Quoteउन्होंने कोलकाता मेट्रो की पर्पल लाइन के जोका-तारातला खंड का उद्घाटन किया
Quoteचार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया
Quoteन्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखी
Quote"जिस धरती से वंदे मातरम् का जयघोष हुआ, वहां से ही वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाई गई है"
Quote"भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सीवेज उपचार संयंत्र विकसित किए जा रहे हैं"
Quote"भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है"
Quote"21वीं सदी में देश के तीव्र विकास के लिए रेलवे का तीव्र गति से विकास और सुधार बहुत आवश्यक है"
Quote"मेट्रो रेल प्रणाली आज भारत की गति और पैमाने का एक उदाहरण है"
Quote"देश के नागरिकों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नए हवाई अड्डों, जलमार्गों, बंदरगाहों और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है"
Quote"भारत आज अपनी जल शक्ति को बढ़ाने की दिशा में मजबूती से काम कर रहा है"
Quote“13 जनवरी को एक क्रूज काशी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा, उसकी 3200 किलोमीटर लंबी यह यात्रा पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली यात्रा है जो देश में बढ़ते हुए क्रूज पर्यटन का प्रतिबिंब है
Quote"बंगाल के लोग पर्यटन में भी 'राष्ट्र प्रथम' की भावना का अनुसरण करते हैं"
Quoteपूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है, इस विश्वास को बनाए रखने के लिए हर भारतीय को अपनी पूरी ताकत लगानी होगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने जोका-एस्प्लेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने बोन्ची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना, निमतिता-न्यू फरक्का दोहरी लाइन और अंबारी फलाकाटा-न्यू मयनागुरी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना सहित चार रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

 

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उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने आज व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पाने के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि यह बंगाल की भूमि को नमन करने का दिन है क्योंकि बंगाल के हर हिस्से में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास समाया हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, "जिस धरती से वंदे मातरम् का जयघोष हुआ, वहां से ही वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।" प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि 30 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया था और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को गति प्रदान की थी। इस ऐतिहासिक दिन की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने बताया कि नेताजी के सम्मान में एक द्वीप का नामकरण करने के लिए उन्हें अंडमान जाने का अवसर मिला। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव के समारोह के दौरान 475 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का संकल्प लिया था और आज हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होने वाली यह ट्रेन उनमें से ही एक है। आज जिन कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जा रहा है, उनका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आज उन्हें गंगा की सफाई और पेयजल से संबंधित कई परियोजनाओं को पश्चिम बंगाल को समर्पित करने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत पश्चिम बंगाल में 25 से अधिक सीवेज परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सात परियोजनाएं आज पूरी हो रही हैं। 1500 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली 5 नई योजनाओं का कार्य आज शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इन प्रमुख परियोजनाओं में से एक आदि गंगा परियोजना का उल्लेख किया, जिसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये लागत का बुनियादी ढांचा स्थापित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने नदियों की सफाई के साथ-साथ गंदगी की रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित किया है और बड़ी संख्या में आधुनिक सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। ऐसा अगले 10-15 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे के सुधारों और विकास को देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार आधुनिक रेलवे बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। उन्होंने इस आधुनिकीकरण के उदाहरणों के रूप में वंदे भारत, तेजस, हम सफर और विस्टाडोम कोच जैसी आधुनिक ट्रेनों और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण को सूचीबद्ध किया। उन्होंने परियोजनाओं के रूप में पूर्वी और पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का भी उल्लेख किया जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। प्रधानमंत्री ने रेलवे सुरक्षा, स्वच्छता, समन्वय, क्षमता, समय का पालन और सुविधाओं के क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले 8 वर्षों में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है और आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की एक नई यात्रा की शुरुआत करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले 70 वर्षों में जहां केवल 20 हजार रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, वहीं 2014 से अब तक 32 हजार रूट किलोमीटर से अधिक मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेट्रो रेल प्रणाली भारत की गति और पैमाने का एक उदाहरण है। “मेट्रो नेटवर्क 2014 से पहले 250 किलोमीटर से भी कम था और उसकी दिल्ली-एनसीआर में ही सबसे अधिक हिस्सेदारी थी। पिछले 7-8 वर्षों में मेट्रो का 2 दर्जन से अधिक शहरों में विस्तार हो चुका है। आज देश के विभिन्न शहरों में लगभग 800 किलोमीटर लंबे मेट्रो ट्रैक पर मेट्रो दौड़ रही है। 1000 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो मार्गों पर काम चल रहा है।

