ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका को जोड़ने वाला सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया
वाडिनार और राजकोट-ओखा में पाइपलाइन परियोजना समर्पित की
राजकोट-जेतलसर-सोमनाथ और जेतलसर-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाएं समर्पित कीं
राष्‍ट्रीय राजमार्ग-927 के धोराजी-जामकंडोरना-कलावाड खंड के चौड़ीकरण की आधारशिला रखी
जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की आधारशिला रखी
सिक्का थर्मल पावर स्टेशन में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली की स्थापना के लिए आधारशिला रखी
‘‘केंद्र और गुजरात में डबल इंजन सरकार ने राज्य के विकास को प्राथमिकता दी है’’
‘‘हाल ही में, मुझे कई तीर्थ स्थलों का दौरा करने का सौभाग्य मिला है, मैं आज द्वारका धाम में उसी दिव्यता का अनुभव कर रहा हूं”
‘‘जैसे ही मैं जलमग्न द्वारका जी शहर में उतरा, दिव्यता की भव्यता की भावना ने मुझे सम्‍मोहित कर लिया’’
‘‘सुदर्शन सेतु में- जो सपना देखा था, नींव रखी थी, आज वह साकार हुआ’’
‘‘आधुनिक कनेक्टिविटी एक समृद्ध और सुदृढ़ राष्ट्र के निर्माण का पथ है’’
‘‘विकास भी विरासत भी' के मंत्र के साथ आस्था के केंद्रों को उन्नत किया जा रहा है’’
‘‘नए आकर्षणों और कनेक्टिविटी के साथ, गुजरात पर्यटन का केंद्र बन रहा है’’
‘‘सौराष्ट्र की भूमि संकल्प से सिद्धि का बहुत बड़ा उदाहरण है’’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के द्वारका में 4150 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु, वाडिनार और राजकोट-ओखा में पाइपलाइन परियोजना, राजकोट-जेतलसर-सोमनाथ और जेतलसर-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने राष्‍ट्रीय राजमार्ग-927 के धोराजी-जामकंडोरना-कलावाड खंड के चौड़ीकरण, जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और सिक्का थर्मल पावर स्टेशन में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली की स्थापना की आधारशिला रखी।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भगवान श्री कृष्ण की भूमि द्वारका माई को नमन किया, जहां भगवान श्री कृष्‍ण द्वारकाधीश के रूप में रखा गया है। उन्होंने आज सुबह मंदिर में प्रार्थना की और राष्ट्र के धार्मिक परिपेक्ष्‍य में द्वारका के गहन महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि यहां आदिशंकराचार्य ने चार ‘पीठों’ में से एक यानी शारदा पीठ की स्थापना की थी। उन्होंने नागेश्वर ज्योतिर्लिंग और रुक्मणी देवी मंदिर की महिमा का उल्लेख किया। उन्होंने हाल के दिनों में ‘राष्ट्र काज’ के दौरान कई धार्मिक स्थलों की यात्रा के अवसरों को भी याद किया। प्रधानमंत्री ने उस अविस्मरणीय क्षण के बारे में बात की जब आज वह जलमग्न द्वारका नगरी में प्रार्थना करने के लिए समुद्र की गहराई में चले गए। प्रधानमंत्री ने पुरातात्विक और शास्त्रीय महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस मान्यता का उल्लेख किया कि द्वारका का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि द्वारका नगरी, महान नगर-नियोजन का साक्षात उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने दिव्य अनुभव से अभिभूत होकर कहा, “जैसे ही मैं जलमग्न शहर में उतरा, दिव्यता की भव्यता की भावना ने मुझे सम्‍मोहित कर लिया। मैंने प्रार्थना की और श्रद्धा-स्‍वरूप मोर पंख अर्पित किये जो मैं अपने साथ ले गया था मेरी वर्षों की इच्छा पूरी हुई। जब से मैंने जलमग्न द्वारका नगरी के बारे में सुना है, मैं सर्वदा से वहां जाकर दर्शन करना चाहता था”। उन्‍होंने कहा कि जब वह जलमग्न द्वारका शहर में प्रार्थना कर रहे थे तो 21वीं सदी में भारत के वैभव के दृश्य उनके सामने आते रहे, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने विकसित भारत के निर्माण के उनके संकल्प को और सुदृढ़ किया है।

