"यह अब समय की मांग है कि युवाओं में विज्ञान के प्रति और अधिक रूचि पैदा की जाए।" प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इसके लिए हमें 'इतिहास का विज्ञान' और 'विज्ञान का इतिहास' अच्छी तरह ज्ञात होना चाहिए। वैभव सम्मेलन एक वर्चुअल सम्मेलन है, जिसमें भारतीय और भारतीय मूल के प्रवासी अनुसंधानकर्ता तथा शिक्षाविद हिस्सा ले रहे हैं।

वैभव सम्मेलन 2020 भारत और दुनिया में विज्ञान तथा नवाचार का उत्सव मनाने के लिए है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस आयोजन को विज्ञानी मस्तिष्कों के वास्तविक संगम की संज्ञा दूंगा, जहां पर हम सभी भारत और हमारे इस ग्रह को सशक्त करने के लिए दूरगामी साझेदारी विकसित करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने वैज्ञानिक शोध और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अनेक उपाय किए हैं क्योंकि विज्ञान एक ऐसा क्षेत्र है जो सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

प्रधानमंत्री ने भारत के टीका विकसित करने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि टीका विकसित करने और इसे क्रियान्वित करने यानि टीकाकरण कार्यक्रम के लिए भारत में महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि टीका उत्पादन में लंबा ब्रेक तोड़ा गया। वर्ष 2014 में हमारे टीकाकरण कार्यक्रम में 4 नए टीके शामिल किए गए जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित रोटा वैक्सीन भी शामिल थी।

उन्होंने वर्ष 2025 तक भारत से ट्यूबरकुलोसिस यानी क्षयरोग के समूल खात्मे के महत्वकांक्षी मिशन का जिक्र किया जो कि विश्व के लक्ष्य से 5 वर्ष पहले है।

श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख किया, जो तीन दशक बाद लाई गई है और इसे तैयार करने में राष्ट्रव्यापी परामर्श और विचार विमर्श किया गया है। नई शिक्षा नीति का लक्ष्य विज्ञान के प्रति जिज्ञासा को बढ़ावा देना और बहुप्रतीक्षित वैज्ञानिक शोधों को तेज करना है। यह युवा प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए मुक्त और व्यापक अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराएगी।

प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष सुधारों का उल्लेख किया, जिससे भारत में उद्योगों और शिक्षाविदों के लिए व्यापक अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने लेजर इंटरफ़रोमीटर, ग्रेविटेशनल वेव ओब्जर्वेटरी, सीईआरएन और इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आइटीईआर) में भारत की साझेदारी का जिक्र करते हुए वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक शोध और विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों के महत्व को रेखांकित।

उन्होंने भारत के सुपर कंप्यूटर और साइबर फिजिकल सिस्टम जैसे बड़े वैज्ञानिक मिशनों का जिक्र किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक सेंसर और बड़े पैमाने पर डाटा विश्लेषण के क्षेत्र में बुनियादी शोध पर उन्होंने कहा कि इससे भारत में विनिर्माण क्षेत्र और नवाचार क्षेत्र को तेज़ी से प्रगति करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भारत में 25 इनोवेशन तकनीकी हब पहले ही आरंभ किए जा चुके हैं और कहा कि यह स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने किसानों की मदद के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान की अपेक्षा करता है। उन्होंने दालों और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत प्रगति करता है तो विश्व प्रगति करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपस में जुड़ने और योगदान देने के लिए एक वैभव महान अवसर उपलब्ध कराता है। जब भारत समृद्ध होगा तो विश्व को भी इसका लाभ पहुंचेगा। वैभव सम्मेलन को महान बुद्धिजीवियों का संगम कहते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रयास परंपरा और आधुनिकता को मिलाते हुए एक ऐसा आदर्श शोध वातावरण सृजित करेंगे जिससे संपन्नता आएगी। यह आदान-प्रदान निश्चित रूप से उपयोगी होंगे और शिक्षण तथा अनुसंधान में उपयोगी साझेदारी का नेतृत्व करेंगे। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के यह प्रयास अनुसंधान के लिए आदर्श इकोसिस्टम सृजित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अप्रवासी भारतीय विश्व मंच पर भारत के उत्कृष्ट दूत हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए और सुरक्षित तथा संपन्न भविष्य निर्माण के सपने को यथार्थ करने पर केंद्रित होना चाहिए। भारत अपने किसानों की मदद के लिए उच्च श्रेणी के वैज्ञानिक शोधों का इच्छुक है। इस सम्मेलन से शिक्षण और शोध हेतु उपयोगी साझेदारी का मार्ग प्रशस्त होगा। अप्रवासी भारतीयों के प्रयास निश्चित तौर पर आदर्श शोध इकोसिस्टम के निर्माण में मददगार होंगे।

