'एकता दिवस पर इस परियोजना को समर्पित करना इसे और खास बनाता है'
'डबल इंजन वाली सरकार के चलते विकास की गति और शक्ति भी बढ़ रही है'
'देशभर में रेलवे स्टेशनों की स्थिति में सुधार आज साफ दिखाई देता है'
'गरीब और मध्यम वर्ग को भी आज वही माहौल दिया जा रहा है, जो कभी साधन संपन्न लोगों की पहुंच में ही होता था'
'हमारे देश में असंतुलित विकास बहुत बड़ी चुनौती रही है, हमारी सरकार देश की इस चुनौती का समाधान करने में जुटी है'

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असारवा, अहमदाबाद में 2900 करोड़ से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के विकास के लिए, गुजरात की कनेक्टिविटी के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात के लाखों लोग जो एक बड़े क्षेत्र में ब्रॉड गेज लाइन न होने की वजह से परेशान रहते थे, उन्हें आज से बहुत राहत मिलने जा रही है। दशकों के इंतजार के बाद लाइन को समर्पित करने का अवसर मिलने पर प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पूरे रूट का कायाकल्प हो गया है। अब असारवा से हिम्‍मतनगर होते हुए उदयपुर तक मीटर गेज लाइन, ब्रॉड गेज में बदल गई है। उन्होंने बताया कि गुजरात का यह हिस्सा अब सीधे पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश से जुड़ जाएगा। लूणीधर-जेतलसर के बीच जो गेज परिवर्तन का काम हुआ है, वह भी इस क्षेत्र में रेलवे कनेक्टिविटी को आसान करेगा। यहां से निकली ट्रेनें देश के किसी भी हिस्से में जा सकेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी रूट पर मीटर गेज की लाइन, ब्रॉड गेज में बदलती है, तो वह अपने साथ अनेक नई संभावनाएं लेकर आती है। असारवा से उदयपुर तक लगभग 300 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का ब्रॉड गेज में बदलना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे गुजरात और राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र दिल्ली और उत्तर भारत से जुड़ जाएंगे। इस रेल लाइन के ब्रॉड गेज में बदलने के कारण अहमदाबाद और दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक रूट भी मिल गया है। अब कच्‍छ के पर्यटन स्थल और उदयपुर के पर्यटन स्थलों के बीच भी एक डायरेक्ट रेल कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है। इससे कच्‍छ, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और नाथद्वारा के पर्यटन स्थलों को बहुत बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों से सीधे जुड़ने का लाभ यहां के व्यापारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा, 'विशेषकर हिम्मतनगर के टाइल्स उद्योग को तो बहुत मदद मिलने वाली है।' इसी प्रकार, लूणीधर-जेतलसर रेल लाइन के ब्रॉड गेज में बदलने से अब ढसा-जेतलसर खंड पूरी तरह से ब्रॉडगेज में परिवर्तित हो गया है। ये रेल लाइन बोटाद, अमरेली और राजकोट जिलों से होकर गुजरती है, जहां अब तक सीमित रेल कनेक्टिविटी रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लाइन का कार्य पूरा होने से अब भावनगर और अमरेली के लोगों को सोमनाथ और पोरबंदर से सीधी कनेक्टिविटी का लाभ मिलने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रूट से भावनगर और वेरावल की दूरी करीब 470 किलोमीटर से घटकर करीब 290 किमी से भी कम रह गई है। इस वजह से यात्रा का समय भी 12 घंटे से घटकर साढ़े छह घंटे रह जाएगा। इसी तरह, भावनगर-पोरबंदर के बीच की दूरी करीब 200 किलोमीटर और भावनगर-राजकोट के बीच की दूरी करीब 30 किलोमीटर कम हो गई है। ब्रॉड गेज रूट पर चलने वाली ट्रेनें गुजरात के औद्योगिक विकास को भी गति देंगी, पर्यटन को आसान बनाएंगीं और जो क्षेत्र देश से कटे हुए थे, उन्हें जोड़ देंगी। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर इस परियोजना का लोकार्पण करना इसे और विशेष बना देता है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, 'जब डबल इंजन की सरकार काम करती है, तो उसका असर सिर्फ डबल नहीं होता, बल्कि कई गुना ज्यादा होता है। एक और एक मिलकर 2 नहीं बल्कि 1 के बगल में 1, 11 की शक्ति धारण कर लेते हैं।' पीएम ने कहा, 'डबल इंजन की सरकार बने रहने से गुजरात में काम की रफ्तार तो तेज हुई ही, उसका विस्तार करने की ताकत भी तेज हुई है।' उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच 125 किलोमीटर से भी कम रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ था, जबकि 2014 से 2022 के बीच साढ़े पांच सौ से ज्यादा किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है। इसी तरह, गुजरात में 2009 से 2014 के बीच करीब 60 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ था। जबकि 2014 से 2022 के बीच 1700 किलोमीटर से अधिक ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ स्केल और स्पीड को ही बेहतर नहीं किया, बल्कि अनेक स्तरों पर सुधार किया है। ये सुधार क्वालिटी, सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता में हुआ है। देशभर में रेलवे स्टेशनों की स्थिति में सुधार आज स्पष्ट दिखता है। पीएम ने कहा, 'गरीब और मध्यम वर्ग को भी आज वही माहौल दिया जा रहा है, जो कभी साधन-संपन्न लोगों की पहुंच में ही होता था। गांधीनगर स्टेशन की तरह अहमदाबाद, सूरत, उधना, साबरमती, सोमनाथ और न्यू भुज स्टेशन को भी आधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है।' डबल इंजन वाली सरकार के कारण मिली उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा का उदाहरण दिया जो गांधीनगर से मुंबई के बीच शुरू हुई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पश्चिम रेलवे के विकास को नया आयाम देने के लिए 12 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की योजना भी बनाई गई है। उन्होंने कहा, 'वडोदरा सर्कल में पहला गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल शुरू हो चुका है। जल्द ही बाकी टर्मिनल भी अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हो जाएंगे।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक हमारे देश में अमीर-गरीब की खाई, गांव-शहर की खाई, असंतुलित विकास बहुत बड़ी चुनौती रहे हैं। सरकार इस चुनौती का समाधान करने में जुटी है। 'सबका विकास' की हमारी नीति एकदम साफ है। इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाएं मध्यम वर्ग और गरीबों को गरीबी से लड़ने का साधन उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने कहा, 'गरीब के लिए पक्का घर, टॉयलेट, बिजली, पानी, गैस, मुफ्त इलाज और बीमा की सुविधाएं, ये आज सुशासन की पहचान हैं।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए अप्रोच में बड़ा बदलाव आया है। अब बिना योजना के निर्माण नहीं होता बल्कि रेल, मेट्रो और बसों जैसी सुविधाओं को कनेक्ट करने का समन्वित दृष्टिकोण अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अब कनेक्टिविटी का संपूर्ण सिस्टम तैयार किया जा रहा है यानी यातायात के अलग-अलग माध्यम एक दूसरे से भी कनेक्ट हों, ये सुनिश्चित किया जा रहा है। गुजरात के औद्योगिक स्वरूप को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गुजरात के पोर्ट्स सशक्त होते हैं, तो इसका सीधा असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पीएम ने बताया, 'पिछले 8 वर्षों में गुजरात के पोर्ट्स की क्षमता लगभग दोगुनी हो चुकी है।' विकास की सतत प्रक्रिया का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात का निर्माण, यही हमारा ध्येय है।