प्रधानमंत्री ने दिन में पहले सुदर्शन सेतु के लोकार्पण का उल्लेख किया और 6 साल पहले इसकी आधारशिला रखने को भी याद किया। उन्होंने बताया कि पुल ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ेगा, जिससे द्वारकाधीश के दर्शन के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और क्षेत्र की दिव्यता का भी विस्‍तार होगा। उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने के विश्वास का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह मोदी की गारंटी है।’’ सुदर्शन सेतु को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताते हुए, प्रधानमंत्री ने उद्घाटन पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए इंजीनियरिंग वर्ग से पुल और इसकी तकनीकी विशेषताओं का विश्लेषण करने का आह्वान किया।

बेट द्वारका के नागरिकों की कठिनाइयों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के निवासियों और श्रद्धालुओं को फेरी बोट पर निर्भर रहना पड़ता था और समुद्र में उच्‍च ज्‍वार आने पर फेरी बोट सेवा बंद हो जाती थी उस समय यहा के निवासियों और श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी होती थी उन्‍हें लंबे सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ती थी। उन्‍होंने कहा कि जब में मुख्‍यमंत्री था तो यहां के साथी मेरे पास आते थे और इस पुल के लिए अनुरोध करते थे। गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने यह कार्य पूर्ण किया है प्रधानमंत्री ने श्री भूपेन्‍द्र पटेल की सराहना की।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने बताया कि केंद्र की तत्कालीन सरकार के सामने मैं बार-बार यह अनुरोध रखता था, लेकिन मेरे अनुरोध को अस्वीकार किया जाता रहा और आखिरकार आज काम पूरा होने के लिए उन्होंने अपने भाग्य को धन्यवाद दिया। उन्‍होंने उत्‍साहपूर्ण शब्‍दों में कहा, ‘‘भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से, मैंने उनके निर्देशों का पालन किया और अपनी जिम्मेदारी पूरी की।’’ उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकृष्‍ट किया कि पुल पर रोशनी के लिए बिजली की खपत इसमें लगे सोलर पैनल से होगी। उन्होंने बताया कि सुदर्शन सेतु में समुद्र का विस्तृत दृश्य दिखाने वाली कुल 12 पर्यटक गैलरी हैं। उन्‍होंने यह भी बताया कि मैंने आज इन दीर्घाओं का दौरा किया और यह वास्तव में ये दीर्घाएं सुदर्शनीय है।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छता मिशन के प्रति द्वारका के लोगों की प्रतिबद्धता की सराहना की और उनसे स्वच्छता के उस स्तर को बनाए रखने को कहा जिस पर विश्‍व भर का ध्यान आकृष्‍ट हो रहा है।

न्यू इंडिया (नए भारत) की गारंटी के विरोध को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग अब अपनी आंखों के सामने न्यू इंडिया का उदय देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और वंशवाद की राजनीति के स्वार्थी विचारों के कारण निर्धनों की मदद करने की अनिच्छा के कारण पहले यह कार्य पूरा नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि इससे विकसित भारत के भव्य लक्ष्यों के लिए अर्थव्यवस्था का आकार छोटा रखा गया। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान होने वाले बार-बार होने वाले घोटालों की भी आलोचना की।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने पर किसी को भी देश को लूटने नहीं देने के अपने वादे को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकारों के दौरान होने वाले हजारों करोड़ रुपये के घोटाले अब बंद हो गए हैं।’’ देश 10 साल में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, इसके परिणामस्वरूप, एक ओर दैवीय आस्था और तीर्थस्थलों का पुन: उदय देखा जा सकता है, वहीं दूसरी ओर मेगा परियोजनाओं के माध्यम से नए भारत का विकास भी दर्शनीय है। उन्होंने गुजरात में भारत के सबसे लंबे केबल-आधारित सुदर्शन सेतु, मुंबई में देश के सबसे लंबे समुद्री पुल, जम्मू-कश्मीर में चिनाब पर बने शानदार पुल, और तमिलनाडु में भारत के पहले निर्माणाधीन ऊर्ध्वाधर लिफ्ट ब्रिज न्यू पंबन ब्रिज और असम में भारत के सबसे लंबे नदी पुल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी आधुनिक कनेक्टिविटी एक समृद्ध और सुदृढ़ राष्ट्र के निर्माण का मार्ग है।’’

