Quoteयूपीसीडा एग्रो पार्क करखियांव में बनास काशी संकुल दूध प्रसंस्करण यूनिट का उद्घाटन किया
Quoteएचपीसीएल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, यूपीसीडा एग्रो पार्क में विभिन्न आधारभूत अवसंरचना कार्य और सिल्क फैब्रिक प्रिंटिंग कॉमन फैसिलिटी का उद्घाटन किया
Quoteअनेक सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
Quoteवाराणसी में अनेक शहरी विकास, पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
Quoteवाराणसी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की आधारशिला रखी
Quoteबीएचयू में नए मेडिकल कॉलेज और नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग की आधारशिला रखी
Quoteसिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम फेज-1 और डिस्ट्रिक्ट राइफल शूटिंग रेंज का उद्घाटन किया
Quote"दस वर्ष में बनारस ने मुझे बनारसी बना दिया है"
Quote"किसान और पशुपालक सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता"
Quote"बनास काशी संकुल 3 लाख से अधिक किसानों की आय को बढ़ावा देगा"
Quote"पशुपालन महिलाओं की आत्म-निर्भरता का एक बड़ा साधन है"
Quote"हमारी सरकार, खाद्य प्रदाता को ऊर्जा प्रदाता बनाने के साथ-साथ उर्वरक प्रदाता बनाने पर भी काम कर रही है"
Quote"आत्मनिर्भर भारत बनेगा विकसित भारत का आधार"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री वाराणसी के करखियावं में यूपीआईडीएस एग्रो पार्क में बनी बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड की दूध प्रसंस्करण यूनिट बनास काशी संकुल देखने गए और गाय लाभार्थियों से बातचीत की। प्रदानमंत्री श्री मोदी ने रोजगार पत्र और जीआई-अधिकृत उपयोगकर्ता प्रमाण पत्र भी दिए। आज की विकास परियोजनाएं सड़क, रेल, विमानन, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शहरी विकास और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की हैं।

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प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए काशी में एक बार फिर उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया और 10 वर्ष पहले शहर के सांसद के रूप में चुने जाने को याद किया। उन्होंने कहा कि इन दस वर्षों में बनारस ने उन्हें बनारसी बना दिया है। श्री मोदी ने काशी के लोगों के समर्थन और योगदान की सराहना की और कहा कि 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के साथ एक नई काशी बनाने का अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाएं रेल, सड़क, हवाई अड्डे से संबंधित, पशुपालन, उद्योग, खेल, कौशल विकास, स्वच्छता, स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता, पर्यटन और एलपीजी गैस से संबंधित हैं और इन परियोजनाओं से न केवल काशी, बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने संत रविदास जी से जुड़ी परियोजनाओं का भी उल्लेख किया और नागरिकों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने काशी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास परियोजनाओं के बारे में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कल रात अतिथि गृह जाते समय अपनी सड़क यात्रा को याद किया और फुलवरिया फ्लाईओवर परियोजना के फायदों की जानकारी दी। उन्होंने बीएलडब्ल्यू से हवाई अड्डे तक की यात्रा में आसानी के सुधार का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कल रात गुजरात यात्रा से यहां पहुंचने के तुरंत बाद विकास परियोजना का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में विकास को बढ़ावा देने के बारे में कहा कि सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम फेज -1 और जिला राइफल शूटिंग रेंज से क्षेत्र के युवा एथलीटों को बहुत लाभ होगा।

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प्रधानमंत्री ने इससे पहले बनास डेयरी गए और कई पशुपालकों महिलाओं के साथ अपनी बातचीत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कृषि पृष्ठभूमि की महिलाओं की जागरूकता बढ़ाने के लिए 2-3 वर्ष पहले स्वदेशी नस्ल की गिर गाय दी गई थीं। यह देखते हुए कि गिर गायों की संख्या अब लगभग 350 तक पहुंच गई है, प्रधानमंत्री ने बताया कि वे साधारण गायों के 5 लीटर दूध की तुलना में 15 लीटर तक दूध देती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी ही एक गिर गाय 20 लीटर दूध दे रही है, जिससे महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय हो रही है और वे लखपति दीदी बन रही हैं। उन्होंने कहा, "यह देश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 10 करोड़ महिलाओं के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।”

