प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिवमोगा में हक्की पिक्की जनजाति के सदस्यों के साथ बातचीत की, जिन्हें 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत सूडान से निकाला गया था।
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विस्थापितों ने उनकी समय पर और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों के लिए प्रधानमंत्री को बहुत धन्यवाद दिया। उन्होंने सूडान में कठिन परिस्थितियों का सामना करने तथा सरकार और भारतीय दूतावास द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
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उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें एक खरोंच भी नहीं आए और यह सब प्रधानमंत्री के प्रयासों के कारण हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दिल से यह महसूस होता है कि वे डबल इंजन नहीं बल्कि ट्रिपल इंजन की ताकत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे इस समुदाय के पूर्वज महाराणा प्रताप के साथ खड़े थे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में अगर कोई भारतीय, किसी भी तरह की मुश्किल में है तो सरकार तब तक चैन से नहीं बैठती है, जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि कुछ राजनेताओं ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की और हमारी चिंता यह थी कि अगर वे यह उजागर करते हैं कि भारतीय कहाँ छिपे हैं, तो उन्हें बड़ा खतरा हो सकता है। इसलिए सरकार ने सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चुपचाप अपना काम किया। पीएम ने हक्की पिक्की समुदाय के उपस्थित लोगों से देश की उस ताकत को याद रखने को कहा जो उनके लिए खड़ी हुई है। उन्होंने उनसे मुसीबत में पड़े लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने और समाज और देश के लिए योगदान देने को कहा।
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उपस्थित समूह ने पीएम को यह भी बताया कि कैसे विदेशों में लोग भारतीय चिकित्सा में विश्वास करते हैं और यह सुनकर खुश हो जाते हैं कि वे भारत से हैं।
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