प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरप्रदेश में सिद्धार्थ नगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल क़ॉलेज सहित प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। ये नौ मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थ नगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश की सरकार अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ नगर ने स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ नगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हजार नये बिस्तर तैयार हुए हैं, पांच हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिये रोजगार के नये अवसर बने हैं। उन्होंने कहा, “इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिये मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिमागी बुखार से हुई दुःखद मौतों की वजह से पिछली सरकारों ने पूर्वांचल की छवि खराब कर दी थी। उन्होंने कहा कि आज वही पूर्वांचल, वही उत्तरप्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी संसद सदस्य थे, तब उन्होंने संसद में उत्तरप्रदेश की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तरप्रदेश के लोग देख रहे हैं कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन की सेवा का मौका दिया, तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा, “सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिये मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह काम होता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, “पहले ऐसा नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है। इसका एक ही कारण है – राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।” प्रधानमंत्री ने बताया कि सात साल पहले जो सरकार दिल्ली में थी और चार साल पहले जो यहां उत्तरप्रदेश की सरकार थी, वह सिर्फ वोट के लिये काम करती थी, तब कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों-साल तक या तो इमारत नहीं बनती थी और अगर बनती भी थी, तो मशीनें नहीं होती थीं। दोनों हो गईं, तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। उन्होंने कहा कि ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपये लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल सीटें 90 हजार से कम थीं। बीते सात वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि यहां उत्तरप्रदेश में भी 2017 तक मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है।
सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है।
— PMO India (@PMOIndia) October 25, 2021
माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा: PM @narendramodi
आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है।
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सिद्धार्थनगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है: PM @narendramodi
9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं।
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इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है: PM @narendramodi
जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी,
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जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था,
वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है: PM @narendramodi
आज यूपी के लोग ये भी देख रहे है कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया।
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सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है: PM
यूपी के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगी जी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी।
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योगी जी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे: PM @narendramodi
क्या कभी किसी को याद पढ़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो?
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बताइए, क्या कभी ऐसा हुआ है?
पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता: PM @narendramodi
सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था।
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ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी: PM @narendramodi
7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे?
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जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे: PM @narendramodi
यहां उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं।
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जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गयी है: PM @narendramodi
2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं।
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बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं: PM @narendramodi