भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण किया और 6जी आर एंड डी टेस्ट बैड शुरू किया
'कॉल बिफोर यू डिग' ऐप शुरू किया
अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए डिजिटल परिवर्तन की तलाश कर रहे देशों के लिए भारत एक रोल मॉडल है: आईटीयू महासचिव
भारत की दो प्रमुख ताकतें हैं - भरोसा और पैमाना, बिना भरोसे और पैमाने के हम तकनीक को हर कोने में नहीं ले जा सकते”
"दूरसंचार प्रौद्योगिकी भारत के लिए शक्ति का तरीका नहीं है, बल्कि सशक्त बनाने का एक मिशन है"
"भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है"
"आज पेश किया गया विज़न डॉक्यूमेंट अगले कुछ वर्षों में 6जी रोलआउट के लिए एक प्रमुख आधार बनेगा"
“भारत 5जी की ताकत से पूरी दुनिया की कार्य संस्‍कृति को बदलने के लिए अनेक देशों के साथ काम कर रहा है”
"आईटीयू की वर्ल्‍ड टेलीकम्‍युनीकेशन्‍स स्‍टैंडर्डाइजेशन असेम्‍बली अगले साल अक्टूबर में दिल्ली में आयोजित की जाएगी"
यह दशक भारत का टेक-ऐड है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में भारत में नए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) क्षेत्र कार्यालय और नवाचार केन्‍द्र का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट का भी अनावरण किया और 6जी आरएंडडी टेस्ट बैड का भी शुभारंभ किया। उन्‍होंने 'कॉल बिफोर यू डिग' ऐप की भी शुरूआत की। आईटीयू सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है। भारत ने एरिया ऑफिस की स्थापना के लिए आईटीयू के साथ मार्च 2022 में एक मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान और ईरान के लिए कार्य करेगा, राष्ट्रों के बीच समन्वय बढ़ाएगा और क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।

 

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की महासचिव सुश्री डोरीन-बोगदान मार्टिन ने भारत में नए आईटीयू कार्यालय और नवाचार केन्‍द्र को विकसित करने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जो भारत और आईटीयू के लंबे इतिहास में एक नये अध्याय की ओर इशारा करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में आईटीयू की उपस्थिति उन्नत प्रौद्योगिकियों की शुरूआत, क्षमता विकास में सुधार और उद्यमिता और साझेदारी को बढ़ावा देने में मदद करेगी जबकि आम लोगों के बीच डिजिटल सेवाओं, कौशल, साइबर सुरक्षा और डिजिटल समावेशन को प्रोत्‍साहित करेगी।उन्होंने कहा“ अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए डिजिटल परिवर्तन, अपनी सरकारी सेवाओं पर पुनर्विचार, निवेश को आकर्षित करने, व्‍यापार में रद्दो बदल करने और अपने लोगों को सशक्त बनाने", की तलाश कर रहे देशों के लिए एक आदर्श है। उन्होंने आगे कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम, डिजिटल भुगतान बाजार और तकनीकी कार्यबल का घर है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व ने भारत को अन्‍य बातों के अलावा तकनीकी नवाचारों के डिजिटल मोर्चे और आधार, यूपीआई जैसी परिवर्तनकारी पहलों को अपनाने पर अग्रणी बनला दिया है, जिसने भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक विशेष दिन है जो हिन्‍दू कैलेंडर का नव वर्ष है और उन्‍होंने विक्रम संवत 2080 के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी। भारत की विविधता और सदियों से प्रचलित विभिन्न कैलेंडरों की उपस्थिति को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने मलयालम कैलेंडर और तमिल कैलेंडर का उदाहरण दिया और कहा कि विक्रम संवत कैलेंडर 2080 वर्षों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रेगोरियन कैलेंडर वर्तमान में 2023 बताता है लेकिन विक्रम संवत् उससे 57 साल पहले शुरू हुआ था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस शुभ दिन पर भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एक नई शुरुआत हो रही है जहां आईटीयू के क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केन्‍द्र का उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 6जी टेस्ट बैड और इस तकनीक से संबंधित विजन डॉक्‍यूमेंट का अनावरण किया गया है जो न केवल डिजिटल इंडिया में नई ऊर्जा का संचार करेगा बल्कि ग्‍लोबल साउथ के लिए समाधान और नवोन्‍मेष भी प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह भारत के नवोन्मेषकों, उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल दक्षिण एशियाई देशों के आईटी क्षेत्र में संबंधों और सहयोग को मजबूत करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चूंकि भारत जी20 के अध्‍यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है, इसलिए क्षेत्रीय विभाजन को कम करना इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए ग्लोबल साउथ शिखर सम्‍मेलन का उल्लेख किया और ग्लोबल साउथ की जरूरतों के अनुसार प्रौद्योगिकी, डिजाइन और मानकों के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि ग्लोबल साउथ तेजी से तकनीकी विभाजन को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा"आईटीयू एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर इस दिशा में एक बड़ा कदम है यह ग्‍लोबल साउथ में सार्वभौमिक संपर्क प्रदान करने के भारत के प्रयासों को भी गति प्रदान करेगा”।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक विभाजन को पाटने के संदर्भ में भारत से अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भारत की क्षमताएं, नवोन्मेषी संस्कृति, बुनियादी ढांचा, कुशल और नवोन्मेषी जनशक्ति और उसका अनुकूल नीतिगत वातावरण इन अपेक्षाओं का आधार है। उन्होंने कहा, भारत की दो प्रमुख ताकतें हैं - विश्वास और पैमाना। हम भरोसे और पैमाने के बिना प्रौद्योगिकी को हर कोने में नहीं ले जा सकते। पूरी दुनिया इस दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में बात कर रही है"।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि इस दिशा में भारत के प्रयास दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गए हैं। उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब सौ करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन के साथ दुनिया का सबसे जुड़ा हुआ लोकतंत्र है और इस परिवर्तन का श्रेय सस्ते स्मार्टफोन और डेटा की उपलब्धता को दिया जाता है। उन्‍होंने कहा, "यूपीआई के माध्यम से भारत में हर महीने 800 करोड़ से अधिक डिजिटल भुगतान किए जाते हैं"। उन्होंने आगे कहा कि भारत में प्रतिदिन 7 करोड़ से अधिक ई-प्रमाणीकरण होता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में को-विन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने प्रत्यक्ष लाभ हस्‍तांतरण के माध्यम से अपने नागरिकों के बैंक खातों में 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की है। उन्होंने बताया कि भारत जन धन योजना के माध्यम से अमेरिका की पूरी आबादी की तुलना में अधिक बैंक खाते खोलने में सफल रहा है, जिसे बाद में विशिष्ट डिजिटल पहचान पत्र या आधार के माध्यम से प्रमाणित किया गया और इसने सौ करोड़ से अधिक लोगों को मोबाइल फोन के माध्यम से जोड़ने में मदद की।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, "भारत के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी शक्ति का एक तरीका नहीं है, बल्कि सशक्त बनाने का एक मिशन है। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक भारत में सार्वभौमिक है और सभी के लिए सुलभ है। यह रेखांकित करते हुए कि पिछले कुछ वर्षों मेंभारत में डिजिटल समावेशन बड़े पैमाने पर हुआ है, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि 2014 से पहले भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के 60 मिलियन उपयोगकर्ता थे, लेकिन यह संख्या आज 800 मिलियन से अधिक हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 85 करोड़ से अधिक है जो 2014 से पहले 25 करोड़ थी।

