आज हम 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं जो सशक्त भी हो और सक्षम भी हो : पीएम मोदी
आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ-साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है : प्रधानमंत्री
अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए, आज का भारत पूरी तरह तैयार है: पीएम मोदी जब हम सबका हित सोचेंगे, तभी हमारी प्रगति भी होगी, उन्नति भी होगी : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित एकता समारोह में हिस्सा लिया है। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और एकता का संकल्प लेते हुए इस मौके पर आयोजित एकता दिवस परेड में भी हिस्सा लिया।

 

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केवड़िया के समन्वित विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि अब पर्यटकों के पास सरदार साहब के दर्शन करने और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए समुद्री विमान का विकल्प है।

महर्षि वाल्मीकि द्वारा सांस्कृतिक एकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने भारत को अधिक प्रगतिशील, ऊर्जावान और सांस्कृतिक रूप से एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास किए थे। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वाल्मीकि जयंती और एकता दिवस दोनों एक ही दिन हैं और जिस प्रकार देश ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपनी सामूहिक शक्ति को साबित किया है, वह काफी अभूतपूर्व है।

एकता के नए आयाम

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कश्मीर विकास के नए रास्ते की ओर बढ़ चुका है और उसके विकास में जो बाधाएं आ रही थीं, वह पीछे रह गई है। उन्होंने कहा कि आज देश में एकता के नये आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और पूर्वोत्तर राज्यों में शांति की स्थापना के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक पहल भी की गई है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने का एक प्रयास है और सरदार पटेल ने भी यही सपना देखा था।

आत्म निर्भर भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 130 करोड़ देशवासी एक साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं, जो बहुत ही मजबूत और सक्षम है और जहां सभी के लिए समानता होनी चाहिए तथा सभी के लिए अवसर भी हैं। एक आत्म निर्भर देश ही अपनी प्रगति और सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो सकता है और रक्षा तथा अनेक क्षेत्रों में देश आत्म निर्भर बनने की राह पर चल रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास और भारत की संप्रभुता तथा अस्मिता की सुरक्षा

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रति भारत के दृष्टिकोण और सोच में बदलाव आ चुका है। उन्होंने पड़ोसी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे देश जो भारत की भूमि पर नजर रख रहे हैं, उन्हें करारा जवाब दिया जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में देश सैकड़ों किलोमीटर सड़कें, दर्जनों पुलों और अनेक सुरंगों का निर्माण कर रहा है, उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी संप्रभुता और अस्मिता की रक्षा करने में पूरी तरह तैयार है।

आतंकवाद के खिलाफ एकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के अलावा भारत और विश्व के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं, जिनका वे सामना कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जिस प्रकार कुछ लोग सामने आए हैं, वह वैश्विक चिंता का विषय है और सभी देशों, सभी सरकारों, सभी धर्मों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शांति, बंधुत्व और एक-दूसरे का सम्मान करने की प्रवृति ही मानवता की वास्तविक पहचान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद-हिंसा से किसी का भी कल्याण नहीं हो सकता है और हमारी विविधता ही हमारा अस्तित्व है और हम इसी वजह से इतने असाधारण हैं। उन्होंने स्मरण दिलाया कि भारत की यही एकता वह शक्ति है, जो दूसरे देशों को झुकाती है और ऐसे देश ही हमारे विविधता को हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। इसलिए ऐसी ताकतों की पहचान किए जाने की जरूरत है और इनसे सावधान रहना है।

पुलवामा हमला

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब वह अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहे थे, तो उन्हें पुलवामा हमले की घटना का स्मरण हुआ। देश इस घटना को कभी नहीं भूल सकता है और जिन बहादुर बेटों ने अपनी शहादत दी, उनके प्रति राष्ट्र दुखी है। श्री मोदी ने कहा कि उस घटना को लेकर जिस तरह के बयान दिए गए उन्हें देश कभी नहीं भूलेगा और पड़ोसी देश की संसद में हाल ही में जिस प्रकार के बयान दिए गए हैं वह सच्चाई को सामने ला रहे हैं। उन्होंने देश में द्वेषपूर्ण राजनीति पर खेद व्यक्त किया, जो स्वार्थ और घमंड पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जिस प्रकार की राजनीति की गई, वह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि लोग अपने राजनीतिक हितों के लिए किस सीमा तक जा सकते हैं। उन्होंने ऐसे राजनीतिक दलों से देश की सुरक्षा के हितों के लिए काम करने और सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जानते हुए या ना जानते हुए आप अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं और ऐसा करके आप न तो देश के हित में और न ही अपनी पार्टी के हित में काम करने में सक्षम होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के हित ही हम सभी के सर्वोपरि हित होने चाहिए और जब हम प्रत्येक व्यक्तियों के हितों के बारे में सोचेंगे, तभी प्रगति कर सकेंगे।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात पुलिस, केन्द्रीय आरक्षित सशस्त्र बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों की रंगारंग परेड को देखा। इस परेड में सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों की राइफल ड्रिल भी शामिल थीं। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के जगुआर विमानों ने फ्लाईपास्ट किया। राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने देश की आदिवासी धरोहर का प्रदर्शन करने वाले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।

 

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 नवंबर 2024
November 21, 2024

PM Modi's International Accolades: A Reflection of India's Growing Influence on the World Stage