प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) 2023 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की 'अनबॉटल्ड' पहल के तहत यूनिफॉर्म लॉन्च की। ये यूनिफॉर्म पीईटी बोतलों के पुनर्चक्रण बनी हैं। उन्होंने इंडियन ऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का भी लोकार्पण किया और इसकी व्यावसायिक शुरुआत को हरी झंडी दिखाई।
बाद में दिन में, प्रधानमंत्री ने इथेनॉल सम्मिश्रण रोडमैप की तर्ज पर 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में तेल विपणन कंपनियों के 84 खुदरा दुकानों पर ई-20 ईंधन भी लॉन्च किया। उन्होंने ग्रीन मोबिलिटी रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें हरित ऊर्जा स्रोतों पर चलने वाले वाहन भाग लेंगे और हरित ईंधन के लिए जन जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने तुर्की और आस-पास के देशों में मौत और तबाही पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि बेंगलुरु प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और नवाचार से लैस शहर है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां मौजूद हर कोई आज उस ऊर्जा का अनुभव कर रहा होगा। उन्होंने बताया कि भारत ऊर्जा सप्ताह जी-20 कैलेंडर का पहला महत्वपूर्ण ऊर्जा कार्यक्रम है और उन्होंने इस अवसर पर सभी का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के विश्व के भविष्य की दिशा निर्धारित करने में ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख भूमिका पर जोर दिया किया। उन्होंने कहा, “एनर्जी के नए रिसोर्सेज को डेवलप करने में, एनर्जी ट्रांजिशन में आज भारत, विश्व की सबसे मजबूत आवाजों में से एक है। विकसित बनने का संकल्प लेकर चल रहे भारत में, ऊर्जा क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं बन रही हैं। 21वीं सदी के विश्व का भविष्य तय करने में, ऊर्जा क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका है।”
भारत के सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के हाल ही में जारी आईएमएफ अनुमानों पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने यह भी कहा कि महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट रहा है। उन्होंने भारत की आंतरिक दृढ़ता को श्रेय दिया जिसने देश को बाहरी कारकों के बावजूद किसी भी बाधा को दूर करने में सक्षम बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इसके पीछे मल्टीपल फैक्टर्स ने काम किया। पहला- स्टेबल गवर्मेंट, दूसरा- सस्टेंड रिफॉर्म, और तीसरा- ग्रास रूट पर सोशियो-इकोनामिक एंपावरमेंट। प्रधानमंत्री ने बैंक खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं, सुरक्षित स्वच्छता, बिजली, आवास और पाइप के पानी सहित बड़े पैमाने पर सामाजिक बुनियादी ढांचे के बारे में विस्तार से बताया, जो करोड़ों लोगों तक पहुंच गया है और जिसने कई लोगों के जीवन को बदल दिया है जो कई प्रमुख देशों की जनसंख्या से अधिक हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत के करोड़ों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में हुए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भारत में करोड़ों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में बदलाव आया है। आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर मिडिल क्लास के स्तर तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में 6,00,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाए गए हैं, ताकि हर गांव में इंटरनेट की सुविधा हो। पिछले 9 वर्षों के विकास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेरह गुना और इंटरनेट कनेक्शन में तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत दुनिया में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है, जिसके कारण दुनिया का सबसे बड़ा आकांक्षी वर्ग तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के लोग बेहतर उत्पाद, बेहतर सेवाएं और बेहतर बुनियादी ढांचा चाहते हैं।" प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं को साकार करने में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा किया।
निकट भविष्य में भारत में ऊर्जा की आवश्यकता और मांग पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में विकास की तीव्र गति के परिणामस्वरूप नए शहर विकसित होंगे। इंटरनेशनल एनर्जी एसोसिएशन का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान दशक में भारत की ऊर्जा की मांग सबसे अधिक होगी, जो ऊर्जा क्षेत्र के निवेशकों और हितधारकों के लिए एक अवसर प्रस्तुत करती है। उन्होंने बताया कि वैश्विक तेल की मांग में भारत की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है, जो बढ़कर 11 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जबकि भारत की गैस की मांग में 500 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के बढ़ते ऊर्जा क्षेत्र द्वारा निवेश और सहयोग के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र को लेकर रणनीति के लिए चार प्रमुख कार्यक्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताया। पहला, घरेलू अन्वेषण और उत्पादन बढ़ाना, आपूर्ति में विविधता लाना और तीसरा, जैव ईंधन, इथेनॉल, संपीड़ित बायोगैस और सौर जैसे ईंधन का विस्तार करना और चौथा, इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन के माध्यम से डी-कार्बोनाइजेशन है। इन कार्यक्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी शोधन क्षमता के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश है। क्षमता को 250 एमएमटीपीए की वर्तमान क्षमता से बढ़ाकर 450 एमएमटीपीए करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, "हम अपनी शोधन क्षमता को लगातार स्वदेशी, आधुनिक और उन्नत बना रहे हैं।" इसी तरह भारत पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने उद्योग के