भारत में गांवों में इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि गांवों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या शहरी क्षेत्रों को पार कर गई है जो इस बात का संकेत है कि डिजिटल शक्ति देश के हर कोने तक पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में भारत में सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा 25 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। 2लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है और 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर डिजिटल सेवाएं दे रहे हैं, जिससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां डिजिटल अर्थव्यवस्था बाकी अर्थव्यवस्था की तुलना में ढाई गुना तेजी से बढ़ रही है”।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया गैर-डिजिटल क्षेत्रों का समर्थन कर रहा है, और उन्होंने इसे पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान के उदाहरण से स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि 'कॉल बिफोर यू डिग' ऐप उसी सोच को दर्शाता है। इससे अनावश्यक खुदाई और नुकसान की घटनाओं में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की "आज का भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है" उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज 5जी रोलआउट वाला देश है क्योंकि केवल 120 दिन में 125 से अधिक शहरों में 5G सेवाएं शुरू की गई हैं और देश के लगभग 350 जिलों में 5जी सेवाएं पहुंच चुकी हैं। भारत के आत्मविश्वास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 5जी की शुरुआत के 6 महीने बाद से ही 6जी के बारे में चर्चा कर रहा है। उन्‍होंने कहा, "आज पेश किया गया विज़न डॉक्यूमेंट अगले कुछ वर्षों में 6जी रोलआउट के लिए एक प्रमुख आधार बनेगा"।