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पिछले वर्षों में भारत के सामने आई चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका भारत के विकास पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कुछ प्रमुख चुनौतियों में से एक के बारे में प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के ढांचागत विकास में शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी का उल्लेख किया। उन्होंने विभिन्न परिवहन एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी का भी जिक्र किया, जिसके परिणामस्वरूप एक सरकारी एजेंसी को अन्य एजेंसियों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं रहती थी। इसका सीधा असर देश के ईमानदार करदाताओं पर पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उनकी गाढ़ी कमाई गरीबों की नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों की जेब भरने में खर्च होती हो तो जनता का असन्तुष्ट होना स्वाभाविक है। "सरकार ने एजेंसियों के तालमेल में अंतराल को भरने के लिए पीएम गति शक्ति योजना शुरू की है।" उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, "चाहे वह विभिन्न राज्य सरकारें हों, निर्माण एजेंसियां हों या उद्योग विशेषज्ञ हों, हर कोई गति शक्ति मंच पर एक साथ आ रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि पीएम गति शक्ति देश में परिवहन के विभिन्न माध्यमों को आपस में जोड़ने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह मल्टीमॉडल परियोजनाओं को भी गति प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नए हवाई अड्डों, जलमार्गों, बंदरगाहों और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 21वीं सदी में आगे बढ़ने के लिए राष्ट्र की क्षमता का सही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने देश में जलमार्गों का उल्लेख करते हुए उस समय को स्मरण किया जब भारत में काम, व्यापार और पर्यटन के लिए बड़े पैमाने पर जलमार्गों का उपयोग किया जाता था, लेकिन गुलामी के वर्षों के दौरान यह सब नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने देश में जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के बारे में पिछली सरकारों के प्रयासों की कमी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत आज अपनी जल शक्ति को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 100 से अधिक जलमार्गों को विकसित किया जा रहा है और व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ नदियों में उन्नत किस्म के क्रूज जहाजों की शुरुआत करने के बारे में कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री ने गंगा-ब्रह्मपुत्र परियोजना का उल्लेख किया जो भारत और बांग्लादेश में दो नदियों के बीच जलमार्ग संपर्क स्थापित करने के लिए की जा रही है। प्रधानमंत्री ने 13 जनवरी, 2023 को काशी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ जाने वाले क्रूज का उल्लेख करते हुए कहा कि यह 3200 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली यात्रा है जो देश में बढ़ते हुए क्रूज पर्यटन को प्रतिबिंबत करती है।

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देश के प्रति पश्चिम बंगाल के लोगों के प्यार का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उस उत्साह के बारे में टिप्पणी की जो भारत में सांस्कृतिक विरासत के विभिन्न स्थलों का दौरा करने और उससे सीखने को दर्शाता है। बंगाल के लोगों में पर्यटन के क्षेत्र में भी ‘राष्ट्र प्रथम’,की भावना का समावेश है।" उन्होंने कहा कि जब देश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलता है और रेलवे, जलमार्ग और राजमार्ग अधिक उन्नत हो रहे हैं, तो उसका परिणाम यात्रा आसान हो जाना है, जिसका लाभ बंगाल के लोगों को भी हुआ है।”

