डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के कई प्रमुख खंड राष्ट्र को समर्पित किए
10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई
दाहेज में पेट्रोनेट एलएनजी के पेट्रोरसायन परिसर की आधारशिला रखी
"2024 के 75 दिनों में 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया, वहीं पिछले 10 से 12 दिनों में 7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण किया गया"
“10 साल के ये काम सिर्फ एक झांकी है, मुझे लंबा रास्ता तय करना है"
"रेलवे में बदलाव ही विकसित भारत की गारंटी है"
"रेलवे ट्रेनों, पटरियों और स्टेशनों का निर्माण मेड इन इंडिया का एक इको-सिस्टम बना रहा है"
"हमारे लिए ये विकास परियोजनाएं सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का मिशन हैं"
"सरकार का जोर भारतीय रेल को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का माध्यम बनाने पर है"
“भारतीय रेलवे आधुनिकता की गति से आगे बढ़ती रहेगी, यह मोदी की गारंटी है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के अहमदाबाद में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर में 1,06,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। आज की विकास परियोजनाओं में रेलवे बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और पेट्रोरसायन सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में 200 से अधिक विभिन्न स्थानों से इस कार्यक्रम में शामिल लाखों लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि आज के कार्यक्रम के पैमाने और आकार की तुलना रेलवे के इतिहास में किसी अन्य कार्यक्रम से नहीं की जा सकती है। उन्होंने आज के इस आयोजन के लिए रेलवे को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि देश भर में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के साथ विकसित भारत बनाने के लिए विकास कार्यों का लगातार विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2024 के 75 दिनों में, 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया है, जबकि पिछले 10 से 12 दिनों में 7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण किया गया है। आज के कार्यक्रम को विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया है, जहां लगभग 85,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं रेलवे को समर्पित हैं। उन्होंने दाहेज में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले पेट्रोनेट एलएनजी के पेट्रोरसायन परिसर की आधारशिला रखने का भी जिक्र किया और बताया कि इससे देश में हाइड्रोजन उत्पादन और पॉलीप्रोपाइलीन की मांग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र और गुजरात में एकता मॉल के शिलान्यास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारत के कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प को देश के हर कोने तक ले जाएगा, जिससे वोकल फॉर लोकल के लिए सरकार के मिशन को बढ़ावा मिलेगा और विकसित भारत की नींव मजबूत होगी। भारत में युवा आबादी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से कहा कि आज उद्घाटन की गईं परियोजनाएं उनके वर्तमान के लिए हैं और आज शिलान्यास की गईं परियोजनाएं उनके उज्ज्वल भविष्य की गारंटी हैं।

2014 से पहले रेल बजट में बढ़ोतरी की गति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने शासन में रेल बजट को आम बजट में शामिल करने का जिक्र किया और कहा कि इससे आम बजट से रेलवे व्यय प्रदान करना संभव हो पाया। प्रधानमंत्री ने रेल सेवा में समय की पाबंदी, स्वच्छता और सामान्य सुविधाओं की कमी पर भी बोला। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर की 6 राजधानियों में रेलवे कनेक्टिविटी नहीं थी और 10,000 से अधिक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग थे, और केवल 35 प्रतिशत रेलवे लाइनें विद्युतीकृत थीं। उन्होंने कहा कि उस दौरान रेलवे आरक्षण केंद्रों में भ्रष्टाचार का बोलबाला था और वहां टिकट लेने वालों की लंबी कतारें होती थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने रेलवे को उन नारकीय स्थितियों से बाहर निकालने की इच्छाशक्ति दिखाई है। अब रेलवे का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। प्रधानमंत्री ने 2014 से छह गुना बजट वृद्धि जैसी पहलों की चर्चा की और देशवासियों को आश्वासन दिया कि अगले 5 वर्षों में, रेलवे में बदलाव उनकी कल्पना से अधिक होगा। उन्होंने कहा कि 10 साल का यह काम सिर्फ एक झांकी है, मुझे अभी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने बताया कि न सिर्फ ज्यादातर राज्यों को वंदे भारत ट्रेनें मिल चुकी हैं, बल्कि वंदे भारत ट्रेनों का शतक लग चुका है। वंदे भारत नेटवर्क देश के 250 जिलों को छू रहा है। लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए, वंदे भारत के मार्गों का विस्तार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने किसी राष्ट्र को विकसित और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि रेलवे में बदलाव विकसित भारत की गारंटी है। उन्होंने रेलवे के बदलते परिदृश्य पर प्रकाश डाला और तेज गति से रेलवे ट्रैक बिछाने, 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास, वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी अगली पीढ़ी की ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और आधुनिक रेलवे इंजनों तथा कोच फ़ैक्टरियों के अनावरण का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गति शक्ति कार्गो टर्मिनल नीति के तहत, भूमि पट्टे की नीति को सरल बनाने की वजह से कार्गो टर्मिनल के निर्माण में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता के लिए इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने रेलवे के आधुनिकीकरण संबंधी पहल को जारी रखा और मानव रहित क्रॉसिंग और स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली को खत्म करने की परियोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर बढ़ रहा है। स्टेशनों पर सौर ऊर्जा से चलने वाले स्टेशन और जन औषधि केंद्र बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन रेलवे ट्रेनों, पटरियों और स्टेशनों का निर्माण मेड इन इंडिया का इको-सिस्टम बना रहा है। उन्होंने बताया कि मेड इन इंडिया लोकोमोटिव और कोचों को श्रीलंका, मोजाम्बिक, सेनेगल, म्यांमार और सूडान जैसे देशों में निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों की बढ़ती मांग से ऐसे कई और कारखाने खुलेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे का कायाकल्प और नए निवेश रोजगार के नए अवसरों की गारंटी हैं।

