प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एसोचैम, फिक्की, सीआईआई और देश भर के 18 शहरों के कई स्थानीय चैंबरों के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैसे तो सरकार देश में आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन ‘कोविड-19’ के रूप में उत्‍पन्‍न एक अप्रत्याशित बाधा से अर्थव्यवस्था को जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से उत्पन्न चुनौती यहां तक कि विश्व युद्धों के दौरान उत्‍पन्‍न हुए हालात से भी काफी गंभीर है और इसको फैलने से रोकने के लिए हमें निरंतर सतर्क रहने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार विश्वास है और विश्‍वास का एक अद्वितीय पैमाना होता है। इसे गंभीर संकट की स्थिति अथवा चुनौतीपूर्ण हालात में या तो अर्जित किया जाता है या गंवा दिया जाता है। विश्वास के मापदंड अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्‍टरों या क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड -19 से अनौपचारिक सेक्‍टर सहित पर्यटन, निर्माण, आतिथ्य और दैनिक जीवन की व्यस्तता जैसे कई सेक्‍टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आने वाले कुछ समय तक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव महसूस किया जाएगा।

उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस खतरे से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाने और त्‍वरित एवं सक्रिय कार्रवाई करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आवश्यक वस्तुओं और वेंटिलेटर सहित चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति बनाए रखने, आइसोलेशन वार्डों के निर्माण में सहायता करने, कोविड -19 का मुकाबला करने के लिए सीएसआर निधियों का उपयोग करने और प्रवासी मजदूरों की सहायता के प्रावधानों के बारे में अपने द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।

उन्होंने बैंकिंग, वित्त, आतिथ्य, पर्यटन, अवसंरचना जैसे क्षेत्रों के समक्ष आ रही विशिष्ट समस्‍याओं के बारे में चर्चा की तथा वित्तीय और राजकोषीय सहायता के माध्यम से इन चुनौतियों से निपटने में सहायताप्रदान करने का अनुरोध किया। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आर्थिक नुकसान के बावजूद, लॉकडाउन किए जाने के महत्व की सराहना भी की।

प्रधानमंत्री ने असंगठित क्षेत्र की जरूरतों पर एक स्वर में आवाज उठाने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का आभार प्रकट किया और कहा कि यह आर्थिक एकीकरण की दिशा में एक नई शुरुआत है। प्रधानमंत्री ने इन प्रतिनिधियां से जहां भी प्रौद्योगिकी के उपयोग से संभव हो सके, वहां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और अपने कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के बावजूद कार्यबल में कटौती नहीं करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि इस समय आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन प्रभावित न हो तथा कालाबाजारी और जमाखोरी पर रोक लगाई जाए। प्रधानमंत्री ने कारखानों, कार्यालयों और कार्यस्थल पर कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए उन्‍हें ‘स्वच्छता’के महत्व की याद दिलायी और चिकित्सकीय सलाह का अनुसरण करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रसार को रोकने की हमारी लड़ाई में सामाजिक तौर पर दूरी बनाए रखना हमारा सबसे बड़ा हथियार है। प्रधानमंत्री नेइन प्रतिनिधियों से ऐसे कठिन समय में महामारी से संबंधित मानवीय कारणों के लिए अपनी सीएसआर निधियों का उपयोग करने का भी अनुरोध किया।

इस बातचीत में प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव तथा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग सचिव ने भी भाग लिया।

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Prime Minister meets with Crown Prince of Kuwait
December 22, 2024

​Prime Minister Shri Narendra Modi met today with His Highness Sheikh Sabah Al-Khaled Al-Hamad Al-Mubarak Al-Sabah, Crown Prince of the State of Kuwait. Prime Minister fondly recalled his recent meeting with His Highness the Crown Prince on the margins of the UNGA session in September 2024.

Prime Minister conveyed that India attaches utmost importance to its bilateral relations with Kuwait. The leaders acknowledged that bilateral relations were progressing well and welcomed their elevation to a Strategic Partnership. They emphasized on close coordination between both sides in the UN and other multilateral fora. Prime Minister expressed confidence that India-GCC relations will be further strengthened under the Presidency of Kuwait.

⁠Prime Minister invited His Highness the Crown Prince of Kuwait to visit India at a mutually convenient date.

His Highness the Crown Prince of Kuwait hosted a banquet in honour of Prime Minister.