प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई विश्वविद्यालय में वाधवानी इंस्टिट्यूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्घाटन किया
निस्संजदेह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बॉट्स और रोबोट के उपयोग से उत्पाइदकता बढ़ेगी: पीएम मोदी
आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गरीबी और बीमारी उन्मूलन में किया जा सकता है: प्रधानमंत्री
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की प्रगति व्यक्ति के इरादों पर निर्भर करती है: प्रधानमंत्री मोदी
टेक्नॉलॉजी की बुनियाद ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नैतिक मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए: पीएम मोदी
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाएं और भारत के लिए उसका उपयोग करें: प्रधानमंत्री

 

महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल, सी.विद्यासागर राव, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री, देवेन्‍द्र फड़नवीस, महाराष्‍ट्र सरकार में मंत्री श्री विनोद तावड़़े,

मुम्‍बई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर श्री देवेनन्‍द शिंदे,

रोमेश वाधवानी जी, सुनील वाधवानी जी,

देवियों और सज्‍जनों, वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उद्घाटन के लिए यहां आने पर मुझे प्रसन्‍नता हो रही है।

सबसे पहले मैं रोमेश वाधवानी जी और सुनील वाधवानी जी, महाराष्‍ट्र सरकार और मुम्‍बई यूनिवर्सिटी को बधाई देता हूं कि उन्‍होंने मिलकर इस संस्‍थान को वास्‍तविकता में बदल दिया। गरीबों के फायदे के लिए विश्‍व स्‍तर का संस्‍थान निर्मित करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र अच्‍छे इरादे से कैसे एक साथ आ सकते हैं, यह इसका बेहतरीन उदाहरण है।

पिछले साढ़े तीन वर्ष के दौरान दुनिया भर में फैले भारतीयों के साथ अलग-अलग बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि उनकी भारत में योगदान करने की प्रबल इच्‍छा है। रोमेश जी और सुनील जी ने इस संस्‍थान के जरिये समृद्ध और व्‍यावसायिक भारत की भविष्‍य की कल्‍पना के साथ इस इच्‍छा को एक साथ मिलाया है। उन्‍होंने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्‍तुत किया है।

मित्रों, आज भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक है। हम कृषि से लेकर ऐरोनोटिक्‍स तक और अंतरिक्ष मिशन से लेकर सेवा देने तक बेजोड़ तरीके से टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल कर रहे है। हम उद्यमिता की लहर देख रहे है, जो लघु उद्यमों से लेकर बड़े निवेश तक देखने को मिल रही है। ये कुछ ऐसे संकेतक है, जो यह दर्शाते हैं कि अगामी चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए हम कितने मजबूत स्‍थान पर हैं।

मित्रों, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बोट्स और रोबोट्स के आगमन के साथ ही इस बारे में कोई शक नहीं रह गया है कि हमारी उत्‍पादकता और बढ़ेगी, लेकिन इसके साथ ही मनुष्‍य के बहुतायत में होने का खतरा बढ़ जाएगा, क्‍योंकि दिमाग और मशीन के बीच प्रतिस्‍पर्धा है, ऐसी आशंकाएं न तो बेबुनियाद हैं और न ही नई।

प्रौद्योगिकी के विकास के प्रत्‍येक चरण में हमने इस तरह की आशंकाओं और सवालों का सामना किया है। यह भविष्‍य में दो विचारों को जन्‍म देती हैं। पहली उम्‍मीदें और अपेक्षाएं हैं और दूसरी रूकावट की आशंका को जन्‍म देती है।

प्रौद्योगिकी ने विकास के लिए पूरी तरह से नये क्षेत्र खोले है। इसने पूरी तरह से अवसरों के नये प्रतिमान खोले है। प्रत्‍येक नई प्रौद्योगिकी अनेक नये अवसर पैदा करती है। नये अवसर हमेशा पीछे की तुलना में अधिक संख्‍या में होते है। मनुष्‍य की सरलता हमेशा रहती है और ये निकट भविष्‍य में भी रहेगी। प्राचीन भारतीय सोच में मेरे दृढ़ विश्‍वास ने यह आशावादी दृष्टिकोण कायम किया, जहां विज्ञान और आध्यात्मिकता तथा बेहतर मानवता के लिए सौहार्द स्‍थापित हुआ है।