प्रधानमंत्री ने उन लोगों की आलोचना की जो सरकार की इन पहलों को चुनाव से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये विकास परियोजनाएं सरकार बनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र निर्माण का मिशन हैं। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को पिछली पीढ़ियों की तरह समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और यह 'मोदी की गारंटी' है।

प्रधानमंत्री ने पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों को पिछले 10 वर्षों में विकास के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। मालगाड़ियों के लिए अलग ट्रैक से इसकी गति में बढ़ोतरी होती है और कृषि, उद्योग, निर्यात और व्यापार के लिए यह महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में पूर्वी और पश्चिमी तटों को जोड़ने वाला यह माल गलियारा लगभग पूरा हो चुका है। आज लगभग 600 किलोमीटर लंबे माल गलियारे का उद्घाटन किया गया है, अहमदाबाद में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से इस गलियारे पर मालगाड़ियों की गति अब दोगुनी से ज्यादा हो गई है। उन्होंने आगे बताया कि इस पूरे गलियारे में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। आज कई जगहों पर रेलवे गुड्स शेड, गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल, डिजिटल कंट्रोल स्टेशन, रेलवे वर्कशॉप, रेलवे लोको शेड और रेलवे डिपो का भी उद्घाटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका माल ढुलाई पर भी बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का जोर भारतीय रेल को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का माध्यम बनाने पर है। उन्होंने बताया कि एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत देश के विश्वकर्मा, हस्तशिल्प पुरुष और महिला स्वयं सहायता समूहों के निर्मित उत्पाद अब रेलवे स्टेशनों पर बेचे जाएंगे, जहां 1500 स्टॉल खुल चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय रेलवे विकास के साथ-साथ विरासत के मंत्र को साकार करते हुए क्षेत्रीय संस्कृति और आस्था से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत गौरव ट्रेनें रामायण सर्किट, गुरु-कृपा सर्किट और जैन यात्रा पर चल रही हैं, जबकि आस्था स्पेशल ट्रेन देश के कोने-कोने से श्री राम भक्तों को अयोध्या ले जा रही है। उन्होंने बताया कि साढ़े चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं को अयोध्या में रामलला के दर्शन कराने के लिए लगभग 350 आस्था ट्रेंनें पहले ही चल चुकी हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन को विराम देते हुए कहा कि भारतीय रेल आधुनिकता की गति से आगे बढ़ती रहेगी। यह मोदी की गारंटी है। उन्होंने विकास की इस गति को जारी रखने के लिए नागरिकों से सहयोग का आह्वान किया।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

