" सुदृढ ऊर्जा क्षेत्र राष्ट्र की प्रगति का शुभ संकेत"
"वैश्विक विशेषज्ञ भारत की विकास गाथा से उत्साहित हैं"
"भारत न केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है बल्कि वैश्विक विकास की दिशा भी निर्धारित कर रहा है"
"भारत अभूतपूर्व गति से आधारभूत अवसंरचना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है"
"वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन ने वैश्विक सरकारों, संस्थानों और उद्योगों को एक मंच प्रदान किया "
"हम 'अपशिष्ट से धन प्रबंधन' के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं"
"भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने के लिए पर्यावरण के प्रति जागरूक ऊर्जा संसाधनों के विकास पर बल दे रहा है"
"हम सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर रहे हैं"
"भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम केवल भारत का कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि 'भारत विश्व के साथ और विश्व के लिए' भावना को प्रतिबिंबित करता है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गोवा में भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का उद्घाटन किया। भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 देश की सर्वोच्च और एकमात्र विशिष्ट ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन है। यह भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों को प्रेरित करने के लिए संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को एक मंच प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक तेल एवं गैस मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक बैठक भी की।

 

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए, भारत ऊर्जा सप्ताह के दूसरे संस्करण में सभी का स्वागत किया। ऊर्जावान गोवा राज्य में हो रहे इस कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन आतिथ्य की भावना के लिए जाना जाता है। इस स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति वैश्विक पर्यटकों पर गहन प्रभाव छोड़ती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह चिरस्थाई भविष्य और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर चर्चा के लिए आदर्श स्थाल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 के आयोजन में गोवा में एकत्र हुए विदेशी मेहमान गोवा की यादें अपने साथ ले जाएंगे और ये यादें जीवनपर्यंत उनके साथ रहेंगी।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण कालखंड में रहा है। इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भारत की जीडीपी दर 7.5 प्रतिशत से अधिक हो गई थी। यह विकास दर वैश्विक विकास अनुमान से अधिक है, आज भारत, विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भविष्यवाणी की है कि हम ऐसे ही तीव्र गति से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर के आर्थिक विशेषज्ञों का विश्वास है कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की इस विकास गाथा में ऊर्जा क्षेत्र का दायरा व्यापक हो रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा, तेल और एलपीजी उपभोक्ता है। उन्होंने कहा कि भारत चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार होने के साथ-साथ चौथा सबसे बड़ा तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयातक और रिफाइनर है। उन्होंने देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बढ़ती मांग को भी रेखांकित किया और 2045 तक देश की ऊर्जा मांग दोगुनी होने के अनुमान के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री ने इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत की योजना के बारे में विस्तार से बताया। किफायती ईंधन सुनिश्चित करने के प्रयासों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिकूल वैश्विक कारकों के बावजूद, भारत उन कुछ देशों में से है जहां पेट्रोल की कीमतें कम हुई हैं और करोड़ों घरों को विद्युतीकृत करके शत-प्रतिशत बिजली पहुंचाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है बल्कि वैश्विक विकास की दिशा भी निर्धारित कर रहा है।

 

अभूतपूर्व आधारभूत अवसंरचना को बढ़ावा देने के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि हमने हाल ही में आए बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने का संकल्प लिया है। इस धनराशि का बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र की विकास गतिविधियों में लगाया जाएगा। इस राशि से देश में रेलवे, रोडवेज, जलमार्ग, वायुमार्ग और आवास में आधारभूत संरचना तैयार होगी उन सभी में ऊर्जा की आवश्यकता होगी, इसलिए भारत अपनी ऊर्जा क्षमता में लगातार वृद्धि कर रहा है। प्रधानमंत्री ने सरकार के सुधारों के कारण घरेलू गैस के बढ़ते उत्पादन का उल्लेख करते हुए बताया कि देश के प्राथमिक ऊर्जा संसाधनों में गैस का प्रतिशत 6 से 15 प्रतिशत तक ले जाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अगले 5-6 वर्षों में इस क्षेत्र में करीब 67 अरब डॉलर का निवेश आएगा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रीय अर्थव्यवस्था और पुन: चक्रण (रि-यूज) की अवधारणा भारत की प्राचीन परंपराओं का हिस्सा रही है और यह बात ऊर्जा क्षेत्र पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पिछले वर्ष आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हमने जिस ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस को शुरू किया था वह हमारी भावना का प्रतीक है जो वैश्विक सरकारों, संगठनों और उद्योगों को एक मंच प्रदान करता है। जब से इस एलायंस का गठन हुआ है इसे समग्र समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन इस एलायंस से जुड़ गए हैं और इससे विश्व में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और इससे लगभग 500 बिलियन डॉलर के आर्थिक अवसर भी सृजित होंगे।