प्रधानमंत्री ने गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की कुछ पंक्तियों को पढ़कर अपने संबोधन को समाप्त किया। इन पंक्तियों का अर्थ है - "मेरे देश की माटी, मैं तुम्हारे आगे अपना सिर झुकाता हूं"। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस आजादी के अमृत काल में सभी को अपनी मातृभूमि को सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर मिल-जुलकर काम करना चाहिए। पूरी दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीद भरी नज़रों से देख रही है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित होना चाहिए।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, सुश्री ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, डॉ. सी.वी. आनंद बोस, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉन बारला, डॉ. सुभाष सरकार और श्री निसिथ प्रामाणिक एवं सांसद श्री प्रसून बनर्जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर आज हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली 7वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में मालदा टाउन, बारसोई और किशनगंज स्टेशनों पर रुकेगी।

प्रधानमंत्री ने जोका-एस्पलेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। जोका, ठाकुरपुकुर, साखेर बाजार, बेहाला चौरास्ता, बेहाला बाजार और तारातला जैसे 6 स्टेशनों वाले 6.5 किलोमीटर के खंड का निर्माण 2,475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हुआ है। इस परियोजना के उद्घाटन से कोलकाता शहर के दक्षिणी भागों जैसे सरसुना, डाकघर, मुचिपाडा और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने चार रेल परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। इनमें 405 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई बोइंची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन; दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना 565 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है, 254 करोड़ रुपये की लागत से निमतिता-नई फरक्का डबल लाइन विकसित की गई है और 1,080 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित अंबारी फालाकाटा-न्यू मयनागुड़ी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने 335 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • Jitendra Kumar May 20, 2025

    🙏🏻🙏🏻
  • Jitender Kumar Haryana BJP State President August 18, 2024

    Ajit Singh was ex BSF employee
  • Jitender Kumar Haryana BJP State President August 18, 2024

    Malda Town my birth place 🎤
  • January 21, 2023

    Main Ghatkopar West mein rahata hun Apne Parivar ke sath Mera yahan ka janm hai mere pitaji bhi yahan per rahte the builder hamen jabardasti yahan se nikal raha hai aur kahin ghar bhi nahin de raha haiyah message agar Jo kisi talab pahunche to kripya ise Modi ji ke kisi bhi website Tak pahunchane ka koshish kijiye mujhe nahin pata kaise bheja jata hai main Apne Parivar ke sath mein suicide karne per majbur ho chuka hun kyunki main Ghar chhodkar kahin ja nahin Sakta aur mere pass itna Paisa nahin hai ki main aur kahin Ghar lekar rah sakta hun
  • Ajay goud January 02, 2023

    Modi j
  • Manoj Varma January 02, 2023

    A karmyogi performing his duty.we are very proud of you Sir🙏🙏🙏🙏
  • Saritha Donthi January 02, 2023

    All the new infrastructure needs good maintenance!! Also even the people should use it with responsibility!!! When resources are maintained with responsibility!! Then nation becomes a Sustainable Developed Nation ..
  • Arindam Ray January 01, 2023

    Example for any subject can be the best, but exceptional is 'Unique'! Modi Ji is Unique on his service to the mankind, on his commitment to the Nation. He is unstoppable towards his service to the Nation even on the incident of his Mother's demise. Here is Modi Ji how he stands with people & Nation together. Lots of Love♥️♥️ Modi Ji. Warm Regards🙏🌷🙏
  • Jayakumar G January 01, 2023

    With the #UnitedNations designating 2023 as the International Year of #Millets at #India's request, the superfood 'millets' has become the talk of the world. #IYoM2023 . Jai Bharat🇮🇳🙏💐
  • ashish rudra January 01, 2023

