देश भर के 15 हवाई अड्डों के नए टर्मिनल भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया
लखनऊ और रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) का उद्घाटन किया; प्रधानमंत्री ने जनवरी 2021 में इनकी आधारशिला रखी थी
उत्तर प्रदेश में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं से रेल और सड़क क्षेत्र की आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ बनाया जाएगा
उत्तर प्रदेश मेंप्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)के तहत 3700 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 744 ग्रामीण सड़क परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं
‘‘हमारी सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश और देश के परिवारों के जीवन को सुगम बनाने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है’’
‘‘पिछड़े इलाकों में गिना जाने वाला आजमगढ़ आज विकास की नई गाथा लिख रहा है’’
‘‘जिस तरह हमारी सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को महानगरों से आगे छोटे शहरों और गांवों तक ले गई... उसी तरह हम आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम भी छोटे शहरों तक ले जा रहे हैं’’
‘‘उत्तर प्रदेश राजनीति के साथ-साथ देश के विकास की दिशा भी निर्धारित करता है’’
‘‘डबल इंजन सरकार से उत्तर प्रदेश की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल गई है, आज उत्तर प्रदेश केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में सबसे सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है’’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास पहलों का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया।

 

इस अवसर परप्रधानमंत्री ने इस तरह के कार्यक्रम दिल्ली के स्थान परआजमगढ़ जैसी जगहों पर होने की दिशा में आए परिवर्तन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछड़े इलाकों में गिना जाने वाला आजमगढ़ आज विकास की नई गाथा लिख रहा है।’’आज आजमगढ़ से 34,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया।

 

प्रधानमंत्री ने देशभर में 9800 करोड़ रुपये से अधिक की 15 हवाईअड्डा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने पुणे, कोल्हापुर, ग्वालियर, जबलपुर, दिल्ली, लखनऊ, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, मुरादाबाद, श्रावस्ती और आदमपुर हवाई अड्डों के 12 नए टर्मिनल भवनों का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कडप्पा, हुबली और बेलगावी हवाई अड्डों के तीन नए टर्मिनल भवनों की आधारशिला रखी। हवाई अड्डों के निर्माण कार्य पूरा होने की गति को स्पष्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि ग्वालियर टर्मिनल केवल 16 महीनों में पूरा हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल देश के आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा को आसान और सुलभ बनाएगी।’’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि घोषित परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का सरकार का रिकॉर्ड इन परियोजनाओं के चुनावी हथकंडे होने के आरोप को खारिज करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “लोग देख रहे हैं कि मोदी अलग मिट्टी से बने हैं, मैं एक विकसित भारत बनाने के लिए लगातार काम कर रहा हूं।”

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे अवसंरचना के साथ-साथ शिक्षा, जल और पर्यावरण से जुड़ी परियोजनाओं को आज नई गति मिली है। प्रधानमंत्री ने आजमगढ़ के लोगों को एक नई गारंटी देते हुए कहा कि ‘आजमगढ़, आजन्म‘विकास का गढ़’रहेगा। स्थानीय बोली में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे, अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के साथ, आजमगढ़ अब पड़ोसी बड़े शहरों पर निर्भर नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में तुष्टिकरण और वंशवाद की राजनीति की जगह विकास की राजनीति देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस प्रवृत्ति को नई गति मिली है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़, मुरादाबाद, आजमगढ़, श्रावस्ती जैसे शहरों को उत्तर प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के रूप में नजरअंदाज किया गया था, आज उनके तेजी से समग्र विकास के कारण हवाई कनेक्टिविटी मिल रही है। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की तरह, आधुनिक बुनियादी ढांचा मेट्रो शहरों से आगे छोटे शहरों और गांवों तक बढ़ रहा है। ‘‘छोटे शहरों को हवाई अड्डों और अच्छे राजमार्गों पर बड़े मेट्रो शहरों के समान अधिकार है।’’प्रधानमंत्री ने कहाकि हम टियर 2 और टियर 3 शहरों की सामर्थ्य बढ़ा रहे हैं ताकि शहरीकरण निर्बाध रूप से जारी रहे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कई रेलवे परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास समारोहों का उल्लेख किया, जिनमें सीतापुर, शाहजहांपुर, गाजीपुर और प्रयागराज जैसे जिलों को जोड़ने वाली परियोजनाएं भी शामिल हैं। आजमगढ़, मऊ और बलिया को कई रेल परियोजनाओं की सौगात मिली। उन्होंने रेलवे परियोजनाओं के अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 5,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का उद्घाटन किया गया है, इसका लक्ष्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों और युवाओं के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने पर सरकार पूर्ण रूप से ध्‍यान दे रही है। उन्होंने गन्ना सहित विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में पर्याप्त वृद्धि के बारे में कहा, ‘‘आज गन्ना किसानों के लिए एमएसपी में 8 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो 340 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।’’

