प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू में 32,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला भी रखी। ये परियोजनाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल, सड़क, विमानन, पेट्रोलियम और नागरिक बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लगभग 1500 नए सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति आदेश भी वितरित किए। उन्होंने 'विकसित भारत - विकसित जम्मू' कार्यक्रम के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत की।
किश्तवाड़ जिले की वीना देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने उज्ज्वला योजना का लाभ उठाया है, जिससे उनका जीवन बेहतर हुआ है और वो अपने तथा अपने परिवार के लिए समय निकाल पा रही हैं। पहले वह खाना पकाने के लिए जंगलों से लकड़ी लाती थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि उनके परिवार के पास आयुष्मान कार्ड हैं और उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने उनके और उनके परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
राष्ट्रीय आजीविका अभियान की लाभार्थी कठुआ की कीर्ति शर्मा ने प्रधानमंत्री को स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने अपना उद्यम 30,000 रुपये के ऋण के साथ शुरू किया और बाद में 1 लाख रुपये के दूसरे ऋण के साथ तीन गाएं खरीद कर अपना उद्यम बढ़ाया। उन्होंने न केवल अपने समूह बल्कि जिले की सभी महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की उम्मीद जताई। उनके समूह ने बैंक का ऋण चुका दिया है और अब उनके पास 10 गायें हैं। उन्हें और उनके समूह के दूसरे सदस्यों को कई अन्य सरकारी योजनाओं से लाभ हुआ है। कीर्ति शर्मा ने प्रधानमंत्री को 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का उनका लक्ष्य हासिल करने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
पुंछ के एक किसान श्री लाल मोहम्मद ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह सीमावर्ती क्षेत्र से हैं जहां उनके मिट्टी के घर पर सीमा के दूसरी ओर से गोलाबारी की गई थी। उसी जगह पर पक्का घर बनाने के लिए पीएम आवास योजना के तहत मिले 1,30,000 रुपये के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने भी उनके पक्के घर के लिए लाल मोहम्मद को बधाई दी और इस बात पर खुशी व्यक्त की कि सरकार की योजनाएं देश के सुदूर इलाकों तक पहुंच रही हैं। श्री लाल मोहम्मद ने प्रधानमंत्री की सराहना में 'विकसित भारत' विषय पर एक दोहा भी सुनाया।
स्वयं सहायता समूह की सदस्य बांदीपुरा की सुश्री शाहीना बेगम ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है, लेकिन बेरोजगारी के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 2018 में, वह स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं और शहद की खेती का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण लिया। बाद में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से इसका विस्तार किया, जिससे उन्हें क्षेत्र में पहचान पाने और लखपति दीदी बनने में मदद मिली। प्रधानमंत्री ने उन्हें बधाई दी और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दूर-दराज के गांवों में महिलाएं लखपति दीदी बनने के अवसरों का भरपूर लाभ उठा रही हैं और कहा कि वह एक प्रेरणा हैं। सुश्री शाहीना ने अपने पोल्ट्री व्यवसाय के लिए किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई कराने के लिए उनके माता-पिता की सराहना की और काम के प्रति समर्पण की उनकी भावना की भी सराहना की। अपने सपनों को पूरा करने के लिए महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी के शासन में सब कुछ संभव है।
जल जीवन मिशन के एक लाभार्थी पुलवामा के रियाज़ अहमद कोली ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनके गांव के हर घर में नल का जल पहुंच गया है, जिसके परिणामस्वरूप उनके परिवार के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने गांवों की महिलाओं का आशीर्वाद भी प्रधानमंत्री तक पहुंचाया। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद उन्हें अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल गया। इससे उन्हें और आदिवासी समुदाय के अन्य सदस्यों को बहुत लाभ हुआ। प्रधानमंत्री ने एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए गुर्जर समुदाय के आतिथ्य की सराहना की।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जम्मू की अपनी पिछली यात्राओं की तुलना आज के शानदार आयोजन से की, जिसमें खराब मौसम के बावजूद लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। उन्होंने 3 अलग-अलग स्थानों के बारे में भी बताया जहां जम्मू के नागरिक बड़ी स्क्रीन पर इस कार्यक्रम देखने के लिए भारी संख्या में एकत्र हुए हैं। श्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावना की सराहना की और कहा कि आज का कार्यक्रम एक आशीर्वाद है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि आज का अवसर केवल विकसित भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के लाखों लोग भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम को जम्मू-कश्मीर के 285 प्रखंडों में नागरिक देख रहे हैं। