"वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रमुख भागीदारों में से एक के रूप में भारत को स्थापित करना, हमारा सामूहिक उद्देश्य है"
"हम डिजिटल तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य और कल्याण से लेकर समावेश और सशक्तिकरण तक, शासन के सभी क्षेत्रों में जीवन को बदलने के लिए कर रहे हैं"
"भारत अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है"
"भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ मजबूत आर्थिक विकास की ओर आगे बढ़ रहा है"
"भारत ने व्यवसाय में सुगमता को और आसान बनाने के लिए व्यापक सुधार किए हैं"
"हमारे पास सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए असाधारण प्रतिभाएं हैं, जो दुनिया के सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों के 20 प्रतिशत के बराबर हैं"
"भारत की सेमीकंडक्टर की अपनी खपत 2026 तक 80 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर पार कर जाने की उम्मीद है"
"ऐसे समय में जब मानवता सदी में एक बार आने वाली महामारी का मुकाबला कर रही थी, भारत न केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा था, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था की स्थिति को भी बेहतर बना रहा था"
"जब उद्योग जगत कड़ी मेहनत करता है, सरकार को और भी कड़ी मेहनत करनी चाहिए"
"भारत में तकनीक प्राप्ति और जोखिम लेने की अदम्य इच्छा है"
“हमने एक सहायक नीति वातावरण के माध्यम से जहां तक संभव हो सका है, सभी बातों को आपके पक्ष में किया है; हमने दिखाया है कि भारत अपने कार्य, अपने कारोबार के प्रति गंभीर है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया सम्मलेन 2022 का उद्घाटन किया और आज उद्घाटन सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना संबोधन साझा किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री, सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रतिनिधि, निवेशक, शिक्षाविद, राजनयिक कोर के सदस्य व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने सभी का स्वागत किया और इस बात पर खुशी व्यक्त की कि सम्मेलन का आयोजन भारत में हो रहा है। उन्होंने आज की दुनिया में सेमीकंडक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहा, "वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रमुख भागीदारों में से एक के रूप में भारत को स्थापित करना हमारा सामूहिक उद्देश्य है। हम हाई-टेक, उच्च गुणवत्ता और उच्च विश्वसनीयता के सिद्धांत के आधार पर इस दिशा में काम करना चाहते हैं।”

प्रधानमंत्री ने भारत को सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में रेखांकित करने के लिए छह कारणों का वर्णन किया।

सबसे पहले, भारत 1.3 बिलियन से अधिक भारतीयों को जोड़ने के लिए एक डिजिटल अवसंरचना तैयार कर रहा है। भारत ने हाल ही में वित्तीय समावेशन, बैंकिंग और डिजिटल भुगतान आदि क्षेत्रों में जो प्रगति की है, उसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, "हम डिजिटल तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य और कल्याण से लेकर समावेश और सशक्तिकरण तक, शासन के सभी क्षेत्रों में जीवन को बदलने के लिए कर रहे हैं।"

दूसरा, प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी, आईओटी और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की क्षमताओं में विकास के साथ छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने जैसे कदमों के जरिये, भारत अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

तीसरा, भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ मजबूत आर्थिक विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। भारत की सेमीकंडक्टर की अपनी खपत 2026 तक 80 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर पार कर जाने की उम्मीद है।"

चौथा, भारत ने व्यवसाय में सुगमता को और आसान बनाने के लिए व्यापक सुधार किए हैं। प्रधानमंत्री ने 25,000 से अधिक अनुपालन को ख़त्म करने, लाइसेंस के स्वतः-नवीनीकरण की ओर आगे बढ़ने, डिजिटलीकरण के माध्यम से नियामक ढांचे में पारदर्शिता और गति एवं दुनिया में सबसे अनुकूल कराधान संरचनाओं में से एक जैसे उपायों के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पांचवां कारण है - 21वीं सदी की जरूरतों के लिए युवा भारतीयों के कौशल विकास और प्रशिक्षण में भारी निवेश। उन्होंने कहा, “हमारे पास सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए असाधारण प्रतिभाएं हैं, जो दुनिया के सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों के 20 प्रतिशत के बराबर हैं। शीर्ष 25 सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों में से लगभग सभी के हमारे देश में अपने डिजाइन या आर एंड डी केंद्र हैं।’’

छठा, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने विनिर्माण क्षेत्र को बदलने की दिशा में कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे समय में जब मानवता सदी में एक बार आने वाली महामारी का मुकाबला कर रही थी, भारत न केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा था, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था की स्थिति को भी बेहतर बना रहा था।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में चर्चा की, जो 14 प्रमुख क्षेत्रों में 26 बिलियन डॉलर से अधिक की प्रोत्साहन धनराशि की पेशकश करते हैं। अगले 5 वर्षों में, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि होने की उम्मीद है। श्री मोदी ने दर्शकों को हाल ही में घोषित सेमीकॉंन इंडिया कार्यक्रम के बारे में भी बताया, जिसकी कुल परिव्यय धनराशि 10 बिलियन डॉलर से अधिक है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले विनिर्माण और डिजाइन इकोसिस्टम में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री ने सरकारी समर्थन की आवश्यकता को स्वीकार किया और प्रतिनिधियों को व्यवसाय के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने में सरकार के सर्वोत्तम प्रयासों का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "जब उद्योग जगत कड़ी मेहनत करता है, तो सरकार को और भी कड़ी मेहनत करनी चाहिए।"

नई विश्व व्यवस्था के निर्माण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उन अवसरों का उपयोग करना चाहिए, जो उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “हमने पिछले कुछ वर्षों में कड़ी मेहनत की है, ताकि विकास को प्रोत्साहित करने वाले वातावरण का निर्माण किया जा सके। भारत में तकनीक प्राप्ति और जोखिम लेने की अदम्य इच्छा है। हमने एक सहायक नीति वातावरण के माध्यम से जहां तक ​​संभव हो सका है, सभी बातों को आपके पक्ष में किया है; हमने दिखाया है कि भारत अपने कार्य, अपने कारोबार के प्रति गंभीर है।”

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