प्रधानमंत्री ने 3000 टांडा बस्ती के राजस्व गांव बनने पर बंजारा समाज को बधाई दी
‘भगवान बसवेश्वर के आदर्शों से प्रेरित होकर, हम सभी के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं’
“दलितों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों, दिव्यांगों, बच्चों, महिलाओं को पहली बार उनका हक मिल रहा है, वे बुनियादी सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं और उन्हें शीघ्र प्राप्त कर रहे हैं”
‘हम लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रहे हैं’
‘जब बुनियादी जरूरतें पूरी हो जाती हैं और गरिमा बहाल हो जाती है, तो नई आकांक्षाएं जन्म लेती हैं क्योंकि लोग रोजमर्रा की आकस्मिक जरूरतों से ऊपर उठते हैं और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम करते हैं’
‘जन धन योजना ने वित्तीय समावेशन में क्रांति ला दी है’
“डबल इंजन की सरकार भारत में रहने वाले हर समाज की परंपरा, संस्कृति, खान-पान और पहनावे को अपनी ताकत मानती है”


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के नव-घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित किए।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने याद किया कि जनवरी के महीने में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, देशवासियों को आजाद भारत में उनके अधिकार सुनिश्चित हुए थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे पावन महीने में आज कर्नाटका की सरकार ने सामाजिक न्याय के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कर्नाटका के लाखों बंजारा साथियों के लिए बहुत बड़ा दिन है, क्योंकि अभी 50 हजार से अधिक परिवारों को पहली बार उनके घर, उनकी रिहाइश का हक मिला है, हक्कू पत्र, मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ‘टांडा’ बस्तियों में रहने वाले ऐसे परिवारों के बेटे और बेटियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगा और कलबुरगी, यादगिरि, रायचूर, बीदर और विजयपुरा के पांच जिलों के बंजारा समुदाय के नागरिकों को बधाई देने का अवसर है

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक सरकार द्वारा तीन हजार से अधिक टांडा बस्तियों को राजस्व गांवों के रूप में घोषित करने के महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी और श्री बसवराज बोम्मई जी और उनकी पूरी टीम को इस उल्लेखनीय कदम के लिए बधाई दी।

इस क्षेत्र और बंजारा समुदाय के साथ अपने लगाव को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समुदाय के लोगों ने अपने तरीके से राष्ट्रीय विकास में योगदान दिया है। उन्होंने उस अविस्मरणीय क्षण को याद किया जब लाखों बंजारा परिवार एक रैली के लिए आए थे, जिसमें प्रधानमंत्री ने 1994 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाग लिया था, और उन माताओं और बहनों को भी देखा, जिन्होंने अपने पारंपरिक परिधान में उन पर अपना आशीर्वाद बरसाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार सुशासन और सद्भावना के उस रास्ते पर चल रही है जो भगवान बसवेश्वर ने दिखाया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बसवेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय का, लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया को दिया और समाज के भेद-भाव, हर ऊंच-नीच से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था। उन्होंने कहा, ‘भगवान बसवेश्वर के आदर्शों से प्रेरित होकर हम सभी के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बंजारा समुदाय ने कठिन दिन देखे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वे सहजता और गरिमा के साथ जिएं। उन्होंने बंजारा समुदाय के युवाओं के लिए छात्रवृत्ति और आजीविका, पक्के घरों के रूप में मदद जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि घुमंतू जीवन-शैली के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उठाए गए कदमों की सिफारिश 1993 में की गई थी, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में इसमें देर हो गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन अब वह उदासीन माहौल बदल गया है।’

प्रधानमंत्री ने बंजारा समुदाय की माताओं से अपील करते हुए कहा, “चिंता मत करो! आपका एक बेटा दिल्ली से आप सबका ध्यान रख रहा है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टांडा जनजाति के आवासस्थलों को गांवों के रूप में मान्यता मिलने के बाद गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिवार स्वतंत्र रूप से रहेंगे और उनके हक के कागजात मिलने के बाद बैंकों से ऋण लेना बहुत आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार स्वामित्व योजना के माध्यम से पूरे देश में ग्रामीण घरों के लिए संपत्ति कार्ड वितरित कर रही है और अब कर्नाटक में बंजारा समुदाय भी इसका लाभ उठा सकता है। प्रधानमंत्री ने पक्के घर, शौचालय, बिजली कनेक्शन, पाइप वाले पानी के कनेक्शन और गैस कनेक्शन देने वाली पीएम आवास योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि बंजारा समुदाय अब डबल इंजन सरकार की इन सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘झुग्गियों में रहना अब अतीत की बात हो गई है।’