मुझे यजुर वेद तैत्‍त्रेय आरान्‍यका: ‘सत्‍ये सर्वंम प्रतिष्ठितम’ का ज्ञान सूक्‍त याद आता है। वैज्ञानिक अनुसंधान की भावना सच्‍चाई की तलाश में बसी हुई है।

हमारी प्राचीन पाठ्य पुस्‍तकों में बौद्धिक योग्‍यता श्रद्धा, मेधा, मनीषा, मनसा, शांति, चित्‍त, स्‍मृति, स्‍मरण और विज्ञान का जिक्र है, जिन्‍होंने सच्‍चाई की तलाश में सहायता की।

इस वैज्ञानिक अनुसंधान से सच्‍चाई की तलाश की जा सकती है, जो मानवता के लिए सर्वश्रेष्‍ठ रचनात्‍मक परम सुख हो सकता है। यह विकास के लिए प्रौद्योगिकी की कल्‍पना है, जिससे मैं प्रेरित हुआ हूं और वैज्ञानिक दृष्टि से आगे बढ़ने की भावना ने भविष्‍य के प्रति मुझे आशावादी बनाया है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मनुष्‍य के इरादों पर निर्भर करेगा। हमारे इरादे ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नतीजे निर्धारित करते है। प्रत्‍येक औद्योगिक क्रांति के साथ प्रौद्योगिकी की मापनीयता कई गुणा बढ़ी है। इसने मनुष्‍य को इतनी अधिक शक्तियां प्रदान की हैं कि वह प्रौद्योगिकी के जरिये किसी भी कार्य का असर छोड़ता है। विकास का यही सदाचार सभी लोगों के लिए समानता सुनिश्चित करेगा। टेक्‍नोलॉजी की उन्‍नति टेक्‍नोलॉजी तक पहुंच को लेकर समाजों के बीच मतभेदों को बढ़ाने की कीमत पर नहीं हो सकती। प्रौद्योगिकी के विकास का मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास होना चाहिए।

मित्रो, क्‍या हम आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस सृजित करने में विश्‍व की अगुवाई कर सकते हैं, जो अतिरिक्‍त मनुष्‍यों से कम हो और मनुष्‍य की क्षमता को बढ़ाने और उसका विस्‍तार करने से जुड़ी हो। क्‍या हम ऐसा भविष्‍य बना सकते है, जहां मशीनें मनुष्‍य का स्‍थान ले रही है, वहां  बेहतर मानवता के लिए मनुष्‍य अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बना सके।

मित्रो, आर्टिफिशियल इं‍टेलिजेंस के दौर में, ‘बिग डेटा’ और मानवीय समझ से आज अनेक समस्‍याओं का समाधान निकाला जा सकता है। हमें भारत में आर्टिफिशियल इं‍टेलिजेंस तैयार करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह भारत के लिए लाभकारी हो।

मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि बड़ी चुनौतियों को पहचाने, जो भारत में आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस हल कर सकती है। हमारा विविधताओं से भरा देश है, जहां अनेक भाषाएं और सैंकड़ों बोलियां हैं। क्‍या हमारे पास बुद्धिमतापूर्ण आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस हो सकती है, जो इन भाषाओं और बोलियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान संभव कर सकें। मेरा हमेशा से विश्‍वास रहा है कि दिव्‍यांग हमारी सम्‍पत्ति हैं और राष्‍ट्र का कर्तव्य उन्‍हें अधिकार सम्‍पन्‍न बनाना है।