    Great Achievement For Our North Bengal People ✌️Many Many Thanks ....Jai Ho Modiji 🙏🙏🙏❤️❤️
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नया कॉम्प्लेक्स दिल्ली में सांसदों के Ease of Living को बढ़ाएगा: पीएम मोदी
August 11, 2025
Quoteकुछ दिन पहले ही मैंने कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया है, और आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करने का अवसर मिला है: पीएम
Quoteदेश आज अपने सांसदों के लिए नए घरों की ज़रूरत पूरी करता है, तो पीएम-आवास योजना के जरिए 4 करोड़ गरीबों का गृह-प्रवेश भी करवाता है: प्रधानमंत्री
Quoteआज देश कर्तव्य पथ व कर्तव्य भवन का निर्माण करता है, तो करोड़ों देशवासियों तक पाइप से पानी पहुंचाने का कर्तव्य भी निभाता है: प्रधानमंत्री
Quoteसौर ऊर्जा से चलने वाले बुनियादी ढांचे से लेकर सौर ऊर्जा में देश के नए कीर्तिमानों तक, देश सतत विकास के विजन को निरंतर आगे बढ़ा रहा है: प्रधानमंत्री

कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमान ओम बिरला जी, मनोहर लाल जी, किरेन रिजिजू जी, महेश शर्मा जी, संसद के सभी सम्मानित सदस्यगण, लोकसभा के महासचिव, देवियों और सज्जनों !

अभी कुछ ही दिन पहले मैंने कर्तव्य पथ पर कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट, यानि कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया है। और, आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस residential complex के उद्घाटन का अवसर मिला। ये जो चार टॉवर्स हैं, उनके नाम भी बहुत सुंदर हैं- कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली, भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों जनों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जनप्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी। कुछ लोगों को परेशानी भी होगी, कोसी नदी रखा है नाम, तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा। ऐसे छोटे मन के लोग जो होते हैं उनकी परेशानियों के बीच भी मैं जरूर कहूंगा कि ये नदियों के नामों की परंपरा देश की एकता के सूत्र में हमें बांधती है। दिल्ली में हमारे सांसदों का Ease of Living बढ़े, हमारे सांसदों के लिए दिल्ली में उपलब्ध सरकारी घर की संख्या अब और ज्यादा हो जाएगी। मैं सभी सांसदों को बधाई देता हूं। मैं इन फ्लैट्स के निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियर्स और श्रमिक साथियों का भी अभिनंदन करता हूँ, जिन्होंने मेहनत और लगन से ये काम पूरा किया है।

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साथियों,

हमारे सांसद साथी जिस नए आवास में प्रवेश करेंगे, अभी मुझे उसका एक sample फ्लैट देखने का मौका मिला। मुझे पुराने सांसद आवासों को देखने का भी मौका मिलता ही रहा है। पुराने आवास जिस तरह बदहाली का शिकार होते थे, सांसदों को जिस तरह आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता था, नए आवासों में गृह प्रवेश के बाद उससे मुक्ति मिलेगी। सांसद साथी अपनी समस्याओं से मुक्त रहेंगे, तो वो अपना समय और अपनी ऊर्जा, और बेहतर तरीके से जनता की समस्याओं के समाधान में लगा पाएंगे।

साथियों,

आप सभी जानते हैं, दिल्ली में पहली बार जीतकर आए सांसदों को घर allot करवाने में कितनी कठिनाई आती थी, नए भवनों से ये परेशानी भी दूर होगी। इन मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स में 180 से ज्यादा सांसद एक साथ रहेंगे। साथ ही, इन नए आवासों का एक बड़ा आर्थिक पक्ष भी है। अभी कर्तव्य भवन के लोकार्पण पर ही मैंने बताया था, अनेक मंत्रालय जिन किराए की बिल्डिंग्स में चल रहे थे, उनका किराया ही करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए साल भर होता था। ये देश के पैसे की सीधी बर्बादी थी। इसी तरह, पर्याप्त सांसद आवास ना होने की वजह से भी सरकारी खर्च बढ़ता था। आप कल्पना कर सकते हैं, सांसद आवास की कमी होने के बावजूद, 2004 से लेकर 2014 तक लोकसभा सांसदों के लिए एक भी नए आवास का निर्माण नहीं हुआ था। इसलिए, 2014 के बाद हमने इस काम को एक अभियान की तरह लिया। 2014 से अब तक, इन फ्लैट्स को मिलाकर करीब साढ़े तीन सौ सांसद आवास बनाए गए हैं। यानि एक बार ये आवास बन गए, तो अब जनता का भी पैसा बच रहा है।