देश में पर्यटन के विकास के लिए कनेक्टिविटी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बेहतर कनेक्टिविटी के कारण गुजरात को पर्यटन का केंद्र बनने के बारे में विस्तार से बताया। गुजरात के नए आकर्षण का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात में 22 अभयारण्य और 4 राष्ट्रीय उद्यान हैं। हजारों साल पुराने बंदरगाह शहर लोथल की चर्चा पूरे विश्‍व में होती है। आज अहमदाबाद शहर, रानी की वाव, चंपानेर और धोलावीरा विश्व धरोहर बन गये हैं। द्वारका में शिवराजपुरी का ब्लू फ्लैग बीच है। एशिया का सबसे लंबा रोपवे गिरनार पर्वत पर है। गिर का जंगल एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है। विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार साहब की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एकता नगर में है। आज रणोत्सव के दौरान दुनिया भर से पर्यटकों का मेला लगा रहता है। कच्छ का धोरडो गांव दुनिया के सबसे अच्छे पर्यटक गांवों में गिना जाता है। नदाबेट देशभक्ति और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि ‘विकास भी विरासत भी’ के मंत्र के अनुरूप, आस्था के केंद्रों को उन्नत किया जा रहा है। द्वारका, सोमनाथ, पावागढ़, मोढेरा और अंबाजी जैसे सभी महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों पर सुविधाएं विकसित की गई हैं। उन्होंने बताया कि भारत आने वाला हर पांचवां पर्यटक गुजरात आया। पिछले साल अगस्त तक लगभग 15.5 लाख पर्यटक गुजरात आये थे। उन्होंने यह भी बताया कि ई-वीजा सुविधाएं भी पर्यटकों को गुजरात ला रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सौराष्ट्र की भूमि संकल्प से सिद्धि की प्रेरक है। उन्‍होंने इस उपलब्धि का उदाहरण देते हुए कहा कि इस क्षेत्र की प्रत्येक यात्रा नई ऊर्जा प्रदान करती है। उन्‍होंने उस कठिन समय को याद किया जब सौराष्ट्र के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे थे और पलायन करने के लिए मजबूर थे, प्रधानमंत्री ने सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना (सौनी) पर प्रकाश डाला, जिसने सिंचाई और पेयजल के लिए सौराष्ट्र के सैकड़ों गांवों में पानी की आपूर्ति हेतु 1300 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्‍यक्‍त किया कि आगामी वर्षों में गुजरात के साथ-साथ सौराष्ट्र का पूरा क्षेत्र सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। “द्वारकाधीश का आशीर्वाद हम पर है। हम साथ मिलकर विकसित सौराष्ट्र और विकसित गुजरात बनाएंगे”।

इस अवसर पर अन्य गणमान्‍य लोगों के अतिरिक्‍त गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और सांसद श्री सी आर पाटिल भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बने सुदर्शन सेतु को राष्ट्र को समर्पित किया। यह देश का सबसे लंबा लगभग 2.32 किमी लंबा केबल-आधारित पुल है।

सुदर्शन सेतु का निर्माण एक अद्वितीय डिजाइन पर आधारित है, जिसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान श्री कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक फुटपाथ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है। यह पुल परिवहन को आसान बनाएगा और द्वारका और बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के दर्शन में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा। पुल के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। यह प्रतिष्ठित पुल देवभूमि द्वारका का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी होगा।

प्रधानमंत्री ने वाडिनार में पाइपलाइन परियोजना को समर्पित किया जिसमें मौजूदा अपतटीय लाइनों को बदलना, वर्तमान पाइपलाइन एंड मैनिफोल्ड (पीएलईएम) को छोड़ना और पूरे सिस्टम (पाइपलाइन, पीएलईएम और इंटरकनेक्टिंग लूप लाइन) को पास के नए स्थान पर स्थानांतरित करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने राजकोट-ओखा, राजकोट-जेतलसर-सोमनाथ और जेतलसर-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्रीय राजमार्ग-927डी के धोराजी-जामकंडोरना-कलावाड खंड के चौड़ीकरण, जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और सिक्का थर्मल पावर स्टेशन में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली की स्थापना की आधारशिला रखी।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 नवंबर 2024
November 21, 2024

PM Modi's International Accolades: A Reflection of India's Growing Influence on the World Stage