असम में कैंसर अस्पतालों से पूर्वोत्तर के साथ-साथ दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य सेवा की क्षमता में वृद्धि होगी
स्वास्थ्य सेवा के दृष्टिकोण के सात स्तंभों के रूप में 'स्वास्थ्य के सप्तऋषि' पर विस्तार से चर्चा की
“हमारा प्रयास है कि पूरे देश के नागरिकों को देश में कहीं भी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके, उसके लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, यह एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य की भावना है"
​​​​​​​"केंद्र और असम सरकार चाय बागानों में काम करने वाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डिब्रूगढ़ में एक समारोह में असम के सात कैंसर अस्पतालों को राष्ट्र को समर्पित किया। ये कैंसर अस्पताल डिब्रूगढ़, कोकराझार, बारपेटा, दरांग, तेजपुर, लखीमपुर और जोरहाट में बने हैं। डिब्रूगढ़ अस्पताल को प्रधानमंत्री द्वारा दिन में पहले ही राष्ट्र को समर्पित किया गया, जब उन्होंने नए अस्पताल के परिसर का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने परियोजना के दूसरे चरण में बनाए जाने वाले धुबरी, नलबाड़ी, गोलपारा, नगांव, शिवसागर, तिनसुकिया और गोलाघाट में सात नए कैंसर अस्पतालों का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर असम के राज्यपाल श्री जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, श्री रामेश्वर तेली, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सदस्य श्री रंजन गोगोई और प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा उपस्थित लोगों में शामिल थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने त्योहारी सीजन के उत्साह का वर्णन करते हुए अपना भाषण शुरू किया और असम के महान सपूतों और पुत्रियों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में कैंसर अस्पताल जो आज राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं और जिनकी आज आधारशिला रखी गई है, पूर्वोत्तर के साथ-साथ दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य सेवा की क्षमता में वृद्धि करेंगे। यह स्वीकार करते हुए कि असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, "इससे सबसे अधिक प्रभावित हमारा गरीब होता है, मध्यम वर्ग का परिवार होता है।" कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीजों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में गरीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम उठाए गए हैं, उसके लिए मैं सर्बानंद सोनोवाल जी, हेमंता जी और टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में 1500 करोड़ रुपये की योजना - प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर विकास पहल (पीएम-डिवाइन) की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत भी कैंसर के इलाज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और गुवाहाटी में भी इसी तरह की सुविधाएं प्रस्तावित है।

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सरकार के दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने 'स्वास्थ्य के सप्तऋषि' के बारे में बताया। सरकार का पहला प्रयास इस बीमारी को होने से रोकना है। उन्होंने कहा, “इसलिए प्रीवेंटिव हेल्थकेयर पर हमारी सरकार ने बहुत जोर दिया है। योग, फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम भी इसी वजह से लागू किए जा रहे हैं।” दूसरा, यदि रोग होता है, तो उसका शीघ्र निदान किया जाना चाहिए। इसके लिए देश भर में लाखों नए टेस्टिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं। तीसरा फोकस ये है कि लोगों को घर के पास ही प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा हो। इसके लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को सुधारा जा रहा है। चौथा प्रयास है कि गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले। इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। हमारा पांचवा फोकस इस बात पर है कि अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार भारी निवेश कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, "साल 2014 से पहले देश में सिर्फ 7 एम्स थे। इसमें से भी एक दिल्ली वाले को छोड़ दें तो कहीं एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं होती थी, कहीं ओपीडी नहीं लगती थी, कुछ अधूरे बने थे। हमने इन सभी को सुधारा और देश में 16 नए एम्स घोषित किए। एम्स गुवाहाटी भी इन्हीं में से एक है।” दृष्टिकोण के छठे बिंदु पर प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार का छठा फोकस इस बात पर भी है कि डॉक्टरों की संख्या में कमी को दूर किया जाए। बीते सात साल में एमबीबीएस और पीजी के लिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं। हमारी सरकार ने 5 लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है।” श्री मोदी ने कहा, हमारी सरकार का सांतवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है। सरकार की कोशिश है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होने वाली दिक्कतों से मुक्ति मिले। इसके लिए एक के बाद एक योजनाएं लागू की गई हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "हमारा प्रयास है कि पूरे देश के नागरिकों को देश में कहीं भी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके, उसके लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। यह एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य की भावना है। इस भावना ने 100 साल की सबसे बड़ी महामारी में भी देश को इस चुनौती से निपटने की ताकत दी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर के इलाज पर अत्यधिक खर्च लोगों के मन में सबसे बड़ी चिंता थी। महिलाओं ने विशेष रूप से इस इलाज से परहेज किया क्योंकि इसमें परिवार को कर्ज और दरिद्रता में धकेलने की क्षमता थी। सरकार कई दवाओं की लागत को लगभग आधा करके कैंसर की दवाओं को सस्ती कर रही है, जिससे रोगियों को कम से कम 1000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। जन औषधि केंद्रों में अब 900 से अधिक दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं। आयुष्मान भारत योजनाओं के तहत बहुत से लाभार्थी कैंसर के रोगी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत और वेलनेस सेंटर कैंसर के मामलों का जल्द पता लगाना सुनिश्चित कर रहे हैं। असम और देश के अन्य हिस्सों में वेलनेस सेंटरों में 15 करोड़ से अधिक लोगों ने कैंसर की जांच कराई है। प्रधानमंत्री ने राज्य में बुनियादी चिकित्सा सुविधा में सुधार के लिए असम सरकार की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज के राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं। उन्होंने असम में ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर तक सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। श्री मोदी ने सभी को टीका लगवाने के लिए कहा, क्योंकि सरकार ने बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के लिए एहतियाती खुराक को मंजूरी देकर टीकाकरण के दायरे का विस्तार किया है।

केंद्र और असम सरकार चाय बगानों में काम करने वाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुफ्त राशन से लेकर हर घर जल योजना के तहत जो भी सुविधाएं हैं, असम सरकार उनको तेजी से चाय बगानों में काम करने वालों तक पहुंचा रही है।

प्रधानमंत्री ने जनकल्याण की बदली हुई धारणा के बारे में बताया। आज जनकल्याण के दायरे का विस्तार हुआ है। पहले केवल कुछ सब्सिडी को जनकल्याण से जोड़कर देखा जाता था। इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी की परियोजनाओं को कल्याण से जोड़कर नहीं देखा जाता था। जबकि, कनेक्टिविटी के अभाव में, सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी बहुत मुश्किल थी। अंत में, प्रधानमंत्री ने कहा, अब देश पिछली सदी की अवधारणाओं को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। असम में, सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का विस्तार दिखाई दे रहा है, जिससे गरीबों, युवाओं, महिलाओं, बच्चों, वंचितों और आदिवासी समुदायों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से असम और देश के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।

असम सरकार और टाटा ट्रस्ट्स का एक संयुक्त उद्यम - असम कैंसर केयर फाउंडेशन, राज्य भर में फैले 17 कैंसर सेवा अस्पतालों के साथ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा किफायती कैंसर सेवा का नेटवर्क बनाने के लिए एक परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। परियोजना के पहले चरण में 10 अस्पतालों में से सात अस्पतालों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि तीन अस्पताल निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। परियोजना के दूसरे चरण में सात नए कैंसर अस्पतालों का निर्माण होगा।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.