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावना की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने उनसे बातचीत करने वाले लाभार्थियों द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभों को स्पष्ट रूप से बताने की सराहना की। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनकी विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर और विकसित भारत संकल्प यात्रा की भावना के लिए बधाई दी। प्रत्येक लाभार्थी के घर तक पहुंचने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि कोई भी योग्य लाभार्थी वंचित नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे आप पर पूरा भरोसा है। हम निश्चित रूप से एक विकसित जम्मू कश्मीर बनाएंगे। जो सपने 70 साल से अधूरे थे, उन्हें मोदी जल्द ही पूरा करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर निराशा और अलगाववाद के दिनों को पीछे छोड़कर विकसित बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज 32,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से शिक्षा, कौशल, रोजगार, स्वास्थ्य, उद्योग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने देश के युवाओं को आईआईएम, आईआईटी और नियुक्ति पत्र के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कई पीढ़ियों से वंशवादी राजनीति का शिकार रहा है, जहां लोगों के कल्याण की पूरी तरह से उपेक्षा की गई और युवाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकारें युवाओं के लिए नीतियां बनाने को मुश्किल से ही प्राथमिकता देती हैं। पीएम मोदी ने कहा, "जो लोग अपने परिवार के कल्याण के बारे में सोचते हैं, वे आम नागरिकों के बारे में कभी नहीं सोचेंगे।" उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस केंद्र शासित प्रदेश में वंशवादी राजनीति अब समाप्त हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित जम्मू-कश्मीर बनाने के लिए सरकार का ध्यान गरीबों, किसानों, युवाओं और नारी शक्ति पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर तेजी से शिक्षा और कौशल विकास का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। प्रधानमंत्री ने 2013 में उसी स्थान पर जम्मू-कश्मीर में आईआईटी और आईआईएम बनाने की गारंटी देने को याद करते हुए कहा कि वह गारंटी आज पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए लोग कहते हैं, ''मोदी की गारंटी का मतलब गारंटी के पूरा होने की गारंटी है।''
आज के कार्यक्रम की शैक्षिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इतने बड़े पैमाने पर शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों की प्रगति दस साल पहले एक दूर की वास्तविकता थी। उन्होंने कहा, “लेकिन, यह नया भारत है”। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की सरकार वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आधुनिक शिक्षा के लिए अधिकतम खर्च कर रही है। श्री मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में देश में जम्मू-कश्मीर में 50 नए डिग्री कॉलेजों सहित रिकॉर्ड संख्या में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खुले हैं। उन्होंने आगे कहा कि 45,000 नए बच्चे जो स्कूलों में नहीं जाते थे, उन्हें अब प्रवेश दिया गया है और उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि छात्राओं को पढ़ाई के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, ''एक समय था जब स्कूल चलाए जाते थे, जबकि आज स्कूल उन्नत हो गए हैं।''
जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 4 से बढ़कर आज 12 हो गई है, 2014 में 500 की तुलना में 1300 से अधिक एमबीबीएस सीटें और 2014 में शून्य की तुलना में आज पीजी मेडिकल सीटों की संख्या 650 से अधिक हो गई हैं। उन्होंने पिछले 4 वर्षों में 45 नर्सिंग और पैरामेडिक कॉलेजों की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर में दो एम्स बन रहे हैं जिनमें से जम्मू एम्स का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री ने किया। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में देश में 15 नए एम्स स्वीकृत किए गए हैं।
