वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के महत्वपूर्ण खंड राष्ट्र को समर्पित किए
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन में दो नए दबावयुक्त भारी जल के रिएक्टर: केएपीएस-3 और केएपीएस-4 राष्ट्र को समर्पित किए
नवसारी में पीएम मित्र पार्क का निर्माण कार्य शुरू किया गया
सूरत नगर निगम, सूरत शहरी विकास प्राधिकरण और ड्रीम सिटी की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी
सड़क, रेल शिक्षा और जल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “नवसारी में रहना हमेशा एक अच्छा एहसास होता है। विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ गुजरात की विकास यात्रा को मजबूत करेगा”
"मोदी की गारंटी वहां से शुरू होती है जहां दूसरों से आशा समाप्त हो जाती है"
"चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी, हमारी सरकार का प्रयास प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर में सुधार करना है"
"आज देश के छोटे-छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है"
"डिजिटल इंडिया को आज दुनिया स्वीकार कर रही है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के नवसारी में 47,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। परियोजनाओं में बिजली उत्पादन, रेल, सड़क, कपड़ा, शिक्षा, जल आपूर्ति, संपर्क और शहरी विकास जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए रेखांकित किया कि यह आज गुजरात में उनका तीसरा कार्यक्रम है और पहले दिन में गुजरात के पशुपालकों (मवेशी प्रजनकों) और डेयरी उद्योग के हितधारकों की संगति को याद किया। उन्होंने मेहसाणा के वलीनाथ महादेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब, मैं यहां नवसारी में विकास के इस उत्सव में भाग ले रहा हूं।" उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों से अपने मोबाइल फोन में फ्लैशलाइट चालू करने और विकास के इस स्मारक उत्सव का हिस्सा बनने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने वस्त्र, बिजली और शहरी विकास के क्षेत्रों में वडोदरा, नवसारी, भरूच और सूरत के लिए 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई दी।

मोदी की गारंटी को लेकर चल रही चर्चा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा दी गई गारंटी के पूरा होने की निश्चितता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह तथ्य गुजरात के लोगों को लंबे समय से पता है। उन्होंने 'फाइव एफ' - फार्म, फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन, फैशन से फॉरेन को याद किया, जिसके बारे में वह अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान बात करते थे। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य वस्त्रों की पूर्ण आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला बनाना है। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा, "आज, रेशम शहर सूरत का नवसारी तक विस्तार हो रहा है।" गुजरात के वस्त्र उद्योग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने सूरत में निर्मित वस्त्रों की विशिष्ट पहचान को का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पीएम मित्र पार्क के पूरा होने से पूरे क्षेत्र का चेहरा बदल जाएगा, जहां केवल इसके निर्माण में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम मित्र पार्क कताई, बुनाई, जिनिंग, परिधान, तकनीकी वस्त्र और कपड़ा मशीनरी जैसी गतिविधियों के लिए एक मूल्य-श्रृंखला इकोसिस्टम तैयार करेगा, साथ ही रोजगार को भी प्रोत्साहन देगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह पार्क श्रमिकों के लिए घरों, लॉजिस्टिक्स पार्क, गोदाम, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रशिक्षण तथा कौशल विकास की सुविधाओं से सुसज्जित होगा।

प्रधानमंत्री ने 800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले तापी नदी बैराज के शिलान्यास का जिक्र करते हुए रेखांकित किया कि सूरत में जल आपूर्ति से संबंधित मुद्दों का पूरी तरह से समाधान किया जाएगा, साथ ही बाढ़ जैसी स्थितियों को रोकने में भी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने दैनिक जीवन के साथ-साथ औद्योगिक विकास में बिजली के महत्व को रेखांकित करते हुए, 20-25 वर्ष पहले गुजरात में उस समय की ओर इशारा किया जब बिजली कटौती बहुत आम बात थी। श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री बनने पर सामने आई चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और कोयले और गैस के आयात की प्रमुख बाधाओं के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने पनबिजली उत्पादन की न्यूनतम संभावनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "मोदी है तो मुमकिन है।" उन्होंने राज्य को बिजली उत्पादन संकट से बाहर निकालने के सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी, साथ ही उन्नत प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन पर बल देने का उल्लेख किया, जिससे आज गुजरात में पैदा होने वाली बिजली में बहुत बड़ा योगदान है।

प्रधानमंत्री ने बिजली के परमाणु उत्पादन पर विस्तार से चर्चा करते हुए काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) यूनिट 3 और यूनिट 4 में दो नए स्वदेशी दबावयुक्त भारी पानी के रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) के बारे में बात की, जिनका आज लोकार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि ये रिएक्टर आत्मनिर्भर भारत के उदाहरण हैं और गुजरात के विकास में मदद करेंगे।

प्रधानमंत्री ने बढ़ते आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ दक्षिण गुजरात के अभूतपूर्व विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों को पीएम सूर्यघर योजना के बारे में बताया जो न केवल घरों के ऊर्जा बिल को कम करेगी बल्कि आय उत्पन्न करने का माध्यम भी बनेगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की पहली बुलेट ट्रेन इस क्षेत्र से होकर गुजरेगी क्योंकि यह क्षेत्र देश के बड़े औद्योगिक केंद्रों-मुंबई और सूरत को जोड़ेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नवसारी को अब अपने औद्योगिक विकास के लिए पहचान मिल रही है", क्योंकि नवसारी सहित पूरा पश्चिम गुजरात अपनी कृषि प्रगति के लिए जाना जाता है। क्षेत्र में किसानों को लाभ प्रदान करने के सरकार के प्रयासों के बारे में बोलते हुए, श्री मोदी ने फलों की खेती के उद्भव पर प्रकाश डाला और नवसारी के आम और चीकू (सैपोडिला) की विश्व प्रसिद्ध हापुस और वलसारी किस्मों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को 350 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद मिल चुकी है।

