प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण कार्य निर्धारित समय से पहले पूरा किया गया है, जिसके लिए निर्माण में शामिल सभी एजेंसिया बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस भवन को पर्यावरण अनुकूल रेटिंग गृह - IV प्रदान की गई है, जो में बचत सुनिश्चित करेगी और पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगी।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि नई सूचना प्रणाली से केंद्रीय आयोग की कार्य प्रणाली में बेहतर समन्वय और एकीकरण संभव होगा।
सीआईसी द्वारा मोबाइल ऐप शुरू किए जाने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लोगों को आयोग के कार्यालय में अपील दाखिल करने में आसानी होगी और वे आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक और भागीदारीपूर्ण शासन के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्रीय सूचना आयोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थान विश्वास पर आधारित शासन के लिए प्रेरक के रूप में काम करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘सशक्त नागरिक’’ हमारे लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से केंद्र सरकार लोगों को विभिन्न साधनों से सूचना अधिकारिता प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ प्रश्न पूछना है। उन्होंने इस संदर्भ में माई गव नागरिक भागीदारी मंच का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दूसरा स्तंभ सुझावों को सुनने का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीपीग्राम्स अथवा सोशल मीडिया से प्राप्त सुझावों को मुक्त रूप से ग्रहण करती है।
श्री मोदी ने कहा कि तीसरा स्तंभ संवाद है। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों और सरकार के बीच एक संबंध कायम होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथा स्तंभ सक्रियता है। उन्होने कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन के दौरान शिकायतों और सुझावों पर सक्रिय अनुवर्ती कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा कि पांचवां स्तंभ सूचना का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह अपने कार्यों के बारे में नागरिकों को सूचना प्रदान करे। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने रियल टाइम अपडेट यानी वास्तविक समय पर अद्यतन जानकारी, आनलाइन डैशबोर्डों के जरिए प्रदान करने की एक नई प्रणाली शुरू की है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य और उजाला जैसे कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर पूछी जाने वाली जानकारी सम्बद्ध विभागों और मंत्रालयों के वेब पोर्टलों पर अपलोड की जा रही है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी प्रकार, परियोजनाओं की जानकारी भी वास्तविक समय आधार पर प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह प्रगति की एक बैठक में केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की निगरानी एक ड्रोन कैमरे के जरिए की गई। उन्होंने बताया कि प्रगति बैठकों से 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की गति तेज करने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री ने आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय को बंद करने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अब गवर्मेंट ई-मार्केट अथवा जीईएम प्लेटफार्म के जरिए सरकारी खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे भ्रष्टाचार समाप्त करने में मदद मिली है और सरकारी खरीद में पारदर्शिता आई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार-जनता परस्पर संवाद के बीच मानव हस्तक्षेप कम हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवस्था में जितनी पारदर्शिता बढ़ेगी, सरकार पर लोगों का भरोसा भी उतना ही बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थितियों और भावी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जिम्मेदार संस्थान का यह दायित्व है कि वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखे।
Democratic और Participative Governance के लिए Transparency और Accountability बहुत आवश्यक है। जब व्यवस्थाओं में पारदर्शिता आती है, लोगों के प्रति जिम्मेदारी बढ़ती है, उत्तरदायित्व का भाव होता है तो सरकारों के काम करने का तरीका और योजनाओं का Impact दोनों ही बदल जाते हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) March 6, 2018
साथियों, मैं मानता हूँ कि empowered citizen हमारे लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है। पिछले 4 वर्ष में आपने देखा है कि किस तरह केंद्र सरकार ने अलग-अलग माध्यमों के जरिए देश के लोगों को Inform और Empower करने का प्रयास किया है: PM
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इतिहास में इस बात के अनेक उदाहरण मिलते हैं कि जब information को one way channel की तरह treat किया जाता है, तो उसके कितने गंभीर परिणाम निकलते हैं। इसलिए हमारी सरकार one dimensional approach के बजाय, आधुनिक Information Highway के सिद्धांत पर काम करती है: PM
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आज के आधुनिक information highway के पाँच Pillars हैं जिन पर हम एक साथ काम कर रहे हैं। ये 5 Pillars हैं- Ask, Listen, Interact, Act, और Inform.