 

जैव ईंधन के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन को स्वीकार्यता बढ़ रही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में हमारे यहां इथेनॉल सम्मिश्रण 1.5 प्रतिशत था जो 2023 में बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई, जिससे कार्बन उत्सर्जन में लगभग 42 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आई। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ के दौरान 80 से अधिक खुदरा दुकानों में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण की शुरुआत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि दुकानों की संख्या अब बढ़कर 9,000 हो गई है।

 

प्रधानमंत्री ने अपशिष्ट से धन प्रबंधन मॉडल के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सतत विकास की दिशा में हम भारत में 5000 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की दिशा में काम कर रहे हैं। वैश्विक पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि विश्व की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है इसके बावजूद यहां केवल विश्व का चार प्रतिशत ही कार्बन उत्सर्जन होता है। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील ऊर्जा स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित करके अपने ऊर्जा संसाधनों को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के भारत के लक्ष्य को दोहराया।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज, नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथे स्थान पर है। भारत की 40 प्रतिशत स्थापित क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होती है। सौर ऊर्जा में देश की प्रगति पर उन्होंने कहा कि पिछले दशक में, भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ने का अभियान जन आंदोलन बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनल स्थापित करने के उद्देश्य से न केवल एक प्रमुख मिशन का शुभारंभ होगा। यह न केवल एक करोड़ परिवारों को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि उनके घरों में जो अतिरिक्त बिजली सृजित होगी उसे सीधे ग्रिड तक पहुंचाने की व्यवस्था भी तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पहलों से परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, "संपूर्ण सौर मूल्य श्रृंखला में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत में हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। यह भारत के लिए हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का केंद्र बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत का हरित ऊर्जा क्षेत्र निवेशकों और उद्योगों दोनों को निश्चित रूप से बहुत लाभान्वित कर सकता है।

भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम सिर्फ भारत का कार्यक्रम नहीं बल्कि 'भारत दुनिया के साथ और दुनिया के लिए' भावना’ को प्रतिबिंबित करता है।

उन्होंने चिरस्थाई ऊर्जा विकास में सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आइए हम एक-दूसरे से सीखें, अत्याधुनिक तकनीकों पर सहयोग करें और सतत ऊर्जा विकास का मार्ग खोजें।

प्रधानमंत्री ने एक समृद्ध भविष्य के निर्माण पर आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि हम एक साथ मिलकर, ऐसे भविष्य का निर्माण करें जो समृद्ध भी हो और जिसमें पर्यावरण का संरक्षण भी हो सके।

इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल श्री पी. एस. श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय पेट्रोलियम, तेल एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

ऊर्जा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता हासिल करना प्रधानमंत्री का प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है। इस दिशा में एक और कदम के रूप में, भारत ऊर्जा सप्ताह 6 से 9 फरवरी 2024 तक गोवा में आयोजित किया जा रहा है। यह भारत की सर्वोच्च और एकमात्र विशिष्ट ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन है, जो भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के लिए संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को एक मंच प्रदान करेगा और उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। प्रधानमंत्री ने वैश्विक तेल एवं गैस कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक भी की।

भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का महत्वपूर्ण लक्ष्य स्टार्टअप को प्रोत्साहन और उन्हें ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में संबद्ध करना है। सम्मेलन में विभिन्न देशों के लगभग 17 ऊर्जा मंत्रियों, 35,000 से अधिक भागीदार रहेंगे। इस दौरान 900 से अधिक प्रदर्शकों की भागीदारी रहने की उम्मीद है। इसमें छह समर्पित देशों - कनाडा, जर्मनी, नीदरलैंड, रूस, ब्रिटेन और अमरीका के पवेलियन होंगे । सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में भारतीयों के नवाचारों को एक विशेष मेक इन इंडिया पवेलियन में दर्शाया जाएगा।

 

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