'जो बीज मैंने 12 साल पहले बोया था, वह आज एक विशाल वटवृक्ष का आकार ले चुका है'
'भारत न रुकने वाला है और न थकने वाला है'
‘नए भारत के हर अभियान की जिम्मेदारी भारत के युवाओं ने खुद आगे बढ़कर उठाई है'
'सफलता का एक ही मंत्र है- दीर्घकालिक योजना और निरंतर प्रतिबद्धता'
'हमने देश की प्रतिभाओं को पहचानना शुरू किया और उन्हें हर जरूरी सहयोग दिया'

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद में 11वें खेल महाकुंभ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल भी उपस्थित थे।

प्रारंभ में ही, प्रधानमंत्री ने स्टेडियम में मौजूद युवाओं को देख उनके जोश के सागर और उत्साह की लहरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ खेल महाकुंभ नहीं बल्कि गुजरात की युवा शक्ति का महाकुंभ भी है। प्रधानमंत्री के भाषण से पहले एक भव्य समारोह आयोजित हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण महाकुंभ दो साल तक नहीं हुआ लेकिन इस भव्य आयोजन ने खिलाड़ियों को नए आत्मविश्वास और ऊर्जा से भर दिया है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में इस गेम्स की शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा, '12 साल पहले मैंने जो बीज बोया था, वह आज एक भव्य वटवृक्ष बन गया है।' 2010 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 16 खेलों और 13 लाख प्रतिभागियों के साथ शुरू हुए खेल महाकुंभ में आज 36 खेल और 26 पैरा स्पोर्ट्स शामिल हैं। 11वें खेल महाकुंभ के लिए 45 लाख से ज्यादा खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है।

 

श्री मोदी ने कहा कि पहले भारतीय खेल जगत में एक-दो खेलों का ही बोलबाला था और पारंपरिक खेलों की उपेक्षा की जाती थी। खेलों में भी भाई-भतीजावाद घुस गया था और खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की भारी कमी थी। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा परेशानियों से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर आज भारत के युवा आसमान छू रहे हैं। सोने और चांदी की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक जैसे आयोजनों में रिकॉर्ड संख्या में पदक जीत रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के युवाओं पर पूरा भरोसा है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, 'भारत ने टोक्यो ओलंपिक में पहली बार 7 पदक जीते। यही रिकॉर्ड भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो पैरालंपिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। लेकिन, यह महज एक शुरुआत है। भारत न रुकने वाला है और न ही थकने वाला है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्र बता रहे हैं कि उन्होंने तिरंगे की आन बान शान का कैसा अनुभव किया है। इसी तरह, स्पोर्ट्स पोडियम पर भी वही गर्व और देशभक्ति दिखाई देती है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के नेतृत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, 'स्टार्टअप इंडिया से लेकर आज स्टैंडअप इंडिया तक। मेक इन इंडिया से लेकर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल तक, नए भारत के हर अभियान की जिम्मेदारी भारत के युवाओं ने खुद आगे बढ़कर उठाई है। हमारे युवाओं ने भारत के सामर्थ्य को साबित करके दिखाया है।' प्रधानमंत्री ने युवाओं को सलाह दी कि सफलता के लिए कभी कोई शॉर्ट कट मत खोजिएगा। शॉर्ट कट का रास्ता थोड़े समय के लिए होता है। उन्होंने कहा, 'सफलता का केवल एक ही मंत्र है- दीर्घकालिक योजना और निरंतर प्रतिबद्धता। न तो एक जीत कभी हमारा आखिरी पड़ाव हो सकती है, न एक हार।'

खेलों में सफलता के लिए 360 डिग्री दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भारत समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है।' खेलो इंडिया कार्यक्रम इसी सोच का एक अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा, 'हमने देश की प्रतिभाओं को पहचानना, उन्हें हर जरूरी सहयोग देना शुरू किया। प्रतिभा होने के बावजूद हमारे युवा ट्रेनिंग के अभाव में पीछे रह जाते थे। आज बेहतर से बेहतर ट्रेनिंग सुविधाएं खिलाड़ियों को दी जा रही हैं।' पिछले 7-8 वर्षों में खेल के बजट में 70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। खिलाड़ियों के साथ-साथ कोचों के लिए भी प्रोत्साहन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने खेलों को एक व्यवहार्य करियर के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रगति की बात की। कोचिंग, प्रबंधन, प्रशिक्षक, आहार विशेषज्ञ, खेल लेखन आदि जैसी कई स्ट्रीम्स हैं, जो इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं द्वारा अपनाई जा सकती हैं। मणिपुर और मेरठ में खेल विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं और कई संस्थानों में खेल पाठ्यक्रम शुरू हो रहे हैं। उन्होंने विशाल समुद्री तट देखते हुए बीच और वॉटर स्पोर्ट्स पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों में खेलों को बढ़ावा देने की अपील की।

खेल महाकुंभ ने गुजरात में खेल ईकोसिस्टम में क्रांति ला दी है। कोई आयु सीमा नहीं होने के कारण, इसमें राज्यभर के लोगों की भागीदारी देखी जाती है जो एक महीने की अवधि में विभिन्न आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह कबड्डी, खो-खो, रस्साकशी, योगासन, मल्लखंभ जैसे पारंपरिक खेलों और कलात्मक स्केटिंग, टेनिस और तलवारबाजी जैसे आधुनिक खेलों का एक अनूठा संगम है। इसने जमीनी स्तर पर खेलों में प्रतिभाओं की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने गुजरात में पैरा स्पोर्ट्स को भी बढ़ावा दिया है।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."