आखिर में, प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वह देश के पहले गृहमंत्री थे। देश को जोड़ने का काम किया था। हर हिन्‍दुस्‍तानी को सरदार पटेल पर गर्व होता है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान सरकार द्वारा कुछ गुजराती अखबारों में दिए विज्ञापनों में सरदार पटेल का नाम और तस्वीर न होने पर आलोचना की। श्री मोदी ने कहा, 'गुजरात इन चीजों को कभी माफ नहीं करता है और देश भी कभी माफ नहीं करता है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'सरदार पटेल की तरह रेलवे भी भारत को जोड़ने का काम करती है। यह प्रक्रिया निरंतर तेज गति से चलती है।'

इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश, सांसद और राज्य के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने असारवा, अहमदाबाद में आज 2900 करोड़ से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में नए गेज में परिवर्तित असरवा-हिम्मतनगर- उदयपुर और लूणीधर-जेतलसर लाइन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने भावनगर-जेतलसर और असरवा-उदयपुर के बीच नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

पूरे देश में एक यूनी-गेज (एक समान गेज) रेल प्रणाली के दृष्टिकोण के साथ रेलवे मौजूदा गैर- ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में बदल रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित की गई परियोजनाएं इस दिशा में एक और कदम हैं। अहमदाबाद (असारवा)- हिम्मतनगर- उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन लगभग 300 किलोमीटर लंबी है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र में पर्यटकों, व्यापारियों, विनिर्माण इकाइयों और उद्योगों के लिए लाभदायक साबित होगा। यह रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करेगा और क्षेत्र के सामाजिक- आर्थिक विकास में सहायता करेगा। 58 किलोमीटर लंबी लूणीधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव पोर्ट और भावनगर के लिए कम दूरी का रास्ता उपलब्ध कराएगी। यह परियोजना इस खंड पर माल ढुलाई की क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे व्यस्त कनालुस - राजकोट - वीरमगाम मार्ग पर यातायात में कमी होगी। यह गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव व गिरनार पहाड़ियों के साथ- साथ सहज संपर्क की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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साथियों,

