Quoteदिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन
Quoteसाहिबाबाद से दुहाई डिपो को जोड़ने वाली नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
Quoteबेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे की दो लाइनें राष्ट्र को समर्पित
Quote"दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस गलियारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में व्यापक परिवर्तन लाएगा"
Quoteआज भारत की प्रथम रैपिड रेल सेवा नमो भारत ट्रेन का शुभारंभ
Quote"नमो भारत ट्रेन नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है"
Quote“मैं नई मेट्रो सुविधा के लिए बेंगलुरु के सभी लोगों को बधाई देता हूं
Quote"नमो भारत ट्रेनें भविष्य के भारत की झलक हैं"
Quote"अमृत भारत, वंदे भारत और नमो भारत की ये त्रिवेणी इस दशक के अंत तक भारतीय रेल के आधुनिकीकरण का प्रतीक बनेगी"
Quote“केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश हो या कर्नाटक, हर शहर में आधुनिक और हरित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले”
Quote“आप मेरा परिवार हैं, इसलिए आप मेरी प्राथमिकता हैं, ये काम आपके लिए किया जा रहा है, अगर आप प्रसन्न होंगे, तो मुझे भी खुशी होगी, आप समर्थ होंगे, तो देश समर्थ बनेगा''

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के शुभारंभ को चिह्नित करते हुए साहिबाबाद से दुहाई डिपो को जोड़ने वाली नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मोदी ने बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे की दो लाइनों को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रेन नमो भारत में यात्रा भी की।

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आज भारत की पहली रैपिड रेल सेवा, नमो भारत ट्रेन देशवासियों को समर्पित की जा रही है। श्री मोदी ने चार वर्ष पहले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के शिलान्यास को याद किया और आज साहिबाबाद से दुहाई डिपो खंड पर इसके संचालन को चिह्नित किया। उन्होंने उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जिनका शिलान्यास किया जा चुका है और विश्वास व्यक्त किया कि डेढ़ साल बाद आरआरटीएस के मेरठ खंड के पूरा होने पर वह उसका उद्घाटन करने के लिए उपस्थित भी रहेंगे। श्री मोदी ने आज नमो भारत में अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया और देश में रेलवे के कायापलट पर प्रसन्नता व्यक्त की। नवरात्र के अवसर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नमो भारत को माता कात्यायनी का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने यह भी बताया कि नव उद्घाटित नमो भारत ट्रेन में सहायक स्टाफ और लोकोमोटिव पायलट सभी महिलाएं हैं। श्री मोदी ने कहा, “नमो भारत देश में नारीशक्ति के बढ़ते कदमों का प्रतीक है।” प्रधानमंत्री ने नवरात्र के शुभ अवसर पर आज प्राप्त होने वाली परियोजनाओं के लिए दिल्ली, एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है, गति भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “नमो भारत ट्रेन नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विकास राज्यों के विकास में निहित है। उन्होंने कहा कि मेट्रो की दो लाइने बेंगलुरु के आईटी हब में कनेक्टिविटी को और बेहतर करेंगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लगभग 8 लाख यात्री मेट्रो से यात्रा कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी का भारत हर क्षेत्र में प्रगति और विकास की अपनी दास्तान लिख रहा है।” उन्होंने भारत को समूची दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनाने वाली चंद्रयान 3 की सफलता और जी 20 के सफल आयोजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक अपने नाम करने वाले रिकॉर्ड प्रदर्शन, भारत में 5जी की शुरुआत और विस्तार तथा रिकॉर्ड संख्या में हो रहे डिजिटल लेन-देन का उल्लेख किया। श्री मोदी ने मेड इन इंडिया टीकों का भी उल्लेख किया जो दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित हुए। विनिर्माण क्षेत्र में भारत के उदय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उत्सुकता के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने लड़ाकू विमानों और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत सहित रक्षा विनिर्माण का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “नमो भारत ट्रेन भी मेड इन इंडिया है।” उन्होंने कहा कि प्लेटफार्मों पर स्थापित स्क्रीन डोर भी भारत में निर्मित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि नमो भारत ट्रेन में आवाज का स्तर हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की तुलना में कम है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नमो भारत, भविष्य के भारत की झलक है और इस बात का भी प्रमाण है कि जब देश की आर्थिक ताकत बढ़ती है, तो कैसे देश की तस्वीर बदलने लगती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 80 किलोमीटर का दिल्ली मेरठ खंड सिर्फ शुरुआत भर है, क्योंकि पहले चरण में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कई क्षेत्रों को नमो भारत ट्रेन से जोड़ा जाएगा। श्री मोदी ने बताया कि कनेक्टिविटी में सुधार लाने और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने के लिए आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की प्रणाली तैयार की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सदी का ये तीसरा दशक भारतीय रेल के बदलाव का दशक है। “मुझे छोटे-छोटे सपने देखने और धीमे चलने की आदत नहीं है। मैं आज की युवा पीढ़ी को गारंटी देना चाहता हूं कि इस दशक के अंत तक, आप भारत की ट्रेनों को दुनिया में किसी से भी पीछे नहीं पाएंगे।” उन्होंने कहा कि भारतीय रेल सुरक्षा, स्वच्छता, सुविधाओं, समन्वय, संवेदनशीलता और क्षमता में दुनिया में नया मुकाम हासिल करेगी। भारतीय रेल 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य के समीप है। उन्होंने नमो भारत और वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों और अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने जैसी पहलों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा, “अमृत भारत, वंदे भारत और नमो भारत की ये त्रिवेणी इस दशक के अंत तक भारतीय रेल के आधुनिकीकरण का प्रतीक बनेगी।"

