उन्होंने कोलकाता मेट्रो की पर्पल लाइन के जोका-तारातला खंड का उद्घाटन किया
चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया
न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखी
"जिस धरती से वंदे मातरम् का जयघोष हुआ, वहां से ही वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाई गई है"
"भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सीवेज उपचार संयंत्र विकसित किए जा रहे हैं"
"भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है"
"21वीं सदी में देश के तीव्र विकास के लिए रेलवे का तीव्र गति से विकास और सुधार बहुत आवश्यक है"
"मेट्रो रेल प्रणाली आज भारत की गति और पैमाने का एक उदाहरण है"
"देश के नागरिकों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नए हवाई अड्डों, जलमार्गों, बंदरगाहों और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है"
"भारत आज अपनी जल शक्ति को बढ़ाने की दिशा में मजबूती से काम कर रहा है"
“13 जनवरी को एक क्रूज काशी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा, उसकी 3200 किलोमीटर लंबी यह यात्रा पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली यात्रा है जो देश में बढ़ते हुए क्रूज पर्यटन का प्रतिबिंब है
"बंगाल के लोग पर्यटन में भी 'राष्ट्र प्रथम' की भावना का अनुसरण करते हैं"
पूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है, इस विश्वास को बनाए रखने के लिए हर भारतीय को अपनी पूरी ताकत लगानी होगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने जोका-एस्प्लेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने बोन्ची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना, निमतिता-न्यू फरक्का दोहरी लाइन और अंबारी फलाकाटा-न्यू मयनागुरी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना सहित चार रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

 

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने आज व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पाने के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि यह बंगाल की भूमि को नमन करने का दिन है क्योंकि बंगाल के हर हिस्से में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास समाया हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, "जिस धरती से वंदे मातरम् का जयघोष हुआ, वहां से ही वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।" प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि 30 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया था और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को गति प्रदान की थी। इस ऐतिहासिक दिन की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने बताया कि नेताजी के सम्मान में एक द्वीप का नामकरण करने के लिए उन्हें अंडमान जाने का अवसर मिला। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव के समारोह के दौरान 475 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का संकल्प लिया था और आज हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होने वाली यह ट्रेन उनमें से ही एक है। आज जिन कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जा रहा है, उनका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आज उन्हें गंगा की सफाई और पेयजल से संबंधित कई परियोजनाओं को पश्चिम बंगाल को समर्पित करने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत पश्चिम बंगाल में 25 से अधिक सीवेज परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सात परियोजनाएं आज पूरी हो रही हैं। 1500 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली 5 नई योजनाओं का कार्य आज शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इन प्रमुख परियोजनाओं में से एक आदि गंगा परियोजना का उल्लेख किया, जिसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये लागत का बुनियादी ढांचा स्थापित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने नदियों की सफाई के साथ-साथ गंदगी की रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित किया है और बड़ी संख्या में आधुनिक सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। ऐसा अगले 10-15 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे के सुधारों और विकास को देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार आधुनिक रेलवे बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। उन्होंने इस आधुनिकीकरण के उदाहरणों के रूप में वंदे भारत, तेजस, हम सफर और विस्टाडोम कोच जैसी आधुनिक ट्रेनों और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण को सूचीबद्ध किया। उन्होंने परियोजनाओं के रूप में पूर्वी और पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का भी उल्लेख किया जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। प्रधानमंत्री ने रेलवे सुरक्षा, स्वच्छता, समन्वय, क्षमता, समय का पालन और सुविधाओं के क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले 8 वर्षों में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है और आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की एक नई यात्रा की शुरुआत करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले 70 वर्षों में जहां केवल 20 हजार रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, वहीं 2014 से अब तक 32 हजार रूट किलोमीटर से अधिक मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेट्रो रेल प्रणाली भारत की गति और पैमाने का एक उदाहरण है। “मेट्रो नेटवर्क 2014 से पहले 250 किलोमीटर से भी कम था और उसकी दिल्ली-एनसीआर में ही सबसे अधिक हिस्सेदारी थी। पिछले 7-8 वर्षों में मेट्रो का 2 दर्जन से अधिक शहरों में विस्तार हो चुका है। आज देश के विभिन्न शहरों में लगभग 800 किलोमीटर लंबे मेट्रो ट्रैक पर मेट्रो दौड़ रही है। 1000 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो मार्गों पर काम चल रहा है।

