Quoteनए विद्युतीकृत खंड और नवनिर्मित डेमू/मेमू शेड समर्पित किए
Quote"पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस से पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढावा मिलेगा"
Quoteपिछले 9 वर्ष में न्यू इंडिया के निर्माण की अभूतपूर्व उपलब्धियां रहीं
Quote"हमारी सरकार ने निर्धन कल्याण को प्राथमिकता दी"
Quote"बुनियादी ढांचा सभी के लिए, इसमें किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है, मूलभूत ढांचे का विकास सच्चा सामाजिक न्याय और सच्ची धर्मनिरपेक्षता है"
Quote"बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से पूर्वी और पूर्वोत्तर के राज्यों को सर्वाधिक लाभ"
Quote"भारतीय रेलवे गति के साथ-साथ लोगों के दिलों, समाज और अवसरों को जोड़ने का माध्यम बनी"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत एक्सप्रेस गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ेगी और इस यात्रा में 5 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंड के 182 किलोमीटर मार्ग को समर्पित किया और असम के लुमडिंग में एक नवनिर्मित डेमू/मेमू शेड का उद्घाटन भी किया।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी के लिए आज का दिन विशिष्‍ट है क्योंकि तीन विकास कार्य एक साथ संपन्‍न हुए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज पूर्वोत्तर को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है, यह तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है जो पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। दूसरे, असम और मेघालय में लगभग 425 किलोमीटर रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है। और तीसरी बात, असम के लुमडिंग में एक नए डेमू/मेमू शेड का उद्घाटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस शुभ अवसर पर असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के साथ संपूर्ण पूर्वोत्तर के नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत रेलगाड़ी से असम और पश्चिम बंगाल के बीच सदियों पुराने संबंध और सुदृढ़ होंगे। इससे यात्रा में सुविधा होगी और छात्र लाभान्वित होंगे तथा पर्यटन और व्यवसाय से नौकरी के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्‍सप्रेस से मां कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य एक दूसरे से जुडेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि इससे शिलांग, मेघालय में चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग तथा पासीघाट में यात्रा और पर्यटन में वृद्धि होगी।

एनडीए सरकार के 9 वर्षों के सत्‍ता काल पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि राष्ट्र ने इन वर्षों में नव भारत के निर्माण की दिशा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और अभूतपूर्व विकास का साक्षी बना है। उन्होंने कहा कि स्‍वाधीन भारत का नवनिर्मित भव्य संसद भवन भारत के हजारों साल पुरातन लोकतांत्रिक इतिहास को भविष्य के समृद्ध लोकतंत्र से जोड़ेगा। पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के घोटालों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसका सबसे अधिक प्रभाव निर्धनों और विकास के क्षेत्र में पिछड़ने वाले राज्यों ने अनुभव किया। उन्‍होंने कहा, ‘’हमारी सरकार ने गरीब कल्‍याण को प्राथमिकता दी है’’। प्रधानमंत्री ने घरों, शौचालयों, नल से जल कनेक्शन, बिजली, गैस पाइपलाइन, एम्स का विकास, सड़क, रेल, वायुमार्ग, जलमार्ग, बंदरगाह और मोबाइल कनेक्टिविटी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी क्षमता से कार्य किया है। यह उल्लेख करते हुए कि बुनियादी ढांचा लोगों के जीवन को आसान बनाता है, रोजगार के अवसर पैदा करता है और विकास का आधार बनता है। प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की गति की चर्चा वैश्विक स्‍तर पर की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि यह बुनियादी ढांचा निर्धनों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को सुदृढ़ और सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’बुनियादी ढांचे के लाभ सभी के लिए है और इसमें कोई भेदभाव नहीं है’’। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विकास का यह रूप सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का शुद्ध स्‍वरूप है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्य सर्वाधिक लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर के लोग दशकों तक मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि 9 साल पहले तक पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में गांव के लोग बिजली, टेलीफोन और सुविधाजनक रेल, सड़क तथा हवाई संपर्क से वंचित थे।