प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पहले बनास डेयरी के शिलान्यास के कार्यक्रम को याद करते हुए कहा कि उस दिन दी गई गारंटी आज लोगों के सामने है। उन्होंने कहा कि बनास डेयरी सही निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन का एक अच्छा उदाहरण है। बनास डेयरी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और रायबरेली से करीब 2 लाख लीटर दूध एकत्रित करती है। नए प्लांट के शुरू होने से बलिया, चंदौली, प्रयागराज और जौनपुर के पशुपालकों को भी लाभ होगा। परियोजना के अंतर्गत वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों के 1000 से अधिक गांवों में नई दूध मंडियां बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि बनास काशी संकुल रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, बनास काशी संकुल 3 लाख से अधिक किसानों की आय को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि यह इकाई अन्य डेयरी उत्पादों जैसे छाछ, दही, लस्सी, आइसक्रीम, पनीर और क्षेत्रीय मिठाइयां भी बनाएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह प्लांट बनारस की मिठाइयों को भारत के कोने-कोने तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने रोजगार के साधन के रूप में दूध के परिवहन और पशु पोषण उद्योग को बढ़ावा देने की भी बात की।

प्रधानमंत्री ने डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की प्रधानता को देखते हुए डेयरी नेतृत्व से पशुपालक बहनों के खातों में सीधे डिजिटल रूप से धन अंतरित करने की प्रणाली विकसित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों और भूमिहीन मजदूरों की सहायता में पशुपालन की भूमिका को रेखांकित किया।

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प्रधानमंत्री ने अन्नदाता को ऊर्जा दाता से उर्वरकदाता बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने गोबर धन में अवसर की जानकारी दी और डेयरी में बायो सीएनजी और जैविक खाद बनाने के लिए प्लांट लगाने की बात की। गंगा नदी के तट पर प्राकृतिक खेती की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने गोबर धन योजना के अंतर्गत जैविक खाद की उपयोगिता को स्वीकार किया। एनटीपीसी द्वारा शहरी अपशिष्ट से चारकोल बनाने के संयंत्र में उपयोग का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने 'कचरा को कंचन' में बदलने की काशी की भावना की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान और पशुपालक सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। उन्होंने पिछली कैबिनेट बैठक में गन्ने के एफआरपी संशोधन को 340 रुपये प्रति क्विंटल करने और राष्ट्रीय पशुधन मिशन में संशोधन के साथ पशुधन बीमा कार्यक्रम को आसान बनाने की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि न केवल किसानों का बकाया चुकाया जा रहा है, बल्कि फसलों के दाम भी बढ़ाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने पिछली और वर्तमान सरकार की विचार प्रक्रिया के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा, "आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत की नींव बनेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत तभी साकार होगा जब देश में छोटी संभावनाओं को पुनर्जीवित किया जाएगा और छोटे किसानों, पशुपालकों, शिल्पकारों और छोटे और मध्यम उद्योगों को सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल का आह्वान बाजार के उन छोटे लोगों के लिए एक विज्ञापन है जो टेलीविजन और समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर खर्च नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, "मोदी खुद स्वदेशी सामान बनाने वालों का विज्ञापन करते हैं।" उन्होंने कहा, 'मोदी हर छोटे किसान और उद्योग के एम्बेसडर हैं, चाहे खादी का प्रचार हो, खिलौना बनाने वालों का हो, मेक इन इंडिया का काम हो या फिर देखो अपना देश हो।' उन्होंने कहा कि इस तरह के आह्वान का असर काशी में ही देखा जा सकता है, जहां विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद से 12 करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं, जिससे आय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। वाराणसी और अयोध्या के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा प्रदान किए गए इलेक्ट्रिक नौका के शुभारंभ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह आगंतुकों को एक विशिष्ट अनुभव देगा।

प्रधानमंत्री ने पहले के समय में वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के दुष्प्रभावों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कुछ वर्गों द्वारा काशी के युवाओं की छवि खराब करने की भी आलोचना की। उन्होंने युवाओं के विकास और वंशवाद की राजनीति के बीच विरोधाभास पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन शक्तियों में काशी और अयोध्या के नए स्वरूप के प्रति घृणा का भी उल्लेख किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा “ मोदी का तीसरा कार्यकाल भारत की क्षमताओं को विश्व में सबसे आगे लाएगा और भारत का आर्थिक, सामाजिक, सामरिक और सांस्कृतिक क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर होगा।” प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए पिछले 10 वर्षों में 11 वें स्थान से विश्व की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में छलांग लगाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत अगले 5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रदानमंत्री श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि डिजिटल इंडिया, सड़कों चौड़ा करने, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण और वंदे भारत, अमृत भारत तथा नमो भारत ट्रेनों जैसे विकास कार्यों को अगले 5 वर्षों में गति दी जाएगी। मोदी ने कहा, 'पूर्वी भारत को विकसित भारत का विकास इंजन बनाने की मोदी की गारंटी।' उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विकास से वंचित रहा है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी से औरंगाबाद तक छह लेन के राजमार्ग के पहले चरण के उद्घाटन के बारे कहा कि आने वाले 5 वर्षों में वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के पूरा होने से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच की दूरी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, "भविष्य में बनारस से कोलकाता तक यात्रा का समय लगभग आधा होने जा रहा है।”