प्रधानमंत्री ने बंजारा समुदाय के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा सृजित रोजगार के अवसरों के बारे में भी बताया। चाहे वनोपज हो, सूखी लकड़ी हो, शहद हो, फल हों या ऐसे ही अन्य उत्पाद हों, ये अब आय का साधन बनते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारें केवल मुट्ठी भर वन उपज पर एमएसपी देती थीं, लेकिन आज यह संख्या 90 से अधिक हो गई है। उन्होंने कर्नाटक सरकार के उन फैसलों के बारे में भी बताया, जिससे बंजारा समुदाय को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के कई दशक बाद भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा विकास के लाभ से वंचित था और सरकारी सहायता के दायरे से बाहर था। दलितों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों, दिव्यांगों, बच्चों और महिलाओं को पहली बार उनका हक मिल रहा है। उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं और वे तेजी से मिल रही हैं। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, ‘हम लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रहे हैं।’

आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा ‘जब बुनियादी जरूरतें पूरी हो जाती हैं और गरिमा बहाल हो जाती है, तो नई आकांक्षाएं जन्म लेती हैं क्योंकि लोग रोजमर्रा की आकस्मिक जरूरतों से ऊपर उठते हैं और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन खातों ने इस उपेक्षित वर्ग को वित्तीय मुख्यधारा में ला दिया है। इसी तरह, मुद्रा योजना ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बिना जमानत के लगभग 20 करोड़ ऋण सुनिश्चित किए, जिससे इन वर्गों के नए उद्यमियों को उभरने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत मुद्रा लाभार्थी महिलाएं हैं। स्वनिधि योजना में रेहड़ी-पटरी वालों को कॉलेटरल फ्री ऋण मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम ‘अवकाश’ के माध्यम से एक कदम आगे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है नए अवसरों का निर्माण और वंचित वर्गों के युवाओं को नया आत्मविश्वास देना।

प्रधानमंत्री ने समाज में महिलाओं के कल्याण के प्रति वर्तमान सरकार की संवेदनशीलता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महिला कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आज नए-नए सेक्टर्स में उनके लिए अवसर बना रही है। जनजातीय समुदायों के कल्याण के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आदिवासियों के योगदान, उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान देने का काम कर रही है। उन्होंने दिव्यांग समुदाय के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पिछले आठ वर्षों में किए गए प्रयासों कि और भी लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि उपेक्षित वर्गों से जुड़े साथी आज पहली बार देश की अनेक संवैधानिक संस्थाओं के शीर्ष पर हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया, केंद्र सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप डी में साक्षात्कार की बाध्यता को समाप्त किया, और स्थानीय भारतीय भाषाओं में चिकित्सा, इंजीनियरिंग और तकनीकी विषयों को पढ़ाए जाने के लिए प्रावधान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कि इन कदमों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गांवों के युवा और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे समुदाय के गरीब परिवार हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि इस सरकार ने घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए एक विशेष विकास और कल्याण बोर्ड की स्थापना की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार इन परिवारों को हर कल्याणकारी योजना से जोड़ने का काम कर रही है।

इस बात पर जोर देते हुए कि डबल इंजन की सरकार भारत में रहने वाले हर समाज की परंपरा, संस्कृति, खान-पान और पहनावे को अपनी ताकत मानती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस शक्ति को बचाने, इसे बनाए रखने के बहुत पक्षधर हैं। “सुहाली, लम्बानी, लम्बाडा, लबाना और बाजीगर, आप जो भी नाम लें, आप सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और जीवंत हैं, देश का गौरव हैं, देश की ताकत हैं। आपका हजारों साल का इतिहास है। इस देश के विकास में आपका योगदान है।”

अंत में, प्रधानमंत्री ने गुजरात और राजस्थान के बंजारा समुदायों और जल निकायों के निर्माण में लाखा बंजारा की भूमिका को याद किया। उन्होंने उसी बंजारा समुदाय की सेवा करने में सक्षम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा और कर्नाटक सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, कलबुरगी, यादगिरी, रायचूर, बीदर और विजयपुरा के पांच जिलों में लगभग 1475 गैर-रिकॉर्डेड बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है। कलबुरगी जिले के सेदम तालुका के मलखेड गांव में, प्रधानमंत्री ने इन नए घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित किए। मुख्य रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर समुदायों के पचास हजार से अधिक लाभार्थियों को उनकी भूमि के लिए मालिकाना अधिकार पत्र जारी करना, सरकार की ओर से औपचारिक मान्यता प्रदान करने का एक कदम है, जो उन्हें पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पात्र बनाएगा

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."