साथियों,

21वीं सदी का भारत, जितना विकसित होने के लिए अधीर है, उतना ही संवेदनशील भी है। आज देश कर्तव्य पथ और कर्तव्य भवन का निर्माण करता है, तो करोड़ों देशवासियों तक पाइप से पानी पहुंचाने का अपना कर्तव्य भी निभाता है। आज देश अपने सांसदों के लिए नए घर का इंतज़ार पूरा करता है, तो पीएम-आवास योजना के जरिए 4 करोड़ गरीबों का गृह प्रवेश भी करवाता है। आज देश संसद की नई ईमारत बनाता है, तो सैकड़ों नए मेडिकल कॉलेज भी बनाता है। इन सबका लाभ हर वर्ग, हर समाज को हो रहा है।

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साथियों,

मुझे खुशी है कि नए सांसद आवासों में sustainable development इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है। ये भी देश के pro-environment और pro-future safe initiatives का ही हिस्सा है। सोलर enabled इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सोलर एनर्जी में देश के नए records तक, देश लगातार sustainable development के विज़न को आगे बढ़ा रहा है।

साथियों,

आज मेरा आपसे कुछ आग्रह भी हैं। यहाँ देश के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों के सांसद एक साथ रहेंगे। आपकी उपस्थिति यहाँ ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक बनेगी। इसलिए अगर इस परिसर में हर प्रांत के पर्व त्योहारों का समय-समय पर सामूहिक आयोजन होगा, तो इस परिसर को चार चांद लग जाएंगे। आप अपने क्षेत्र की जनता को भी बुलाकर इन कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी करवा सकते हैं। आप अपने-अपने प्रांतों की भाषा के कुछ शब्द भी एक दूसरे को सिखाने का प्रयास कर सकते हैं। Sustainability और स्वच्छता, ये भी इस बिल्डिंग की पहचान बनें, ये हम सबका कमिटमेंट होना चाहिए। न केवल सांसद आवास, बल्कि ये पूरा परिसर हमेशा साफ-स्वच्छ रहे, तो कितना ही अच्छा होगा।

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साथियों,

मुझे आशा है, हम सब एक टीम की तरह काम करेंगे। हमारे प्रयास देश के लिए एक रोल मॉडल बनेंगे। और मैं मंत्रालय से और आपकी आवास कमेटी से आग्रह करूंगा, क्या साल में दो या तीन बार ये सांसदों के जितने परिसर हैं, उनके बीच स्वच्छता की कंपटीशन हो सकती है क्या? और फिर घोषित किया जाए कि आज ये जो ब्लॉक था वो सबसे ज्यादा स्वच्छ पाया गया। हो सकता है एक साल के बाद हम ये भी तय करें कि सबसे अच्छे वाला कौन सा, और सबसे बुरे वाला कौन सा, दोनों घोषित करें।

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साथियों,

मैं जब ये नवनिर्मित फ्लैट देखने गया, तो मैंने जब अंदर प्रवेश किया, तो पहला मेरा कमेंट था, इतना ही है क्या? तो उन्होंने कहा नहीं साहब ये तो शुरुआत है, अभी अंदर चलो आप, मैं हैरान था जी, मुझे नहीं लगता कि सारे कमरे आप भर पाएंगे, काफी बड़े हैं। मैं आशा करूंगा, इन सबका सदुपयोग हो, आपके व्यक्तिगत जीवन में, आपके पारिवारिक जीवन में, ये नए आवास भी एक आशीर्वाद बनें। मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।