वैभव सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के नेतृत्व में 200 भारतीय शैक्षिक संस्थानों और एसएंडटी द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दुनिया के 55 देशों के भारतीय मूल के 3000 अप्रवासी शिक्षाविद् तथा वैज्ञानिक और 10,000 भारतीय शिक्षाविद एवं वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें 40 देशों के लगभग 700 अप्रवासी विशेषज्ञ तथा भारतीय शिक्षण संस्थानों और एसएंडटी विभागों के 629 भारतीय विशेषज्ञ 18 मुख्य विषयों पर 80 उप-शीर्षक में 213 सत्र को संबोधित करेंगे।

यह सत्र 3 अक्टूबर से शुरू होंगे और 25 अक्टूबर, 2020 तक चलेंगे और उसके बाद विभिन्न अलग-अलग सत्रों से निकले निष्कर्षों को 28 अक्टूबर को समायोजित किया जाएगा। सम्मेलन का समापन सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर, 2020 को होगा। लगभग एक माह लंबा चलने वाले इस सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंस तथा विभिन्न वेबिनार्स के माध्यम से अप्रवासी और भारतीय नव उद्यमियों के बीच परामर्श का अवसर मिलेगा।

जिन प्रमुख एसएंडटी क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया जाएगा उनमें कंप्यूटेशनल साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन, क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, मैटेरियल एंड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, अर्थ साइंस, एनर्जी, एनवायरनमेंटल साइंस और मैनेजमेंट शामिल हैं।

इस सम्मेलन का उद्देश्य समग्र विकास के समक्ष उभरती नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक भारतीय शोधकर्ताओं के ज्ञान और उनकी विशेषज्ञता की मदद से एक समग्र खाका तैयार करना है। यह सम्मेलन भारतीय और वैश्विक शिक्षाविदों तथा वैज्ञानिकों के बीच साझेदारी का एक ऐसा मंच होगा जिसकी मदद से वैश्विक विज्ञान के ज्ञान से देश में ज्ञान और नवाचार के एक नए इकोसिस्टम एक नई व्यवस्था की रचना होगी।

प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर की विजयराघवन, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, सिंगापुर, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, ब्राजील और स्विट्जरलैंड समेत दुनिया के 16 अन्य देशों के साथ मिलकर तकनीकी और विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं, जिसमें कंप्यूटिंग और कम्युनिकेशन, सोनो केमिस्ट्री, हाई एनर्जी फिजिक्स, मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, जियो साइन्स, क्लाइमेट चेंज, माइक्रोबायोलॉजी, आईटी सिक्योरिटी, नैनो मैंटीरियल्स, स्मार्ट विलेजेज़ और मैथमेटिकल साइंस शामिल हैं। उन्होंने उद्घाटन सत्र के अवसर पर प्रधानमंत्री को इस बारे में जानकारी दी।

  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

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  • Durga Parmar November 03, 2024

    jay shree ram
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 13, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
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जापान-भारत व्यापार सहयोग समिति के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की
March 05, 2025
Quoteजापानी प्रतिनिधिमंडल में विनिर्माण, बैंकिंग, एयरलाइंस, फार्मा क्षेत्र, इंजीनियरिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों के कॉर्पोरेट घरानों के प्रतिनिधि शामिल
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के प्रति जापान की मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की

जापान-भारत व्यापार सहयोग समिति (जेआईबीसीसी) के 17 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने अपने अध्यक्ष श्री तात्सुओ यासुनागा के नेतृत्व में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में विनिर्माण, बैंकिंग, एयरलाइंस, फार्मा सेक्टर, प्लांट इंजीनियरिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों के प्रमुख जापानी कॉर्पोरेट घरानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।

श्री यासुनागा ने प्रधानमंत्री को अपनी भारतीय समकक्ष, भारत-जापान व्यापार सहयोग समिति के साथ जापान-भारत व्यापार सहयोग समिति की आगामी 48वीं संयुक्त बैठक के बारे में जानकारी दी। यह बैठक 06 मार्च 2025 को नई दिल्ली में होने वाली है। चर्चा में भारत में उच्च गुणवत्ता, कम लागत वाले विनिर्माण, अफ्रीका पर विशेष ध्यान देने के साथ वैश्विक बाजारों के लिए विनिर्माण का विस्तार और मानव संसाधन विकास तथा आदान-प्रदान को बढ़ाने सहित प्रमुख क्षेत्र शामिल रहे।

प्रधानमंत्री ने भारत में जापानी व्यवसायों की विस्तार योजनाओं और 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कौशल विकास में बढ़े हुए सहयोग के महत्व पर भी बल दिया, जो भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बना हुआ है।