"राष्ट्रीय रक्षा और आस्था की भूमि पर आपके बीच आकर खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं"
"उत्तराखंड की प्रगति और उसके नागरिकों की भलाई हमारी सरकार के मिशन के मूल में"
"यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा"
"उत्तराखंड के प्रत्येक गांव में हैं देश के रक्षक"
“हमारा प्रयास इन गांवों को छोड़ने वाले लोगों को वापस लाना है, हम इन गांवों में पर्यटन बढ़ाना चाहते हैं”
"हमारी सरकार माताओं-बहनों की हर कठिनाई, हर असुविधा दूर करने के लिए प्रतिबद्ध"
"उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन के विकास के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयास अब रंग ला रहे हैं"
"उत्तराखंड की कनेक्टिविटी बढ़ने से राज्य का विकास नई ऊंचाइयां छुएगा"
"अमृत काल देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग को सुविधाओं, सम्मान और समृद्धि से जोड़ने का समय है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन सहित अन्य क्षेत्रों में लगभग 4200 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की।

एकत्र जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा पर उत्तराखंड के लोगों के अभूतपूर्व प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया और कहा, "यह स्नेह की गंगा बहने की तरह था।" श्री मोदी ने अध्यात्म और वीरता की भूमि विशेषकर साहसी माताओं को नमन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैद्यनाथ धाम में जय बद्री विशाल के उद्घोष से गढ़वाल राइफल्स के जवानों का जोश और उत्साह बढ़ता है और गंगोलीहाट के काली मंदिर में घंटियों की ध्वनि कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों में नए साहस का संचार करती है। मानसखंड में प्रधानमंत्री ने बैद्यनाथ, नंदादेवी, पूर्णागिरि, कसारदेवी, कैंचीधाम, कटारमल, नानकमत्ता, रीठा साहिब और अनेक अन्य मंदिरों का उल्लेख किया जो इस भूमि की भव्यता और विरासत को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब भी मैं आपके बीच उत्तराखंड में होता हूं, हमेशा खुद को धन्य समझता हूं।"

इससे पहले प्रधानमंत्री ने पार्वती कुंड में पूजा और दर्शन किए। “मैंने प्रत्येक भारतीय के अच्छे स्वास्थ्य और विकसित भारत की मजबूती का संकल्प लेते हुए प्रार्थना की। मैंने आशीर्वाद मांगा कि उत्तराखंड के लोगों की सभी आकांक्षाएं पूरी हों।

प्रधानमंत्री ने सैनिकों, कलाकारों और स्वयं सहायता समूहों के साथ अपनी बैठकों का भी उल्लेख किया और सुरक्षा, समृद्धि और संस्कृति के स्तंभों के मिलने पर खुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार उत्तराखंड के लोगों की प्रगति और जीवन को आसान बनाने के लिए पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ काम कर रही है।" प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के साथ अपने लंबे जुड़ाव और निकटता को याद किया। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य से मिले समर्थन और प्रतिक्रिया का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने भारत की विकास की प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "दुनिया भारत और भारतीयों के योगदान को पहचान रही है।" अतीत की हताशा को याद करते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चुनौतियों से घिरे वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत आवाज का उल्लेख किया। उन्होंने जी20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत की वैश्विक सराहना का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश की सफलता का श्रेय लोगों को दिया क्योंकि उन्होंने लंबे अंतराल के बाद केंद्र में एक स्थिर और मजबूत सरकार चुनी। उन्होंने कहा कि उन्हें 140 करोड़ भारतीयों का भरोसा और विश्वास प्राप्त है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 13.5 करोड़ से अधिक भारतीय गरीबी के दुष्‍चक्र से बाहर आए हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार के सर्व-समावेशी दृष्टिकोण को श्रेय दिया, जिसके तहत दूरदराज के स्थानों में रहने वाले लोगों को भी सरकारी लाभ मिलता है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "दुनिया आश्चर्यचकित है" क्‍यों‍कि 13.5 करोड़ लोगों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये 13.5 करोड़ लोग इस बात के उदाहरण हैं कि भारत अपनी क्षमता से ही देश की गरीबी को खत्म कर सकता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भले ही पिछली सरकारों ने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया था, लेकिन यह 'मोदी' है, जो कहता है कि स्वामित्व और जिम्मेदारी लेकर गरीबी को जड़ से समाप्‍त किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, " हम एक साथ मिलकर गरीबी मिटा सकते हैं।" उन्होंने भारत के चंद्रयान का उल्लेख किया, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहा और इसने वह उपलब्धि हासिल की, जिसे अब तक कोई देश प्राप्‍त नहीं कर सका है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस स्थान पर चंद्रयान उतरा, उसका नाम शिव शक्ति रखा गया है और इस प्रकार उत्तराखंड की पहचान अब चंद्रमा पर भी मौजूद है।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कदम-कदम पर शिव शक्ति योग देखने को मिलता है।