क्‍या हमारे पास ऐसी आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस और रोबोटिक्‍स हो सकता है, जो कार्य करने के लिए उनकी क्षमता में सुधार कर सके और उनकी असली सामर्थ्‍य बाहर आ सके। क्‍या अध्‍यापक और आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस अध्‍यापक छात्र अनुपात में अंतर को कम करने में मदद कर सकती है। इससे हमें भारत के सभी छात्रों को बेहतर शिक्षा देने में मदद मिलेगी। क्‍या आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस हमारे स्‍वास्‍थ्‍य देखरेख कार्यकर्ताओं की क्षमता का विस्‍तार कर भारत के प्रत्‍येक कोने में गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल में मदद कर सकती है। क्‍या आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस प्राकृतिक आपदाओं की भविष्‍यवाणी कर सकती है?  क्‍या आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी गंभीर परे‍शानियों का पता लगाने में हमारी मदद कर सकती है?  क्‍या आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस हमारे किसानों की मौसम, फसल और बीज बोने के चक्र के संबंध में सही फैसला लेने में मदद कर सकती है?

मित्रो, हमारी सरकार का दृढ़ विश्‍वास है कि हम 21वीं शताब्‍दी की इस टेक्‍नोलॉजी की शक्ति का इस्‍तेमाल गरीबी और बीमारी को समाप्‍त करने के लिए कर सकते है। ऐसा करके हम गरीबों और समाज के उपेक्षित वर्गों के बीच समृद्धि ला सकते है। हम इस संकल्‍पना को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डिजिटल इंडिया पहल का उद्देश्‍य भारत को डिजिटल शक्ति सम्‍पन्‍न समाज और ज्ञानवर्द्धक अर्थव्‍यवस्‍था में बदलना है। भारत-नेट के अंतर्गत हम अपने गांवों को ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्‍टीविटी प्रदान कर रहे है। डिजिटल बुनियादी ढांचा सेवाएं प्रदान करने और अविष्‍कारों को लागू करने के लिए नवोन्‍मेष आईटी समाधान को रीढ़ प्रदान करता है।  

केन्‍द्र सरकार के राष्‍ट्रीय कौशल विकास मिशन का उद्देश्‍य अगले कुछ दशकों में दुनिया में नौकरियों की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए सही तरीके से कौशल प्राप्‍त कार्यबल सुनिश्चित करना है। हमने नवोन्‍मेष और उद्यमिता की संस्‍कृति को बढ़ावा देने के लिए अटल नवोन्‍मेष मिशन शुरू किया है। इसका उद्देश्‍य विश्‍व स्‍तर के नवोन्‍मेष हब, बड़ी चुनौतियों, स्‍टार्टअप व्‍यवसाय और अन्‍य स्‍व-रोजगार गतिविधियों, खासतौर से टेक्‍नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है। भारत के दस लाख बच्‍चों को युवा अविष्‍कारक बनने के लिए प्रोत्‍साहित करने की कल्‍पना के साथ अटल नवोन्‍मेष मिशन भारत के स्‍कूलों को संवारने की अटल प्रयोगशालाएं स्‍थापित कर रहा है। इन कदमों से हमारा लक्ष्‍य उभरती हुई टेक्‍नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है, ताकि इनका इस्‍तेमाल जनता के लाभ के लिए किया जा सके।

मित्रो, मुझे यकीन है कि वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ता और इस संस्‍थान के पथ प्रदर्शक जब कार्य करते होंगे, तब उनके दिलों में भारत की आम जनता के हित सर्वोपरि होंगे। मैं उनके प्रयासों के लिए उन्‍हें शुभकामना देता हूं। मुझे उम्‍मीद है कि भारत पूरी दुनिया को यह दिखाने के लिए अनोखी स्थिति में होगा कि किस प्रकार से लोगों के फायदे के लिए आर्टिफिशियल इं‍टेलीजेंस का उपयोग सुरक्षित और जिम्‍मेदार तरीके से किया जा सकता है।

मुझे इस संस्‍थान का उद्घाटन करके बेहद खुशी मिली है और उम्‍मीद है कि यह जनता की सेवा के लिए समर्पित होगा।

धन्‍यवाद

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PM Modi remembers former PM Chaudhary Charan Singh on his birth anniversary
December 23, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, remembered the former PM Chaudhary Charan Singh on his birthday anniversary today.

The Prime Minister posted on X:
"गरीबों और किसानों के सच्चे हितैषी पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव हर किसी को प्रेरित करता रहेगा।"