प्रधानमंत्री मोदी ने 5वें आयुर्वेदिक दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जामनगर के आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) राष्ट्र को समर्पित किए। पीएम मोदी ने कहा कि आयुर्वेद भारत की एक विरासत है, जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से मुकाबले के लिए जब कोई प्रभावी तरीका नहीं था तो भारत के घर-घर में हल्दी, काढ़ा, दूध जैसे अनेक इम्यूनिटी बूस्टर उपाय बहुत काम आए। उन्होंने कहा, ‘‘इतनी बड़ी जनसंख्या वाला हमारा देश अगर आज संभली हुई स्थिति में है तो उसमें हमारी इस परंपरा का बहुत बड़ा योगदान है।’’
आयुर्वेद,भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है।
— PMO India (@PMOIndia) November 13, 2020
किस भारतीय को खुशी नहीं होगी कि हमारा पारंपरिक ज्ञान, अब अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है।
गर्व की बात है कि @WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है: PM
ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है।
— PMO India (@PMOIndia) November 13, 2020
लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में।
इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है: PM
देश में अब हमारे पुरातन चिकित्सीय ज्ञान-विज्ञान को 21वीं सदी के आधुनिक विज्ञान से मिली जानकारी के साथ जोड़ा जा रहा है, नई रिसर्च की जा रही है।
— PMO India (@PMOIndia) November 13, 2020
तीन साल पहले ही हमारे यहां अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान की स्थापना की गई थी: PM