प्रधानमंत्री ने आने वाले 5 वर्षों में काशी के विकास के नए आयामों का अनुमान व्यक्त किया। उन्होंने काशी रोपवे और हवाई अड्डे की क्षमता में तेजी से वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि काशी देश में एक महत्वपूर्ण खेल नगरी के रूप में उभरेगा। उन्होंने काशी को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भी स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि अगले 5 साल में काशी रोजगार और कौशल का केंद्र बनेगा। इस दौरान नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी कैंपस भी बनकर तैयार होगा, जिससे क्षेत्र के युवाओं और बुनकरों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। पिछले एक दशक में हमने काशी को स्वास्थ्य और शिक्षा के केंद्र के रूप में एक नई पहचान दी है। अब इसमें एक नया मेडिकल कॉलेज भी जुड़ने जा रहा है। बीएचयू में नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग के साथ ही आज 35 करोड़ रुपये की कई डायग्नोस्टिक मशीनों और उपकरणों का लोकार्पण किया गया। अस्पताल से जैव-जोखिम कचरे से निपटने के लिए एक सुविधा भी विकसित की जा रही है।

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संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी और उत्तर प्रदेश का तीव्र विकास जारी रहना चाहिए और काशी के प्रत्येक निवासी से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "अगर देश और विश्व को मोदी की गारंटी पर इतना विश्वास है, तो यह आपके स्नेह और बाबा के आशीर्वाद के कारण है।”

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री श्री महेंद्र नाथ पांडे और बनास डेयरी के अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में सड़क संपर्क को और बढ़ाने के लिए जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी उनमें एनएच -233 के घरगरा-पुल-वाराणसी सेक्सन के चार लेन सहित एनएच -56 के सुल्तानपुर-वाराणसी खंड को चार लेन बनाना, पैकेज-1; राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के वाराणसी-औरंगाबाद सेक्सन के पहले चरण को छह लेन का बनाना; एनएच-35 पर पैकेज-1 वाराणसी-हनुमान सेक्सन को चार लेन का बनाना; और बाबतपुर के निकट वाराणसी-जौनपुर रेल सेक्सन पर आरोबी बनाना शामिल है। उन्होंने वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे पैकेज-1 के निर्माण की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए सेवापुरी में एचपीसीएल की एलपीजी बॉटलिंग प्लांट; यूपीसीडा एग्रो पार्क करखियांव में बनास काशी संकुल दूध प्रसंस्करण यूनिट; यूपीसीडा एग्रो पार्क, करखियांव में विभिन्न बुनियादी ढांचे के कार्य; और बुनकरों के लिए सिल्क फैब्रिक प्रिंटिंग कॉमन फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया।

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प्रधानमंत्री ने वाराणसी में कई शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें रमना में एनटीपीसी द्वारा शहरी अपशिष्ट से चारकोल संयंत्र; सीस-वरुणा क्षेत्र में जल आपूर्ति नेटवर्क का उन्नयन; और एसटीपी और सीवरेज पंपिंग स्टेशनों की ऑनलाइन प्रवाह निगरानी और एससीएडीए ऑटोमेशन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के सौंदर्यीकरण के लिए अनेक परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें तालाबों के कायाकल्प और पार्कों के पुनर्विकास की परियोजनाएं और 3 डी शहरी डिजिटल मानचित्र और डेटाबेस के डिजाइन और विकास शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन से संबंधित कई परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में पंचकोशी परिक्रमा मार्ग और पवन पथ के पांच पड़ाव पर दस आध्यात्मिक यात्राओं के साथ सार्वजनिक सुविधाओं का पुनर्विकास; वाराणसी और अयोध्या के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदान किए गए इलेक्ट्रिक कटमरैन नौका का शुभारंभ; और सात चेंज रूम, फ्लोटिंग जेट्टी और चार सामुदायिक जेट्टी हैं। इलेक्ट्रिक कटमरैन हरित ऊर्जा के उपयोग के साथ गंगा में पर्यटन के अनुभव को बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री ने विभिन्न शहरों में आईडब्ल्यूएआई के तेरह सामुदायिक जेट्टी और बलिया में त्वरित पोंटून खोलने की व्यवस्था की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी के प्रसिद्ध कपड़ा क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करते हुए वाराणसी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की आधारशिला रखी। नया संस्थान ट्क्सटाइल क्षेत्र की शिक्षा और प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूत करेगा।

वाराणसी में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने वाराणसी में एक नए मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। उन्होंने बीएचयू में नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने शहर में खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम फेज -1 और जिला राइफल शूटिंग रेंज का उद्घाटन किया।

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140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।