रोजगार मेले में 51 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपना बेहद खुशी की बात है, राष्ट्र निर्माण की दिशा में कदम रखने वाले सभी युवाओं को शुभकामनाएं: प्रधानमंत्री
यह हमारी प्रतिबद्धता है कि देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले: प्रधानमंत्री
आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री
हमने हर नई तकनीक में मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाया, हमने आत्मनिर्भर भारत पर काम किया: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में पेड इंटर्नशिप का प्रावधान किया गया है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों एवं संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र सौंपे। यह रोजगार मेला रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के सार्थक अवसर प्रदान करके युवाओं को सशक्त बनाएगा।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने धनतेरस के शुभ अवसर का उल्लेख किया और इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि इस वर्ष की दिवाली विशेष होगी, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली दिवाली है जब भगवान श्री राम 500 वर्षों के बाद अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों ने इस दिवाली का इंतजार किया है, जबकि कई लोगों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है या कष्टों का सामना किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान पीढ़ी ऐसे समारोहों को देखने और उनका हिस्सा बनने की दृष्टि से बेहद भाग्यशाली है। प्रधानमंत्री ने कहा, उत्सव के माहौल में 51,000 युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लाखों युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियां प्रदान करना एक परंपरा रही है, जो निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों में भी लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि नवगठित सरकार द्वारा 26,000 युवाओं को नौकरी प्रदान किए जाने से हरियाणा में उत्सव का माहौल है। श्री मोदी ने कहा कि बिना किसी खर्च या सिफारिश के नौकरियां देने के मामले में हरियाणा की उनकी सरकार की एक विशेष पहचान है। उन्होंने हरियाणा के उन 26,000 युवाओं को शुभकामनाएं दीं, जिन्हें आज के रोजगार मेले में 51,000 नौकरियों के अतिरिक्त नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे।

प्रधानमंत्री ने सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। इस तथ्य का उल्लेख करते हुए कि सरकार की नीतियों एवं निर्णयों का रोजगार सृजन पर सीधा प्रभाव पड़ता है, प्रधानमंत्री ने एक्सप्रेसवे, राजमार्गों, सड़कों, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों के विकास, फाइबर केबल बिछाने, मोबाइल टावरों की स्थापना और देश के सभी भागों में नए उद्योगों के विस्तार पर प्रकाश डाला। पानी एवं गैस के पाइपलाइन बिछाने, नए स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना और बुनियादी ढांचे पर खर्च करके लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इससे न केवल नागरिकों को लाभ हो रहा है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

गुजरात के वडोदरा की अपनी कल की यात्रा को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए एक विमान निर्माण केन्द्र के उद्घाटन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हजारों नागरिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि एमएसएमई उद्योगों को कल पुर्जों एवं अन्य उपकरणों के निर्माण से भारी लाभ होगा और इससे आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार होगा। इस बात का उल्लेख करते हुए कि एक विमान में 15,000 से 25,000 पुर्जे होते हैं, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हजारों छोटे कारखाने एक बड़े कारखाने की मांगों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिससे भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी कोई योजना शुरू की जाती है, तो केवल नागरिकों को मिलने वाले लाभों पर ध्यान केन्द्रित नहीं किया जाता है, बल्कि व्यापक दायरे में सोच कर इसे एक माध्यम के रूप में उपयोग करके रोजगार सृजन का एक संपूर्ण इकोसिस्टम विकसित किया जाता है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान लगभग दो करोड़ ग्राहकों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है, 9,000 से अधिक विक्रेता इस योजना से जुड़े हैं, पांच लाख से अधिक घरों में सौर पैनल पहले ही लगाए जा चुके हैं। निकट भविष्य में इस योजना के अंतर्गत मॉडल के रूप में 800 सौर गांव बनाने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए 30,000 लोगों ने प्रशिक्षण भी लिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली की इस एक योजना ने देश भर में निर्माताओं, विक्रेताओं, असेंबलरों और मरम्मत करने वालों के लिए रोजगार के कई अवसर सृजित किए हैं।

इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि भारत के खादी उद्योग का पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार की नीतियों के माध्यम से कायाकल्प हो गया है और इसका असर गांवों के लोगों पर पड़ा है, प्रधानमंत्री ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग का कारोबार आज 1.5 लाख करोड़ से अधिक का हो गया है। दस साल पहले की स्थिति से तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी की बिक्री 400 प्रतिशत तक बढ़ गई है, जिससे कलाकारों, बुनकरों और व्यवसायों को लाभ हुआ है और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। श्री मोदी ने लखपति दीदी योजना का भी उल्लेख किया जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा, “पिछले दशक में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं।” उन्होंने कहा कि 10 करोड़ महिलाएं अब आर्थिक गतिविधियों में लगी हुई हैं। उन्होंने हर कदम पर सरकार द्वारा प्रदान किए गए समर्थन को श्रेय दिया और तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “अब तक 1.25 करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो गई है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश में हुई प्रगति की चर्चा करते हुए, उन्होंने देश के युवाओं की उस जिज्ञासा का उल्लेख किया जो अक्सर पूछते हैं कि देश ने पहले यह गति क्यों नहीं हासिल की। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि इसका उत्तर पिछली सरकारों में स्पष्ट नीतियों और इरादों की कमी में निहित है, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर प्रौद्योगिकी के मामले में पिछड़ रहा था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत दुनिया भर से नई प्रौद्योगिकियों की प्रतीक्षा करता था और जो प्रौद्योगिकी पश्चिम में पुरानी मानी जाती था वही अंत में देश में पहुंचती थी। उन्होंने लंबे समय से चली आ रही इस धारणा की ओर इशारा किया कि भारत में आधुनिक तकनीक विकसित नहीं की जा सकती, जिससे न केवल भारत विकास के मामले में पिछड़ गया, बल्कि देश महत्वपूर्ण रोजगार के अवसरों से भी वंचित हो गया।