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नया जम्मू कश्मीर अस्तित्व में आ रहा है क्योंकि इसके विकास में सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है और क्षेत्र संतुलित विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अनुच्छेद 370 पर आने वाली फिल्म का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को इस बात का भरोसा दिलाया कि अब कोई भी पीछे नहीं रहेगा और जो लोग दशकों से उपेक्षित महसूस करते थे वे अब एक प्रभावी सरकार की उपस्थिति महसूस कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश में वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को त्यागने वाली एक नई लहर उभरी है। प्रधानमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश के माहौल में सकारात्मक बदलाव को महसूस करते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर के युवा विकास का बिगुल बजा रहे हैं और अपना भविष्य बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ-साथ रक्षा कर्मियों के प्रति दिखाई गई उपेक्षा पर अफसोस जताया। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार ने इस प्रदेश सहित देशभर के पूर्व सैनिकों को लाभ देते हुए वन रैंक वन पेंशन की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सामाजिक न्याय का संवैधानिक वादा अंततः शरणार्थी परिवारों, बाल्मीकि समुदाय और सफाई कर्मचारियों तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बाल्मीकि समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला, जो उनकी वर्षों पुरानी मांग थी। पद्दारी, पहाड़ी, गद्दा ब्राह्मण और कोली को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किया गया है। विधान सभा में एसटी के लिए आरक्षण और पंचायतों तथा शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र जम्मू और कश्मीर के विकास की नींव है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास कार्यों से महिलाओं को सबसे अधिक लाभ हुआ है और महिलाओं के लिए पीएम आवास योजना के तहत पक्के मकानों का पंजीकरण, हर घर जल योजना के तहत शौचालयों का निर्माण और आयुष्मान कार्ड के वितरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से महिलाओं को वे अधिकार मिले हैं जिनसे वे पहले वंचित थीं।"
प्रधानमंत्री ने नमो ड्रोन दीदी योजना का जिक्र किया जहां बड़ी संख्या में महिलाओं को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने हजारों स्वयं सहायता समूहों को खेती और बागवानी में किसानों की मदद के लिए लाखों रुपये के ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे खाद या कीटनाशकों के छिड़काव का काम काफी आसान हो जाएगा और साथ ही उनके लिए अतिरिक्त आय भी पैदा होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में एक साथ कई विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बढ़ी कनेक्टिविटी का भी जिक्र किया। उन्होंने जम्मू हवाई अड्डे के विस्तार कार्य, कश्मीर को कन्याकुमारी से रेल मार्ग से जोड़ने और श्रीनगर से संगलदान और संगलदान से बारामूला तक चलने वाली ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा, ''वह दिन दूर नहीं जब लोग कश्मीर से ट्रेन पकड़कर देश भर में यात्रा कर सकेंगे।'' प्रधानमंत्री ने देश में चल रहे रेलवे विद्युतीकरण के बड़े अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आज पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन मिलने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का जिक्र करते हुए कहा कि इन ट्रेनों के शुरुआती रूटों में जम्मू कश्मीर को चुना गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं और इससे माता वैष्णो देवी तक पहुंचना सुविधाजनक हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में सड़क परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया। आज की परियोजनाओं में, उन्होंने श्रीनगर रिंग रोड के दूसरे चरण का उल्लेख किया जिससे मानसबल झील और खीर भवानी मंदिर तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इसी तरह, श्रीनगर-बारामूला-उरी राजमार्ग से किसानों और पर्यटन को लाभ होगा। दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेसवे जम्मू और दिल्ली के बीच आवाजाही को आसान बना देगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर पूरी दुनिया में बहुत उत्साह है। खाड़ी देशों की अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए उन्होंने बताया कि इस केंद्र शासित प्रदेश में निवेश को लेकर विदेशों में सकारात्मकता उच्च स्तर पर है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित कई जी20 बैठकों का भी जिक्र किया और कहा कि पूरी दुनिया यहां की प्राकृतिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 2 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जबकि अमरनाथ जी और श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले दशक में सबसे अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास को देखते हुए पर्यटकों की संख्या में बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने शीर्ष 5 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत के शामिल होने का उल्लेख करते हुए अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की सरकार की बढ़ती क्षमता को माना। उन्होंने कहा कि भारत बेहतर अर्थव्यवस्था के कारण मुफ्त राशन, चिकित्सा उपचार, पक्के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय और पीएम किसान सम्मान निधि प्रदान कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हमें अगले 5 वर्षों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाना है। इससे गरीब कल्याण और बुनियादी ढांचे पर खर्च करने की देश की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। इससे जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक परिवार को लाभ होगा।”