आज बजट सत्र के प्रारंभ मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। और ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है-

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि। मंत्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते।

मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं, समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्ग समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

साथियों,

हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हुए हैं, और ये हर देशवासी के लिए सर्वाधिक गौरवपूर्ण है, और विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भी भारत का ये सामर्थ्य अपनी एक विशेष स्थान बनता है।

साथियों,

ये देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, और इस तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है, और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, ये बजट सत्र, ये बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा, नई ऊर्जा देगा, कि देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब विकसित होकर रहेगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयास से इस संकल्प को परिपूर्ण करेंगे। तीसरी टर्म में हम मिशन मोड में देश को सर्वांगीण विकास की दिशा में, चाहे वो भौगोलिक रूप से हो, सामाजिक रूप से हो या आर्थिक भिन्न-भिन्न स्तर के संदर्भ में हो। हम सर्वांगीण विकास के संकल्प को लेकर के मिशन मोड में आगे बढ़ते जा रहे हैं। इनोवेशन, इंक्लूजन और इन्वेस्टमेंट ये लगातार हमारे आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहा है।

इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक दिन, कल सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति के गौरव को पुन: प्रस्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर के हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, उसको भी समान अधिकार मिले, उस दिशा में ये सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म, जब विकास की तेज गति को प्राप्त करना होता है, तो सबसे ज्यादा बल रिफॉर्म पर रहता है, राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर के परफॉर्म करना होता है और जन भागीदारी से हम ट्रांसफॉर्मेशन देख सकते हैं।

हमारा युवा देश है, युवा शक्ति है और आज जो 20-25 साल की आयु के नौजवान हैं, जब वे 45-50 साल के होंगे, तब वो विकसित भारत के सबसे बड़े बेनिफिशियरी होने वाले हैं। उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, नीति निर्धारण की व्यवस्था में उस जगह पर बैठे होंगे, कि वे गर्व के साथ आजादी के बाद जो शताब्दी शुरू होगी, एक विकसित भारत के साथ आगे बढ़ेंगे। और इसलिए ये विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति का प्रयास, ये अथाग मेहनत, आज जो हमारी, हमारे टीनएजर्स हैं, हमारी युवा पीढ़ी है, उनके लिए ये बहुत बड़ा तोहफा बनने वाली है। जो लोग 1930 में, 1942 में आजादी के जंग में जुट गए थे, पूरी देश की युवा पीढ़ी खप गई थी, आजादी के जंग में, और उसके फल, 25 साल के बाद जब पीढ़ी आई, उसको नसीब हुए। उस जंग में जो नौजवान थे, उनको नसीब हुए। आजादी के पूर्व के वो 25 साल, आजादी का जश्न बनाने का अवसर बना। वैसे ही ये 25 वर्ष समृद्ध भारत, विकसित भारत, ये संकल्प से सिद्धि और सिद्धि से शिखर तक पहुंचने का देशवासियों का इरादा, और इसलिए इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे, विशेषकर के जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो सुनहरा अवसर है, क्योंकि वो आज सदन में जितनी जागरुकता, जितनी भागीदारी बढ़ाएंगे और विकसित भारत के जो फल है, वो तो उनकी नजर के सामने देखने को मिलने वाले हैं। और इसलिए युवा सांसदों के लिए एक अनमोल अवसर है।

साथियों,

मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं पर इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।

साथियों,

आज एक बात आपने जरूर नोट की होगी, मीडिया के लोगों को तो जरूर करनी चाहिए। शायद 2014 से लेकर अब तक, शायद ये पहला पार्लियामेंट का सत्र है, कि जिसके एक-दो दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं पकड़ी है, विदेश में से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। 10 साल से, 2014 से देख रहा हूं, हर सत्र के पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे, और यहां इसको हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है। ये पहला सत्र मैं पिछले 10 साल के बाद देख रहा हूं कि जिसमें किसी भी विदेशी कोने से, कोई चिंगारी नहीं हुई।

साथियों बहुत-बहुत धन्यवाद।