“भारत के दुनिया में सबसे प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में से एक होने का श्रेय संत परम्परा और भारत के ऋषियों को जाता है”
“भारत के दुनिया में सबसे प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में से एक होने का श्रेय संत परम्परा और भारत के ऋषियों को जाता है”
“सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना हमारी महान संत परम्पराओं से ही प्रेरित है”
“दलित, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मजदूरों का कल्याण आज देश की पहली प्राथमिकता है”
“आज जब आधुनिक प्रौद्योगिकी और इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं, तो हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास और विरासत दोनों साथ-साथ आगे बढ़ें”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देहू, पुणे में जगद्गुरु श्रीसंत तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देहू की इस पवित्र भूमि पर आने पर खुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि संतों का सत्संग मानव जीवन का दुर्लभतम सौभाग्य है। यदि संतों की कृपा मिल जाए तो ईश्वर की प्राप्ति स्वतः ही हो जाती है। उन्होंने कहा, “आज इस पवित्र धार्मिक स्थल पर आकर मैं कुछ ऐसी ही अनुभूति कर रहा हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का केंद्र है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करता है। मैं इस पवित्र स्थान के पुनर्निर्माण के लिए मंदिर ट्रस्ट और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं।”

उन्होंने कुछ महीने पहले पालकी मार्ग में दो राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन का किये जाने के कार्य का शिलान्यास करने का सौभाग्य मिलने की बात को भी याद किया। उन्होंने बताया कि श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग पांच चरणों में पूरा हो जाएगा और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग तीन चरणों में पूरा हो जाएगा। इन चरणों में 350 किमी से ज्यादा लंबे राजमार्ग का निर्माण 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत से पूरा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा, “यदि इसका श्रेय किसी को जाता है तो यह भारत की संत परम्परा और यहां के ऋषियों को जाता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शाश्वत है, क्योंकि यह संतों की भूमि है। हर युग में, हमारे देश और समाज को कुछ महान विभूतियां मार्गदर्शन देती रही हैं। आज देश संत कबीर दास की जयंती मना रहा है। उन्होंने श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत निवृत्तिनाथ, संत सोपानदेव और आदि शक्ति मुक्ता बाई जी आदि संतों की मुख्य वर्षगांठ का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा उनके 'अभंग' के रूप में आज भी हमारे साथ है। ये ‘अभंग’ हमें पीढ़ियों से प्रेरणा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, जो लुप्त नहीं होता, समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वहीं अभंग है। प्रधानमंत्री ने कहा, आज भी जब देश अपने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, संत तुकाराम के अभंग हमें ऊर्जा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्रतिष्ठित संत परम्परा के ‘अभंगों’ की गौरवशाली परम्पराओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने मानव के बीच भेदभाव को खत्म करने वाले उपदेशों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये उपदेश देश और समाज की भक्ति के समान हैं, क्योंकि वे आध्यात्मिक भक्ति के लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह संदेश वारकरी भक्तों की वार्षिक पंढरपुर यात्रा में रेखांकित होता है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ऐसी ही महान परम्पराओं से प्रेरित है। उन्होंने लैंगिक समानता और अंत्योदय की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि ये वारकरी परम्परा से प्रेरित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “दलित, वंचित, पिछड़ों, आदिवासियों, मजदूरों का कल्याण देश की पहली प्राथमिकता है।”

प्रधानमंत्री ने तुकाराम महाराज जैसे संतों को छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रीय नायकों के जीवन में बेहद अहम भूमिका निभाने का श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने याद किया कि जब वीर सावरकर को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए सजा दी गई तो वह तुकाराम जी के अभंग गाया करते थे, साथ ही जेल में चिपली की तरह हथकड़ी को बजाया करते थे। उन्होंने कहा कि संत तुकाराम ने एक अलग दौर में देश के भीतर जोश और ऊर्जा का संचार किया था। उन्होंने यह भी कहा कि पंढरपुर, जगन्नाथ, मथुरा में ब्रज परिक्रमा या काशी पंचकोसी परिक्रमा, चार धाम या अमरनाथ यात्रा जैसे कई धार्मिक तीर्थों ने हमारे राष्ट्र की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोया है और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का निर्माण किया है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे राष्ट्र की एकता को मजबूत बनाए रखने के लिए हमारी प्राचीन पहचान और परम्पराओं को जीवित रखने का दायित्व हमारा है। उन्होंने कहा कि इसीलिए, “आज जब आधुनिक प्रौद्योगिकी और इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास और विरासत दोनों एक साथ आगे बढ़ें।” उन्होंने पालकी यात्रा का आधुनिकीकरण, चार धाम यात्रा के लिए नए राजमार्गों, अयोध्या में भव्य राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम का पुनर्निर्माण और सोमनाथ में विकास कार्य के उदाहरण गिनाकर अपनी बात को स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रसाद योजना के अंतर्गत तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट और बाबा साहेब के पंच तीर्थ का विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हर किसी के प्रयास सही दिशा में हो तो सबसे ज्यादा कठिन समस्याओं का हल भी निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से 100 प्रतिशत सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ रहा है। गरीबों को इन योजनाओं के माध्यम से बुनियादी आवश्यकताओं के साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान में हर किसी भी भागीदारी और जीवन के हर क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया। उन्होंने इन राष्ट्रीय संकल्पों को अपने आध्यात्मिक संकल्पों का हिस्सा बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने उपस्थित लोगों से प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन देने और योग को लोकप्रिय बनाने एवं योग दिवस मनाने के लिए भी कहा।

 

 

 

 

संत तुकाराम वारकरी संत और कवि थे, जिन्हें अभंग भक्ति कविता और कीर्तनों के नाम से चर्चित आध्यात्मिक गीतों के माध्यम से समुदाय केंद्रित पूजा के लिए जाना जाता है। वह देहू में रहा करते थे। उनके निधन के बाद एक शिला मंदिर का निर्माण किया गया था। लेकिन यह औपचारिक रूप से मंदिर के रूप में निर्मित नहीं था। इसे 36 चोटियों के साथ पत्थर की चिनाई के माध्यम से बनाया गया है और इसमें संत तुकाराम की मूर्ति है।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."