प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में गन्ना किसानों के सामने आने वाली लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों के बारे में बात कीऔर उनकी शिकायतों को दूर करने के सरकार के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने गन्ना किसानों के हजारों करोड़ रुपये के लंबित बकाये का निपटान किया है, उन्हें समय पर और उचित भुगतान प्रदान किया है।’’ उन्होंने बायोगैस और इथेनॉल में पहल से आए बदलाव के बारे में भी विस्तार से बताया। पीएम किसान सम्मान निधि के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि आजमगढ़ में ही 8 लाख किसानों को इस योजना के अंतर्गत 2,000 करोड़ रुपये मिले हैं।

सरकारी पहलों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रधानमंत्री ने तेजी से विकास हासिल करने के लिए ईमानदार शासन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अभूतपूर्व विकास प्राप्त करने के लिए शासन का ईमानदार होना आवश्यक है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

प्रधानमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सरकार की पहल की परिवर्तनकारी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहाकिमहाराजा सुहेलदेव राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना और अन्य पहल युवाओं को सशक्त बनाएगी और क्षेत्र के शैक्षिक परिदृश्य को परिवर्तित कर देंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र की राजनीति और विकास को आकार देने में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति देश के विकास पथ के साथ कैसे संरेखित होती है,उत्तर प्रदेश इसका उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने डबल इंजन सरकार के तहत केंद्रीय योजनाओं के अनुकरणीय कार्यान्वयन और इस संबंध में राज्य को शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में स्थान देने के लिए उत्तर प्रदेश की सराहना की। उन्होंने पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश में किए गए महत्वपूर्ण निवेश का उल्लेख किया, जिसमें आधारभूत अवसंरचना का विकास और युवाओं के लिए कई नवीन अवसरों को उपलब्ध कराना प्रमुख रहा।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश मेंकी विकास गाथाके बारे में जानकारी दी और कहा कि उत्तर प्रदेशमें निवेश के रिकॉर्ड स्तर, ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोहों और एक्सप्रेसवे नेटवर्क और राजमार्गों का विस्तार इसके विकास की कहानी कहता है। उन्होंने बताया कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था में सुधार पर विशेष बल दिया गया है, इसका उदाहरण अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर का निर्माण का सम्पन्न होना है।

पृष्ठभूमि

नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने देश भर में 9800 करोड़ रुपये से अधिक की 15 हवाईअड्डा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री पुणे, कोल्हापुर, ग्वालियर, जबलपुर, दिल्ली, लखनऊ, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, मुरादाबाद, श्रावस्ती और आदमपुर हवाई अड्डों के 12 नए टर्मिनल भवनों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री ने कडप्पा, हुबली और बेलगावी हवाई अड्डों के तीन नए टर्मिनल भवनों की आधारशिला रखी।