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मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सराय काले खां, आनंद विहार, गाजियाबाद और मेरठ बस स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों को नमो भारत प्रणाली से जोड़ा जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों के जीवन स्तर और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने, बेहतर वायु गुणवत्ता प्रदान करने, कचरा फेंकने के स्थानों से छुटकारा पाने, बेहतर शैक्षिक सुविधाएं और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार लाने पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार देश में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए पहले से कहीं अधिक खर्च कर रही है और उन्होंने भूमि, वायु और समुद्र पर सर्वांगीण विकास प्रयासों का उल्लेख किया। जल परिवहन प्रणालियों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की नदियों में सौ से अधिक जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं, जहां सबसे बड़ा जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया तक गंगा के किनारे विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान अब अंतर्देशीय जलमार्गों की मदद से अपनी उपज क्षेत्र के बाहर भेज सकते हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न गंगाविलास नदी क्रूज का भी उल्लेख किया, जिसने 3200 किमी से अधिक की यात्रा पूरी कर सबसे लंबे नदी क्रूज का विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने देश में बंदरगाह अवसंरचना के विस्तार और आधुनिकीकरण का उल्लेख किया, जिसका लाभ कर्नाटक जैसे राज्यों को भी मिला है। थल नेटवर्क का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि आधुनिक एक्सप्रेसवे के जाल के विस्तार पर 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं, जबकि नमो भारत या मेट्रो ट्रेनों जैसी आधुनिक ट्रेनों पर 3 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी तरह उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, आगरा और कानपुर जैसे शहर भी इसी मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। यहां तक कि कर्नाटक में भी बेंगलुरु और मैसूरु में मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है। बढ़ी हुई हवाई कनेक्टिविटी पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है, और भारत की विमानन कंपनियों ने 1000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति को भी रेखांकित करते हुए चंद्रमा पर कदम रखने वाले चंद्रयान का उल्लेख किया। श्री मोदी ने बताया कि सरकार ने 2040 तक की योजना तैयार की है, जिसमें मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्राओं के लिए गगनयान और भारत का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया जाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “वह दिन दूर नहीं, जब हम अपने अंतरिक्ष यान से चंद्रमा पर पहले भारतीय को उतारेंगे।” उन्होंने दोहराया कि ये विकास देश के युवाओं के लिए और उनके लिए उज्ज्वल भविष्य तैयार करने के लिए किया गया है।

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प्रधानमंत्री ने शहरी प्रदूषण को कम करने की जरूरत पर बल दिया। इसी की बदौलत देश में इलेक्ट्रिक बसों का नेटवर्क बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को 10,000 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार दिल्ली में 600 करोड़ रुपये की लागत से 1300 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी कर रही है। इनमें से 850 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में चलनी शुरू भी हो चुकी हैं। इसी तरह बेंगलुरु में भी 1200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए भारत सरकार 500 करोड़ रुपये की मदद दे रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली, उप्र हो या कर्नाटक, हर शहर में आधुनिक और हरित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जो बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है, उसमें नागरिक सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि मेट्रो या नमो भारत जैसी ट्रेनें यात्रियों के जीवन में कितनी सुगमता लाएंगी और कैसे गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा देश के युवाओं, व्यापारियों और कामकाजी महिलाओं के लिए नए अवसर लाएगा। उन्होंने कहा, “अस्पतालों जैसी सामाजिक अवसंरचना से मरीजों, डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को लाभ होगा। डिजिटल अवसंरचना पैसे को गलत हाथों में जाने से रोकेगी और उसका सुचारू लेनदेन सुनिश्चित होगा।

