Published By : Admin |
October 5, 2024 | 04:56 IST
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देशवासियों में स्वदेशी के प्रति रुझान तेजी से बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री
The Prime Minister Shri Narendra Modi today hailed the new record of Khadi sales as an encouraging achievement. He remarked that there was a rapidly growing trend towards Swadeshi amongst the countrymen.
Responding to a post on X by Khadi India, he stated:
“बहुत उत्साहवर्धक उपलब्धि! खादी की ब्रिकी का यह नया रिकॉर्ड बताता है कि देशवासियों के बीच स्वदेशी को लेकर रुझान किस तेजी से बढ़ रहा है। मुझे खुशी है कि यह भावना खादी से जुड़े हमारे कारीगर भाई-बहनों के जीवन को भी आसान बनाने में बहुत मददगार बनी है।”
बहुत उत्साहवर्धक उपलब्धि! खादी की ब्रिकी का यह नया रिकॉर्ड बताता है कि देशवासियों के बीच स्वदेशी को लेकर रुझान किस तेजी से बढ़ रहा है। मुझे खुशी है कि यह भावना खादी से जुड़े हमारे कारीगर भाई-बहनों के जीवन को भी आसान बनाने में बहुत मददगार बनी है। https://t.co/blmN8RRGZq
वनतारा में पीएम मोदी का एक दिन: उम्मीद के साथ वन्यजीवों की देखभाल
March 05, 2025
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4 मार्च, 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के जामनगर स्थित एक अभूतपूर्व वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र ‘वनतारा’ का उद्घाटन किया। रिलायंस जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के भीतर 3,500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला वनतारा अपनी तरह की दुनिया की सबसे बड़ी फैसिलिटी है, जो 2,000 से अधिक प्रजातियों के 1.5 लाख से अधिक बचाए गए, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त जानवरों को आश्रय प्रदान करता है। वनतारा केवल एक आश्रय स्थल नहीं है, बल्कि एथिकल एनिमल वेलफेयर और इकोलॉजिकल सस्टेनेबिलिटी के प्रति भारत की विकसित होती प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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अपने दौरे में, प्रधानमंत्री मोदी ने सेंटर के उदार दृष्टिकोण, विशेष रूप से हाथियों को बचाने और पुनर्वास के प्रयासों पर प्रकाश डाला, साथ ही समाज से वन्यजीवों के प्रति दयाभाव और रेस्पॉन्सिबिलिटी अपनाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का सबसे मार्मिक पहलू वनतारा में रेस्क्यू किए गए हाथियों की कहानियों पर उनका फोकस था।
प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी दुर्दशा के बारे में दर्दनाक कहानियाँ साझा कीं: एक हाथी पर एसिड अटैक हुआ था, दूसरे को उसके अपने महावत ने अंधा कर दिया था, और एक और हाथी को तेज़ रफ़्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। वनतारा में, इन हाथियों के साथ बेमिसाल सम्मान और दयालुता से पेश आया जाता है। इस फैसिलिटी का एलीफैंट केयर सेंटर, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा एलीफैंट हॉस्पिटल कहा जाता है, उनकी ज़रूरतों के हिसाब से अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।
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हाइड्रोलिक सर्जिकल प्लेटफॉर्म और विशेष लिफ्टिंग उपकरण से लेकर कस्टम-डिज़ाइन किए गए एंडोस्कोप तक, यह सेंटर स्ट्रेस-फ्री मेडिकल प्रोसीजर्स को सुनिश्चित करता है। एक हाइड्रोथेरेपी तालाब आर्थराइटिस को कम करता है, एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर घाव भरने में सहायता करता है, और एक स्पेशलाइज़्ड फुट केयर यूनिट पुरानी समस्याओं का समाधान करती है। आयुर्वेदिक उपचार और एक्यूपंक्चर उनके स्वास्थ्य में सुधार को और बेहतर बनाते हैं, जो पुनर्वास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। पीएम मोदी ने इस गहन देखभाल की सराहना की और इसे मानव व प्रकृति के सह-अस्तित्व का एक आदर्श मॉडल बताया।
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वनतारा की प्रतिबद्धता हाथियों से कहीं आगे तक फैली हुई है। सैंक्चुरी ने 200 से ज़्यादा हाथियों, 300 बिग कैट्स प्रजाति के जानवरों (जिनमें तेंदुए, बाघ, शेर और जगुआर शामिल हैं), 300 शाकाहारी जानवरों जैसे हिरण और 1,200 से ज़्यादा सरीसृपों जैसे मगरमच्छ, सांप और कछुओं को बचाया है। हर जानवर की कहानी वनतारा के मिशन को पुष्ट करती है कि वह सिर्फ़ जीवित रहने की सुविधा ही नहीं देता, बल्कि सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर भी देता है।
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वनतारा की एक खासियत इसकी चेन-फ्री फिलॉसफी है। पारंपरिक चिड़ियाघरों या जानवरों को बांधकर रखने वाले बाड़ों के विपरीत, वनतारा स्ट्रेस-फ्री वातावरण को प्राथमिकता देता है। सैंक्चुरी का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भी उतना ही क्रांतिकारी है। इसका 1 लाख वर्ग फुट का हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च सेंटर MRI, CT स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी और ब्लड प्लाज्मा सेपरेटर जैसे उन्नत उपकरणों से लैस है।
