प्रधानमंत्री ने बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन किया
“आज उत्तर प्रदेश में जो डबल इंजन की सरकार चल रही है, वो बीते कालखंड में समय का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई में जुटी है; हम डबल स्पीड से काम कर रहे हैं"
“कानपुर मेट्रो का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी सरकार इसका लोकार्पण भी कर रही है; पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी ही सरकार ने इसका काम पूरा किया”
“आज यदि कानपुर मेट्रो को मिला दें, तो यूपी में मेट्रो की लंबाई अब 90 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है; यह 2014 में 9 किमी और 2017 में सिर्फ 18 किमी थी”
“राज्यों के स्तर पर, समाज के स्तर पर असमानता को दूर करना जरूरी है; इसलिए हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है”
“डबल इंजन की सरकार बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना जानती है” 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का निरीक्षण किया और आईआईटी मेट्रो स्टेशन से गीता नगर तक मेट्रो में यात्रा की। उन्होंने बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन किया। पाइपलाइन का विस्तार मध्य प्रदेश में बीना रिफाइनरी से लेकर कानपुर में पनकी तक है और पाइपलाइन से क्षेत्रवासियों को बीना रिफाइनरी के पेट्रोलियम उत्पादों तक आसान पहुँच प्राप्त होगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप पुरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने कानपुर के लोगों को मेट्रो कनेक्टिविटी और पाइपलाइन परियोजना के उद्घाटन के लिए बधाई दी। शहर के साथ अपने लंबे संपर्क को याद करते हुए, उन्होंने कई स्थानीय संदर्भों के साथ अपने भाषण की शुरुआत की और कानपुर के लोगों के बेफ्रिक और अलग मिजाज का जिक्र भी किया। उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और सुंदर सिंह भंडारी जैसे दिग्गजों के व्यक्तित्व निर्माण में शहर की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज मंगलवार है और पनकी वाले हनुमान जी के आशीर्वाद से, आज उत्तर प्रदेश के विकास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ रहा है। उन्होंने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में जो डबल इंजन की सरकार चल रही है, वो बीते कालखंड में समय का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई में जुटी है; हम डबल स्पीड से काम कर रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य की छवि में हुए बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक राज्य, जो अवैध हथियारों के लिए जाना जाता था, अब डिफेंस कॉरिडोर का हब है और देश की सुरक्षा व संरक्षा में योगदान दे रहा है। समयसीमा का पालन करने की कार्य संस्कृति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार उस काम को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करती है, जिसके लिए आधारशिला रखी गई है। श्री मोदी ने कहा, “कानपुर मेट्रो का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी सरकार इसका लोकार्पण भी कर रही है; पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हमारी सरकार ने किया, हमारी ही सरकार ने इसका काम पूरा किया।” उन्होंने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे और उत्तर प्रदेश के समर्पित फ्रेट कॉरिडोर हब जैसी प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया, जो अभी निर्माण-प्रक्रिया में हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि साल 2014 से पहले उत्तर प्रदेश में जितनी मेट्रो चलती थी, उसकी कुल लंबाई थी 9 किलोमीटर। साल 2014 से लेकर 2017 के बीच मेट्रो की लंबाई बढ़कर हुई कुल 18 किलोमीटर। उन्होंने कहा कि अगर आज कानपुर मेट्रो को मिला दें, तो उत्तर प्रदेश में मेट्रो की लंबाई अब 90 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है।

अतीत में किए गए असमान विकास का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक हमारे देश में यह स्थिति रही कि एक हिस्से का तो विकास हुआ, लेकिन दूसरा पीछे ही छूट गया। उन्होंने जोर देकर कहा, “राज्यों के स्तर पर, समाज के स्तर पर, इस असमानता को दूर करना उतना ही जरूरी है। इसलिए हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तर प्रदेश की जरूरतों को समझते हुए, दमदार काम कर रही है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के करोड़ों घरों में पहले पाइप से पानी नहीं पहुंचता था। आज हम हर घर जल मिशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने में जुटे हैं।”

डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी से और पूरी जवाबदेही के साथ उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए काम कर रही है। डबल इंजन की सरकार बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना जानती है। उन्होंने ट्रांसमिशन में सुधार, बिजली की स्थिति, शहरों और नदियों की सफाई का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के शहरी गरीबों के लिए 2014 तक महज 2.5 लाख घरों की तुलना में पिछले साढ़े चार साल में 17 लाख घरों को मंजूरी दी गई है। इसी तरह, सरकार का ध्यान पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों की ओर गया और पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से राज्य में 7 लाख से अधिक लोगों को 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली। महामारी के दौरान सरकार ने राज्य में 15 करोड़ से अधिक नागरिकों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की। साल 2014 में देश में सिर्फ 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे। अब 30 करोड़ से अधिक कनेक्शन हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में ही 1.60 करोड़ परिवारों को नए एलपीजी कनेक्शन दिए गए।

प्रधानमंत्री ने कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि योगी सरकार द्वारा माफिया संस्कृति को खत्म करने से उत्तर प्रदेश में निवेश में वृद्धि हुई है। व्यापार और उद्योग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने एक मेगा लेदर क्लस्टर कानपुर में और एक फजलगंज में मंजूर की है। उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर और ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ जैसी योजनाओं से कानपुर के उद्यमियों और व्यापारियों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कानून के डर से अपराधी बैकफुट पर हैं। उन्होंने हाल ही में आधिकारिक छापेमारी के माध्यम से अवैध धन का पता लगाए जाने का भी जिक्र किया और कहा कि जनता ऐसे लोगों की कार्य संस्कृति को देख रही है।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।