प्रधानमंत्री ने युवाओं, गरीबों, किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने की अपनी गारंटी दोहराई। उन्होंने कहा कि गारंटी सिर्फ योजनाएं बनाने से आगे बढ़कर पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने तक फैली हुई है।

प्रधानमंत्री ने जनजातीय और तटीय गांवों की पहले की उपेक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने उमरगाम से लेकर अंबाजी तक के क्षेत्र में हर बुनियादी सुविधा सुनिश्चित की है। राष्ट्रीय स्तर पर भी, 100 से अधिक आकांक्षी जिले जो विकास के मापदंडों में पीछे थे, वे देश के बाकी हिस्सों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मोदी की गारंटी वहां से शुरू होती है जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है।" उन्होंने गरीबों के लिए पक्के मकानों की गारंटी, मुफ्त राशन योजना, बिजली, नल का पानी और गरीबों, किसानों, दुकानदारों और मजदूरों के लिए बीमा योजनाओं के मोदी के आश्वासनों को सूचीबद्ध किया। श्री मोदी ने कहा, "यह आज एक वास्तविकता है क्योंकि यह मोदी की गारंटी है।"

जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की गंभीर समस्या का समाधान करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बीमारी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान सिकल सेल एनीमिया से निपटने के लिए राज्य के सक्रिय उपायों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बीमारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए व्यापक राष्ट्रीय प्रयासों को भी सूचीबद्ध किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश भर के जनजातीय क्षेत्रों से इस बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से सरकार की व्यापक पहल को रेखांकित किया। श्री मोदी ने कहा, "हमने अब सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है।" प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, "इस मिशन के अंतर्गत, देश भर के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की जांच की जा रही है।" उन्होंने जनजातीय इलाकों में बन रहे चिकित्सा महाविद्यालयों का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कह, "चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी, हमारी सरकार का प्रयास प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर में सुधार करना है।" प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने पर बल दिया। पहले के समय की आर्थिक स्थिरता को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "आर्थिक स्थिरता का मतलब देश के पास सीमित वित्तीय संसाधन होते थे।" प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उस अवधि के दौरान ग्रामीण और शहरी विकास पर प्रतिकूल प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चूंकि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 में 11वें स्थान से ऊपर उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, इसका मतलब है कि आज भारत के नागरिकों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है और इसलिए भारत इसे खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा, इसलिए, आज देश के छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी का शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है। उन्होंने छोटे शहरी केंद्रों से सुलभ हवाई यात्रा और 4 करोड़ पक्के घरों का भी जिक्र किया।

डिजिटल इंडिया पहल की सफलता और दायरे पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज दुनिया डिजिटल इंडिया को पहचानती है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल इंडिया ने नए स्टार्ट-अप के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में युवाओं के उभरने से छोटे शहरों को ट्रांस्फॉर्म कर दिया है। उन्होंने ऐसे छोटे शहरों में नियो मिडिल क्लास के उद्भव पर बात की जो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री ने विकास के साथ-साथ विरासत को प्राथमिकता देने पर सरकार के ध्यान देने को रेखांकित किया और कहा कि यह क्षेत्र भारत की आस्था और इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, चाहे वह स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण। उन्होंने भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति के कारण क्षेत्र की विरासत की उपेक्षा पर भी खेद व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, भारत की समृद्ध विरासत की गूंज आज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। उन्होंने दांडी नमक सत्याग्रह स्थल पर दांडी स्मारक के विकास और सरदार पटेल के योगदान को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का उल्लेख किया।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए देश के विकास का रोडमैप पहले से ही तैयार है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''इन 25 सालों में हम एक विकसित गुजरात और एक विकसित भारत बनाएंगे।''

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और सांसद श्री सी. आर. पाटिल सहित गुजरात के कई सांसद, विधायक और गुजरात सरकार के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के कई पैकेजों सहित कई विकास परियोजनाओं; भरूच, नवसारी और वलसाड में कई सड़क परियोजनाएं; तापी में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजना; भरूच में भूमिगत जल निकासी परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नवसारी में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क का निर्माण कार्य भी प्रारंभ किया।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान, भरूच-दहेज एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे के निर्माण सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इन परियोजनाओं में एसएसजी अस्पताल, वडोदरा; वडोदरा में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र; सूरत, वडोदरा और पंचमहल में रेलवे गेज परिवर्तन की परियोजनाएं; भरूच, नवसारी और सूरत में कई सड़क परियोजनाएं; वलसाड में कई जल आपूर्ति योजनाएं, स्कूल और छात्रावास भवन और नर्मदा जिले में अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने सूरत नगर निगम, सूरत शहरी विकास प्राधिकरण और ड्रीम सिटी की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) यूनिट 3 और यूनिट 4 में दो नए दबावयुक्त भारी पानी के रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) राष्ट्र को समर्पित किए। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा निर्मित, 22,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली केएपीएस-3 और केएपीएस-4 परियोजनाओं की संचयी क्षमता 1400 (700 गुणा 2) मेगावाट है और ये सबसे बड़े स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर हैं। वे अपनी तरह के पहले रिएक्टर हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रिएक्टरों की तुलना में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से युक्त हैं। साथ में, ये दोनों रिएक्टर प्रति वर्ष लगभग 10.4 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेंगे और गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमण और दीव जैसे कई राज्यों के उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेंगे।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।