12 नए टर्मिनल भवनों की संयुक्त क्षमता सालाना 620 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करने की होगी।जिन तीन टर्मिनल भवनों की आधारशिला रखी जा रही है, उनके पूरा होने के बाद इन हवाई अड्डों की संयुक्त यात्री प्रबंधन क्षमता बढ़कर 95 लाख यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी। इन टर्मिनल भवनों में अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं हैं और ये डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा बचत के लिए कैनोपी का प्रावधान, एलईडी लाइटिंग आदि जैसी विभिन्न सुविधाओं से भी सुसज्जित हैं। इन हवाई अड्डों के डिजाइन, उस राज्य और शहर की विरासत संरचनाओं से प्रभावित हैं स्थानीय संस्कृति और क्षेत्र की विरासत को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री के प्रमुख केन्द्रीय क्षेत्रों में से एक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना रहा है। इस दृष्टिकोण से प्रेरित होकरइसे प्राप्त करने का एक अभिनव साधन लाइट हाउस प्रोजेक्ट की संकल्पना है। प्रधानमंत्री ने लखनऊ और रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) का उद्घाटन किया जिसके तहत आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ 2000 से अधिक किफायती फ्लैट बनाए गए हैं। इस परियोजना में नवीन निर्माण तकनीक अपनाई गई है जोयहां रहने वाले परिवारों को टिकाऊ और विहंगम अनुभव प्रदान करेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री चेन्नई, राजकोट और इंदौर में भी ऐसे ही लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर चुके हैं। इन एलएचपी की आधारशिला 1 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी।

रांची एलएचपी के लिए जर्मनी की प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम - 3डी वॉल्यूमेट्रिक तकनीक को अपनाया गया है। एलएचपी रांची की एक अनूठी विशेषता यह है कि प्रत्येक कमरे को अलग से बनाया गया है और फिर पूरी संरचना को लेगो ब्लॉक खिलौनों की तरह जोड़ा गया है। एलएचपी लखनऊ का निर्माण प्री-इंजीनियर्ड स्टील स्ट्रक्चरल सिस्टम के साथ कनाडा के स्टे इन प्लेस पीवीसी फॉर्मवर्क का उपयोग करके किया गया है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लगभग 11,500 करोड़ रुपये की कई सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई सड़क परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और उनकी आधारशिला रखी। राष्ट्र को समर्पित परियोजनाओं में चार लेन की लखनऊ रिंग रोड के तीन पैकेज और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के चकेरी से इलाहाबाद खंड को छह लेन का बनाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने रामपुर-रुद्रपुर के पश्चिमी हिस्से के चार लेन की आधारशिला भी रखी; कानपुर रिंग रोड को छह लेन का बनाने और एनएच-24बी/एनएच-30 के रायबरेली-प्रयागराज खंड को चार लेन करने के दो पैकेज राष्ट्र को समर्पित किए। सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित 3700 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 744 ग्रामीण सड़क परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में 5,400 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का संचयी निर्माण होगा, जिससे राज्य के लगभग 59 जिलेलाभान्वित होंगे। इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को उल्लेखनीय बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 8200 करोड़ रुपये की कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिससे उत्तर प्रदेश में रेल बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा। वह कई प्रमुख रेल खंडों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का लोकार्पण करेंगे। वे भटनी-पियोकोल बाइपास लाइन भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिससे भटनी में इंजन पलटने की समस्या खत्म हो जाएगी और ट्रेनों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। प्रधानमंत्री ने बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड रेल खंड के आमान-परिवर्तन की आधारशिला रखी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद यह क्षेत्र ब्रॉड गेज लाइन के माध्यम से महानगरों से जुड़ जाएगा जिससे तेजी से विकास हो सकेगा। प्रधानमंत्री ने गंगा नदी पर एक रेल पुल सहित गाजीपुर शहर और गाजीपुर घाट से तारीघाट तक एक नई रेल लाइन का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री गाजीपुर सिटी-तारीघाट-दिलदारनगर जंक्शन के बीच मेमू ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज, जौनपुर और इटावा में कई सीवेज उपचार संयंत्रों और ऐसी अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन और लोकार्पण किया।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।