प्रधानमंत्री ने सेवा भावना के साथ काम करने के उदाहरण स्‍वरूप पूर्वोत्तर में रेल संपर्क की सुविधा को प्रस्तुत किया है। उन्‍होंने कहा कि यह कनेक्टिविटी सरकार की कार्यशीलता की गति, कार्य के मापदंड और इच्‍छा शक्ति का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक काल में भी असम, त्रिपुरा और बंगाल रेलवे से जुड़े हुए थे, चाहे इसका कारण इस क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों की लूट था। स्‍वाधीनता के पश्‍चात भी पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में रेल के विस्तार पर ध्‍यान नहीं दिया गया और आखिरकार 2014 के बाद वर्तमान सरकार ने इस पर ध्‍यान दिया।

श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की संवेदनशीलता और सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन को व्यापक रूप से अनुभव किया गया। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर का औसत रेल बजट लगभग 2500 करोड़ रुपये था जो इस वर्ष चार गुना बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। अब मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय और सिक्किम की राजधानियों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जा रहा है, "बहुत शीघ्र पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों को ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ा जा रहा हैं"। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर एक लाख करोड़ रुपये का व्‍यय किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों का मानदंड और गतिशीलता अभूतपूर्व है’’। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में पहले की तुलना में तीन गुना तीव्र गति से नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं और रेल लाइनों का दोहरीकरण पहले की तुलना में नौ गुना तेजी से हो रहा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि रेल लाइनों के दोहरीकरण का काम पिछले 9 वर्षों में प्रारंभ हुआ है और सरकार इस दिशा में बहुत तीव्र गति से कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री ने विकास की गति को श्रेय देते हुए कहा कि इस कारण पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाके रेलवे से जुड़ गए। उन्होंने बताया कि नागालैंड को लगभग 100 वर्षों के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड रेलगाड़ी और तेजस एक्सप्रेस उसी मार्ग पर चल रही हैं जहां कभी धीमी गति से चलने वाली एक छोटी गेज लाइन थी। उन्होंने पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने भारतीय रेलवे के विस्टा डोम कोच का भी उल्‍लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीय रेलवे गति के साथ-साथ लोगों के दिलों, समाजों और अवसरों को एकसूत्र में जोड़ने का माध्यम बन गई है’’। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रांसजेंडर चाय की दुकान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज से बेहतर व्यवहार की उम्मीद करने वाले लोगों को सम्मान का जीवन प्रदान करने एक प्रयास है। 'वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट' योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर में रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल लगाए गए हैं जो वोकल फॉर लोकल पर बल देते हैं। इससे स्थानीय कारीगरों, कलाकारों और शिल्पकारों को एक नया बाजार प्रदान किया जाता है। उन्होंने पूर्वोत्तर के सैकड़ों स्टेशनों पर दी जाने वाली वाई-फाई सुविधाओं का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता और गति के इस संयोजन से ही पूर्वोत्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पृष्ठभूमि

अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस पूर्वोत्‍तर के लोगों को गति और सुविधा के साथ यात्रा की सुंविधा प्रदान करेगी। इससे क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली यह रेलगाड़ी यात्रा समय में एक घंटे की बचत करेगी। वंदे भारत एक्‍सप्रेस से यात्रा में 5 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा जबकि यही यात्रा इस समय चलने वाली सर्वाधिक तेज गति की रेलगाड़ी से 6 घंटे 30 मिनट के समय में पूरी होती है।

प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंड के 182 किलोमीटर मार्ग को समर्पित किया। इससे प्रदूषण मुक्त परिवहन की सुविधा और समय की बचत होगी। यह मेघालय में प्रवेश करने के लिए विद्युत कर्षण पर चलने वाली रेलगाडि़यों के लिए मार्ग प्रशस्‍त करेगा।

प्रधानमंत्री ने असम के लुमडिंग में नवनिर्मित डेमू/मेमू शेड का भी उद्घाटन किया। यह नई सुविधा इस क्षेत्र में परिचालित डेमू रेक के रखरखाव में मदद करेगी इससे बेहतर परिचालन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

 

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Former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
February 18, 2025

Former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family meets Prime Minister, Shri Narendra Modi today in New Delhi.

Both dignitaries had a wonderful conversation on many subjects.

Shri Modi said that Mr. Sunak is a great friend of India and is passionate about even stronger India-UK ties.

The Prime Minister posted on X;

“It was a delight to meet former UK PM, Mr. Rishi Sunak and his family! We had a wonderful conversation on many subjects.

Mr. Sunak is a great friend of India and is passionate about even stronger India-UK ties.

@RishiSunak @SmtSudhaMurty”