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने एक एशियाई शेर का MRI और एक तेंदुए को हाईवे एक्सीडेंट के बाद लाइफ सेविंग सर्जरी करवाते हुए देखा। इस फैसिलिटी में वाइल्डलाइफ एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, डेंटिस्ट्री और इंटरनल मेडिसिन के लिए विशेष विभाग शामिल हैं, जिनमें पशु चिकित्सकों की एक ग्लोबल टीम कार्यरत है।
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प्रधानमंत्री मोदी का दौरा एक रस्मी उद्घाटन से कहीं ज़्यादा था; यह वनतारा के मिशन और वैश्विक संरक्षण में भारत की व्यापक भूमिका का एक जीवंत प्रदर्शन था। जानवरों के साथ उनका इंटरेक्शंस भावनात्मक और प्रतीकात्मक दोनों ही था। उन्होंने एशियाई शेर के शावकों, फैसिलिटी में पैदा हुए एक सफ़ेद शेर के शावक और एक क्लाउडेड तेंदुए के शावक को आहार दिया, जिससे लुप्तप्राय प्रजातियों की अगली पीढ़ी के पोषण में सेंटर की सफलता का प्रदर्शन हुआ।
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उन्होंने केचप और चटनी नामक ओरंगुटानों के साथ खेला, जिन्हें भीड़भाड़ वाली परिस्थितियों से बचाया गया था और चिकित्सीय जकूज़ी का आनंद लेते हुए हाथियों के साथ घुलमिल गए। अन्य मुख्य आकर्षणों में जिराफ़ को खाना खिलाना, ओकापी को थपथपाना और दो सिर वाले सांप व दो सिर वाले कछुए जैसी दुर्लभ प्रजातियों को देखना शामिल था।
प्रधानमंत्री मोदी ने रेस्क्यू किए गए तोतों को वापस जंगल में छोड़ा, जो उनकी उड़ान प्रकृति के संतुलन को बहाल करने के वनतारा के अंतिम लक्ष्य का प्रतीक है। केंद्र के कर्मचारियों, डॉक्टरों, केयरगिवर्स और वर्कर्स के साथ उनकी बातचीत ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पीछे मानवीय प्रयासों पर और ज़ोर दिया।
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वनतारा की स्थापना भारत में एथिकल एनिमल वेलफेयर और इकोलॉजिकल सस्टेनेबिलिटी पर बढ़ते जोर के अनुरूप है। सेंटर की पहल जैसे कि कैराकल और एशियाई शेर जैसी गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए ब्रीडिंग प्रोग्राम्स; बायोडाइवर्सिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैं। दुनिया में सबसे बड़ी 75 कस्टम-इंजीनियर्ड एलीफैंट एम्बुलेंस का इसका फ्लीट इसके प्रोएक्टिव रेस्क्यू एफर्ट्स का उदाहरण है।
पीएम मोदी की यात्रा ने वैश्विक संरक्षण में अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत किया। वनतारा के काम को उजागर करके, उन्होंने प्रकृति के प्रति सह-अस्तित्व और दयालुता की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया, जो एक ऐसा संदेश है जो सीमाओं से परे गूंजता है। सैंक्चुरी; इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कंजरवेशन ऑफ़ नेचर (IUCN) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) जैसी इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशंस के साथ सहयोग करती है, अपने ऑपरेशंस में एडवांस्ड रिसर्च ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस को इंटीग्रेट करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान जो विचार व्यक्त किए, उनमें एक गहरी अपील थी: समाज को गैरजिम्मेदारी को त्यागकर करुणा को अपनाना चाहिए। यह आह्वान वनतारा के सिद्धांतों को प्रतिध्वनित करता है, जिसे अनंत अंबानी ने “चिड़ियाघर” के बजाय “सेवालय” के रूप में वर्णित किया है। मनोरंजन-केंद्रित सुविधाओं के विपरीत, वनतारा; पुनर्वास, बचाव, संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता देता है, जो एक ऐसा मॉडल पेश करता है जिसका अन्य देश अनुकरण कर सकते हैं।
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इस सैंक्चुरी को कॉर्पोरेट कैटेगरी में एनिमल वेलफेयर के लिए भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘प्राणी मित्र’ नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जाना इसके प्रभाव को और पुष्ट करता है। पीएम मोदी की यात्रा ने इस विजन को प्रमुखता दी, जहां बचाए गए हाथी, शेर के शावक और ओरंगुटान केंद्र में रहे, जिनके जीवन पूरी तरह बदल चुके हैं।
दुनिया जब आवास विनाश, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन से जूझ रही है, तो वनतारा आशा की किरण दिखाता है। यह एक सुरक्षित आश्रय के रूप में खड़ा है जहाँ वन्यजीवों को न केवल बचाया जाता है बल्कि उनका सम्मान भी किया जाता है, जो प्रकृति के साथ सामंजस्य के भारत के प्राचीन लोकाचार को दर्शाता है। पीएम मोदी के शब्दों और वनतारा के कार्यों से यह स्पष्ट है कि जानवरों के प्रति दयालुता एक विकल्प नहीं है, बल्कि एक कर्तव्य है जिसे हम सभी साझा करते हैं।