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
शिक्षा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा
देश भर में शिक्षा और कौशल बुनियादी ढांचे के उन्नयन और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, प्रधानमंत्री ने लगभग 13,375 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित की और आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी भिलाई, आईआईटी तिरूपति, आईआईएसईआर तिरूपति, आईआईआईटीडीएम कुरनूल के स्थायी परिसर; आईआईटी पटना और आईआईटी रोपड़ में शैक्षणिक और आवासीय परिसर और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दो स्थायी परिसर - देवप्रयाग (उत्तराखंड) और अगरतला (त्रिपुरा) को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने आईआईएम विशाखापत्तनम, आईआईएम जम्मू और आईआईएम बोधगया के स्थायी परिसरों का उद्घाटन किया। उन्होंने कानपुर में उन्नत प्रौद्योगिकियों पर एक अग्रणी कौशल प्रशिक्षण संस्थान - भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी जम्मू, एनआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर, एनआईटी दुर्गापुर, आईआईएसईआर बेहरामपुर, एनआईटी अरुणाचल प्रदेश, आईआईआईटी लखनऊ, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल कासरगोड सहित देश भर के कई उच्च शैक्षणिक संस्थानों में छात्रावास, शैक्षणिक ब्लॉक, प्रशासनिक भवन, पुस्तकालय, सभागार आदि जैसे बेहतर बुनियादी ढांचे का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने देश भर के कई उच्च शिक्षण संस्थानों में बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय और आईआईआईटी रायचूर के स्थायी परिसर का निर्माण; आईआईटी बॉम्बे में अकादमिक ब्लॉक, छात्रावास, फैकल्टी क्वार्टर आदि का निर्माण; आईआईटी गांधीनगर में छात्रावास और स्टाफ क्वार्टर का निर्माण, बीएचयू में महिला छात्रावास का निर्माण शामिल है।
एम्स जम्मू
जम्मू-कश्मीर के लोगों को व्यापक, गुणवत्तापूर्ण और समग्र तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले एक कदम में, प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), विजयपुर (सांबा), जम्मू का उद्घाटन किया। इस संस्थान का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में किया था। इसकी स्थापना केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की जा रही है।
227 एकड़ से अधिक क्षेत्र में स्थापित इस अस्पताल पर 1660 करोड़ से अधिक की लागत आई है। इस अस्पताल में मरीजों के लिए 720 बिस्तर, 125 सीटों के साथ मेडिकल कॉलेज, 60 सीटों के साथ नर्सिंग कॉलेज, 30 बिस्तरों के साथ आयुष ब्लॉक, संकाय तथा कर्मचारी के लिए आवासीय सुविधाएं, यूजी तथा पीजी छात्रों के लिए छात्रावास, रैन बसेरा, अतिथि गृह, सभागार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि हैं। इस अत्याधुनिक अस्पताल में 18 स्पेशियलिटी और कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी सहित 17 सुपर स्पेशियलिटी में उच्च गुणवत्ता वाली रोगी देखभाल सेवाएं प्रदान करेगा। इस स्वास्थ्य संस्थान में एक गहन देखभाल इकाई, आपातकालीन और ट्रॉमा इकाई, 20 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, नैदानिक प्रयोगशालाएं, ब्लड बैंक, फार्मेसी आदि होंगे। इस अस्पताल में दूर-दराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का भी लाभ उठाया जाएगा।
नई टर्मिनल बिल्डिंग, जम्मू हवाई अड्डा
प्रधानमंत्री ने जम्मू हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। 40,000 वर्गमीटर क्षेत्र में बनने वाला यह नया टर्मिनल भवन दिन के व्यस्त समय (पीक आवर्स) के दौरान लगभग 2000 यात्रियों को सेवा प्रदान करने वाली आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। नया टर्मिनल भवन पर्यावरण के अनुकूल होगा। यह हवाई संपर्क को मजबूत करेगा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगा और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को गति देगा।
रेल परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान (48 किलोमीटर) और नव विद्युतीकृत बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान खंड (185.66 किलोमीटर) के बीच नई रेल लाइन सहित जम्मू और कश्मीर में विभिन्न रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान स्टेशन तथा बारामूला स्टेशन के बीच ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई।
बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान खंड का चालू होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पूरे मार्ग पर बैलास्ट लेस ट्रैक (बीएलटी) का उपयोग किया गया है जो यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा, भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 (12.77 किमी) खारी-सुम्बर के बीच इसी हिस्से में स्थित है। रेल परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करेंगी और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
सड़क परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने आज जम्मू को कटरा से जोड़ने वाले दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के दो पैकेज (44.22 किलोमीटर); श्रीनगर रिंग रोड को चार लेन का बनाने के चरण दो; एनएच -01 के 161 किमी लंबे श्रीनगर-बारामूला-उरी खंड के उन्नयन के लिए पांच पैकेज; और एऩएच-444 पर कुलगाम बाईपास और पुलवामा बाईपास का निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के दो पैकेज पर काम पूरा हो जाने पर तीर्थयात्रियों को माता वैष्णो देवी के पवित्र मंदिर की यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रीनगर रिंग रोड को चार लेन करने के चरण दो में मौजूदा सुंबल-वायुल एनएच-1 को अपग्रेड करना शामिल है। 24.7 किलोमीटर लंबी यह ब्राउनफील्ड परियोजना श्रीनगर शहर और उसके आसपास के इलाके में यातायात की भीड़ को कम करेगी। इससे मानसबल झील और खीर भवानी मंदिर जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा और लेह, लद्दाख जाने में लगने वाला समय भी घट जाएगा। एनएच -01 के 161 किमी लंबे श्रीनगर-बारामूला-उरी खंड के उन्नयन की परियोजना रणनीतिक महत्व की है। इससे बारामूला और उरी के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। काजीगुंड - कुलगाम - शोपियां - पुलवामा - बडगाम - श्रीनगर को जोड़ने वाले एनएच-444 पर कुलगाम बाईपास और पुलवामा बाईपास भी क्षेत्र में सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।
सीयूएफ पेट्रोलियम डिपो
प्रधानमंत्री ने जम्मू में सीयूएफ (कॉमन यूजर फैसिलिटी) पेट्रोलियम डिपो विकसित करने की परियोजना की भी आधारशिला रखी। पूरी तरह से स्वचालित इस अत्याधुनिक डिपो को लगभग 677 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इसमें मोटर स्पिरिट (एमएस), हाई स्पीड डीजल (एचएसडी), सुपीरियर केरोसिन तेल (एसकेओ), एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ), इथेनॉल, बायोडीजल और शीतकालीन ग्रेड एचएसडी के भंडारण के लिए लगभग 100000 किलो लीटर की भंडारण क्षमता होगी। ।
अन्य परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने पूरे जम्मू-कश्मीर में नागरिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सार्वजनिक सुविधाओं के प्रावधान के लिए 3150 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं उनमें सड़क परियोजनाएं और पुल; ग्रिड स्टेशन, रिसिविंग स्टेशन ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाएं; सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र और सीवेज उपचार संयंत्र; कई डिग्री कॉलेज भवन; श्रीनगर शहर में बेहतर यातायात प्रबंधन प्रणाली; आधुनिक नरवाल फल मंडी; कठुआ में औषधि परीक्षण प्रयोगशाला; और ट्रांजिट आवास - गांदरबल तथा कुपवाड़ा में 224 फ्लैट शामिल हैं। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है उनमें जम्मू-कश्मीर में पांच नए औद्योगिक एस्टेट का विकास; जम्मू स्मार्ट सिटी के एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र के लिए डेटा सेंटर/आपदा रिकवरी केंद्र; परिम्पोरा श्रीनगर में ट्रांसपोर्ट नगर का उन्नयन; 62 सड़क परियोजनाओं और 42 पुलों का उन्नयन और ट्रांजिट आवास के विकास के लिए परियोजना शामिल है। ट्रांजिट आवास के लिए अनंतनाग, कुलगाम, कुपवाड़ा, शोपियां और पुलवामा जिलों में नौ स्थानों पर 2816 फ्लैट बनाएं जाएंगे।
हम विकसित जम्मू-कश्मीर बनाकर ही रहेंगे: PM @narendramodi pic.twitter.com/YQULR9rOpL
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विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर pic.twitter.com/UH8uOqpM0V
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नया भारत, अपनी वर्तमान पीढ़ी को आधुनिक शिक्षा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा खर्च कर रहा है: PM @narendramodi pic.twitter.com/mhZXQ9rERU
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अब जम्मू कश्मीर, एक संतुलित विकास की ओर बढ़ रहा है। pic.twitter.com/nCW6TZbz9I
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भारत के संविधान में जिस सामाजिक न्याय का भरोसा दिया गया है, वो भरोसा पहली बार जम्मू-कश्मीर के सामान्य जन को भी मिला है: PM @narendramodi pic.twitter.com/QXhKvYI5me
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विकसित होते जम्मू कश्मीर को लेकर आज पूरी दुनिया में बहुत उत्साह है: PM @narendramodi pic.twitter.com/OjMnVd10wc
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