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पहले स्तंभ Ask पर विस्तार से बात करूं, तो सरकार की पॉलिसी और प्रोजेक्ट में, बेहतर governance के लिए लोगों के हर तरह के सवालों को प्राथमिकता दी जाती है। MyGov जो दुनिया का सबसे बड़ा citizen engagement platform है, वहां लोग अपने तमाम सवालों के साथ सरकार के साथ जुड़ते हैं: PM
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दूसरा Pillar है: ‘Listen’. आज देश में ऐसी सरकार है, जो लोगों की बात सुनती है। CPGRAMS, सोशल मीडिया पर जो सुझाव दिए जाते हैं, उन पर सरकार गंभीरता से ध्यान देती है। हमारी सरकार में अनेक बार लोगों से मिले सुझावों, उनके Feedback के बाद पॉलिसी में परिवर्तन तक किए गए हैं।
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सवाल और सुझाव जितना ही महत्वपूर्ण है Interaction और ये Information highway का तीसरा Pillar है। मैं मानता हूं कि Interaction से सरकार और नागरिकों के बीच एक emotional connect भी स्थापित होता है: PM
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Information highway का चौथा Pillar है- ‘Act’। सवाल-सुझाव-संवाद के बाद अगर Action में कमी रह जाए, तो सारी मेहनत व्यर्थ जानी तय है। GST के दौरान भी आपने देखा होगा कि कैसे शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए नए नियम बनाए गए और नियमों में बदलाव भी किया गया: PM
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आज भारत तेजी के साथ digitally empowered society की ओर बढ़ रहा है। IT का इस्तेमाल न सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है बल्कि इस तकनीक ने transparency और quality of service भी सुनिश्चित की है: PM
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तय समय पर पूरी हो रही योजनाएं, तय लक्ष्य में पूरी हो रही योजनाएं, Next Generation Infrastructure बनाने में आई Speed, उनका Scale, ये तभी संभव हुआ है, जब बिल्कुल Ground Level पर जाकर प्रक्रियाओं को सुधारा गया है और Transparency स्थापित की गई है: PM @narendramodi
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इस इमारत का ही उदाहरण लीजिए। CIC का गठन करीब 12 साल पहले किया गया था। तब से लेकर आयोग का कार्य किराए की इमारतों में चल रहा था। 2014 में NDA सरकार बनने के बाद सभी प्रक्रियाओं को तेज किया, इस इमारत के लिए 60 करोड़ रुपए स्वीकृत किए और तेजी से काम शुरू करवाया गया: PM
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महत्वपूर्ण ये कि इसका निर्माण कार्य इस महीने के आखिर में पूरा होना था, लेकिन संबंधित विभागों ने सारा कार्य पूरा करके पिछले साल नवंबर में ही Commission को इसका कब्जा दे दिया: PM
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मुझे याद है पिछले साल ही मुझे दिल्ली में ही डॉक्टर आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के लोकार्पण का भी अवसर मिला था। इस सेंटर को बनाने का फैसला हुआ था 1992 में। लेकिन 23 साल तक कुछ नहीं हुआ। इसके बाद, इसी सरकार में शिलान्यास हुआ और लोकार्पण भी: PM
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व्यवस्थाओं में जो ये बदलाव है, इसका विस्तार संसद से लेकर सड़क तक, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर पंचायत भवन तक, हर तरफ देखा जा रहा है: PM
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आपकी जानकारी में होगा कि अभी हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय में कई दशक पुराना एक विभाग बंद हुआ है। ये विभाग था Directorate General of Supplies and Disposals. इसमें करीब ग्यारह सौ कर्मचारी थे, जिन्हें अब अलग-अलग विभागों में शिफ्ट किया जा रहा है: PM
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आपकी जानकारी में ये होगा कि ये विभाग क्यों बंद हुआ है। हमारी सरकार ने Public Procurement के लिए GeM बनाया है, ये उसी का परिणाम है। सरकारी खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार को खत्म करने में, सरकारी खरीद की प्रक्रिया को Transparent बनाने में GeM पोर्टल बड़ी भूमिका निभा रहा है: PM
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