डिफेंस प्रोडक्शंस को लेकर हमारी ambitions किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं है, ये काम भारत ने ना कभी किया है और ना ही ऐसा करने की हमारी इच्छा है, भारत आज से नहीं बल्कि हमेशा से विश्व शांति का भरोसेमंद पार्टनर रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
हम पर Indian Ocean Region के साथ-साथ दुनिया के एक बड़े हिस्से में अपने हितों के अलावा मानवता को भी सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी है: पीएम मोदी
भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में असीमित संभावनाएं हैं, यहां Talent है और Technology भी है, यहां Innovation है और Infrastructure भी है यहां Favourable Policy है और Foreign Investment की सुरक्षा भी है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लखनऊ, उत्तर प्रदेश में डेफएक्सपो के 11वें संस्करण का उद्घाटन किया। भारत की इस द्विवार्षिक सैन्य प्रदर्शनी में ग्लोबल रक्षा निर्माण केन्द्र के रूप में देश की संभावनाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है। डेफएक्सपो, 2020 भारत के सबसे बड़े रक्षा प्रदर्शनी मंच और दुनिया के शीर्ष डेफएक्सपो में से एक बन गया है। इस बार दुनिया भर के एक हजार से अधिक रक्षा निर्माता और 150 कम्पनियां इस एक्सपो में भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें न केवल भारत के प्रधानमंत्री के रूप में, बल्कि उत्तर प्रदेश के सांसद के रूप में सभी का डेफएक्सपो के 11वें संस्करण में स्वागत करने में दोगुनी खुशी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह लोगों और भारत के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से न केवल भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इससे भविष्य में रक्षा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।’

भारत सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक विशाल अवसर

आज का डेफएक्सपो भारत की विशालता, उसकी व्यापकता, उसकी विविधता और दुनिया में उसकी विस्तृत भागीदारी का जीता-जागता सबूत है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में मजबूत भूमिका के साथ आगे बढ़ रहा है। यह एक्सपो न सिर्फ रक्षा से जुड़े उद्योग, बल्कि भारत के प्रति दुनिया के विश्वास को भी प्रतिबिंबित करता है। जो लोग रक्षा और अर्थव्यवस्था के बारे में जानते है वह निश्चित रूप से यह भी जानते होंगे कि भारत सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया के लिए एक विशाल अवसर है।

रक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन कल की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करता है

प्रधानमंत्री ने कहा कि डेफएक्सपो की उप विषयवस्तु ‘रक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन’ कल की चिंताओं और चुनौतियों को दर्शाता है। जैसे-जैसे जीवन टेक्नोलॉजी चलित होता जा रहा है, सुरक्षा से जुड़े मुद्दें और चुनौतियां और गंभीर होती जा रही हैं। यह केवल वर्तमान के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में रक्षा बल नई प्रौद्योगिकियां तैयार कर रहे हैं, भारत भी दुनिया के साथ कदम से कदम मिला रहा है। अनेक प्रतिकृतियां (प्रोटोटाइप) तैयार की जा रही हैं। हमारा उद्देश्य अगले पांच वर्ष के दौरान रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कम से कम 25 उत्पाद विकसित करना है।

अटल बिहारी वाजपेयी का स्वप्न हकीकत में बदला

प्रधानमंत्री ने कहा कि लखनऊ में चल रहा एक्सपो एक अन्य कारण से भी महत्वपूर्ण है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में रक्षा उपकरणों के निर्माण का स्वप्न देखा था और इसके लिए अनेक कदम उठाए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी कल्पना के रास्ते को अपनाते हुए हम अनेक रक्षा उत्पादों के निर्माण में तेजी लाए। हमने 2014 में 217 रक्षा लाइसेंस जारी किए। पिछले पांच वर्षों में यह संख्या 460 पर पहुंच गई। भारत आज आर्टिलरी गनों, विमान वाहकों से लेकर युद्धपोत पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। वैश्विक रक्षा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। पिछले दो वर्षों में भारत ने करीब 17000 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उत्पाद निर्यात किए। अब हमारा लक्ष्य रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर तक ले जाना है।

रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, राष्ट्र की नीति का एक बड़ा हिस्सा

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने अनुसंधान और विकास को हमारे राष्ट्र की नीति का एक प्रमुख हिस्सा बना दिया है। रक्षा अनुसंधान और विकास तथा निर्माण के लिए देश में आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। अन्य देशों के साथ संयुक्त उद्यमों का पता लगाया जा रहा है। एक केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ सभी साइलो समाप्त करने का एक प्रयास किया गया है। इससे एक ऐसा माहौल तैयार होगा, जहां लोग निवेश और नवोन्मेष के लिए तैयार रहेंगे।

उपयोगकर्ता और उत्पादक के बीच साझेदारी

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपयोगकर्ता और उत्पादक के बीच सहभागिता से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘रक्षा निर्माण केवल सरकारी संस्थानों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसकी निजी क्षेत्र के साथ सामान भागीदारी और साझेदारी होनी चाहिए।’

नए भारत के नए लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए दो बड़े गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। एक तमिलनाडु में और एक अन्य उत्तर प्रदेश में होगा। उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे के अंतर्गत, लखनऊ के अलावा अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट और कानपुर में नोड्स स्थापित किए जाएगे। भारत में रक्षा सामानों के निर्माण को गति प्रदान करने के लिए नए लक्ष्य तय किए गए है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्ष में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एमएसएमई की संख्या 15000 से ऊपर ले जाना है। आई-डीईएक्स के विचार को बढ़ाने के लिए 200 नए रक्षा स्टार्ट-अप्स शुरू करने का लक्ष्य रक्षा गया है। यह प्रयास कम से कम 50 नई टेक्नोलॉजी और उत्पादों को विकसित करने के लिए किया जा रहा है। मेरा सुझाव है कि देश के प्रमुख उद्योग संगठन रक्षा सामानों के निर्माण के लिए एक साझा मंच बनाएं, ताकि वे रक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के विकास और उत्पादन दोनों का लाभ उठा सकें।’

 

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Waqf Law Has No Place In The Constitution, Says PM Modi

Media Coverage

Waqf Law Has No Place In The Constitution, Says PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.