पिछले वर्षों में भारत के सामने आई चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका भारत के विकास पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कुछ प्रमुख चुनौतियों में से एक के बारे में प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के ढांचागत विकास में शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी का उल्लेख किया। उन्होंने विभिन्न परिवहन एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी का भी जिक्र किया, जिसके परिणामस्वरूप एक सरकारी एजेंसी को अन्य एजेंसियों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं रहती थी। इसका सीधा असर देश के ईमानदार करदाताओं पर पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उनकी गाढ़ी कमाई गरीबों की नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों की जेब भरने में खर्च होती हो तो जनता का असन्तुष्ट होना स्वाभाविक है। "सरकार ने एजेंसियों के तालमेल में अंतराल को भरने के लिए पीएम गति शक्ति योजना शुरू की है।" उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, "चाहे वह विभिन्न राज्य सरकारें हों, निर्माण एजेंसियां हों या उद्योग विशेषज्ञ हों, हर कोई गति शक्ति मंच पर एक साथ आ रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि पीएम गति शक्ति देश में परिवहन के विभिन्न माध्यमों को आपस में जोड़ने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह मल्टीमॉडल परियोजनाओं को भी गति प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नए हवाई अड्डों, जलमार्गों, बंदरगाहों और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 21वीं सदी में आगे बढ़ने के लिए राष्ट्र की क्षमता का सही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने देश में जलमार्गों का उल्लेख करते हुए उस समय को स्मरण किया जब भारत में काम, व्यापार और पर्यटन के लिए बड़े पैमाने पर जलमार्गों का उपयोग किया जाता था, लेकिन गुलामी के वर्षों के दौरान यह सब नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने देश में जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के बारे में पिछली सरकारों के प्रयासों की कमी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत आज अपनी जल शक्ति को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 100 से अधिक जलमार्गों को विकसित किया जा रहा है और व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ नदियों में उन्नत किस्म के क्रूज जहाजों की शुरुआत करने के बारे में कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री ने गंगा-ब्रह्मपुत्र परियोजना का उल्लेख किया जो भारत और बांग्लादेश में दो नदियों के बीच जलमार्ग संपर्क स्थापित करने के लिए की जा रही है। प्रधानमंत्री ने 13 जनवरी, 2023 को काशी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ जाने वाले क्रूज का उल्लेख करते हुए कहा कि यह 3200 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली यात्रा है जो देश में बढ़ते हुए क्रूज पर्यटन को प्रतिबिंबत करती है।

देश के प्रति पश्चिम बंगाल के लोगों के प्यार का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उस उत्साह के बारे में टिप्पणी की जो भारत में सांस्कृतिक विरासत के विभिन्न स्थलों का दौरा करने और उससे सीखने को दर्शाता है। बंगाल के लोगों में पर्यटन के क्षेत्र में भी ‘राष्ट्र प्रथम’,की भावना का समावेश है।" उन्होंने कहा कि जब देश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलता है और रेलवे, जलमार्ग और राजमार्ग अधिक उन्नत हो रहे हैं, तो उसका परिणाम यात्रा आसान हो जाना है, जिसका लाभ बंगाल के लोगों को भी हुआ है।”

प्रधानमंत्री ने गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की कुछ पंक्तियों को पढ़कर अपने संबोधन को समाप्त किया। इन पंक्तियों का अर्थ है - "मेरे देश की माटी, मैं तुम्हारे आगे अपना सिर झुकाता हूं"। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस आजादी के अमृत काल में सभी को अपनी मातृभूमि को सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर मिल-जुलकर काम करना चाहिए। पूरी दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीद भरी नज़रों से देख रही है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित होना चाहिए।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, सुश्री ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, डॉ. सी.वी. आनंद बोस, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉन बारला, डॉ. सुभाष सरकार और श्री निसिथ प्रामाणिक एवं सांसद श्री प्रसून बनर्जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर आज हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली 7वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में मालदा टाउन, बारसोई और किशनगंज स्टेशनों पर रुकेगी।

प्रधानमंत्री ने जोका-एस्पलेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। जोका, ठाकुरपुकुर, साखेर बाजार, बेहाला चौरास्ता, बेहाला बाजार और तारातला जैसे 6 स्टेशनों वाले 6.5 किलोमीटर के खंड का निर्माण 2,475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हुआ है। इस परियोजना के उद्घाटन से कोलकाता शहर के दक्षिणी भागों जैसे सरसुना, डाकघर, मुचिपाडा और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने चार रेल परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। इनमें 405 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई बोइंची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन; दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना 565 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है, 254 करोड़ रुपये की लागत से निमतिता-नई फरक्का डबल लाइन विकसित की गई है और 1,080 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित अंबारी फालाकाटा-न्यू मयनागुड़ी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने 335 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."