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वर्तमान में जारी त्योहारों के समय का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभांवित करने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के हाल के फैसलों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने रबी फसलों के एमएसपी में बड़ी वृद्धि की है, जहां मसूर की दाल का एमएसपी 425 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों का एमएसपी 200 रुपये और गेहूं का एमएसपी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं का एमएसपी जो 2014 में 1400 रुपये प्रति क्विंटल था, अब 2000 रुपये को पार कर गया है, मसूर दाल का एमएसपी पिछले 9 वर्षों में दोगुना से अधिक हो गया है, और इस अवधि के दौरान सरसों का एमएसपी 2600 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया जा चुका है। उन्होंने कहा, "यह किसानों को लागत से डेढ़ गुना से अधिक समर्थन मूल्य दिलाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"

प्रधानमंत्री ने किफायती दरों पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने वाले कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस यूरिया की बोरी की कीमत 3000 रुपये है, वह भारतीय किसानों को 300 रुपये से भी कम में उपलब्ध है। सरकार इस पर हर साल 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही है.

प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा फसल के बाद बचे अवशेषों चाहे वह धान की पराली हो या ठूंठ, के उपयोग पर दिए जा रहे जोर पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश भर में स्थापित की जा रही जैव ईंधन और इथेनॉल इकाइयों का उल्लेख किया, जिससे 9 वर्ष पहले की तुलना में आज देश में 10 गुणा अधिक इथेनॉल उत्पादन हो रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन से अब तक किसानों को लगभग 65 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने कहा, "पिछले दस महीनों में ही देश के किसानों को कुल 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।" मेरठ-गाज़ियाबाद क्षेत्र के किसानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 के केवल 10 महीनों में ही इथेनॉल के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।

प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये कम करने, 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को मुफ्त राशन, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 4 प्रतिशत डीए और डीआर तथा लाखों समूह बी और समूह सी अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस जैसे त्योहारी उपहारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "इससे पूरी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा क्योंकि इससे बाजार में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।"

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संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ऐसे संवेदनशील फैसले लिए जाते हैं तो हर परिवार में उत्सव की खुशियां बढ़ जाती हैं। और देश के हर परिवार की ख़ुशी उत्सव की खुशियों को और बढ़ाती है। उन्होंने कहा, “आप ही मेरा परिवार हैं, इसलिए आप ही मेरी प्राथमिकता भी हैं। ये काम आपके लिए हो रहा है. यदि आप प्रसन्न होंगे, तो मुझे भी खुशी होगी। यदि आप समर्थ होंगे, तो देश समर्थ बनेगा।”

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल सुश्री आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे, जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री, श्री सिद्धारमैया भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारा

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को 'दुहाई डिपो' से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा की आधारशिला रखी थी।

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नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने की प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है। आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सैमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है। 180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ, आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण- I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर; और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है, और यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।

देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है, और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, आरआरटीएस नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं आदि के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल-एकीकरण होगा। इस तरह के परिवर्तनकारी क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देंगे; रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेंगे; और वाहनों की भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद मिलेगी।

बेंगलुरु मेट्रो

प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से जिन दो मेट्रो लाइनों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे उनमें बैयप्पनहल्ली को कृष्णराजपुरा और केंगेरी को चैल्लाघट्टा से जोड़ने वाले खंड शामिल हैं। औपचारिक उद्घाटन की प्रतीक्षा किए बिना, इस गलियारे पर जनता को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए इन दो मेट्रो खंडों को 9 अक्टूबर, 2023 से सार्वजनिक सेवा के लिए खोल दिया गया था।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • krishangopal sharma Bjp January 05, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 05, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 05, 2025

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  • Babla sengupta December 23, 2023

    Babla sengupta
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp November 15, 2023

    नमो नमो नमो नमो
  • Kartik Sharma October 25, 2023

    Only rich people can afford for this Train & middle class and poor people will still travel in general coach this train is for VIP & Rich people is am right please like and reply my comment.
  • Pulin Das October 23, 2023

    Bharat Mata ki Jai 🙏🙏
  • varanasivsatyanarayanamurthy October 22, 2023

    ThankesrecevedmymasageonemorthanksbyPMmdesir
  • Babaji Namdeo Palve October 22, 2023

    Bharat Mata Kee Jai Jai Hind Jai Bharat
  • Khyali Ram Belwal October 21, 2023

    log kahte hain rojgar nahi hai, mehnat nahi karenge, idhar udhar kaam nahi dhudenge to rojgaar koi ghar mai baithkar dene to aayega nahi, uske liye din rat mehnat karni hoti hai sakal padarath yah jag mahi karmheen nar pawat naahi
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