रेलवे के बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और पेट्रोरसायन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री 1,06,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेलवे और पेट्रोरसायन परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उद्घाटन करने के लिए अहमदाबाद में डीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने रेलवे कार्यशालाओं, लोको शेडों, पिट लाइनों/कोचिंग डिपो, फलटण - बारामती नई लाइन; इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम उन्नयन कार्य की आधारशिला रखी और पूर्वी डीएफसी के न्यू खुर्जा से साहनेवाल (401 मार्ग किलोमीटर) खंड और पश्चिमी डीएफसी के न्यू मकरपुरा से न्यू घोलवड खंड (244 मार्ग किलोमीटर) के बीच समर्पित माल गलियारे के दो नए खंड और वेस्टर्न डीएफसी का अहमदाबाद में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद - मुंबई मध्य, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु- डॉ एमजीआर मध्य (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी-सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो- दिल्ली (निज़ामुद्दीन) के बीच दस नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।

प्रधानमंत्री ने चार वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को भी हरी झंडी दिखाई। अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक, अजमेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक और तिरुवनंतपुरम-कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ाया जा रहा है। आसनसोल और हटिया तथा तिरूपति और कोल्लम स्टेशनों के बीच दो नई यात्री ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई।

प्रधानमंत्री ने विभिन्न स्थानों - न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से समर्पित माल गलियारे पर मालगाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाई।

प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किये। इन जन औषधि केंद्रों पर लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं मिलेंगी।

प्रधानमंत्री ने 51 गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित किए। ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न साधनों से माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे।

प्रधानमंत्री ने 80 खंडों में 1045 मार्ग किलोमीटर स्वचालित सिग्नलिंग राष्ट्र को समर्पित की। इस उन्नयन से ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों की डिजिटल कंट्रोलिंग भी राष्ट्र को समर्पित की। इससे ट्रेनों की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री ने 35 रेल कोच रेस्तरां राष्ट्र को समर्पित किये। रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के साथ ही यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री ने देश भर में 1500 से अधिक एक स्टेशन एक उत्पाद स्टॉल राष्ट्र को समर्पित किये। इन स्टॉलों पर बिक्री के लिए स्थानीय उत्पाद उपलब्ध रहेंगे, जिससे स्थानीय कारीगरों और व्यावसायियों की कमाई बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन/भवन राष्ट्र को समर्पित किये। यह पहल भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी और रेलवे के कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के दाहेज में ईथेन और प्रोपेन हैंडलिंग सुविधाओं सहित पेट्रोनेट एलएनजी के पेट्रोरसायन परिसर की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 20,600 करोड़ रुपये है। मौजूदा एलएनजी पुनर्गैसीकरण टर्मिनल के निकट पेट्रोरसायन परिसर की स्थापना से परियोजना के पूंजीगत व्यय और ओपेक्स लागत में काफी बचत होगी।

इस परियोजना के कार्यान्वयन से निष्पादन चरण के दौरान 50,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर पैदा होने की संभावना है और इसके परिचालन चरण के दौरान 20,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का अवसर पैदा होगा, जिससे क्षेत्र में भारी सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में एकता मॉल की आधारशिला भी रखी, जिस पर लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इन एकता मॉल में भारतीय हथकरघा, हस्तशिल्प, पारंपरिक उत्पादों और ओडीओपी उत्पादों की समृद्ध और विविध विरासत की झलक होगी। एकता मॉल भारत की एकता और विविधता का प्रतीक होने के साथ-साथ हमारे पारंपरिक कौशल और इन क्षेत्रों के विकास तथा सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक भी हैं।

प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंडों, पटरियों का दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग, रेलवे गुड्स शेड, वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो का विकास जैसी कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। ये परियोजनाएं आधुनिक और मजबूत रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति सरकार के समर्पण का प्रमाण हैं। इस निवेश से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

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PM Modi extends greetings to Sashastra Seema Bal personnel on Raising Day
December 20, 2025

The Prime Minister, Narendra Modi, has extended his greetings to all personnel associated with the Sashastra Seema Bal on their Raising Day.

The Prime Minister said that the SSB’s unwavering dedication reflects the highest traditions of service and that their sense of duty remains a strong pillar of the nation’s safety. He noted that from challenging terrains to demanding operational conditions, the SSB stands ever vigilant.

The Prime Minister wrote on X;

“On the Raising Day of the Sashastra Seema Bal, I extend my greetings to all personnel associated with this force. SSB’s unwavering dedication reflects the highest traditions of service. Their sense of duty remains a strong pillar of our nation’s safety. From challenging terrains to demanding operational conditions, the SSB stands ever vigilant. Wishing them the very best in their endeavours ahead.

@SSB_INDIA”