Quoteपरिवर्तन करने के लिए अपने अंतर्गत आने वाले सभी पुलिस स्टेशनों की एक सूची बनाएं, आप व्यक्ति को बदल भी सकते हैं और नहीं भी लेकिन निश्चित रूप से आप सिस्टम और वातावरण को बदल सकते हैं: आईपीएस अधिकारियों से प्रधानमंत्री मोदी
Quoteपीएम मोदी ने हमारे पुलिस स्टेशनों की संस्कृति को बदलने और इन्हें सामाजिक विश्वास के केंद्र बनाने पर जोर दिया
Quoteहमने कभी अपने पुलिस स्टेशनों की संस्कृति पर जोर दिया है, हमारे पुलिस स्टेशन सामाजिक विश्वास के केंद्र कैसे बनने चाहिए: आईपीएस अधिकारियों से प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपी एनपीए) में 'दीक्षांत परेड कार्यक्रम' के दौरान आईपीएस प्रशिक्षुओं के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह अकादमी से पास आउट हो चुके युवा आईपीएस अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बातचीत करते हैं लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण वह उनसे मिलने में असमर्थ रहे। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि अपने इस कार्यकाल के दौरान मैं निश्चित रूप से आप सभी से कहीं मिलूंगा।

पीएम ने आईपीएस प्रशिक्षुओं (काम सीखने के लिए नियुक्त लोगों) को सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा करने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि युवा आईपीएस अधिकारियों को अपनी वर्दी की ताकत धूमिल करने की बजाय उस पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी खाकी वर्दी के लिए सम्मान कभी कम मत होने देना। उन्होंने कहा कि खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की वजह से आम लोगों के मन मस्तिष्क में खाकी वर्दी के ‘मानवीय’ चेहरे को उकेरा गया है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आईपीएस प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक आप इस सुरक्षात्मक माहौल में एक प्रशिक्षु थे लेकिन, इस अकादमी से बाहर निकलते ही रातों-रात स्थिति बदल जाएगी। आपके प्रति लोगों का नजरिया बदल जाएगा। सतर्क रहें, जो पहली धारणा बनती है वही आख़िर तक बनी रहती है। जहां भी आपको स्थानांतरित किया जाएगा आपकी छवि भी आपके साथ वहां पहुंच जाएगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आईपीएस प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि वे अनाज में लगे भूसे की पहचान करने का कौशल विकसित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने कान बंद नहीं रखें बल्कि जो सुनें उसमें से काम की चीजें छांटने की कला विकसित करें। अपने कानों पर ताले न लगाएं बल्कि वहां एक फिल्टर लगाएं। जब छंटी हुई बातें दिमाग में जाएंगी तो यह आपकी मदद करेगी, कचरे को दूर करेगी और आपके दिल को साफ रखेगी।

प्रधानमंत्री ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि जहां भी उनकी तैनाती हो, वहां की हर बात से वे अपनापन और गर्व की भावना विकसित करें। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे आम जनता के प्रति दया का भाव रखें। उन्होंने कहा कि डरा-धमका कर लोगों को नियंत्रित करने के बजाय करुणा के माध्यम से लोगों का दिल जीतना लंबे समय तक काम करता है।

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान उभर कर सामने आए पुलिस के'मानवीय'पक्ष कीसराहना की।

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प्रधानमंत्री ने अपराध से जुड़ी समस्या का हल करने में पुलिस की सूझबूझ के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी के महत्व को ध्यान में रखते हुए अधिकतम संभव सीमा तक प्रौद्योगिकी का भी उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जानकारी, वृहद डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी को बड़ी संपत्ति बताया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने आपदा के दौरान जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे पुलिस सेवा को एक नई पहचान मिली है। श्री मोदी ने उनसे अपने क्षेत्रों में एनडीआरएफ समूहों को संगठित करने और प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर दिया कि कभी भी उनके प्रशिक्षण को कम मत समझा जाय। प्रधानमंत्री ने उस मानसिकता से बाहर निकलने का आग्रह किया कि प्रशिक्षण की पोस्टिंग एक सजा है।

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो दिन पहले मिशन कर्मयोगी की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि यह हमारी 7 दशक पुरानी सिविल सेवा में क्षमता निर्माण और कार्य के प्रति दृष्टिकोण दोनों में एक बड़ा सुधार है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव नियम आधारित दृष्टिकोण से भूमिका आधारित दृष्टिकोण का है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे प्रतिभाओं का पता लगाने और प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह सही व्यक्ति को सही भूमिका में रखने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से कहा कि आपका वह पेशा है जिसमें कुछ अप्रत्याशित का सामना करने के मौके बहुत अधिक हैं और आप सभी को इसके लिए सतर्क और तैयार रहना चाहिए। ऐसे काम में काफी तनाव रहता है और इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि आप अपने नजदीकी संबंधियों और प्रिय लोगों के साथ बातचीत करते रहें। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं को सुझाव देते हुए कहा कि छुट्टी के दिन समय-समय पर आप किसी शिक्षक या किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें जिसकी सलाह को आप महत्व देते हैं।

पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने पुलिस विभाग में तंदुरूस्ती (फिटनेस) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विकसित तंदुरूस्ती को बनाए रखना होगा। यदि आप फिट होंगे, तो आपके आसपास के सहयोगी साथी भी फिट होंगे, वे आपको देखकर प्रेरित होंगे।

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प्रधानमंत्री ने गीता के उस श्लोक को ध्यान में रखने का आग्रह किया जिसमें कहा गया है कि लोग महान लोगों द्वारा निर्धारित उदाहरणों का पालन करते हैं।

“यत्, यत् आचरति, श्रेष्ठः,

तत्, तत्,एव,इतरः,जनः,

सः,यत्,प्रमाणम्,कुरुते,लोकः,

तत्, अनुवर्तते।

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कैबिनेट ने भारतीय रेलवे में विभिन्न राज्यों को कवर करने वाले दो मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी
June 11, 2025
Quoteइन पहलों से यात्रा सुविधा में सुधार होगा, लॉजिस्टिक लागत घटेगी, तेल आयात में कमी और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट आएगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल प्रचालन को बढ़ावा मिलेगा
Quoteइन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 6,405 करोड़ रुपये है
Quoteनिर्माण के दौरान इन परियोजनाओं से लगभग 108 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

1. कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण (133 किलोमीटर) – यह परियोजना खंड झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है। इसके अतिरिक्त, यह पटना और रांची के बीच सबसे छोटा और अधिक कुशल रेल संपर्क है।

2. बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण (185 किलोमीटर) - परियोजना लाइन कर्नाटक के बेल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है।

बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेल के लिए प्रचालनगत दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इन मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से प्रचालन सुव्यवस्थित होगा और भीड़भाड़ में कमी आएगी। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को "आत्मनिर्भर" बनाएगी, जिससे उनके लिए रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और ये लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों को शामिल करने वाली ये दो परियोजनाएं भारतीय रेल के विद्यमान नेटवर्क को लगभग 318 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।

अनुमोदित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 1,408 गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 28.19 लाख है।

कोयला, लौह अयस्क, परिष्कृत इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए ये आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 49 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे पर्यावरण का अनुकूल और ऊर्जा सक्षम साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को अर्जित करने और देश की लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने, तेल आयात (52 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन (264 करोड़ किलोग्राम), जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है, को कम करने में मदद मिलेगी।