देश को इस पुरानी सोच से मुक्त करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में इस पुरानी मानसिकता से मुक्त होने के प्रयास शुरू किए गए। प्रधानमंत्री ने तकनीकी उन्नति और निवेश के महत्व को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना भारत में नई तकनीक और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के लिए शुरू की गई थी, जिसने मेक इन इंडिया पहल के साथ मिलकर रोजगार सृजन की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। उन्होंने कहा कि अब हर क्षेत्र को विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा, “आज, भारत में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है और रिकॉर्ड संख्या में अवसर सृजित किए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप लॉन्च किए गए हैं, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि ये क्षेत्र हमारे युवाओं को आगे बढ़ने और रोजगार हासिल करने का मौका दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि सरकार आज देश के युवाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कौशल विकास पर काफी ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार ने स्किल इंडिया जैसे मिशन शुरू किए और कई कौशल विकास केन्द्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने हेतु व्यवस्था की गई कि देश के युवाओं को अनुभव और अवसर के लिए भटकना न पड़े। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में पेड इंटर्नशिप के लिए प्रावधान किए गए हैं, जहां प्रत्येक इंटर्न को एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिले। उन्होंने कहा, इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल से जुड़ने का मौका मिलेगा और उनके करियर में लाभकारी अनुभव जुड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के युवाओं के लिए विदेशों में नौकरी पाना आसान बनाने के उद्देश्य से नए अवसर सृजित कर रही है। भारत के लिए हाल ही में जारी जर्मनी की कुशल श्रमिक संबंधी रणनीति का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने बताया कि जर्मनी ने हर साल कुशल भारतीय युवाओं को दिए जाने वाले वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दी है। उन्होंने कहा कि इससे भारत के युवाओं को काफी लाभ होगा। श्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में 21 देशों के साथ प्रवास और रोजगार से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें खाड़ी देशों के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरीशस, इजराइल, ब्रिटेन और इटली जैसे देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष तीन हजार भारतीयों को यूनाइटेड किंगडम में काम और पढ़ाई करने हेतु दो वर्ष का वीजा मिल सकता है, जबकि तीन हजार भारतीय विद्यार्थियों को ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। श्री मोदी ने कहा, “भारत की प्रतिभा न केवल भारत की प्रगति, बल्कि विश्व की प्रगति को भी दिशा देगी।” उन्होंने कहा कि भारत उस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आज सरकार की भूमिका एक ऐसी आधुनिक प्रणाली बनाने की है जहां हर युवा को अवसर मिले और वह अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सके। इसलिए, उन्होंने विभिन्न पदों पर नवनियुक्त युवाओं से आग्रह किया कि उनका लक्ष्य देश के युवाओं और नागरिकों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करना होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने सरकारी नौकरियों को सुरक्षित करने में करदाताओं और नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि सरकार का अस्तित्व नागरिकों के कारण है तथा उनकी सेवा के लिए ही वह नियुक्त की गई है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि प्राथमिक कर्तव्य देश की सेवा करना है, चाहे वह डाकिया के पद पर हो या प्रोफेसर के पद पर। श्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि नवनियुक्त कर्मी ऐसे समय में सरकार में शामिल हुए हैं जब देश ने विकसित बनने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करनी होगी और पूरा योगदान देना होगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से न केवल अच्छा प्रदर्शन करने बल्कि उत्कृष्टता की दिशा में भी प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे देश के सरकारी कर्मचारियों को दुनिया भर में एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र को उनसे काफी उम्मीदें हैं और कहा कि प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने हेतु इन अपेक्षाओं को पूरा किया जाना चाहिए।

नवनियुक्त लोगों द्वारा अपने पदों पर शुरू की जा रही नई यात्रा के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनसे हमेशा विनम्र बने रहने और अपनी पूरी यात्रा के दौरान सीखने की आदत बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर सरकारी कर्मचारियों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपलब्धता पर प्रकाश डाला और उन्हें अपनी सुविधानुसार इस डिजिटल प्रशिक्षण मॉड्यूल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “एक बार फिर, मैं आज नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देता हूं।”

पृष्ठभूमि

राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय जैसे केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में नई भर्तियों के साथ देश भर में 40 स्थानों पर रोजगार मेला आयोजित किए जा रहे हैं।

नवनियुक्त कर्मियों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध एक ऑनलाइन मॉड्यूल ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से बुनियादी प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा। कुल 1400 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो नवनियुक्त लोगों को उनकी भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से निभाने और एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करेंगे।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।