I had also visited the Dairy in 2013. Here are glimpses from both programmes. pic.twitter.com/J8xlTPHT6e
— Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2022
प्रधानमंत्री ने आज मां अम्बा जी की पावन भूमि को नमन करके अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने बनास की महिलाओं के आशीर्वाद के बारे में चर्चा की और उनकी अदम्य उत्साह के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां प्रत्यक्ष रूप से महसूस किया जा सकता है कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्था को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, को-ऑपरेटिव मूवमेंट यानि सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत दे सकता है। काशी से संसद सदस्य के रूप में, प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी और बनासकांठा के लोगों को वाराणसी में भी एक परिसर की स्थापना के लिए आभार व्यक्त किया।
बनास डेयरी में गतिविधियों के विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बनास डेयरी संकुल, पनीर और मट्ठा प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि आलू, शहद और अन्य संबंधित उत्पाद किसानों की किस्मत बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वोकल फॉर लोकल अभियान पर जोर देने के साथ-साथ खाद्य तेल और मूंगफली के रूप में भी डेयरी का विस्तार कर रहा है। उन्होंने गोवर्धन में डेयरी की परियोजनाओं की प्रशंसा की और पूरे देश में ऐसे संयंत्र स्थापित करके कचरे से कंचन पैदा करने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए डेयरी परियोजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है, तीसरा, गोबर से बायो- सीएनजी और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं। चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है और प्राकृतिक खाद से धरती की रक्षा करने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास हमारे गांवों और हमारी महिलाओं को मजबूत करते हैं और धरती मां की रक्षा करते हैं।
गुजरात द्वारा की गई प्रगति पर गर्व व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कल विद्या समीक्षा केंद्र के अपने दौरे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह केंद्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आज यह केंद्र गुजरात के 54000 स्कूलों, 4.5 लाख शिक्षकों और 1.5 करोड़ छात्रों की ताकत का एक जीवंत केंद्र बन गया है। यह केंद्र एआई, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स से लैस है। इस पहल के माध्यम से किए गए उपायों से स्कूलों में उपस्थिति में 26 प्रतिशत का सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं से देश के शिक्षा परिदृश्य में दूरगामी परिवर्तन हो सकते हैं और शिक्षा से संबंधित हितधारकों, अधिकारियों और अन्य राज्यों को इस प्रकार के संयंत्र का अध्ययन करने और उसे अपनाने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने गुजराती में भी बात की। उन्होंने एक बार फिर बनास डेयरी द्वारा की गई प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की और बनास की महिलाओं के उत्साह की सराहना की। उन्होंने बनासकांठा की महिलाओं को नमन किया जो अपने मवेशियों की देखभाल अपने बच्चों के रूप में करती हैं। प्रधानमंत्री ने बनासकांठा के लोगों के लिए अपने प्यार को दोहराया और कहा कि वह जहां भी जाएंगे, हमेशा उनसे जुड़े रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं आपके खेतों में एक साथी की तरह आपके साथ रहूंगा।"
उन्होंने कहा कि बनास डेयरी ने देश में एक नई आर्थिक ताकत का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बनास डेयरी आंदोलन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा (सोमनाथ से जगन्नाथ), आंध्र प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में किसानों और पशुपालक समुदायों की मदद कर रहा है। डेयरी आज किसानों की आय में योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि 8.5 लाख करोड़ रुपये के दुग्ध उत्पादन के साथ, डेयरी पारंपरिक खाद्यान्नों की तुलना में किसानों की आय के एक बड़े माध्यम के रूप में उभर रही है, खासकर जहां भूमि जोत छोटी है और स्थितियां कठिन हैं। किसानों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, जबकि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया था कि एक रुपये में केवल 15 पैसे ही लाभार्थी तक पहुंचे हैं।
प्राकृतिक खेती पर अपनी ओर से फिर से जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने बनासकांठा के जल संरक्षण और ड्रिप सिंचाई को याद किया। उन्होंने उनसे कहा कि पानी को प्रसाद और सोना मानकर वे आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष 2023 में स्वतंत्रता दिवस तक 75 भव्य सरोवरों का निर्माण करें।
भारत में गांव की अर्थव्यवस्था को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, Co-operative movement यानि सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत दे सकता है, ये सबकुछ यहां प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है: PM @narendramodi at Banas Dairy— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
बनास डेयरी संकुल, Cheese और Whey प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
आज यहां एक बायो-CNG प्लांट का लोकार्पण किया गया है और 4 गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है।
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है।
ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है: PM @narendramodi
तीसरा, गोबर से बायो-CNG और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है: PM @narendramodi
गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है,
दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है: PM @narendramodi
गुजरात आज सफलता की जिस ऊंचाई पर है, विकास की जिस ऊंचाई पर है वो हर गुजराती को गर्व से भर देता है।
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2022
इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में किया।
गुजरात के बच्चों के भविष्य को, हमारी आने वाली पीढ़ियों को संवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक ताकत बन रहा है: PM