"आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है और यह गरीब देशों के लिए एक अच्छा व्यवसाय मॉडल हो सकता है"
"डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं"
"ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है"
"भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं"
"डेयरी क्षेत्र में साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का उत्पादन होता है, जो गेहूं और चावल के कुल उत्पादन की तुलना में अधिक है"
"2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यानी करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि"
"भारत में दूध का उत्पादन 2 प्रतिशत वैश्विक विकास दर के मुकाबले 6 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रहा है"
"भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है"
"हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत-प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे"
"हमारे वैज्ञानिकों ने लम्पी स्किन डिजीज की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है"
"भारत एक ऐसे डिजिटल सिस्टम पर काम कर रहा है, जो पशुधन क्षेत्र की संपूर्ण गतिविधियों को कैप्चर करेगा"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने सभा को अपने संबोधन में, प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डेयरी सेक्टर के विश्व भर के गणमान्य व्यक्ति आज भारत में एकत्रित हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान का एक बड़ा माध्यम बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, "डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है।"

प्रधानमंत्री ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में 'पशु धन' और दूध से संबंधित व्यवसाय के महत्व के बारे में बताया। इसने भारत के डेयरी क्षेत्र को कई अनूठी विशेषताएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘मास प्रोडक्शन’ से ज्यादा ‘प्रोडक्शन बाय मासेस’ की है। एक, दो या तीन मवेशियों वाले इन छोटे किसानों के प्रयासों के आधार पर भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र देश में 8 करोड़ से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान करता है।

भारतीय डेयरी प्रणाली की दूसरी अनूठी विशेषता इसके बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। श्री मोदी ने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं। प्रधानमंत्री ने सभी का ध्यान इस बात की ओर दिलाया कि इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता, और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “पूरे विश्व में इतना ज्यादा अनुपात किसी और देश में नहीं है।" उन्होंने डेयरी क्षेत्र में भुगतान की डिजिटल प्रणाली की दक्षता के बारे में भी बताया और कहा कि इससे अन्य देशों को सीखना चाहिए।

एक और अनूठी विशेषता, प्रधानमंत्री के अनुसार, स्वदेशी नस्लें हैं जो कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर सकती हैं। उन्होंने गुजरात के कच्छ क्षेत्र की बन्नी भैंस की उन्नत नस्ल का उदाहरण दिया। उन्होंने अन्य भैंस की नस्लों जैसे मुर्राह, मेहसाणा, जाफराबादी, नीली रवि और पंढरपुरी के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने गाय की नस्लों में गिर, साहिवाल, राठी, कांकरेज, थारपारकर और हरियाणा के बारे में चर्चा की।

डेयरी सेक्टर की एक और अनूठी विशेषता के रूप में, डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में विमेन पावर 70 प्रतिशत वर्कफोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, "भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं।" उन्होंने कहा, "इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं।" उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का उत्पादन होता है, जो गेहूं और चावल के कुल उत्पादन की तुलना में अधिक है। यह सब भारत की नारी शक्ति द्वारा संचालित है।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम दूध उत्पादन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यानी करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि।" उन्होंने यह भी कहा कि पूरे विश्व में दूध का उत्पादन 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जबकि भारत में यह 6 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एक संतुलित डेयरी इको-सिस्टम विकसित करने पर काम कर रही है जहां उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ क्षेत्रों की चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है। किसानों के लिए अतिरिक्त आय, गरीबों का सशक्तिकरण, स्वच्छता, रसायन से मुक्त खेती, स्वच्छ ऊर्जा और मवेशियों की देखभाल इस इको-सिस्टम में परस्पर जुड़ी हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांवों में हरित और सतत विकास के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गोवर्धन योजना, डेयरी क्षेत्र का डिजिटलीकरण और मवेशियों के सार्वभौमिक टीकाकरण के साथ-साथ सिंगल-यूज वाली प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने जैसी योजनाएं उस दिशा में कदम हैं।

आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। उन्होंने कहा, “आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं। हमने इसे नाम दिया है- पशु आधार।”

श्री मोदी ने एफपीए और महिला स्वयं सहायता समूहों व स्टार्टअप जैसे बढ़ते उद्यमशील ढांचे पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने हाल के दिनों में 1000 से अधिक स्टार्टअप देखे हैं। उन्होंने गोवर्धन योजना में प्रगति के बारे में भी बात की और कहा कि उद्देश्य ऐसी स्थिति तक पहुंचना है जहां डेयरी संयंत्र गोबर से अपनी जरूरत के लिए अधिकांश बिजली का उत्पादन करें। इस प्रकार बनी ऑर्गेनिक खाद से किसानों को भी मदद मिलेगी।

खेती का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के जोखिम को भी कम करेगा।

प्रधानमंत्री ने एक और बड़ी समस्या के बारे में चर्चा की, जो किसानों की आय को प्रभावित कर रही है जो कि पशुओं की बीमारी है। उन्होंने कहा, “जब पशु बीमार होता है तो यह किसान के जीवन को प्रभावित करता है, उसकी आय को प्रभावित करता है। यह पशु की क्षमता, उसके दूध की गुणवत्ता और अन्य संबंधित उत्पादों को भी प्रभावित करता है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत-प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लम्पी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों ने लम्पी स्किन डिजीज की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है।" प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि प्रकोप को नियंत्रण में रखने के लिए पशुओं की आवाजाही पर नजर रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पशुओं का टीकाकरण हो या कोई अन्य आधुनिक तकनीक, भारत हमेशा अपने सहयोगी देशों से सीखने का प्रयास करते हुए डेयरी के क्षेत्र में योगदान देने के लिए उत्सुक है। श्री मोदी ने कहा, "भारत ने अपने खाद्य सुरक्षा मानकों पर तेजी से काम किया है।"

अपने संबोधन के समापन में, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत एक डिजिटल सिस्टम पर काम कर रहा है जो पशुधन क्षेत्र की एंड-टू-एंड गतिविधियों को कैप्चर करेगा। यह इस क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सटीक जानकारी प्रदान करेगा। यह शिखर सम्मेलन ऐसी कई तकनीकों को लेकर दुनिया भर में हो रहे कार्यों को प्रस्तुत करेगा। प्रधानमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों से इस क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञता को साझा करने के तरीके सुझाने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं वैश्विक स्तर पर डेयरी उद्योग की अग्रणी हस्तियों को भारत में डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने के अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ के उत्कृष्ट कार्य और योगदान के लिए भी इसकी सराहना करता हूं।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बालियान, सांसद श्री सुरेन्द्र सिंह नागर और डॉ. महेश शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष श्री पी. ब्रेजाले और अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ की महानिदेशक सुश्री कैरोलिन एमोंड इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रौद्योगिकी के माध्यम से 75 लाख किसान इस आयोजन से जुड़े।

पृष्ठभूमि

12 से 15 सितंबर तक आयोजित चार-दिवसीय आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022, 'डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एंड लाइवलीहुड' के विषय पर केंद्रित उद्योग जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति योजनाकारों सहित वैश्विक व भारतीय डेयरी हितधारकों का एक समूह है। आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में 50 देशों के लगभग 1500 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। इस तरह का पिछला शिखर सम्मेलन भारत में लगभग आधी सदी पहले 1974 में आयोजित किया गया था।

भारतीय डेयरी उद्योग अनूठा है, क्योंकि यह एक सहकारी मॉडल पर आधारित है, जो छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर सरकार ने डेयरी क्षेत्र की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता की कहानी, जो वैश्विक दूध का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है, सालाना लगभग 210 मिलियन टन का उत्पादन करती है, और 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सशक्त बनाती है, को आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में प्रदर्शित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन से भारतीय डेयरी को भी मदद मिलेगी। किसानों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."