प्रधानमंत्री ने भारत की खेल शक्ति को रेखांकित किया और देश में अब तक की सबसे अधिक पदक तालिका की खुशी के बारे में बात की। भारतीय दल में उत्तराखंड के 8 एथलीट शामिल थे और लक्ष्य सेन तथा वंदना कटारिया की टीमों ने पदक जीते। प्रधानमंत्री के आह्वान पर दर्शकों ने अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एथलीटों को उनके प्रशिक्षण और अवसंरचना के लिए पूरी सहायता प्रदान कर रही है। आज हल्द्वानी में हॉकी ग्राउंड और रुद्रपुर में वेलोड्रोम का शिलान्यास किया गया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों की पूरी लगन से तैयारी करने के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "उत्तराखंड के हर गांव ने भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैन्‍य कर्मियों को जन्म दिया है।" उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ की उनकी दशकों पुरानी मांग को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना के तहत पूर्व सैनिकों को अब तक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है, जिससे पूर्व सैनिकों के 75,000 से अधिक परिवारों को अत्‍यधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, "सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास, सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है।" उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में नई सेवाओं का तेजी से विकास हो रहा है। पिछली सरकारों के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की कमी की ओर इशारा करते हुए, प्रधानमंत्री ने अवसंरचना विकास को लेकर पड़ोसी देशों द्वारा भूमि हड़पने के उनके डर के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे अवसंरचना विकास के बारे में बात करते हुए कहा, "न तो न्‍यू इंडिया किसी चीज से डरता है, न ही यह दूसरों में डर पैदा करता है।" उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 4,200 किमी से अधिक सड़कें, 250 पुल और 22 सुरंगें निर्मित की गई हैं। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रेलवे को सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवंत ग्राम योजना ने देश के आखिरी गांवों को पहले गांवों में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास उन लोगों को वापस लाना है, जो इन गांवों को छोड़ चुके हैं। हम इन गांवों में पर्यटन बढ़ाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि पानी, दवा, सड़क, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं के संदर्भ में अतीत की गलत नीतियों के कारण लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इन क्षेत्रों में नई सुविधाओं और अवसंरचनाओं का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सड़कों, सिंचाई सुविधाओं और आज शुरू की गई पॉलीहाउस योजना से सेब की खेती को फायदा होगा। इन परियोजनाओं पर 1100 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के हमारे छोटे किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इतना पैसा खर्च किया जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत, उत्तराखंड के किसानों को अब तक 2200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्‍त हुई है।”

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में कई पीढ़ियों से उगाए जा रहे श्री अन्न का उल्लेख किया और इसके महत्व को दुनिया भर में फैलाने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देशभर में एक अभियान शुरू किया गया है, जिससे उत्तराखंड के छोटे किसानों को बहुत लाभ होगा।

