"दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्य बीमा के बारे में बात की जाती है लेकिन भारत इससे आगे बढ़ रहा है और बेहतर स्वास्थ्य का आश्वासन दे रहा है"
"हमारी योजनाएं आज सीधे आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करती हैं"
"जब देश के नागरिक सशक्त होते हैं, तो देश शक्तिशाली बनता है"
“आयुष्मान कार्ड 5 लाख रुपये का एटीएम है। यह एक ऐसा एटीएम कार्ड है जो हर साल मुफ्त इलाज का लाभ देता रहेगा”
"30-40 साल की अवधि में 1.5-2 करोड़ के इलाज की गारंटी है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गुजरात में पीएमजेएवाई-एमए योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पीएमजेएवाई-एमए योजना आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों से भी बातचीत की।

बनासकांठा के तुवार के श्री पीयूषभाई के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनके परिवार और हाल में उनकी स्वास्थ्य की स्थितियों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री को यह जानकर खुशी हुई कि आयुष्मान भारत योजना ने उन्हें एक नया जीवनदान दिया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार हमेशा उन्हीं की तरह सभी लोगों का ख्याल रखेगी।

प्रधानमंत्री ने महिसागर के श्री डामोर लालाभाई सोमाभाई से बातचीत की और पूछा कि क्या उनके कैंसर का इलाज ठीक से हो रहा है। प्रधानमंत्री को इस बात से प्रसन्नता हुई कि श्री डामोर का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया और उन्हें एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ा। उन्होंने श्री डामोर से तंबाकू छोड़ने का संकल्प लेने का भी आग्रह किया और उन्हें इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा।

गांधीनगर में दर्जी श्रीमती रमीलाबेन ने प्रधानमंत्री को बताया कि यदि आयुष्मान कार्ड उपलब्ध नहीं होता, तो उन्हें अपने इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ता और संभावना थी कि वह ऑपरेशन न करवा पाती। प्रधानमंत्री इस बात से खुश हुए कि माताएं और बहनें इस योजना का लाभ उठा रही हैं।

सभा को अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में इतना बड़ा आयोजन धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले हो रहा है। उन्होंने इसे एक संयोग बताया कि धनतेरस निकट है और इस अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जिन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता माना जाता है। शास्त्रों का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने "आरोग्यं परम भाग्यम" मंत्र का जाप किया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के लाखों लोगों को आरोग्य धन देने के लिए इतने बड़े पैमाने पर आयोजन हो रहा है।

'सर्वे संतु निरामय' यानी सभी लोगों के रोगों से मुक्त होने की कामना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना का उद्देश्य सभी के लिए स्वास्थ्य है। प्रधानमंत्री ने राज्य में लोगों को 50 लाख कार्ड बांटने के अभियान की व्यापकता की सराहना की। यह गुजरात सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण है। श्री मोदी ने कहा, "हम दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्य बीमा के बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन भारत इससे आगे बढ़कर, बेहतर स्वास्थ्य का आश्वासन दे रहा रहा है।"

प्रधानमंत्री ने बदली हुई राजनीतिक सोच और कार्य संस्कृति पर भी प्रकाश डाला। पहले की सरकारों में आम आदमी के हित की योजनाएं महज औपचारिकता बनकर रह गई थीं। इन योजनाओं पर जो पैसा खर्च किया गया वह एक खास क्षेत्र और राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर किया गया। उन्होंने कहा, “इस स्थिति को बदलना आवश्यक था और हमने इस बदलाव का बीड़ा उठाया। आज जब योजना बनाई जाती है, तो हम सबसे पहले आम नागरिकों की स्थिति का अध्ययन करते हैं और उनकी जरूरतों का अध्ययन करते हैं।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "हमारी आज की योजनाएं सीधे आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करती हैं"

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, "जब देश के नागरिक सशक्त होते हैं, तो देश शक्तिशाली बनता है। इसलिए हमने आम नागरिक, खासकर देश की महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।” उन्होंने इस दृष्टिकोण के उदाहरण के रूप में मुफ्त गैस कनेक्शन, पक्के घर, शौचालय, मुफ्त राशन और नल द्वारा पेय जल आपूर्ति की सुविधा को गिनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में अब तक करीब 4 करोड़ गरीब मरीज इस योजना के तहत आरोग्य का लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें से करीब 50 लाख गरीब मरीज गुजरात के हैं। अपनी सरकार के संकल्प के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने इन लाभार्थियों के इलाज के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। यह देखते हुए कि इस योजना के बाहर इलाज कराने के लिए लाभार्थियों की जेब से पैसा खर्च किया जाता, प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि आयुष्मान भारत के लाभार्थियों में से आधे में मेरी मां और बहनें हैं। श्री मोदी ने कहा कि ये माताएं और बहनें परिवार के हित में अपनी बीमारियों को छुपाती थीं और पीड़ित होती थीं, क्योंकि उन्हें उस कर्ज से डर लगता था जो इलाज पर अधिक खर्च के कारण लेना पड़ता। उन्होंने कहा, “आयुष्मान भारत योजना ने गरीब माताओं और बहनों को भी इस समस्या से मुक्त किया है। यह एक ऐसा एटीएम कार्ड है जो हर साल लाभ देता रहेगा।'' उन्होंने इस लाभ के बारे में विस्तार से बताया कि अगर कोई व्यक्ति 30-40 साल तक जीवित रहेगा तो उस अवधि में 1.5-2 करोड़ रुपये के इलाज की गारंटी होगी। उन्होंने कहा, "आयुष्मान कार्ड आपका सच्चा दोस्त होगा, सबसे बड़ा संकटमोचक होगा।”

प्रधानमंत्री ने याद किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने चिरंजीवी, बालभोग और खिलखिलाहट योजनाओं की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री अमृतम कई साल पहले गुजरात में शुरू किया गया था। पीएमजेएवाई-एमए की शुरुआत से गुजरात के लोग गुजरात के बाहर भी मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकेंगे।

पृष्ठभूमि

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में, प्रधानमंत्री ने गरीब नागरिकों को चिकित्सा उपचार और बीमारी की भयावह लागत से बचाने के लिए 2012 में 'मुख्यमंत्री अमृतम (एमए)' योजना शुरू की थी। वर्ष 2014 में, 4 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा वाले परिवारों को कवर करने के लिए 'एमए' योजना का विस्तार किया गया था। इस योजना को आगे कई अन्य समूहों में भी विस्तारित किया गया और बाद में मुख्यमंत्री अमृतम वात्सल्य (एमएवी) योजना के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया।

इस योजना की सफलता के अनुभव से आकर्षित होकर, प्रधानमंत्री ने 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की शुरुआत की। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत परिवार के आकार और उम्र पर किसी सीमा के बिना प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए लोगों को प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान किया जाता है। एबी-पीएमजेएवाई के शुभारंभ के साथ, गुजरात ने 2019 में एबी-पीएमजेएवाई योजना के साथ पीएमजेएवाई-एमए योजना के साथ एमए/एमएवी योजना को एकीकृत किया। इससे एमए/एमएवी और एबी-पीएमजेएवाई के लाभार्थी सह-ब्रांडेड पीएमजेएवाई-एमए कार्ड के लिए पात्र बन गए।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने इन कार्डों के वितरण की शुरुआत की, जिसके बाद लाभार्थियों के ई-केवाईसी करने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की पैनल वाली एजेंसियों द्वारा पूरे गुजरात में सभी लाभार्थियों को 50 लाख रंगीन आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए।

 

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.