नेतृत्व से अपने ऊर्जा परिदृश्य का विस्तार करने के लिए प्रौद्योगिकी और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार 2030 तक हमारे ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की खपत को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है, जहां सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा 'वन नेशन वन ग्रिड' द्वारा प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "सरकार एलएनजी टर्मिनल पुनर्गैसीकरण की क्षमता बढ़ाने के प्रयास में जुटी है।" उन्होंने यह भी कहा कि 21 एमएमटीपीए की टर्मिनल पुनर्गैसीकरण क्षमता 2022 में दोगुनी हो गई है, जबकि इसे और भी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सीजीडी की संख्या 9 गुना बढ़ गई है और सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 में 900 से बढ़कर 5000 हो गई है। प्रधानमंत्री ने गैस पाइपलाइन नेटवर्क के बारे में भी चर्चा की, जो 2014 के 14,000 किलोमीटर से बढ़कर 22,000 किलोमीटर हो गया है और अगले 4-5 वर्षों में नेटवर्क का विस्तार 35,000 किलोमीटर तक हो जाएगा।
घरेलू अन्वेषण और उत्पादन को लेकर भारत के फोकस पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि ईपी क्षेत्र ने उन क्षेत्रों में रुचि दिखाई है, जो अब तक दुर्गम माने जाते थे। उन्होंने कहा, "हमने 'नो-गो' क्षेत्रों को कम कर दिया है। इससे 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र नो-गो की बंदिशों से मुक्त हो गया है। मैं सभी निवेशकों से इन अवसरों का उपयोग करने और जीवाश्म ईंधन की खोज में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का आग्रह करता हूं।”
बायो-एनर्जी विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री ने पिछले साल अगस्त में पहली 2जी इथेनॉल बायो-रिफाइनरी की बात की थी और कहा था कि 12 कमर्शियल 2जी इथेनॉल प्लांट की तैयारी है। इसी तरह, टिकाऊ विमानन ईंधन और नवीकरणीय डीजल की व्यावसायिक व्यवहार्यता की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष के बजट के प्रावधानों के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने 500 नए 'वेस्ट टू वेल्थ' गोबरधन संयंत्रों, 200 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्रों और 300 समुदाय-आधारित संयंत्रों की जानकारी दी, जो निवेश के नए रास्ते बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, "राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देगा।" उन्होंने कहा कि देश इस दशक के अंत तक 5 एमएमटीपीए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिससे 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ग्रे हाइड्रोजन की जगह ग्रीन हाइड्रोजन की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने ईवीएस में बैटरी लागत के महत्वपूर्ण विषय के बारे में भी चर्चा की और कहा कि इसकी लागत कार की लागत का 40-50 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 18,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना शुरू की है, जो 50 गीगावाट घंटे की उन्नत रसायन सेल के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
प्रधानमंत्री ने नए बजट में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, टिकाऊ परिवहन और हरित प्रौद्योगिकियों पर जोर देने की विस्तृत व्याख्या की। एनर्जी ट्रांजिशन और नेट-जीरो उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता वाले पूंजी निवेश के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान हरित हाइड्रोजन, सौर से लेकर सड़क के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।
इसके बाद, उन्होंने हरित ऊर्जा पहल के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 9 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 70 गीगावाट से बढ़कर लगभग 170 गीगावाट हो गई है, जिसमें सौर ऊर्जा में 20 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे नंबर पर है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस दशक के अंत तक 50 परसेंट नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। बीते 9 वर्षों में पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को हम डेढ़ परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर चुके हैं। अब हम 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं।” आज ई-20 की शुरूआत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआत के पहले चरण में 15 शहर शामिल होंगे और दो साल के भीतर इसका विस्तार पूरे देश में कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि आज भारत में एनर्जी ट्रांजिशन को लेकर जो मास मूवमेंट चल रहा है वह अध्ययन का विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह दो तरह से हो रहा है: पहला, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को तेजी से अपनाना और दूसरा, ऊर्जा संरक्षण के प्रभावी तरीकों को अपनाना।" उन्होंने भारत के नागरिकों द्वारा ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को तेजी से अपनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाले घरों, गांवों और हवाई अड्डों और सौर पंपों से होने वाली कृषि संबंधी गतिविधियों का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले 9 वर्षों में 19 करोड़ से अधिक परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन से जोड़ा है। प्रधानमंत्री ने आज लॉन्च किए गए सोलर कुकटॉप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत में ग्रीन और क्लीन कुकिंग को एक नया आयाम देने जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगले 2-3 वर्षों में 3 करोड़ से अधिक घरों में सोलर कुकटॉप की पहुंच होगी।" उन्होंने कहा, "भारत में 25 करोड़ से अधिक परिवारों के साथ, यह रसोई में क्रांति लाएगा।" घरों और स्ट्रीट लाइटों में एलईडी बल्ब, घर में स्मार्ट मीटर, सीएनजी और एलएनजी को अपनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने ऊर्जा संरक्षण के प्रभावी तरीकों की दिशा में तेजी से बदलते रुझानों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने हरित विकास और ऊर्जा परिवर्तन के लिए भारत के प्रयास को भारतीय मूल्यों से जोड़ा, जहां चक्रीय अर्थव्यवस्था हर भारतीय की जीवन शैली का हिस्सा है और रीड्यूस, रीयूज और रीसाइकल का मंत्र हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों को यूनिफॉर्म के रूप में रीसाइकिल करने की पहल मिशन लाइफ को मजबूत करेगी।
संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने हितधारकों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हर संभावना का पता लगाने और इसमें शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "आज भारत आपके निवेश के लिए दुनिया में सबसे उपयुक्त जगह है।”
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
भारत ऊर्जा सप्ताह 6 से 8 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य ऊर्जा रुपांतरण महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ती शक्ति को प्रदर्शित करना है। यह आयोजन उन चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा उद्योग, सरकारों और शिक्षा जगत की अग्रणी हस्तियों को एक साथ लाएगा, जो एक जिम्मेदार ऊर्जा रूपांतरण को प्रस्तुत करते हैं। इसमें दुनिया भर के 30 से अधिक मंत्रियों की उपस्थिति देखी जाएगी। भारत के ऊर्जा भविष्य की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए 30,000 से अधिक प्रतिनिधि, 1,000 प्रदर्शक और 500 वक्ता एकत्रित होंगे।
प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की 'अनबॉटल्ड' पहल के तहत यूनिफॉर्म का भी शुभारंभ किया। एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, इंडियन ऑयल ने रीसाइकिल पॉलिएस्टर (आरपीईटी) और कपास से बने खुदरा ग्राहक सहायकों और एलपीजी वितरण कर्मियों के लिए यूनिफॉर्म को अपनाया है। इंडियन ऑयल के ग्राहक सहायकों की यूनिफॉर्म का प्रत्येक सेट लगभग 28 प्रयुक्त पीईटी बोतलों की रीसाइकलिंग का समर्थन करेगा। इंडियनऑयल इस पहल को 'अनबॉटल्ड' - रिसाइकिल पॉलिएस्टर से बने मर्चेंडाइज के लिए लॉन्च किए गए सस्टेनेबल गारमेंट्स के लिए एक ब्रांड के माध्यम से आगे ले जा रहा है। इस ब्रांड के तहत, इंडियनऑयल का लक्ष्य अन्य तेल विपणन कंपनियों के ग्राहक परिचारकों के लिए यूनिफॉर्म की आवश्यकता को पूरा करना, सेना के लिए गैर-लड़ाकू वर्दी, संस्थानों के लिए वर्दी/पोशाक और खुदरा ग्राहकों को बिक्री करना है।
प्रधानमंत्री ने इंडियनऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का भी लोकार्पण किया और इसकी व्यावसायिक शुरुआत को हरी झंडी दिखाई। इंडियनऑयल ने पहले एक सिंगल कुकटॉप के साथ एक अभिनव और पेटेंटेड इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम विकसित किया था। प्राप्त किए गए फीडबैक के आधार पर, ट्विन-कुकटॉप इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम को उपयोगकर्ताओं को अधिक लचीलापन और आसानी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक क्रांतिकारी इनडोर सोलर कुकिंग समाधान है, जो सौर और सहायक ऊर्जा दोनों स्रोतों पर एक साथ काम करता है, जिससे यह भारत के लिए एक विश्वसनीय रसोई का समाधान बन जाता है।
इस समय तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर हम सभी की दृष्टि लगी हुई है।
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
बहुत से लोगों की दुखद मृत्यु, और बहुत नुकसान की खबरें हैं: PM @narendramodi
विकसित बनने का संकल्प लेकर चल रहे भारत में, Energy सेक्टर के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं बन रही हैं। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/zZpSdOko6z
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक global bright spot रहा है। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/euELfPjl28
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
आज भारत में करोड़ों लोगों की Quality of Life में बदलाव आया है। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/8PSYpb2RDC
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
Energy sector को लेकर भारत की strategy के 4 major verticals हैं। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/JizkTI6LaG
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
We are working on mission mode to increase natural gas consumption in our energy mix by 2030. #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/Srof6RZua4
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
Another sector in which India is taking lead in the world is that of green hydrogen. #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/IhIIjmL1qN
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
2014 के बाद से, Green Energy को लेकर भारत का कमिटमेंट और भारत के प्रयास पूरी दुनिया देख रही है। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/b1ix0X6zpp
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
आज भारत में energy transition को लेकर जो mass movement चल रहा है, वो अध्ययन का विषय है।
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
ये दो तरीके से हो रहा है। #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/1Z3mCYTKOB
The solar cooktop launched today is going to give a new dimension to Green and Clean Cooking in India. #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/n3C54uPgSe
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023
Circular economy, in a way, is a part of the lifestyle of every Indian. #IndiaEnergyWeek pic.twitter.com/X4z2FLx50o
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2023