यह देखते हुए कि भारत में सफलतापूर्वक विकसित दूरसंचार प्रौद्योगिकी दुनिया के अनेक देशों का ध्यान आकर्षित कर रही है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत 4जी से पहले केवल दूरसंचार प्रौद्योगिकी का उपयोगकर्ता था, लेकिन आज, वह दुनिया में दूरसंचार प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा निर्यातक होने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा,"भारत 5जी की शक्ति के साथ पूरी दुनिया की कार्य संस्कृति को बदलने के लिए अनेक देशों के साथ काम कर रहा है", उन्होंने रेखांकित किया कि यह 5जी से जुड़े अवसरों, व्यापार मॉडल और रोजगार की संभावनाओं को साकार करने में एक लंबा सफर तय करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "ये 100 नई प्रयोगशालाएं भारत की अनूठी जरूरतों के अनुसार 5जी एप्‍लीकेशन को विकसित करने में मदद करेंगी। चाहे वह 5जी स्मार्ट क्लासरूम हो, खेती, बुद्धिमान परिवहन प्रणाली या स्वास्थ्य संबंधी एप्‍लीकेशन्‍स क्‍यों न हों, भारत हर दिशा में तेजी से काम कर रहा है"। यह देखते हुए कि भारत के 5जी मानक वैश्विक 5जी प्रणाली का हिस्सा हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भविष्य की तकनीकों के मानकीकरण के लिए आईटीयू के साथ मिलकर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भविष्य की प्रौद्योगिकियों के मानकीकरण के लिए भी आईटीयू के साथ मिलकर काम करेगा। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि नया भारतीय आईटीयू क्षेत्र कार्यालय 6जी के लिए सही वातावरण बनाने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि आईटीयू की विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेम्‍बली अगले साल अक्टूबर में दिल्ली में आयोजित की जाएगी जहां दुनिया भर के प्रतिनिधि भारत आएंगे।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के विकास की गति पर प्रकाश डाला और विश्वास व्यक्त किया कि आईटीयू का यह केन्‍द्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। "यह दशक भारत का टेक-एड है। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, भारत का दूरसंचार और डिजिटल मॉडल सुचारू, सुरक्षित और पारदर्शी है और सभी दक्षिण एशिया के मित्र देश इसका लाभ उठा सकते हैं”।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केन्‍द्रीय विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर, केन्‍द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की महासचिव सुश्री डोरीन-बोगदान मार्टिन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

आईटीयूसूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है। इसका मुख्यालय जिनीवा में है, इसके पास क्षेत्र कार्यालयों, क्षेत्रीय कार्यालयों और एरिया कार्यालयों का एक नेटवर्क है। भारत ने एरिया कार्यालय स्‍थापित करने के लिए आईटीयू के साथ मार्च 2022 में एक मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत में एरिया कार्यालय में एक नवोन्‍मेष केन्‍द्र की भी परिकल्पना की गई है जो इसे आईटीयू के अन्य एरिया कार्यालयों के बीच अद्वितीय बनाता है। एरिया कार्यालय, जो पूरी तरह से भारत से सहायता प्राप्‍त है, महरौली, नई दिल्‍ली स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्‍स (सी-डॉट) की दूसरी मंजिल पर स्थित है। यह भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान और ईरान के लिए कार्य करेगा, राष्ट्रों के बीच समन्वय बढ़ाएगा और क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।

भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट 6जी (टीआईजी-6जी) पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप द्वारा तैयार किया गया है, जिसका गठन भारत में 6जी के लिए रोडमैप और कार्य योजनाएं तैयार करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, अनुसंधान और विकास संस्थानों, शिक्षाविदों, मानकीकरण निकायों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और उद्योग के सदस्यों के साथ नवम्‍बर 2021 में किया गया था। 6जी टेस्ट बैड अकादमिक संस्थानों, उद्योगों, स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई आदि को उभरती आईसीटी प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और सत्यापन करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट और 6जी टेस्ट बैड देश में नवाचार, क्षमता निर्माण और तेजी से प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए एक सक्षमता वातावरण प्रदान करेगा।

पीएम गति शक्ति के तहत बुनियादी ढांचा सम्‍पर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन की प्रधानमंत्री की संकल्‍पना का उदाहरण देते हुए, कॉल बिफोर यू डिग (सीबीयूडी) ऐप एक ऐसा उपकरण है, जिसकी परिकल्‍पना ऑप्टिकल फाइबर केबल जैसी अंतर्निहित संपत्तियों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए की गई है, जो कि अनियंत्रित खुदाई और उत्खनन के कारण होता है जिससे देश को हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। मोबाइल ऐप सीबीयूडी उत्खननकर्ताओं और संपत्ति के मालिकों को एसएमएस/ईमेल नोटिफिकेशन और क्‍लिक टू कॉल के माध्यम से जोड़ेगा ताकि भूमिगत संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए देश में उत्खनन की योजना बनाई जा सके।

सीबीयूडी, जो देश के शासन में 'होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच' को अपनाने को दर्शाता है, व्यापार को सुगम बनाने में सुधार कर सभी हितधारकों को लाभान्वित करेगा। यह सड़क, दूरसंचार, पानी, गैस और बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं में कम व्यवधान के कारण संभावित व्यावसायिक नुकसान को बचाएगा और नागरिकों को होने वाली परेशानी को कम करेगा।

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”