महिलाओं के नेतृत्व में होने वाले विकास को सुनिश्चित करने के कदमों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार माताओं और बहनों की हर कठिनाई एवं हर असुविधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए हमारी सरकार ने गरीब बहनों को पक्के मकान दिये। हमने अपनी बहनों-बेटियों के लिए शौचालय बनवाए, उन्हें गैस कनेक्शन दिए, बैंक खाते खोले, मुफ्त इलाज एवं मुफ्त राशन की व्यवस्था की। ‘हर घर जल योजना’ के तहत उत्तराखंड के 11 लाख परिवारों की बहनों को पाइप से पानी की सुविधा मिली है। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने की उस योजना का भी उल्लेख किया, जिसकी घोषणा उन्होंने लाल किले की प्राचीर से की थी। ये ड्रोन खेती से लेकर उपजों के परिवहन में भी मददगार साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किए गए ड्रोन उत्तराखंड को आधुनिकता की नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड में, हर गांव में गंगा और गंगोत्री हैं। भगवान शिव और नंदा यहां की बर्फ की चोटियों पर निवास करते हैं।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मेले, कौथिग, थौल, गीत, संगीत और खान-पान की अपनी अनूठी पहचान है और यह भूमि पांडव नृत्य, छोलिया नृत्य, मांगल गीत, फूलदेई, हरेला, बग्वाल और रम्माण जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समृद्ध है। उन्होंने इस भूमि के विभिन्न व्यंजनों के बारे में भी बात की और अरसे, झंगोरे की खीर, काफुली, पकौड़े, रायता, अल्मोडा की बाल मिठाई और सिंगोरी का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने काली गंगा की भूमि और चंपावत स्थित अद्वैत आश्रम के साथ अपने आजीवन संबंधों को भी याद किया। उन्होंने जल्द ही चंपावत के अद्वैत आश्रम में समय बिताने की इच्छा भी जताई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन के विकास से जुड़े डबल इंजन की सरकार के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। इस साल उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 50 लाख होने वाली है। बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है। श्री बद्रीनाथ धाम में भी सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से अनेक कार्य किये जा रहे हैं।” उन्होंने केदारनाथ धाम और हेमकुंट साहिब में रोपवे का काम पूरा होने के बाद होने वाली सुविधा का उल्लेख किया। केदारनाथ और मानसखंड के बीच कनेक्टिविटी पर दिए गए ध्यान को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू हुआ मानसखंड मंदिर माला मिशन कुमाऊं क्षेत्र के कई मंदिरों तक पहुंच को आसान बनाएगा और भक्तों को इन मंदिरों में आने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड की बढ़ती कनेक्टिविटी राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली है। उन्होंने चारधाम मेगा प्रोजेक्ट और हर मौसम में आवागमन के योग्य सड़क के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का भी उल्लेख किया। उड़ान योजना के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में सस्ती हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बागेश्वर से कनालीछीना, गंगोलीहाट से अल्मोडा और टनकपुर घाट से पिथौरागढ तक जाने वाली सड़कों सहित आज की परियोजनाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे न केवल आम लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि पर्यटन से होने वाली आय के अवसर भी बढ़ेंगे। पर्यटन क्षेत्र को सर्वाधिक रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र बताते हुए, श्री मोदी ने सरकार द्वारा होमस्टे को प्रोत्साहित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में पर्यटन क्षेत्र का काफी विस्तार होने वाला है। क्योंकि आज पूरी दुनिया भारत आना चाहती है। और जो कोई भी भारत को देखना चाहता है वह निश्चित रूप से उत्तराखंड आना चाहेगा।”

उत्तराखंड की आपदाग्रस्त होने की प्रकृति को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 4-5 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। उन्होंने कहा, “'उत्तराखंड में ऐसी सुविधाएं निर्मित की जायेंगी ताकि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।”

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत का अमृत काल है। उन्होंने कहा, “यह समय देश के हर क्षेत्र एवं हर वर्ग को सुविधाओं, सम्मान और समृद्धि से जोड़ने का है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बाबा केदार और बद्री विशाल के आशीर्वाद से देश अपने संकल्पों को शीघ्रता से पूरा कर सकेगा।

इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सहित उत्तराखंड सरकार के अन्य मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व राष्ट्र को समर्पित किया गया उनमें पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित 76 ग्रामीण सड़कें और 25 पुल; 9 जिलों में बीडीओ कार्यालयों के 15 भवन; केंद्रीय सड़क निधि के तहत निर्मित तीन सड़कों यानी कौसानी बागेश्वर रोड, धारी-दौबा-गिरिछीना रोड और नगला-किच्छा रोड का उन्नयन; राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो सड़कों यानी अल्मोडा पेटशाल - पनुवानौला - दन्या (एनएच 309बी) और टनकपुर - चल्थी (एनएच 125) का उन्नयन; पेयजल से संबंधित तीन परियोजनाएं यानी 38 पंपिंग पेयजल योजनाएं, 419 गुरुत्वाकर्षण पर आधारित जलापूर्ति योजनाएं और तीन ट्यूबवेल आधारित जल आपूर्ति योजनाएं; पिथोरागढ़ में थरकोट कृत्रिम झील; 132 केवी पिथौरागढ-लोहाघाट (चंपावत) पावर ट्रांसमिशन लाइन; उत्तराखंड में 39 पुल और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजना के तहत देहरादून में बनाई गई उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की इमारत शामिल हैं।

जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 21,398 पॉली-हाउस के निर्माण की योजना, जिससे फूलों एवं सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी; उच्च घनत्व वाले सघन सेब के बगीचों की खेती के लिए एक योजना; राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के उन्नयन के लिए पांच परियोजनाएं; राज्य में आपदा तैयारियों और सुदृढ़ता के लिए कई कदम यानी पुलों का निर्माण, देहरादून में स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का उन्नयन, बलियानाला व नैनीताल में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कदम तथा आग, स्वास्थ्य एवं वन से संबंधित अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार; राज्य भर के 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों में छात्रावास एवं कंप्यूटर लैब का विकास; अल्मोडा के सोमेश्वर में 100 बिस्तरों वाला उप जिला अस्पताल; चंपावत में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल ब्लॉक; नैनीताल के हल्दवानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान; रुद्रपुर में वेलोड्रोम स्टेडियम; जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा), हाट कालिका (पिथौरागढ़) और नैना देवी (नैनीताल) मंदिरों सहित विभिन्न मंदिरों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना शामिल हैं।

 

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.